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चलती औसत का आवेदन

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आपकी सैलरी का ही हिस्सा है EPS

मुफ्त बांटा गया 20 लाख टन अनाज, जानें कैसे करें इस योजना में आवेदन

केंद्र सरकार की कई ऐसी योजना हैं, जो गरीबों के कल्याण के लिए लागू की गयी हैं. जिसमें राशन फ्री स्कीम भी शामिल है दरअसल, केंद्र ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के पांचवें चरण यानि दिसंबर 2021 से मार्च 2022 के तहत लाभार्थियों को लगभग 20 लाख टन खाद्यान्न वितरित किया है.

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केंद्र सरकार की कई ऐसी योजना हैं, जो गरीबों के कल्याण के लिए लागू की गयी हैं. जिसमें राशन फ्री स्कीम (Ration Free Scheme) भी शामिल है दरअसल, केंद्र ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (Prime Minister Garib Kalyan Anna Yojana) के पांचवें चरण यानि दिसंबर 2021 से मार्च 2022 के तहत लाभार्थियों को लगभग 20 लाख टन खाद्यान्न वितरित किया है.

पीएम गरीब कल्याण योजना में कितना हुआ राशन वितरण (How much ration distribution happened in PM Garib Kalyan Yojana)

बता दें कि PMGKAY Yojana के पांचवें चरण में खाद्य मंत्रालय ने योजना के तहत अधिक मात्रा में वितरण किया था. जी हां, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कुल 163 किलो चावल और गेहूं आवंटित किया था.

मंत्रालय ने हाल ही में कहा कि, "हाल ही में दूसरे महीने के लिए वितरण शुरू होने के साथ, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से उपलब्ध रिपोर्ट से पता चलता है कि अब तक लगभग 19.76 लाख खाद्यान्न वितरित किया जा चुका है. इसके साथ ही मौजूदा चरण में भी प्रदर्शन पहले के चरणों की तरह ही उच्च स्तर पर होगा." मंत्रालय ने कहा चलती औसत का आवेदन कि वह दिन-प्रतिदिन के आधार पर खाद्यान्न उठाने और वितरण की लगातार निगरानी कर रहा है.

गरीब कल्याण योजना ने सुनिश्चित की खाद्य सुरक्षा (Garib Kalyan Yojana ensured food security)

मार्च 2020 में तालाबंदी की घोषणा के बाद, केंद्र ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को अतिरिक्त मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए PMGKAY योजना शुरू की थी क्योंकि वे कानून के तहत हकदार हैं. इन लाभार्थियों को कोविड महामारी के दौरान खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो गेहूं या चावल की पेशकश की जाती है.

जबकि यह योजना 2020 में अप्रैल-नवंबर के लिए थी. सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान मई से शुरू होने वाले 11 महीनों के लिए लाभों को चलाने की अनुमति दी. बयान में कहा गया है कि चरण 1 से 5 के तहत, 2.6 लाख करोड़ मूल्य के लगभग 759 लीटर खाद्यान्न आवंटित किए गए हैं. इसमें से लगभग 580 लीटर का वितरण किया जा चुका है.

मौसम विभाग ने जारी किया मानसून पूर्वानुमान, जानिए इस साल कैसी रहेगी मानसून सीजन में वर्षा

किसानों के लिए राहतभरी खबर सामने आई है, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD ने वर्ष 2022 के लिए मानसून का पहला पूर्वानुमान जारी कर दिया है। देश में किसानों के लिए दक्षिण-पश्चिम मानसून का बहुत अधिक महत्व है ख़ासकर ऐसे स्थानों पर जहां के किसान खेती के लिए सिर्फ़ मानसूनी वर्षा पर ही निर्भर करते हैं। भारतीय मौसम विभाग की मानें तो इस वर्ष भी मानसून सीजन में सामान्य वर्षा रहने का अनुमान है। जिसमें दक्षिण-पश्चिम मॉनसून (जून-सितम्बर, 2022) के दौरान औसत का 99% बारिश (Model Error: ± 5%) होने का पूर्वानुमान जारी किया गया है।

मौसम विभाग ने कहा कि ऑपरेशनल स्टैटिस्टिकल एनसेम्बल फोरकास्टिंग सिस्टम (एसईएफएस) पर आधारित पूर्वानुमान से पता चलता है कि मॉनसूनी बारिश लंबी अवधि के औसत (एलपीए) का 99 फीसदी होने की संभावना है। जबकि 1971 से 2020 की अवधि के दौरान पूरे देश में मौसमी वर्षा का एलपीए 87 सेमी है। मौसम विभाग ने कहा कि लगाए गए पूर्वानुमान में बारिश 5 फीसदी अधिक या कम हो सकती है। 2022 के मॉनसून सीजन जून से सितंबर के दौरान पूरे देश में मॉनसूनी वर्षा का औसत सामान्य एलपीए का 96 से 104 फीसदी रहने चलती औसत का आवेदन का अनुमान है।

मानसून सीजन (जून-सितम्बर) तक किस क्षेत्र में कैसी होगी बारिश

मौसम विभाग के अनुसार वर्षा के स्थानिक वितरण से पता चलता है कि प्रायद्वीपीय भारत के उत्तरी बागों के कई क्षेत्रों और मध्य भारत, हिमालय की तलहटी और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक ऋतु वर्षा होने की सम्भावना है। पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों, उत्तर भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप के दक्षिणी हिस्सों में सामान्य से लेकर सामान्य से नीचे बारिश होने की सम्भावना है

monsoon rain forecast map

2022 के दक्षिण-पश्चिम मानसून मौसम के लिए संभावित वर्षा पूर्वानुमान

ऋतुनिष्ठ वर्षा (जून-सितम्बर) के लिए टर्सील श्रेणियों सामान्य से अधिक (नीले रंग से), सामान्य वर्षा (हरे रंग से) एवं सामान्य से कम वर्षा(पीले एवं लाल रंग) से चित्र में दर्शाया गया है। सफ़ेद छायांकित क्षेत्र जलवायु संबंधी सम्भावनाओं को बताते हैं।

किन राज्यों में कैसी होगी मानसूनी वर्षा

मौसम विभाग के द्वारा जारी मानसून पूर्वानुमान में जैसा कि चित्र में नीले रंगो से दर्शाया गया है के अनुसार उत्तर प्रदेश के उत्तर एवं पश्चिमी क्षेत्रों, मध्य प्रदेश के अधिकांश पश्चिमी एवं उत्तरी ज़िलों, उत्तरी एवं पूर्वी राजस्थान के ज़िलों, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ के उत्तरी क्षेत्रों, तेलंगाना, आँध्र प्रदेश, कर्नाटक के उत्तरी ज़िलों, पूर्वी तमिलनाडु, पंजाब के कुछ ज़िलों, दक्षिणी गुजरात, उत्तराखंड, बिहार, उत्तरी झारखंड बिहार से सटे हुए ज़िलों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है।

उल्लेखनीय है कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD), वर्ष 2003 से दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम के लिए पूरे देश में दी चरणों में औसत वर्षा के लिए लम्बी दूरी का पूर्वानुमान जारी कर रहा है। पहला चरण का पूर्वानुमान अप्रैल में जारी किया जाता है और दूसरे चरण का पूर्वानुमान मई अंत तक जारी किया जाता है।

जिले में 105.80 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज / SHIVPURI NEWS

भू-अभिलेख शिवपुरी के अधीक्षक ने बताया कि जिले की औसत वर्षा 816.3 मि.मी. है। गत वर्ष जिले में कुल 1049.16 मि.मी. वर्षा रिकॉर्ड की गई थी। उन्होंने बताया कि अभी तक शिवपुरी में 111.60 मि.मी., बैराड़ में 159 मि.मी., पोहरी में 141 मि.मी., नरवर में 95 मि.मी., करैरा में 98.40 मि.मी., पिछोर में 65.70 मि.मी., कोलारस में 74 मि.मी., बदरवास में 125.50 मि.मी. एवं खनियांधाना में 82 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है।

भीमा कोरेगांव: गौतम नवलखा और NIA की दलीलों पर कल होगी 'सुप्रीम' सुनवाई, जानें क्या है मामला

फोटो: IANS

नवजीवन डेस्क

सुप्रीम कोर्ट भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी एक्टिविस्ट गौतम नवलखा की एक नई याचिका पर शुक्रवार चलती औसत का आवेदन को सुनवाई करने पर सहमत हो गया है, गौतम को कोर्ट के आदेश के बावजूद हाउस अरेस्ट (नजरबंद) में शिफ्ट नहीं किया गया है। गुरुवार को नवलखा के वकील द्वारा मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया गया था। वकील ने प्रस्तुत किया कि हाउस अरेस्ट के संबंध में शीर्ष अदालत के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है और आदेश 10 नवंबर को पारित किया गया था।

Employees' Pension Scheme : कितनी मिलेगी पेंशन? कैसे होता है तय? जानिए सबकुछ

Employees

HR Breaking News (ब्यूरो)। प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वालों के लिए Provident fund एक बढ़िया सेविंग स्कीम है. टैक्स छूट (Tax rebate) के अलावा बढ़िया रिटर्न और रिटायरमेंट (Retirement) के लिए बड़ा कॉरपस इसके फायदों से जुड़े हैं. इसे रिटायरमेंट फंड (Retirement fund) इसलिए कहा जाता है कि नौकरी के दौरान कर्मचारी की सैलरी से कुछ हिस्सा कटकर प्रोविडेंट फंड में जमा होता है और कुछ हिस्सा पेंशन फंड (Employee Pension Scheme) में जमा होता है. कर्मचारियों को 58 की उम्र में PF पूरी रकम एकमुश्त मिलती है. लेकिन, पेंशन की रकम मंथली बेसिस पर तय की जाती है. EPS पेंशन तय करने का एक फॉर्मूला होता है.

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