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ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है?

ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है?
by बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो ।।
Published - Wednesday, 24 August, 2022

जानें, वास्तु के अनुसार आपका ऑफिस कैसा होना चाहिए?

आप हमेशा चाहते हैं कि आपका ऑफिस खूब चले ,कभी बंद ना हो. आपके ऑफिस में खूब काम हो और धन आये तो इसके लिए आपको वास्तु का ध्यान \रखना पड़ेगा.

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प्रज्ञा बाजपेयी

  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2018,
  • (अपडेटेड 16 अगस्त 2019, 12:58 PM IST)

आप हमेशा चाहते हैं कि आपका ऑफिस खूब चले, कभी बंद ना हो. आपके ऑफिस में खूब काम हो और धन आये तो इसके लिए आपको वास्तु का ध्यान रखना पड़ेगा. ऑफिस का कमरा वर्गाकार या आयताकार होना चाहिए. ऑफिस का दरवाजा भी पूरब या उत्तर की तरफ खुलना चाहिए, इन सभी बातोें का आपको ध्यान रखना होगा.

शेयर बाजार की गिरावट के बीच आज इन 5 स्टॉक्स ने निवेशकों को किया मालामाल! क्या आप खरीदना चाहेंगे?

Multibagger penny stocks 2022: शेयर बाजार के लिए आज का दिन 'ब्लैक मंडे' रहा, जहां देखते ही देखते निवेशकों ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है? के लाखों-करोड़ों रुपये स्वाहा हो गए। लेकिन कुछ निवेशक लकी भी रहे, क्योंकि आज कुछ.

शेयर बाजार की गिरावट के बीच आज इन 5 स्टॉक्स ने निवेशकों को किया मालामाल! क्या आप खरीदना चाहेंगे?

Multibagger penny stocks 2022: शेयर बाजार के लिए आज का दिन 'ब्लैक मंडे' रहा, जहां देखते ही देखते निवेशकों के लाखों-करोड़ों रुपये स्वाहा हो गए। लेकिन कुछ निवेशक लकी भी रहे, क्योंकि आज कुछ स्टॉक्स में शानदार तेजी दिखी। इन स्टॉक्स पर मार्केट के गिरावट का रत्ती भर भी असर नहीं दिखा। जी हां! हम आपको ऐसे 5 स्टॉक्स के बारे में बता रहे हैं, जिसमें आज 5 फीसदी तक की मजबूती नजर आई और इन शेयरों ने अपने शेयरधारकों को महीने भर में मल्टीबैगर रिटर्न (Multibagger stock return) देकर मालामाल कर दिया। तो आइए जानते हैं डिटेल्स में-

1. Ak spintex ltd: शेयर बाजार में लगातार हो रही गिरावट के बीच ऐके स्पिनटेक्स (AK Spintex) के शेयरों में तेजी देखी जा रही है। टेक्सटाइल की इस कंपनी के शेयरों में आज 24 जनवरी को 4.95% की तेजी रही। ऐके स्पिनटेक्स का शेयर आज बीएसई पर 89.10 रुपये पर बंद हुआ है। बता दें कि टेक्सटाइल की इस कंपनी में पिछले पांच सत्रों से लगातार अपर सर्किट लग रहा था। एक महीने पहले 27 दिसंबर 2021 को बीएसई पर इस स्टॉक की कीमत 24.95 रुपये थी और अब यह बढ़कर 89.10 रुपये हो गया है। इस दौरान निवेशकों को 257.11 फीसदी का रिटर्न मिला है। यानी एक महीने पहले किसी निवेशक ने इस स्टॉक में 1 लाख रुपये लगाए होते तो आज यह रकम 3.57 लाख रुपये होती।

55 पैसा का शेयर आज ₹11.34 पर पहुंचा, निवेशकों के 1 लाख को बना दिया ₹20.25 लाख, क्या आप खरीदना चाहेंगे?

2. KIFS Financial Services: KIFS फाइनेंसियल सर्विस के शेयरों में आज 24 जनवरी को 4.99% की तेजी रही। यह आज बीएसई पर 140.05 रुपये पर बंद हुआ है। एक महीने पहले 27 दिसंबर 2021 को इस स्टॉक की कीमत 40 रुपये थी। इस दौरान निवेशकों को 250.13 फीसदी का रिटर्न मिला है। यानी एक महीने पहले किसी निवेशक ने इस स्टॉक में 1 लाख रुपये लगाए होते तो आज यह रकम 3.50 लाख रुपये हो जाती।

3.SEL Manufacturing Company Ltd: यह मल्टीबैगर पेनी स्टॉक ₹34.90 (27 दिसंबर 2021 को एनएसई पर बंद कीमत) से बढ़कर ₹91.80 (24 जनवरी 2022 को एनएसई पर बंद कीमत) हो गया है। यानी 1 महीने में यह शेयर 163.04% की तेजी से भागा है। इसके मुताबकि, अगर एक निवेशक एक महीने पहले इस पेनी स्टॉक में ₹1 लाख का निवेश किया होता तो आज वह ₹1 लाख करीब ₹2.63 लाख हो गया होता।

4. Tine Agro: यह मल्टीबैगर पेनी स्टॉक ₹5.61 (27 दिसंबर 2021 को बीएसई पर बंद कीमत) से बढ़कर ₹14.74 (24 जनवरी 2022 को बीएसई पर बंद कीमत) हो गया है। यानी 1 महीने में इस स्टॉक ने अपने शेयरधारकों को 162.75 का रिटर्न दिया है। इसके मुताबकि, अगर एक निवेशक एक महीने पहले इस पेनी स्टॉक में ₹1 लाख का निवेश किया होता तो आज वह ₹1 लाख करीब ₹2.62 लाख हो गया होता।

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5. Vegetable products: यह मल्टीबैगर पेनी स्टॉक ₹20.17 (27 दिसंबर 2021 को बीएसई पर बंद कीमत) से बढ़कर ₹52.80 (24 जनवरी 2022 को बीएसई पर बंद कीमत) हो गया है। यानी 1 महीने में इस स्टॉक ने अपने शेयरधारकों को 161.77% का रिटर्न दिया है। इसके मुताबकि, अगर एक निवेशक एक महीने पहले इस पेनी स्टॉक में ₹1 लाख का निवेश किया होता तो आज वह ₹1 लाख करीब ₹2.62 लाख हो गया होता।

आज से खुला Dreamfolks का IPO, पैसा लगाएं या नहीं? जानिए ग्रे मार्केट में क्या है भाव

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो

by बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो ।।
Published - Wednesday, 24 August, 2022

IPO

मुंबई: Dreamfolks Services Limited का IPO आज से खुल रहा है. अगर आप इस इश्यू में पैसा लगाने की सोच रहे हैं तो आपको इस IPO के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए. एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं, क्या इसमें आपको पैसा लगाना चाहिए. चलिए समझते हैं.

Dreamfolks का IPO आज से खुला
सबसे पहले तो ये बता दें कि आप Dreamfolks Services Limited के IPO में आज से लेकर 26 अगस्त तक बोली लगा सकते हैं. कंपनी ने IPO का प्राइस बैंड ₹308 से ₹326 रुपये प्रति शेयर फिक्स कर दिया है. IPO पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) है, जिसमें 2 रुपये की फेस वैल्यू पर उसके प्रमोटर्स लिबर्टा पीटर कलात, दिनेश नागपाल और मुकेश यादव द्वारा 1.72 करोड़ इक्विटी शेयर बेचे जाएंगे. इस IPO के तहत कोई भी नया शेयर नहीं जारी होगा.

Dreamfolks IPO लॉट साइज
लॉट साइज का मतलब एक बार में आपको न्यूनतम कितने शेयर लेने होंगे, इससे कम शेयर आप नहीं ले सकते. इस IPO का लॉट साइज 46 शेयरों का है. यानी आपको अपर प्राइस बैंड पर एक लॉट के लिए 14996 रुपये खर्च करने होंगे. IPO के शेयरों का आवंटन 1 सितंबर 2022 को हो सकता है. इस पब्लिक इश्यू को NSE और BSE दोनों पर लिस्ट करने का प्रस्ताव है. IPO की लिस्टिंग 6 सितंबर, 2022 को हो सकती है. चूंकि कंपनी को इससे एक पैसा नहीं मिलेगा, इसलिए इस ऑफर का 75% हिस्सा संस्थागत खरीदारों (QIBs) के लिए रिजर्व है. बाकी के 10 परसेंट रिटेल और 15 परसेंट गैस संस्थागत निवेशकों के हिस्से में आएगा.

ग्रे मार्केट में छा गया IPO
ग्रे मार्केट में कंपनी के अनलिस्‍टेड शेयर को अच्‍छा रिस्‍पॉन्‍स मिल रहा है और यह शेयर ग्रे मार्केट में 65 रुपये प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है. इस तरह ये अपर प्राइस बैंड से 21.50 परसेंट प्रीमियम पर है.

Dreamfolks IPO में क्या करें
इस इश्यू में आपको पैसा लगाना चाहिए या नहीं, इसे समझने के लिए आपको सबसे पहले बताते हैं कंपनी की कुछ अच्छी और कुछ बुरी चीजों के बारे मे हैं. अच्छी बात ये है कि Dreamfolks एक यूनीक बिजनेस मॉडल के साथ काम करती है, ये भारत की नहीं दुनिया की ऐसी पहली ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है? कंपनी है जो इस बिजनेस मॉडल के साथ लिस्ट होने जा रही है. लाउंज बिजनेस में कंपनी लीडर है, उसका 95 परसेंट मार्केट शेयर है. कंपनी के प्रमोटर्स काफी अनुभवी हैं, उन पर किसी तरह के कोई कानूनी मामले नहीं हैं.

कंपनी का बिजनेस मॉडल असेट लाइट मॉडल है, मतलब कंपनी को असेट बनाने में कोई खर्च नहीं करती है, इसलिए कंपनी पूरी तरह से कर्जमुक्त है. कंपनी के लिए ग्रोथ की अपार संभावनाएं हैं, लाउंज बिजनेस भारत ही नहीं पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है. क्योंकि हवाई यात्री भी तेजी से बढ़ रहे हैं, नए नए एयरपोर्ट्स खुल रहे हैं. खराब बात ये है कि 1700 करोड़ मार्केट कैप वाली कंपनी के प्रमोटर्स अपनी 33 परसेंट हिस्सेदारी बेच रहे हैं. साथ ही वैल्यूएशन भी काफी महंगे है. मार्केट एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इश्यू में लिस्टिंग गेन लेकर निकल जाना बेहतर होगा.

कंपनी क्या करती है
Dreamfolks एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं देने के का काम करती. ये देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट सर्विस एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म मुहैया कराती है, घरेलू लाउंज एक्सेस मार्केट में इसकी हिस्सेदारी 80 परसेंट है. कंपनी की तरफ से ग्राहकों को लाउंज, खाना, स्पा, मीट एंड असिस्ट और ट्रांसफर एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं दी जाती हैं. कंपनी इस कोराबार में 2013 से है. कंपनी का असेट-लाइट बिजनेस मॉडल भारत में काम करने वाले ग्लोबल कार्ड नेटवर्क और क्रेडिट कार्ड - डेबिट कार्ड जारी करने वाली कंपनियों को एयरपोर्ट लाउंज ऑपरेटर्स और एयरपोर्ट से जुड़ी दूसरी सेवाएं मुहैया कराने वालों के साथ एक समान टेक प्लेटफॉर्म पर लाकर जोड़ती हैं.

VIDEO: कभी 1 रुपये का था इस कंपनी का शेयर, आज निवेश करने वाले बन गए करोड़पति

FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर आ सकता है मॉरिशस, जानिये भारत में निवेश प्रवाह पर क्या होगा असर

2020-21 में भारत में मॉरिशस के जरिये आया प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कुल निवेश का 9 प्रतिशत रहा है। हालांकि साल 2018-19 में ये हिस्सा 32 प्रतिशत था। बीते 2 साल से इसमें गिरावट है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: October 19, 2021 16:18 IST

मॉरिशस की FATF की ग्रे. - India TV Hindi

Photo:PTI

मॉरिशस की FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर आने की उम्मीद

नई दिल्ली। भारत में विदेशी निवेश के एक प्रमुख स्रोत देश मॉरिशस इस महीने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) से राहत पा सकता है। दरअसल एफएटीएफ मॉरिशस की रीरेटिंग पर विचार कर रहा है, और सूत्रों की मानें तो ग्रे लिस्ट में रहने के दौरान मॉरिशस के द्वारा कानूनी , रेग्युलेटरी, ऑपरेशंस से जुड़े बदलावों को सफलतापूर्वक लागू करने के बाद अब एफएटीएफ मॉरिशस को ग्रे लिस्ट से निकाल सकता है। अगर ऐसा होता है तो मॉरिशस एक बार फिर दुनिया भर के निवेशकों के लिये निवेश का बड़ा माध्यम बन सकता है।

क्यों ग्रे लिस्ट में आया मॉरिशस

मॉरिशस को एफएटीएफ ने जनवरी 2020 में ग्रे लिस्ट (Jurisdictions under Increased Monitoring) में शामिल किया था। टास्क फोर्स ने पाया था कि एंटी मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकियों को धन मुहैया कराने के खिलाफ लड़ाई में मॉरिशस के न्याय अधिकार क्षेत्र में कुछ गंभीर कमियां थी, जिसका गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। ये कमियां खास तौर पर डेजिगनेटेड नॉन फाइनेंशियल बिजनेस एंड प्रोफेशन (DNFBPs) और नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन (एनएफओ) सेक्टर में थीं। इसी को देखते हुए मॉरिशस को एक एक्शन प्लान दिया गया था जिसमें रिस्क बेस्ड सुपरविजन , कंपनियों की मालिकाना हक की लगातार जानकारी साझा करना और जांच एजेंसियों को ऐसे अपराधों की पहचान के लिये ट्रेनिंग देना आदि शामिल थे। सूत्रों के मुताबिक बीते 20 महीनों में मॉरिशस के द्वारा उठाये गये कदमों से उम्मीद बनी है कि मॉरिशस ग्रे लिस्ट से बाहर आ सकेगा। लिस्ट से बाहर आने पर रिजर्व बैंक सहित दुनिया भर के प्रमुख वित्तीय संस्थान मॉरिशस के रास्ते निवेश पर प्रतिबंधों में नरमी ला सकते हैं।

क्या होगा भारत पर असर
एस्कॉर्टस सिक्योरिटी के रिसर्च हेड आसिफ इकबाल के मुताबिक ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने या न निकलने के फैसले का ज्यादा असर मॉरिशस की अपनी सेहत पर ही दिखेगा। जहां तक भारतीय बाजारों में निवेश का सवाह है तो इसमें निवेश का प्रवाह लगातार बना हुआ है। उनके मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था के आकर्षक होने की वजह से विदेशी निवेशक लगातार निवेश बढ़ा रहे हैं, और अगर मॉरिशस के ग्रे लिस्ट में जाने पर असर भी पड़ा होगा तो पूरी संभावना है कि निवेशकों ने इसके विकल्प तलाश लिये होंगे। इसके अलावा आसिफ संकेत देते हैं कि मॉरिशस ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है? के रास्ते आने वाले निवेश का बड़ा हिस्सा इक्विटी मार्केट में होता है और बीते एक साल के दौरान बाजार में बढ़ रहे विदेशी निवेश और कंपनियों के सौदौं में बढ़त से पता चलता है कि विदेशी निवेशक की घरेलू बाजारों तक पहुंच पर कोई असर नहीं पड़ा है।

क्या रहा बीते सालों में विदेशी निवेश के संकेत
आसिफ की बात को आंकड़े भी समर्थन देते हैं। भारत सरकार के द्वारा जारी किये गये आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 में अमेरिका ने मॉरीशस को भारत में निवेश करने वाले विदेशी निवेशकों की लिस्ट में पीछे छोड़कर दूसरा स्थान हासिल कर लिया। आंकड़ों के मुताबिक भारत में इस अवधि के दौरान आये विदेशी निवेश में सबसे बड़ा हिस्सा सिंगापुर का रहा जहां से कुल 17.42 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भारत आया। वहीं अमेरिका से 13.82 अरब डॉलर और मॉरिशस से 5.64 अरब डॉलर का एफडीआई भारत आया। मॉरिशस के रास्ते भारत आया एफडीआई कुल रकम का 9 प्रतिशत रहा है। हालांकि एक साल पहले यानि 2019-20 में मॉरिशस से 8.24 अरब डॉलर का निवेश आया था। वहीं साल 2018-19 में मॉरिशस भारत में एफडीआई प्रवाह का सबसे बड़ा सोर्स था। और इसका हिस्सा 32 प्रतिशत था। इसी अवधि में अमेरिका से निवेश 2.55 अरब डॉलर से बढ़कर 13.82 अरब डॉलर हो गया है। जानिये क्या रहा बीते 3 साल में भारत में FDI का प्रवाह अ

देश 2020-21 2019-20 2018-19
सिंगापुर 17.42 14.67 8.29
मॉरिशस 5.64 8.24 13.44
अमेरिका 13.82 4.ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है? 22 2.55

क्या है एफएटीएफ और उसकी ग्रे लिस्ट
एफएटीएफ यानि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स जो दुनिया भर में मनी लॉन्ड्रिंग और टैरर फंडिंग के मामलों पर नजर रखती है और ऐसे देशों की पहचान करती है जो या तो इन आर्थिक अपराधों में जुड़े हैं या तो वो अपने देश में ऐसे कार्यों में लगे हुए तत्वों को नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे देश की पहचान होने पर टास्क फोर्स उन्हें दो लिस्ट में शामिल करती है। पहली लिस्ट ग्रे लिस्ट होती है जिसमें सेफ हैवेन जैसे देश शामिल किये जाते हैं जो या जहां से टैरर फाइनेंसिंग या मनी लॉन्ड्रिंग को मदद मिल रही हो। ऐसे देशों को चेतावनी दी जाती ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है? है और एक खास समय में खास एक्शन प्लान लागू करने को कहा जाता है। वहीं दूसरी लिस्ट ब्लैक लिस्ट होती है, इसमें वो देश शामिल किये जाते हैं जो या तो आतंकी देश घोषित हैं, या जो ग्रे लिस्ट में रहने के दौरान एक्शन प्लान को ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है? लागू करने में असफल रहे हैं।

क्या होता है ग्रे या ब्लैक लिस्ट में आने का असर
ऐसे देशों पर आईएमएफ, वर्ल्डबैंक या एडीबी जैसे अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान के द्वारा आर्थिक प्रतिबंध लगाये जाते हैं। वहीं इन संस्थानों से कर्ज लेने के लिये कई कठोर शर्तों का पालन करना पड़ता है। वहीं अन्तर्राष्ट्रीय कारोबार पर भी प्रतिबंध लगाये जाते हैं। दुनिया भर के देश भी इन देशों से आर्थिक संबंध कड़े कर लेते हैं।

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