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बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है?

बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है?
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Bitcoin kya hai hindi me bataye

भारत में बिटकॉइन टैक्स के बारे में सब कुछ

बिटकॉइन एक प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी है, डिजिटल मुद्रा का दूसरा नाम जिसे भौतिक उत्पादों या सेवाओं के बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है? लिए व्यापारियों के साथ भुगतान के रूप में बदला जा सकता है। बिटकॉइन धारक एक केंद्रीकृत प्राधिकरण या बैंक को एक मध्यस्थ के रूप में कार्य करने की आवश्यकता के बिना सीधे एक दूसरे के साथ उत्पादों या सेवाओं की खरीद, बिक्री और व्यापार कर सकते हैं, इसके मूल में ब्लॉकचैन प्रौद्योगिकी के लिए धन्यवाद।

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बिटकॉइन का इतिहास

बिटकॉइन का विकास सातोशी नकामोतो नामक एक अभियंता (इंजिनियर) ने 2008 में किया था. सातोशी का यह छद्म नाम है. 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में इसे जारी किया गया था. इसकी शुरुआत 3 जनवरी 2009 को हुई थी. बिटकॉइन पहली विकेन्द्रीकृत डिजिटल मुद्रा है. विकेन्द्रीकृत से इसका अर्थ यह है कि यह किसी केंद्रीय बैंक (सेंट्रलाइज कंट्रोलिंग अथॉरिटी) द्वारा संचालित नहीं होती. कंप्यूटर नेटवर्किंग पर आधारित भुगतान हेतु इसे निर्मित किया गया है.

बिटकॉइन की वैल्यू दिन-प्रतिदिन बदलती रहती है. आज (जनवरी 2018) की बात करे तो 1 बिटकॉइन की कीमत कीमत लगभग 752865 रुपये है. बिटकॉइन खरीदने के लिए यह जरूरी नहीं है कि 1 बिटकॉइन ही खरीदा जाये. दरअसल बिटकॉइन की सबसे छोटी यूनिट सातोशी (Santoshi) है और 1 बिटकॉइन = 10,00,00,000 सातोशी होता है.

बिटकॉइन वॉलेट

चुकी बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है इसलिए इसे अपने घर या पॉकेट में नहीं रख सकते. बिटकॉइन को रखने के लिए बिटकॉइन ऑनलाइन वॉलेट अकाउंट की जरुरत होती है. इन्टरनेट के माध्यम से वॉलेट अकाउंट बनाया जा सकता है. प्रत्येक बिटकॉइन वॉलेट अकाउंट का एक विशिष्ट एड्रेस होता है.
बिटकॉइन खरीदने से पहले उस विशिष्ट वॉलेट एड्रेस की जरूरत होती है. जिसमे बिटकॉइन को रखा जाता है. बिटकॉइन वॉलेट में रखे बिटकॉइन को बेचा या अपनी बैंक अकाउंट में ट्रान्सफर किया जा सकता है.

चूकि बिटकॉइन का कोई भोतिक बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है? रूप नहीं है इसलिए इसकी माइनिंग का मतलव इसके निर्माण से है. अर्थात बिटकॉइन को कैसे बनाएं नई बिटकॉइन बनाने के तरीके को बिटकॉइन माइनिंग कहा जाता है. बिटकॉइन माइनिंग का काम करने वाले ऑपरेटर को बिटकॉइन माइनरस कहते है.
माइनिंग का काम वही लोग करते हैं जो जिनके पास के पास विशेष गणना वाले कंप्यूटर और गणना करने की उचित क्षमता (तीव्र पप्रोसेसिंग वाले शक्तिशाली कंप्यूटर) हो ऐसा नहीं होने पर माइनरस केवल इलेक्ट्रिसिटी ही खर्च करेगा और अपना समय बर्बाद करेगा.
जिस प्रकार प्रत्येक देश में नोट छापने की एक सीमा होती है उसी प्रकार बिटकॉइन बनाने की भी एक सीमा होती है. और इसकी सीमा ये है कि मार्केट में 21 मिलियन से ज्यादा बिटकॉइन नहीं आ सकते है. अभी तक मार्केट में लगभग 13 मिलियन बिटकॉइन आ चुके हैं.

बिटकॉइन के लोकप्रिय होने के कारण

  • इसके लेन-देन में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता है.
  • यह सुरक्षित और तेज है जिससे लोग बिटकॉइन स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं.
  • क्रेडिट कार्ड की तरह इसमें कोई क्रेडिट लिमिट नहीं होती है न ही कोई नगदी लेकर घूमने की समस्या है.
  • खरीदार की पहचान का खुलासा किए बिना पूरे बिटकॉइन नेटवर्क के प्रत्येक लेन-देन के बारे में पता किया जा सकता है.
  • बिटकॉइन को आप दुनिया में कही भी बेच या खरीद सकते है.
  • बिटकॉइन में सरकार आप पर नजर नहीं रखती है.
  • वर्तमान में लोग कम कीमत पर बिटकॉइन खरीद कर ऊंचे दामों पर बेच कर कारोबार कर रहे हैं.

बिटकॉइन के लेन-देन के लिए बिटकॉइन एड्रेस का प्रयोग किया जाता है. कोई भी ब्लॉकचेन में अपना खता बनाकर इसके ज़रिये बिटकॉइन का लेन-देन कर सकता है. बिटकॉइन की सबसे छोटी संख्या को सातोशी कहा जाता है. एक बिटकॉइन में 10 करोड़ सातोशी होते हैं. यानी 0.00000001 बिटकॉइन (BTC) को एक सातोशी कहा जाता है.
बिटकॉइन खरीदने के निम्नलिखित तीन तरीके है:

बिटकॉइन के क्या नुकसान है?

बिटकॉइन में कोई सेंट्रलाइज कंट्रोलिंग अथॉरिटी, बैंक, या कोई सरकार अधिकृत की प्रणाली नहीं है जिसकी बजह से इसकी कीमत कम ज्यादा होती रहती है.
अगर बिटकॉइन अकाउंट हैक हो जाता है तो इसमें जमा बिटकॉइन बापस नहीं लिया जा सकता क्यूंकि इसके लिए कोई कंट्रोलिंग अथॉरिटी या कोई सरकारी एजेंसी नहीं है जहाँ इसकी शिकायत किया जा सके.

कई अर्थशास्त्रियों द्वारा बिटकॉइन को पोंज़ी स्कीम घोषित किया गया है. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 24 दिसम्बर 2013 को बिटकॉइन जैसी वर्चुअल मुद्राओं के सम्बन्ध में एक प्रेस प्रकाशनी जारी की गयी थी. इसमें कहा गया था की इन मुद्राओं के लेन-देन को कोई अधिकारिक अनुमति नहीं दी गयी है और इसका लेन-देन करने में कईं स्तर पर जोखिम है. हाल ही में रिजर्व बैंक ने पुन: इसके बारे में सावधानी जारी की थी.

बिटकॉइन का इस्तेमाल कहाँ और क्यों किया जाता है?

बिटकॉइन का इस्तेमाल ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने में या पेमेंट करने में किया जाता है बिटकॉइन पी टू पी पर नेटवर्क पर बेस्ड है मतलब कि दुनिया में लोग एक- दूसरे के साथ बिना किसी बैंक क्रेडिट कार्ड कंपनी के माध्यम के आसानी से ट्रांजेक्शन कर सकते हैं

आप डेबिट या क्रेडिट कार्ड से ट्रांजेक्शन करने में 2 से 3% लेन-देन शुल्क लगता है लेकिन इसमे ऐसा कुछ नही होता है इसीलिए इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है और ये सुरक्षित भी रहता है इन्हीं सब कारणों से आज ज्यादा लोग इसे यूज में लाते है जैसे- इंटरप्रेनियुर्स, नॉट-प्रॉफिट आर्गेनाईजेशन, ऑनलाइन डेवेलोपर्स आदि इसीलिए पूरे वर्ल्ड में इसका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के जैसे किया जाता है

इसकी क्रेडिट लिमिट न होने के साथ ही आप इसे कही पर भी ले जाने में कोई दिक्कत नही होती है दुनिया में आप इसे कहीं भी यूज कर सकते हैं और ये बिलकुल सुरक्षित होता है.

बिटकॉइन की वैल्यू क्या है? (What is the value of Bitcoin?)

बिटकॉइन की वैल्यू समय-समय पर कम-ज्यादा होती रहती है क्युकी इसे कंट्रोल करने के लिए कोई बैंक या अथॉरिटी नही है इसलिए बिटकॉइन की वैल्यू उसकी मांग के अनुसार चेंज होती रहती है और सभी देशों में इसकी कीमत अलग-अलग इसकी डिमांड के अनुसार होती है.

बिटकॉइन (Bitcoin kya hai hindi me bataye) को आप दो तरीके से पा सकते हैं पहला आप पैसे देकर बिटकॉइन खरीद सकते हैं अगर आपके पास पैसे है तो, और अगर आपके पास इतने सारे पैसे नही है तो अगर आप एक बिटकॉइन नही खरीद सकते तो आप उसकी एक यूनिट सातोशी करीब सकते हैं जैसे-एक रूपये में 100 पैसे होते हैं ठीक उसी तरह इसके एक सातोशी में 10 करोड़ सातोशी होते है

इस तरह आप एक सातोशी से 1 बिटकॉइन या फिर उससे ज्यादा बिटकॉइन भी खरीद सकते हैं और आपके पास ज्यादा बिटकॉइन हो जाये तो आप उनको बेचकर ज्यादा पैसे कमा सकते हैं और आप बिटकॉइन खरीदकर उसमे इन्वेस्ट भी कर सकते हैं भारत में दो वेबसाइट ऐसी हैं जहाँ से बिटकॉइन खरीदा और बेचा जा सकता है

बिटकॉइन का मूल्य (Cost is bitcoin)

बिटकॉइन का मूल्य घटता बढ़ता रहता है इसकी सबसे बड़ी दो वज़ह हैं. पहला बिटकॉइन सीमित संख्या में मौजूद है.2,10,00,000 बिटकॉइन ही माइन किया जा सकता है। ऐसे में अगर आपूर्ति से कम माँग हो तो बिटकॉइन का मूल्य घटता है और उल्टा होने पर इसका मूल्य बढ़ता है। भारत में बिटकॉइन का मूल्य फिलहाल 43,89,398.25INR है यह घटता बढ़ता रहता है.

सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर बिटकॉइन कैसे खरीदा जाता है बिटकॉइन खरीदने के लिए दो सबसे पॉपुलर वेबसाइट है इन वेबसाइट से आप बिटकॉइन इंडियन रुपीस में खरीद सकते हैं.

Zebpay-आप बिटकॉइन की मदद से डीटीएच स्टॉप अब भी करा सकते हैं इससे ऐमेज़ॉन मेकमायट्रिप के बावजूद भी खरीद सकते हैं। किस तरीका है बिटकॉइन खरीदने का आप ऐप का इस्तेमाल कर कर भी इसे खरीद सकते हैं क्या करते हैं।

Unicoin नाम की इस वेबसाइट से अगर आप बिटकॉइन खरीदते हैं तो आपको इस वेबसाइट पर कोई भी शुल्क नहीं देना पड़ता है. आप जब चाहे यहां से बिटकॉइन खरीद सकते हैं और जब चाहे उसे सेल कर सकते हैं

बिटकॉइन के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of Bitcoin)

भारतीय रिजर्व बैंक ने 2013 में इस तरह की ट्रेडिंग को भारत में इल्लीगल बताया था हालांकि, साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट के कहने पर पुनः इसे फिर से शुरू कर दिया.

Advantages-बिटकॉइन को दुनिया भर में कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है बिटकॉइन को किसी भी देश में बिना किसी कॉस्ट के उपयोग कर सकते हैं इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन में इसका उपयोग कर सकते हैं और इसमें ट्रांजैक्शन फीस भी नहीं लगती हैं।

Disadvantages– बिटकॉइन के बहुत सारे फायदे भी हैं तो उसके साथ ही इसके कई सारे नुकसान भी हैं अगर आप बहुत सारा बिटकॉइन स्टोर करते हैं और पासवर्ड भूल जाते हैं तो यह आपके लिए परेशानी बन जाती है. वही bitcoin बिटकॉइन पर किसी का नियंत्रण नहीं है तो इसका इस्तेमाल किसी भी गैरकानूनी चीज को खरीदने में किया जा सकता है।

FAQ: Frequently Asked Questions

Ans. सबसे साधारण भाषा में कहें तो बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी ( digital currency) है इसको सिर्फ डिजिटली बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है? ही उपयोग में लाया जा सकता है इस करेंसी पर किसी का भी नियंत्रण नहीं रहता है.

Ans. बिटकॉइन (Bitcoin) में सबसे छोटी यूनिट संतोषी होती है और 1 Bitcoin = 10,00,00,000 (करोड़) Santoshi होता है. जैसे Indian Currency में 1 रूपए = 100 पैसे होते है l बैसे ही 10 करोड़ Santoshi से मिलकर एक बिटकॉइन बनता है

Ans. क्रिप्टो करेंसी (Crypto currency) एक डिजिटल करेंसी है इसी डिसेंट्रलाइज सिस्टम के द्वारा कंट्रोल किया जाता है और क्रिप्टोग्राफी (Crystography) की मदद से उसका रिकॉर्ड रखा जाता है .

Ans. बिटकॉइन की शुरुआत 3 जनवरी साल 2009 में हुई थी इसकी शुरुआत करने वाले जापान के Santoshi Nakmoto हैं.

बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है?

बिटकॉइन क्या है बिटकॉइन का इतिहास क्या है बिटकॉइन कैसे काम करता है

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बिटकॉइन क्या है?

बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी है जिसपर ना तो किसी देश की सरकार का नियंत्रण है और ना ही किसी वित्तीय संस्था का नियंत्रण है बिटकॉइन सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है यह दुनियां की सबसे पहली क्रिप्टोकरेन्सी है बिटकॉइन को वर्चुअल करेंसी भी कहा जाता है क्योंकि बिटकॉइन करेंसी को हम स्पर्श नहीं कर सकते है केवल किसी भी डिजिटल फॉर्मेट में देख सकते है यह फॉर्मेट लैपटॉप हो सकता है, मोबाइल हो सकता है, कंप्यूटर हो सकता है, टेबलेट हो सकता है.

किसी ना किसी चीज को बनाने के पीछे कई कारण होते है जैसे की 2008 में ग्लोबली इकॉनमिक प्रॉब्लम, 8 November 2016 इंडियन में 500 और 1000 के नॉट अचानक से अमान्य, बैंक प्रॉब्लम तो इसी चीज को देखकर बिटकॉइन का निर्माण हुआ बिटकॉइन क्रिप्टोकोर्रेंसी को Satoshi Nakamoto ने बनाया और इसे Jan. 3, 2009 को लॉन्च कर दिया जब बिटकॉइन मार्किट में आया था तो इसका मूल्य काफी कम था इस पर किसी गवर्नमेन्ट अथॉरिटी का हस्क्षेप नहीं था और ना ही कोई कानून था इसलिए इंटरनेट यूजर इस करेंसी पर ज्यादा ट्रस्ट नहीं करते थे जिस तरह रूपये करेंसी को भारत सरकार नियंत्रण करती है , डॉलर करेंसी काअमेरिका सरकार नियंत्रण करती है, रूबल करेंसी को रूस देश नियंत्रण करता है लेकिन बिटकॉइन को दुनियां का कोई भी देश नियंत्रण नहीं करता है.

बिटकॉइन कैसे काम करता है?

बिटकॉइन ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर काम करती है ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी में कंप्यूटर एक-दूसरे से जुड़े होते है सभी बिटकॉइन हिस्सेदार का एक पब्लिक अकाउंट होता है जिसे Ledger खाता कहते है इस Ledger खाते की कॉपी हर एक बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है? ब्लैकचैन के कंप्यूटर में डिजिटल फॉर्मेट में स्टोर होती है जो लोग ब्लॉकचैन से जुड़े कंप्यूटर को हैंडल करते है उन्हें Miners कहते है Miners का काम होता है बिटकॉइन की हर लेनदेन को वेरीफाई करते रहना

बिटकॉइन क्या है?

जैसे की अ से ब को 5 बिटकॉइन लेना है तो को कैसे पता चलेगा की पास 5 बिटकॉइन है तो यह पता लगाने के लिए Miners की हेल्प लेनी होती है Miners आपको बता देगें वास्तव में के पास बिटकॉइन उपलब्ध है देने के लिए की नहीं Miners जब यह काम करते है तो उनको कुछ काम के बदले रिवॉर्ड मिलते है जो बिटकॉइन के फॉर्मेट में होते है

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