व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम

एलएएस ने व्यापक पैरोल सुधारों की आवश्यकता की पुष्टि की
न्यू यॉर्क स्टेट के आसपास लीगल एड सोसाइटी और साथी डिफेंडर संगठनों ने न्यूयॉर्क स्टेट सीनेट मेजॉरिटी लीडर एंड्रयू स्टीवर्ट-कजिन्स और न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली के स्पीकर कार्ल हेस्टी को एक संयुक्त पत्र लिखा, जिसमें सांसदों से इस सत्र में विशेष रूप से उचित और समय पर व्यापक पैरोल सुधारों को पारित करने का आग्रह किया गया। पैरोल (A4231/S1415), एल्डर पैरोल (A3475/S15A), और कम अधिक है (A5576/S1144), रिपोर्ट स्पेक्ट्रम समाचार.
उचित और समय पर पैरोल (A4231/S1415)
फेयर एंड टाइमली पैरोल किसी व्यक्ति के पुनर्वास और वर्तमान सार्वजनिक सुरक्षा जोखिम के आधार पर रिहाई के निर्धारण के लिए पैरोल बोर्ड द्वारा उपयोग किए जाने वाले मानकों में संशोधन करेगा। बिल नस्लीय रूप से भेदभावपूर्ण पैरोल निर्णय लेने के लिए बोर्ड के विवेक को भी कम करेगा, एक ऐसा अभ्यास जो बोर्ड ने दशकों से कायम रखा है।
एल्डर पैरोल (A3475/S15A)
एल्डर पैरोल यह सुनिश्चित करने के लिए कार्यकारी कानून में संशोधन करेगा कि 55 वर्ष या उससे अधिक आयु के सभी लोग जिन्होंने अपनी सजा के कम से कम 15 वर्ष की सेवा की है, उनकी मूल सजा की परवाह किए बिना पैरोल की सुनवाई की जाती है। एल्डर पैरोल किसी व्यक्ति की रिहाई की गारंटी नहीं देगा, लेकिन इसके लिए बोर्ड को जेल में किसी व्यक्ति के पुनर्वास का एक सार्थक मूल्यांकन करने की आवश्यकता होगी, एक ऐसा मूल्यांकन जो कई पुराने कैद न्यू यॉर्कर के लिए उपलब्ध नहीं है, व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम जिन्हें वर्तमान कार्यकारी कानून के तहत मजबूर किया जा सकता है। सुनवाई के लिए दशकों इंतजार करना।
कम अधिक है (A5576/S1144)
लेस इज मोर पैरोल के अधिकांश तकनीकी उल्लंघनों के लिए कारावास के उपयोग को समाप्त कर देगा, जबकि अन्य गैर-आपराधिक अपराधों के लिए जेल की सजा को 30 दिनों तक सीमित कर देगा। यह पैरोल का उल्लंघन करने के आरोपियों के लिए एक विकल्प के रूप में जमानत प्रदान करेगा, ताकि वे अपने पैरोल मामले को हल करते हुए रोजगार और पारिवारिक संबंध बनाए रख सकें। बिल उन लोगों के लिए एक अर्जित मार्ग भी बनाएगा जो अपनी रिहाई की शर्तों का सफलतापूर्वक पालन करते हैं।
"न्यूयॉर्क राज्य के पैरोल कानूनों ने मानवीय संकट को प्रेरित किया है। हजारों कैद न्यू यॉर्कर, जो सार्वजनिक सुरक्षा के लिए कोई जोखिम नहीं रखते हैं, उन्हें रिहाई और उनके परिवारों के साथ पुनर्मिलन के अवसर से वंचित कर दिया गया है, “पत्र में भाग पढ़ा गया। "और हजारों न्यू यॉर्कर जिन्हें जेल से रिहा किया गया है, और अपने समुदायों में फिर से शामिल होने का काम शुरू कर दिया है, उन्हें पैरोल के तकनीकी उल्लंघन के लिए अनावश्यक रूप व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम से जेल में लौटा दिया गया है, जैसे कि कार्यालय की रिपोर्ट गायब होना, मारिजुआना के लिए सकारात्मक परीक्षण करना, या कर्फ्यू तोड़ना।"
आजीविका परियोजना से रोशन हुआ रीना अहिरवार का जीवन
भोपाल : कभी अभावों के अंधेरे में रहने वाली रीना अहिरवार के जीवन में आजीविका.
भोपाल : कभी अभावों के अंधेरे में रहने वाली रीना अहिरवार के जीवन में आजीविका मिशन ने ऐसा उजाला किया कि अब वे एल.ई.डी. वाली दीदी कहलाने लगी हैं।
भोपाल जिले की बैरसिया पंचायत के मजीदगढ़ की रीना अहिरवार पति धूरीलाल बताती हैं कि स्व-सहायता समूह में जुड़ने से पहले उनके पति मजदूरी का काम करते थे। परिवार का पालन-पोषण पति की कमाई पर ही निर्भर था, जो कि माह में 4 हजार से 5 हजार तक ही हो पाती थी। वे कुछ कार्य करने की इच्छा के बावजूद पैसा नहीं होने से कुछ नहीं कर पा रही थीं।
वे माँ दुर्गा आजीविका स्व-सहायता समूह से जुड़ गईं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में एलईडी बल्व का प्रशिक्षण लेकर बल्व बनाने लगीं। समूह द्वारा बैंक से एक लाख रूपये का ऋण लेकर अपना व्यापार शुरू किया गया। रीना ने एलईडी बल्ब बनाकर लगभग 2 लाख रूपये का व्यापार कर लिया है और खुशहाल जिदंगी बिता रही हैं।
अब रीना हर महीने 10 हजार रूपये तक कमाने लगी हैं। इससे कई फायदे एक साथ हुये हैं। एल.ई.डी. बल्ब के उपयोग से एक तरफ लोगों का बिजली का बिल कम हुआ है तो दूसरा घरों में ज्यादा रोशनी होने से बच्चों की पढ़ाई भी बड़े आराम से होने लगी है। एल.ई.डी. बल्ब के उपयोग से बार-बार बल्व खराब होने की समस्या से भी उपभोक्ताओं को छुटकारा मिल गया है।
रीना बताती हैं कि अब वे समाज के सभी वर्गों के साथ मिलने-जुलने लगी हैं। पहले बात करने में भी झिझकती थीं। उन्हें गाँव के सभी नागरिक समूह की एल.ई.डी. वाली दीदी के नाम से बुलाते है। वे बताती हैं, “आज मेरी खुद की एक पहचान ग्राम संगठन के अध्यक्ष एवं एल.ई.डी. बल्ब वाली दीदी के रूप में है।”
New Delhi : जयशंकर ने इंडोनेशिया के समन्वय मंत्री मोहम्मद महफूद के साथ द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की
नयी दिल्ली: (New Delhi) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को यहां इंडोनेशिया के राजनीतिक, कानूनी, मानवाधिकार एवं सुरक्षा मामलों के समन्वय मंत्री मोहम्मद महफूद से मुलाकात की। इस दौरान जी20 से जुड़े विषयों, म्यामां की स्थिति और द्विपक्षीय सहयोग के बारे में चर्चा की गई ।
बैठक के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘ इंडोनेशिया के राजनीतिक, कानूनी, मानवाधिकार एवं सुरक्षा मामलों के समन्वय मंत्री मोहम्मद महफूद से मुलाकात सुखद रही।’’उन्होंने कहा कि जी20 से जुड़े विषयों, म्यामां की स्थिति और द्विपक्षीय सहयोग के बारे में चर्चा हुई।
ज्ञात हो कि इंडोनेशिया के राजनीतिक, कानूनी एवं सुरक्षा मामलों के समन्वय मंत्री मोहम्मद महफूद सोमवार से भारत की यात्रा पर हैं। उनके साथ 24 सदस्यीय एक शिष्टमंडल भी आया है जिसमें उलेमाओं के अलावा अन्य धार्मिक नेता भी शामिल है।राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के निमंत्रण पर इंडोनेशिया के मंत्री मोहम्मद महफूद भारत आए हैं। उनके साथ आया शिष्टमंडल आज दिल्ली में एक कार्यक्रम में चर्चा सत्र में हिस्सा ले रहा है। इस चर्चा में भारत की ओर से जमीयत ए उलेमा ए हिन्द, लखनऊ स्थित आसिफी मस्जिद, बोहरा समुदाय के प्रतिनिधि सहित अन्य धर्मगुरू शामिल हो रहे हैं।
दोनों शिष्टमंडल के बीच चर्चा के तीन सत्र होंगे। पहले सत्र में इस्लाम में निरंतरता और परिवर्तन पर चर्चा होगी। वहीं, दूसरे सत्र में अंतर-धार्मिक समाज के सामंजस्य पर तथा तीसरे और अंतिम सत्र में भारत और इंडोनेशिया में कट्टरता से मुकाबला करने के उपायों पर चर्चा होगी।डोभाल और महफूद के बीच चर्चा के दौरान द्विपक्षीय संबंधों के सभी आयामों की समीक्षा की जायेगी । इसमें खास तौर पर नौवहन सुरक्षा एवं नौवहन सहयोग पर चर्चा की जायेगी । इसके अलावा सुरक्षा सहयोग, आधारभूत ढांचा परियोजना, रक्षा सहयोग भी चर्चा के एजेंडे में होगा।
MCD Polls: नगर निगम चुनाव में वोट देना क्यों है जरूरी, क्या हैं एमसीडी के काम? पढ़ें अपने हर सवाल का जवाब
अगले महीने दिल्ली नगर निगम के लिए मतदान और मतगणना होगी। ऐसे में बहुत से लोगों के मन में सवाल होगा कि एमसीडी चुनाव में वोट क्यों देना चाहिए। तो आपको अपने हर सवाल का जवाब इस लेख में मिल जाएगा।
देश में सर्वाधिक चहल-पहल वाला केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) दिल्ली कई मायनों में महत्वपूर्ण है। देश की राजधानी में करीब दो करोड़ लोग रहते हैं। उनका जीवन केंद्र सरकार या निर्वाचित राज्य सरकार द्वारा उतना प्रभावित नहीं होता, जितना कि नगर निगम प्रभावित करता है। जन्म, मृत्यु प्रमाणपत्र हो या विवाह का पंजीकरण, स्वास्थ्य सेवाएं, प्राथमिक शिक्षा, कॉलोनी की मुख्य सड़कों से लेकर श्मशान घाटों तक के प्रबंधन तक काम निगम के जिम्मे है। निगम का वार्षिक बजट करीब 15,200 करोड़ है। इसके तहत 1,50,000 कर्मचारी काम करते हैं। इसलिए मतदान करना बहुत जरूरी है।
जन्म से लेकर श्मशान तक
नगर निगम का काम जन्म से लेकर श्मशान घाट तक होता है। स्थानीय बाजार, सामुदायिक सेवाएं, स्कूल, पार्कों का रखरखाव, सामाजिक लाभ और शवों का दाह संस्कार तक निगम काम करता है।
स्कूल
एमसीडी से जन्म प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद बच्चे को निगम के स्कूल में भर्ती करा सकते हैं, जहां शिक्षा और किताबें मुफ्त हैं। निगम 1535 स्कूल चलाता है।
स्वास्थ्य
निगम नौ बड़े अस्पताल चलाता है। इनके अलावा 15 प्रसूतिघर, 11 पॉलीक्लिनिक, 50 औषधालय और 98 मां व बच्चे के लिए देखभाल केंद्र।
पार्क
नागरिकों के लिए निगम 15,229 पार्कों का प्रबंधन करता है, जहां बच्चे खेल सकते हैं और लोग टहल सकते हैं।
व्यापार
दुकानों व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम के लिए व्यापार लाइसेंस जारी करता है। छोटे पैमाने के कारखाने के लिए भी लाइसेंस देता है।
सड़कें रोशन करने की जिम्मेदारी
निगम का काम गलियों औक सड़कों पर स्ट्रीट लाइट लगवाने का भी है। निगम 6,90,000 स्ट्रीट लाइट का प्रबंधन करता है, जिनसे घर रोशन रहता है। संपत्तिकर इकट्ठा कर विकास कराता है। पिछले साल 2,032 करोड़ रुपए जुटाए थे।
शादी या अन्य समारोह
शादी के लिए एमसीडी के पास सामुदायिक केंद्र हैं, जिन्हें ऑनलाइन बुक किया जा सकता है।
पार्किंग और सीवर की व्यवस्था
वाहनों के रखरखाव के लिए पार्किंग की व्यवस्था करता है। जलनिकासी के लिए सीवर आदि का भी इंतजाम करता है।
वरिष्ठ नागरिक
शहर के बुजुर्गों के लिए 94 केंद्रों को चलाता है, जहां मनोरंजन के साधनों के साथ टीवी और समाचार पत्र भी मिलते हैं।
मासिक पेंशन
पात्रों को मासिक पेंशन का भुगतान भी करता है। वार्ड पार्षद की मदद से पात्र इसका लाभ पा सकता है।
अंतिम संस्कार
अंतिम संस्कार के लिए करीब 58 घाट हैं। वर्ष 2020 में 1,42,789 मौत के मामले दर्ज किए गए।
पिछले निगम चुनाव में वोटर उदासीन
चार दिसंबर को 250 वार्डों में निगम चुनाव है, जिसमें करीब एक करोड़ 46 लाख मतदाता हैं, लेकिन आमतौर पर लोगों का रवैया मतदान के प्रति उदासीन रहता है। 2019 के आम चुनाव में 60.6 फीसदी मतदान हुआ था, जबकि 2020 के विधानसभा चुनाव में 62.82 फीसदी। वहीं, 2017 और 2012 के दो निकाय चुनावों में 53-54 फीसदी मतदान व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम हुआ।
क्या हैं काम
- निगम में 35 प्रमुख विभाग हैं और शहर के लोगों की अधिकांश समस्याओं का समाधान यहीं पर होता है।
- कॉलोनी की सड़कों में गड्ढों की जांच
- जलनिकासी के मुद्दे
- पार्क का रखरखाव
- स्वच्छता, कचरा संग्रहण और निस्तारण
- अतिक्रमण की समस्या
- रोगों की रोकथाम
- बिल्डिंग परमिट और अवैध निर्माण रोकना
- लावारिस पशुओं का प्रबंधन
- करों और शुल्कों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भुगतान (जैसे संपत्तिकर या हस्तांतरणकर)
- रेहड़ी-पटरी, स्वास्थ्य, व्यापार, फैक्टरी आदि लाइसेंस
- सामुदायिक हॉल की स्थापना और रखरखाव
- वंचित समुदायों को लक्षित करने वाले पुस्तकालय और राहत कार्य
- स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक विद्यालय
- कानून से जुड़े कई काम
- स्ट्रीट लाइट आदि बिजली के काम
- 60 फीट से कम चौड़ी सड़कें, आदि कई कार्य निगम की जिम्मेदारी हैं।