व्यापारियों की राय

Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है

Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है

म्यूचुअल फंड है मोटा फंड बनाने का बेहतर विकल्प, जानें कैसे करें निवेश की शुरूआत, कितना मिलेगा रिटर्न?

म्यूचुअल फंड को एएमसी यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनियां ऑपरेट और मैनेज करती है.

म्यूचुअल फंड को एएमसी यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनियां ऑपरेट और मैनेज करती है.

म्यूचुअल फंड बहुत सारे लोगों के पैसों से बना हुआ एक फंड होता है. इसमें एक फंड मैनेजर होता है जो इसे सुरक्षित तरीके से अ . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 24, 2022, 08:30 IST

हाइलाइट्स

MF कई निवेशकों से छोटी-छोटी रकम इकट्ठा कर एक साथ किसी कंपनी में निवेश करता है.
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपके पास ज्यादा पैसे होना बिलकुल जरूरी नहीं है.
म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरूआत आप 500 या 1000 रुपये की SIP से भी कर सकते हैं.

नई दिल्ली. मौजूदा समय में हमारे पास निवेश के लिए कई तरह के विकल्प उपलब्ध है. लेकिन जानकारी के अभाव में ज्यादातर लोग कहीं भी निवेश करने का फैसला नहीं कर पाते हैं. निवेश के लिए इच्छुक लोग भी मेहनत के पैसे डूबने के डर की वजह से ऐसा करने से बचते हैं. म्यूचुअल फंड एक ऐसा ही विकल्प है जिसके बारे में हम इस आर्टिकल में बात करेंगे. यहाँ हम म्यूचुअल फंड से जुड़ी सारी जानकारी लेकर आए हैं.

म्यूचुअल फंड में निवेश करना बहुत आसान है. ऐसे कई प्लेटफार्म लॉन्च हो चुके हैं जिनके जरिए आप एक ही जगह से कई म्यूचुअल फंड की स्कीम ले सकते हैं. इसके अलावा आप अपनी म्यूचुअल फंड स्कीम की ग्रोथ, उससे मिलने वाले रिटर्न की तुलना एवं ट्रैकिंग भी इन्हीं प्लेटफॉर्म की मदद से कर सकते हैं.

म्यूचुअल फंड क्या है?

म्यूचुअल फंड एक ऐसा फंड है जिसमें पहले कई निवेशकों का पैसा एक जगह जमा किया जाता है. फिर उस फंड के पैसों को बॉन्ड, शेयर मार्केट सहित कई जगहों पर निवेश किया जाता है. म्यूचुअल फंड को एएमसी यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनियां ऑपरेट और मैनेज करती है. आमतौर पर सभी एएमसी में कई तरह की म्यूचुअल फंड स्कीम होती हैं.

दूसरे शब्दों में कहें तो म्यूचुअल फंड बहुत सारे लोगों के पैसों से बना हुआ एक फंड होता है. इसमें एक फंड मैनेजर होता है जो इसे सुरक्षित तरीके से अलग-अलग जगह पर थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करता है. एक साथ कई जगह निवेश होने के कारण इसमें घाटे की संभावना तुलनात्मक रूप से कम रहती है.

एएमसी क्या है और ये क्या करती है?

एएमसी ऐसी कंपनियां होती हैं जो अलग-अलग निवेशकों से लेकर जमा किए गए फंड को इक्विटी, बॉन्ड, गोल्ड आदि जगहों पर निवेश करती हैं और उससे मिलने वाले रिटर्न को निवेशकों में फंड यूनिट्स के हिसाब से बांटती हैं. एक तरह से इनका बेसिक काम मैनेजमेंट का होता है. एक अच्छा फंड मैनेजर वह होता है जो फंड को सही जगह पर और सही तरीके से निवेश करता है और निवेशकों को ज्यादा से ज्यादा रिटर्न दिलाता है.

म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है?

म्यूचुअल फंड की सबसे खास बात यह है कि इसमें निवेश करने के लिए आपके पास ज्यादा पैसे होना जरूरी नहीं है. इसमें आप सिर्फ 500 रुपये से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. अगर आप किसी बड़ी कंपनी के स्टॉक में निवेश करना चाहते हैं लेकिन आपका बजट उसके एक शेयर की कीमत से भी कम है. ऐसी स्थिति में आप म्यूचुअल फंड के Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है जरिए उस कंपनी में सिर्फ 500 रुपये में निवेश की शुरूआत कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड बहुत सारे निवेशकों से छोटी-छोटी रकम इकट्ठा कर उसे एक साथ किसी कंपनी में निवेश करती है.

म्यूचुअल फंड में निवेश क्यों करें?

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के कई फायदे हैं. इसमें निवेश करने पर आपको किसी कंपनी की ग्रोथ या परफॉर्मेंस को देखते रहने की जरूरत नहीं पड़ती. यह काम आपके बदले फंड मैनेजर करता है. इसमें एएमसी निवेशकों के पैसे को अलग-अलग सेक्टर और एसेट में थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करती है. जिससे अगर किसी एक सेक्टर मंदी आ जाती है तो इससे पूरे पोर्टफोलियो पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता.

जितनी चाहें उतनी रकम से करें निवेश की शुरूआत

म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरूआत आप 500 या 1000 रुपये की SIP से कर सकते हैं. आप जितने समय अंतराल पर इसमें निवेश करना चाहते हैं यह भी खुद ही तय कर सकते हैं. इसमें आपको साप्ताहिक, मासिक, तिमाही या सालाना आधार पर SIP के ऑप्शन मिलते हैं. म्यूचुअल फंड से आप न केवल शेयर मार्केट बल्कि गोल्ड में भी निवेश कर सकते हैं.

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आप मोबाइल ऐप, सीधे ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी की वेबसाइट पर जाकर या किसी एजेंट की मदद से आसानी से कर सकते हैं. इस तरह से छोटी-सी रकम से शुरूआत करके भी आप कुछ समय के बाद अच्छा रिटर्न ले सकते हैं.

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|

नॉलेज: 4 तरह के होते हैं म्यूचुअल फंड, 500 रुपए से कर सकते हैं निवेश की शुरुआत

म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं। इस पैसे को वे शेयरों में निवेश करती हैं - Dainik Bhaskar

अच्‍छे रिटर्न के लिए म्‍युचुअल फंड में निवेश करना सही विकल्प हो सकता है। लेकिन अभी भी काफी लोगों को यह नहीं पता है कि म्‍युचुअल फंड स्कीम क्या हैं? और इनमें निवेश कैसे किया जाता है? म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं। इस पैसे को वे शेयरों में निवेश करती हैं। इसके बदले म्‍युचुअल फंड निवेशकों से चार्ज भी लेती हैं। जो लोग शेयर बाजार में निवेश के बारे में बहुत नहीं जानते, उनके लिए म्यूचुअल फंड निवेश का अच्छा विकल्प है। हम आपको म्यूचुअल फंड के बारे में बता रहे हैं।

इक्विटी म्यूचुअल फंड
ये स्कीम निवेशकों की रकम को सीधे शेयरों में निवेश करती है। छोटी अवधि में ये स्कीम जोखिम भरी हो सकती हैं, Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है लेकिन लंबी अवधि में इसे आपको बेहतरीन रिटर्न देने वाला माना जाता है। इस तरह की स्कीम में निवेश से आपका रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है कि शेयर का प्रदर्शन कैसा है। जिन निवेशकों का वित्तीय लक्ष्य 10 साल बाद पूरा होना है, वे इस तरह की म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश कर सकते हैं।

डेट म्यूचुअल फंड
ये म्यूचुअल Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है फंड स्कीम डेट सिक्योरिटीज में निवेश करती हैं. छोटी अवधि के वित्तीय लक्ष्य पूरे करने के लिए निवेशक इनमें निवेश कर सकते हैं। 5 साल से कम अवधि के लिए इनमें निवेश करना ठीक है। ये म्यूचुअल फंड स्कीम शेयरों की तुलना में कम जोखिम वाली होती हैं और बैंक के फिक्स्ड डिपाजिट की तुलना में बेहतर रिटर्न देती हैं।

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम
ये म्यूचुअल फंड स्कीम इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करती हैं। इन स्कीम को चुनते वक्त भी निवेशकों को अपने जोखिम उठाने की क्षमता का ध्यान रखना जरूरी है। हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम को छह कैटेगरी में बांटा गया है।

सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीम
सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीम किसी खास लक्ष्य या समाधान के हिसाब से बनी होती हैं। इनमें रिटायरमेंट स्कीम या बच्चे की शिक्षा जैसे लक्ष्य हो सकते हैं। इन स्कीम में आपको कम से कम 5 साल के लिए निवेश करना जरूरी होता है। इसमें निवेश करके आप अच्छा रिटर्न पा सकते हैं।

म्‍युचुअल फंड में तीन तरह से निवेश किया जा सकता है। इसमें पूरी तरह से ऑनलाइन से लेकर फार्म भरकर निवेश किया जा सकता है। म्‍युचुअल फंड में लगाया गया पैसा शेयर बाजार में लगाया जाता है। इसलिए कई लोगों को लगता है कि इसके लिए डीमैट अकाउंट जरूरी है, हालांकि ऐसा नहीं है। म्‍युचुअल फंड में निवेश बिना DEMAT अकाउंट के भी निवेश किया जा सकता है।

पहला तरीका
यह तरीका काफी आम है। इसमें किसी एजेंट के माध्‍यम से निवेश करना होता है। अगर एजेंट को खोजने में दिक्‍कत हो तो जिस कंपनी में निवेश करना चाहते हैं उस कंपनी की वेबसाइट से टोल फ्री नम्‍बर लेकर बात कर सकते हैं। कंपनी आपके इलाके में जो एजेंट हैं उससे संपर्क करा देगी। फिर इस एजेंट की मदद से आप निवेश कर सकते हैं।

दूसरा तरीका
ब्रोकर या किसी म्‍युचुअल फंड बेचने वाली वेबसाइट के माध्‍यम से भी निवेश किया जा सकता है। कई लोग शेयर बाजार में निवेश करते हैं वह अपने ब्रोकर अकाउंट के माध्‍यम से भी म्‍युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा देश में एक दर्जन से ज्‍यादा वेबसाइट हैं जो म्‍युचुअल फंड बेचती हैं। लोग इन वेबसाइट पर अपना रजिस्‍ट्रेशन कराने के बाद म्‍युचुअल फंड खरीद सकते हैं। अगर जरूरत हो तो यह वेबसाइट अपने एजेंट भी निवेशक के पास मदद के लिए भेजती है।

तीसरा तरीका
डायरेक्‍ट प्‍लान में निवेश। सेबी के आदेश के बाद Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है सभी म्‍युचुअल फंड कंपनियां अपनी सभी स्‍कीम्‍स में डायरेक्‍ट प्‍लान का ऑप्‍शन देती हैं। इनमें निवेश पूरी तरह से ऑनलाइन होता है। आप म्‍युचुअल फंड कंपनी की वेबसाइट पर जाकर सीधे स्‍कीम चुनते हैं और कुछ स्‍टेप में निवेश की प्रक्रिया पूरी करते हैं। यहां पर पेमेंट भी ऑनलाइन करना होता है।

चौथा तरीका
अब पेटीएम मनी ऐप (PayTm Money App) की मदद से आप किसी भी म्‍युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। पेटीएम मनी ऐप की मदद से आप निवेश करने के साथ-साथ अपने पोर्टफलियो को भी आसानी से चेक कर सकते हैं। इसके लिए आपको अलग से कोई कमीशन या फीस नहीं देनी होगी।

शेयर बाजार से जुड़े रिस्क
म्‍युचुअल फंड अपनी इक्विटी स्‍कीम में जुटाए पैसों का निवेश शेयर बाजार में करते हैं। स्‍टॉक मार्केट के बारे में कुछ भी भविष्‍यवाणी करना कठिन होता है। इसी कारण इक्विटी म्‍युचुअल फंड में निवेश रिस्‍की माना जाता है। हालांकि जानकारों का कहना है कि थोड़ा-थोड़ा पैसा लम्‍बे समय तक लगाया जाए तो अच्‍छा रिटर्न पाया जा सकता है।

सवाल: क्या आप किसी म्यूचुअल फंड में अपना सारा पैसा खो सकते हैं?
जवाब: बाज़ार से जुड़े होने के कारण, म्यूचुअल फंड में जोखिम बना रहता है, इसलिए निवेश की गई मूल राशि का नुकसान हो सकता है। हालांकि, म्यूचुअल फण्ड के प्रदर्शन को देखते हुए कहा जा सकता है कि आपके सभी पैसे खोने की संभावना कम है।

सवाल: किसी म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू करने के लिए आपको कितना धन चाहिए?
जवाब: आपके द्वारा निवेश किए जाने वाले फंड के आधार पर न्यूनतम निवेश राशि भिन्न हो सकती है। हालाँकि, आप न्यूनतम 500 रु. निवेश कर सकते हैं।

सवाल: क्या मैं म्यूचुअल फंड कभी भी बेच सकता हूं?
जवाब: अधिकांश म्यूचुअल फंड ओपन एंडेड होते हैं, मतलब आप उन्हें कभी भी बेच सकते हैं। आमतौर पर क्लोज एंड स्कीम की 3-4 वर्ष की लॉक-इन अवधि होती है। एक दूसरे तरीके की स्कीम है जिसमें, म्यूचुअल फन कुछ समय के लिए लॉक-इन हो जाते हैं, लेकिन इसके बाद ओपन एंडेड हो जाते हैं। उदाहरण के लिए, टैक्स सेविंग या ELSS की लॉक-इन अवधि 3 साल है। इस अवधि के बाद, आप ये फंड किसी भी समय Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है बेच सकते हैं।

सवाल: क्या म्यूचुअल फंड में निवेश करना टैक्स-फ्री है?
जवाब: नहीं, म्यूचुअल फंड शोर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) नियम के अधीन हैं। अलग-अलग म्यूचुअल फंड जैसें, इक्विटी और डेट पर कई तरह का टैक्स लगता है। म्यूचुअल फंड लाभांश के मामले में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) लागू हो जाता है और फंड के अनुसार स्रोत पर टैक्स कटौती की जाती है।

Mutual Fund : कैसे करें निवेश और कमाए अधिक लाभ, जानिए, एक्सपर्ट्स की राय

कई निवेशक अपने फाइनेंशियल लक्ष्य को हासिल करने के लिए म्यूचुअल फंड स्कीम्स में निवेश करते हैं.

कई निवेशक अपने फाइनेंशियल लक्ष्य को हासिल करने के लिए म्यूचुअल फंड स्कीम्स में निवेश करते हैं.

म्यूचुअल फंड में निवेश को हमेशा लंबी अवधि के निवेश के तौर पर देखा जाता है. अगर आप लंबे समय तक म्यूचुअल फंड में निवेश बन . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : August 27, 2022, 09:29 IST

हाइलाइट्स

म्यूचुअल फंड हमेशा निवेशकों के लिए एक पसंदीदा ऑप्शन रहा है.
कई निवेशक अपने फाइनेंशियल लक्ष्य को हासिल करने के लिए म्यूचुअल फंड स्कीम्स में निवेश करते हैं.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसी स्कीम से दूरी बनाइए, जिसकी परफॉर्मेंस लगातार खराब या अच्छी नहीं है.

नई दिल्ली. म्यूचुअल फंड हमेशा निवेशकों के लिए एक पसंदीदा ऑप्शन रहा है. कई निवेशक अपने फाइनेंशियल लक्ष्य को हासिल करने के लिए म्यूचुअल फंड स्कीम्स में निवेश करते हैं. बीते कई महीनों से मार्केट में उतार-चढ़ाव बना हुआ है. बाजार में अस्थिरता और उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेशकों का भरोसा म्यूचुअल फंड में बना हुआ है. बढ़ती महंगाई और बढ़ती ब्याज दरों के बीच लगातार 17वें महीने जुलाई 2022 में इक्विटी स्कीम्स में इनफ्लो देखा गया.

म्यूचुअल फंड में निवेश को हमेशा लंबी अवधि के निवेश के तौर पर देखा जाता है. अगर आप लंबे समय तक म्यूचुअल फंड में निवेश बनाए रखते हैं, तो आपको कम्पाउंडिंग का जबरदस्त फायदा मिलता है. लेकिन, कई बार आपको बुरे हालात से भी गुजरना पड़ सकता है. इसे निगेटिव कम्पाउंडिंग कहा जाता है. लेकिन, अगर आप थोड़ी सावधानी बनाए रखते हैं तो आप इन जोखिमों से बच सकते हैं. आज हम आपको म्यूचुअल फंड के बारे में एक्सपर्ट्स की राय बताएंगे.

घबराने की जरूरत नहीं
BPN फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि अभी इक्विटी बाजारों में अनिश्चितता का माहौल है और एक देश के बाजार का इंपैक्ट दूसरे देश के बाजारों पर पड़ रहा है. कई ग्लोबल शेयरों में गिरावट के चलते इंटरनेशनल Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है फंड के हालिया रिटर्न खराब हुए हैं. लेकिन यह बाजार इसी तरह से हमेशा नहीं रहेगा. बाजार में पहले से ही बड़ा करेक्शन आ चुका है और अब धीरे धीरे वैल्युएशन वाजिब हो रहा है.

इसलिए जिन निवेशकों का पैसा इंटरनेशनल फंड में लगा है, उन्हें घबराकर निर्णय लेने की जरूरत नहीं है. बल्कि बाजार में जब भी गिरावट आए, अब SIP टॉप अप कराने की जरूरत है. एकमुश्त निवेश है तो एडिशनल परचेज कर सकते हें. कम भाव पर निवेश से ज्यादा यूनिट मिलेगी. जब बाजार में आगे तेजी आएगी तो बढ़ी यूनिट का फायदा मिलेगा.

न करें ये गलती
निगम का कहना है कि निवेशक आमतौर पर एक बड़ी सामान्य चूक करते हैं, अच्छा परफॉर्म करने वाली स्कीम में प्रॉफिट बुक करते हैं लेकिन जिस स्कीम का रिटर्न लगातार निगेटिव या कम बना हुआ है, उसमें वह इस उम्मीद में बने रहते हैं कि आगे उसमें तेजी Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है आएगी. जबकि, निवेशकों को ऐसा नहीं करना चाहिए. उनका कहना है कि ऐसी स्कीम से दूरी बनाइए, जिसकी परफॉर्मेंस लगातार खराब या अच्छी नहीं है.

क्या करें नए निवेशक
एके निगम का कहना है कि नए निवेशकों को अपने रिस्क प्रोफाइल पर फंड चुनने की सलाह है. क्योंकि अभी सभी प्रमुख बाजारों की हालत एक जैसी ही है. अलग अलग बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के सेंटीमेंट एक दूसरे को प्रभावित कर रहे हैं. ज्यादातर सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन यहां एक सलाह है कि नए निवेशक SIP(Systematic investment plan) या STP (Systematic transfer plan) के जरिए ही बाजार में थोड़ा थोड़ा पैसा लगाएं. उनका कहना है कि एकमुश्त पैसा लगाकर फंसने की जरूरत नहीं है. बाजार में जब स्थिरता आए तभी एकमुश्त निवेश की सोचें.

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|

Mutual Fund Investment में कंपाउंडिंग की ताकत, कम निवेश से 15 लाख का फंड कैसे बनाएं ?

हर महीने निवेश को सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्‍लान यानी सिप (SIP) कहते हैं.

हर महीने निवेश को सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्‍लान यानी सिप (SIP) कहते हैं.

म्‍यूचुअल फंड (Mutual Funds) में एसआईपी (SIP) बैंक (bank) और पोस्ट ऑफिस (post office) की आरडी (RD) का सुधरा हुआ रूप है. . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : May 15, 2022, 08:10 IST

Investment Tips : म्‍यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ा है. एफडी पर घटती ब्याज दर और म्यूचुअल फंड में अच्छे रिटर्न निवेशकों को आकर्षित किया है. म्‍यूचुअल फंड में आप एक साथ भी पैसा लगा सकते हैं और हर महीने करके भी निवेश कर सकते हैं. हर Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है महीने निवेश को सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्‍लान यानी सिप (SIP) कहते हैं.

म्‍यूचुअल फंड (Mutual Funds) में एसआईपी (SIP) बैंक (bank) और पोस्ट ऑफिस (post office) की आरडी (RD) का सुधरा हुआ रूप है. यहां पर कभी भी निवेश (Investment) शुरू किया जा सकता है और भी बंद किया जा सकता है या निकाला जा सकता है. जहां तक न्यूनतम निवेश का सवाल है तो यह म्‍यूचुअल फंड (Mutual Funds) हाउस की स्कीम पर तय होता है. आमतौर पर 500 रुपये महीने से एसआईपी (SIP) शुरू की जा सकती है, वहीं अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं होती है.

म्यूचुअल फंड में कंपाउंडिंग का पावर (Power of Compounding)
म्यूचुअल फंड में निवेशकों के आकर्षण का एक बड़ा कारण इसकी कंपाउंडिंग पावर है. लिहाजा इससे म्यूचुअल फंड पर मिलने वाला निवेश कई गुना बढ़ जाता है. इसको उदाहरण से आप अच्छे से समझ सकते हैं. मान लीजिए राजू नाम के व्यक्ति ने 30 साल की उम्र से 1000 रुपये हर महीने का निवेश शुरू करता है. रमेश नाम का व्यक्ति भी इतना ही पैसा बचाता है, लेकिन वह Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है 35 साल की उम्र में यह बचत शुरू करता है.

दोनों को अगर सिर्फ 8 फीसदी रिटर्न मिले तो 60 साल की उम्र में राजू के पास 12.23 लाख रुपये होगा. वहीं देर से बचत शुरू करने वाले रमेश के पास केवल 7.89 लाख रुपये ही होगा. यानी पहले निवेश शुरू करने पर करीब 4 लाख रुपये का ज्‍यादा फायदा.

वहीं अगर कोई व्‍यक्‍ति 30 साल तक 1000 रुपये का निवेश करे तो उसके पास 32 लाख रुपये का फंड तैयार हो जाएगा. यहां भी यह अनुमान 12 फीसदी रिटर्न के हिसाब से लगाया गया है. इसे ही निवेश की दुनिया में पॉवर ऑफ कंपाउंडिंग (Power of Compounding) कहते हैं.

कैसे शुरू कर सकते हैं सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP)
सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी सिप (SIP) को तीन तरह से शुरू किया जा सकता है. सबसे आसान तरीका है किसी म्‍युचुअल फंड (Mutual Funds) एजेंट के माध्‍यम से सिप (SIP) शुरू करना. इसके अलावा लोग किसी भी शेयर ब्रोकर से ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खोल कर भी म्युचुअल फंड में सिप (SIP) माध्यम से निवेश (Mutual Funds Investment) शुरू कर सकते हैं.

इसके अलावा एक और तरीका है डायरेक्‍ट प्‍लान में इन्‍वेस्‍टमेंट. इस तरीके में निवेशक म्‍युचुअल फंड (Mutual Funds) कंपनियों की वेबसाइट पर जाकर सीधे म्‍युचुअल फंड (Mutual Fund) स्‍कीम्‍स में निवेश कर सकते हैं. यह तरीका ज्‍यादा अच्छा माना जाता है. यहां पर निवेश करने पर निवेशकों को कोई कमीशन देना पड़ता है, जिससे उनके निवेश का रिटर्न बढ़ जाता है.

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|

रेटिंग: 4.90
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 670
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *