किस प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं?

किस प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं?
यह एडिटोरियल 18/11/2021 को इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित “Crypto Opportunity” लेख पर आधारित है। इसमें भारत में क्रिप्टोकरेंसी के विनियमन की आवश्यकता के संबंध में चर्चा की गई है।
संदर्भ
हाल ही में,भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर ने एक बार फिर वृहत-आर्थिक एवं वित्तीय स्थिरता के संदर्भ में क्रिप्टोकरेंसी पर चिंता जताई है। इन्हीं कारणों से विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंक क्रिप्टोकरेंसी के वैधीकरण के विरुद्ध खड़े हुए हैं और अब भारत में भी यही परिदृश्य उत्पन्न हो रहा है।
हालाँकि, क्रिप्टोकरेंसी की प्रकृति को देखते हुए, इस तरह के लेनदेन पर प्रतिबंध का विपरीत प्रभाव भी उत्पन्न हो सकता है, जहाँ वे जाँच या संवीक्षा के दायरे से बाहर चली जाएंगी और आपराधिक कृत्यों के मामले में कानून प्रवर्तित करना कठिन हो जाएगा।
वर्तमान में, क्रिप्टोकरेंसी बाज़ार तीन ट्रिलियन डॉलर से अधिक मूल्य का है। भारत इतने बड़े अवसर से स्वयं को वंचित नहीं रख सकता, न उसे रहना चाहिये, बल्कि इसके विनियमन के लिये प्रभावी प्रावधान का सृजन करना चाहिये।
‘क्रिप्टोकरेंसी’ को लेकर अस्पष्टता और अव्यवस्था
- वैश्विक सर्वसम्मति का अभाव: वर्तमान में वैश्विक स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी के प्रति विनियामक दृष्टिकोण में एकरूपता नहीं है। विभिन्न देश उपयुक्त विनियामक ढाँचे को लेकर जटिल सवालों से जूझ रहे हैं और अलग-अलग दृष्टिकोण अपना रहे हैं।
- ‘क्यूबा’ और ‘अल सल्वाडोर’ जैसे देशों ने बिटकॉइन को वैध मुद्रा (Legal Tender) के रूप में अनुमति दे रखी है।
- ईरान ने भी उस पर आरोपित प्रतिबंधों को बेअसर करने में क्रिप्टोकरेंसी की क्षमता की पहचान की है और उनकी ‘माइनिंग’ (Mining) को प्रोत्साहित किया है, बशर्ते परिणामी टोकन केंद्रीय बैंक को बेचे जाएँ।
- बोलीविया, नेपाल, नॉर्थ मैसेडोनिया और इंडोनेशिया कुछ अन्य देश हैं जिन्होंने क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार, उनकी होल्डिंग और माइनिंग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
- भारत में, रिज़र्व बैंक ने वर्ष 2018 में सभी बैंकों के लिये क्रिप्टोकरेंसी के किसी भी लेनदेन पर रोक लगा दी थी, हालाँकि वर्ष 2020 में सर्वोच्च न्यायालय ने इस प्रतिबंध को निरस्त कर दिया था।
- अभी कुछ समय पूर्व ही भारत के प्रधानमंत्री ने क्रिप्टोकरेंसी क्षेत्र के प्रबंधन के संबंध में एक बैठक की अध्यक्षता की थी, जहाँ आम सहमति बनी कि क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र में सरकार द्वारा उठाए गए कदम समयानुकूल, प्रगतिशील और दूरदर्शी होने चाहिये।
- सरकार द्वारा संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर एक विधेयक पेश किया जाना संभावित है।
संबद्ध चिंताएँ
- क्रिप्टोकरेंसी पर वैध चिंताएँ: ये चिंताएँ इस तथ्य से उपजी हैं किस प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं? कि उनके मूल्यों के आकलन के लिये कोई अंतर्निहित आस्ति और कोई बेंचमार्क मौजूद नहीं है। इसके अलावा, क्रिप्टोकरेंसी अपनी प्रकृति में बेहद अस्थिर हैं।
- जागरूकता, पारदर्शिता और स्पष्टता की कमी निवेशकों, विशेष रूप से खुदरा निवेशकों के धन को जोखिम में डालती है।
- इतनी अधिक मात्रा में पूंजी धारण करने वाले इस उद्योग की भारत में निगरानी या विनियमन की कोई व्यवस्था मौजूद नहीं है।
- क्रिप्टो का जिस तरह से विज्ञापन किया जा रहा है, वह भी प्रधानमंत्री द्वारा आयोजित बैठक में विचार का एक विषय रहा था।
- भारत सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर एक विधेयक पेश कर सकती है और यह क्रिप्टो लेनदेन को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के रूप में वर्गीकृत कर सकती है।
- हालाँकि, यहाँ यह सवाल उठेगा कि क्रिप्टोकरेंसी पर उपयुक्त विनियामक किस प्रकार का होगा।
- क्रिप्टोकरेंसी की प्रकृति को देखते हुए, इस तरह के लेनदेन पर प्रतिबंध का विपरीत प्रभाव भी उत्पन्न हो सकता है, जहाँ वे जाँच या संवीक्षा के दायरे से बाहर चली जाएंगी और आपराधिक कृत्यों के मामले में कानून प्रवर्तित करना कठिन हो जाएगा।
- इससे प्रतिबंध का मूल उद्देश्य ही पराजित हो जाएगा।
- यह विरोधाभासी दृष्टिकोण ही है कि ब्लॉकचेन को तो प्रौद्योगिकी-संचालित नवाचार के एक अंग के रूप में प्रोत्साहित किया जाए, लेकिन इसकी अनुषंगी क्रिप्टो परिसंपत्ति पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया जाए।
आगे की राह
- क्रिप्टो के लिये नियामक ढाँचा: भारत में क्रिप्टो के संबंध में तत्काल एक नियामक ढाँचे का निर्माण किये जाने की आवश्यकता है।
- इस ढाँचे को विभिन्न क्रिप्टोकरेंसियों, बिक्री, खरीद के साथ-साथ एक्सचेंज और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जैसे मध्यस्थों से संबद्ध विभिन्न पहलुओं से निपटने की आवश्यकता होगी।
- सरकार को संबद्ध जोखिमों की पहचान करनी चाहिये और उन्हें संबोधित करने के लिये एक उपयुक्त नियामक ढाँचा तैयार करना चाहिये।
- यह विनियमन धन-शोधन और आतंक-वित्तपोषण जैसे मुद्दों की निगरानी और घोटालों पर रोक में भी सहायता कर सकता है।
- एक कुशल नियामक ढाँचा निवेशकों के लिये उत्तरदायित्व के साथ-साथ शिकायत निवारण तंत्र की पूर्ति करेगा।
- इसके साथ ही, यह भारत में सक्रिय क्रिप्टो कंपनियों के पलायन को रोकेगा, जिससे पूंजी का पलायन नहीं होगा।
- यह भारत और भारतीयों के लिये उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में आगे बढ़ने और इस क्षेत्र में अग्रणी एवं नवप्रवर्तक बनने के लिये एक स्वस्थ पारितंत्र का निर्माण करेगा।
निष्कर्ष
- क्रिप्टोकरेंसी अपरिहार्य है—इसे किसी भी सार्थक प्रवर्तनीय तंत्र के माध्यम से प्रतिबंधित या व्यवस्था से बाहर नहीं किया जा सकता है। क्रिप्टो पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा देना अव्यावहारिक और अति-प्रतिबंधक कदम होगा।
- सरकार के लिये यह अनिवार्य हो जाता है कि वह ऐसे कानून लेकर आए जो प्रौद्योगिकी के दृष्टिकोण को समझे, सभी हितधारकों के आदानों को ध्यान में रखे और नागरिकों को इस नए युग की प्रौद्योगिकी से मिल सकने वाले लाभों का उपभोग करने में सक्षम बनाए।
अभ्यास प्रश्न: ‘‘निवेशकों को एक हद तक सुरक्षा प्रदान करने, मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करने, कराधान के संबंध में स्पष्टता प्रदान करने और नागरिकों को इस नए युग की प्रौद्योगिकी के लाभों का उपभोग करने में सक्षम बनाने के लिये भारत में क्रिप्टोकरेंसी का विनियमन अब आवश्यक हो गया है।’’ चर्चा कीजिये।
Cryptocurrency: दुनिया की टॉप 5 मशहूर क्रिप्टोकरेंसी- निवेश करने वाले ने खूब बनाया पैसा
Top 5 Cryptocurrency in 2021: Crypto बाजार में लगातार निवेशक बढ़ते जा रह हैं. हाल के कुछ हफ्तों में Cryptocurrency Market में जबरदस्त उतार-चढ़ाव आए हैं. बुधवार को मार्केट क्रैश भी हुआ लेकिन जल्द ही उभर भी गया. फिलहाल बाजार में कई Cryptocurrency मौजूद हैं लेकिन कुछ ही Cryptocurrency ऐसी हैं जो ज्यादा सुर्खियां बटोरती हैं. ऐसे में आज यहां मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से टॉप-5 क्रिप्टोकरेंसी के बारे में बताने वाले हैं. जिनमें निवेशकों का काफी ज्यादा निवेश देखने को मिल रहा है.
Jagran Trending: जानें किन देशों में क्रिप्टोकरेंसी है वैध और किन देशों ने लगाई है पाबंदी
अगर आप बिटकॉइन (क्रिप्टोकरेंसी) में निवेश कर मुनाफा कमाने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि बिटकॉइन आपके देश में लीगल भी या नहीं? इसीलिए आज हम आपको यहां बताएंगे कि बिटकॉइन कहां लीगल है और कहां अवैध।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। क्या आप क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) खरीदने-बेचने या उसमें निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं? अगर आपका जवाब हां है, तो सबसे पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि क्रिप्टोकरेंसी आखिर आपके देश में लीगल है भी या नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सभी देशों में अलग-अलग नियम हैं। उनमें से कुछ देशों में क्रिप्टोकरेंसी को वर्चुअल रुपये की जगह पर इस्तेमाल किया जा सकता है। मतलब क्रिप्टोकरेंसी से हर वो काम किए जा सकते हैं, जो कि नॉर्मल करेंसी से होते हैं। हालांकि कुछ अन्य देशों में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने पर आपको जेल हो सकती है। वहीं, कुछ देशों ने तो इसे विनियमित करने की जहमत तक नहीं उठाई है, क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी अधर में छोड़ दिया है। आइए इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं कि आखिर बिटकॉइन (क्रिप्टोकरेंसी) क्या है और कहां प्रतिबंधित है? कहां कानूनी हैं और कहां न तो कानूनी और न ही अवैध है?
क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?
क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की वर्चुअल या डिजिटल करेंसी है। क्रिप्टोकरेंसी कई तरह की होती है। इसमें से बिटकॉइन एक फेमस क्रिप्टोकरेंसी है। बिटकॉइन की तरह ही कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं। बिटकॉइन एक फेमस क्रिप्टोकरेंसी है, जिसे आप छू तो नहीं सकते, लेकिन रख सकते हैं। यह किस प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं? किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होती है, लेकिन काम वैसे ही करती है। इस करेंसी को वर्चुअल स्पेस में भी रखा जा सकता है। हालांकि, यह अभी भारत में लीगल नहीं है। सरकार ने ऐसी मुद्रा को मंजूरी नहीं दी है।
इन देशों में प्रतिबंधित है बिटकॉइन
दुनिया के अधिकांश हिस्सों में आमतौर पर क्रिप्टोकरेंसी का स्वागत किया जाता है। फिर भी कुछ देशों ने इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है, जिनमें अल्जीरिया, बोलीविया, बांग्लादेश, मिनिकन गणराज्य, घाना, नेपाल, मैसेडोनिया गणराज्य, कतर, वनुआटू देश मुख्य रूप से शामिल हैं। कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां क्रिप्टोकरेंसी कानूनी रूप से प्रतिबंधित हैं। ऐसे देशों में बिटकॉइन कुछ हद तक प्रतिबंधित है और इसका व्यापार या भुगतान के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता है। इनमें बहरीन, चीन, हॉगकॉग, ईरान, कजाकिस्तान, रूस, सऊदी अरब, टर्की और वियतनाम मुख्य देश हैं।
वे देश जहां बिटकॉइन कानूनी है
कम से कम 111 राज्य ऐसे हैं, जहां बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी को कानून द्वारा मान्यता प्राप्त है। उदाहरण के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा जैसे प्रमुख देश क्रिप्टोकरेंसी के प्रति आम तौर पर क्रिप्टो-फ्रेंडली रवैया अपनाते हैं। ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, चिली, फिनलैंड, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, आयरलैंड, जापान, लिथुआनिया, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त अरब अमीरात और वेनेजुएला ऐसे देश हैं, जहां बिटकॉइन पूरी तरह से कानूनी है।
इन देशों में ऑफिशियल लीगल टेंडर है क्रिप्टोकरेंसी
अल साल्वाडोर (El Salvador - Country in Central America) यह अब तक का एकमात्र देश है, जो क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी निविदा के रूप में मान्यता देता है। इसे निवेशकों के जोखिम के रूप में मान्यता दी गई थी। यदि भविष्य में अधिक से अधिक देश क्रिप्टोकरेंसी को अपनाना शुरू करते हैं, तो अल सल्वाडोर का कदम इतिहास में एक उल्लेखनीय मिसाल हो सकता है।
वे देश जहां बिटकॉइन न तो कानूनी है और न ही अवैध
कुछ देशों ने अभी भी यह तय नहीं किया है कि बिटकॉइन का क्या किया जाए। इन देशों में कोई स्पष्ट नियम या कानूनी सुरक्षा नहीं है। ये देश अभी क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार करने में लगे हुए हैं। ऐसे देशों में भारत के अलावा कई देश शामिल हैं, जिनमें प्रमुख देश अल्बानिया, अफगानिस्तान, अर्जेंटीना, ब्रिटिश वर्जिन आईलैन्ड्स, कंबोडिया, क्यूबा, पाकिस्तान और केन्या भी शामिल हैं।
क्यों भारत में लीगल नहीं है क्रिप्टोकरेंसी?
आपने ऊपर पढ़ा कि कितने देशों में Cryptocurrency को लीगल कर दिया गया है। लेकिन, भारत सरकार का रुख इसके लिए स्पष्ट नहीं है। सरकार इसे रेगुलेट करने पर अभी विचार कर रही है।
देश का पहला Cryptocurrency Index जारी, IC15 के बारे में जानें डिटेल में
दुनियाभर में क्रिप्टो करेंसी की बढ़ते दायरे के बीच सुपर ऐप क्रिप्टोवायर ने देश का पहला क्रिप्टोकरेंसी सूचकांक (Cryptocurrency Index) IC15 जारी किया
Published: January 7, 2022 11:10 PM IST
नई दिल्ली: दुनियाभर में क्रिप्टो करेंसी की बढ़ते दायरे के बीच सुपर ऐप क्रिप्टोवायर ने देश का पहला क्रिप्टोकरेंसी सूचकांक (Cryptocurrency Index) IC15
जारी करने की घोषणा की है. बता दें कि पिछले कुछ साल साल से क्रिप्टोकरेंसी एक संपत्ति वर्ग के रूप में उभरा है. इसकी स्वीकार्यता बढ़ने के साथ लोगों की इसमें रुचि बढ़ रही है.Also Read:
क्रिप्टोवायर (क्रिप्टो सुपर ऐप) ने एक बयान में कहा कि सूचकांक दुनिया के प्रमुख क्रिप्टो बाजारों (crypto markets exchange) पर सूचीबद्ध व्यापक रूप
से कारोबार वाली शीर्ष 15 क्रिप्टोकरेंसी के प्रदर्शन पर नजर रखेगा और उसे मापेगा.80 प्रतिशत से अधिक बाजार गतिविधियों पर नजर रखेगा
क्रिप्टो सुपर ऐप क्रिप्टोवायर (CryptoWire) ने कहा, यह सूचकांक (Cryptocurrency Index) 80 प्रतिशत से अधिक बाजार गतिविधियों पर गौर करेगा. इस प्रकार, मौलिक रूप से यह संबंधित बाजार की वास्तविक स्थिति को सामने लाएगा. इससे पारदर्शिता बढ़ेगी. सूचकांक का आधार मूल्य 10,000 तय किया गया है और
आधार तिथि एक अप्रैल, 2018 है.सूचकांक संचालन समिति एक्सपर्ट रहेंगे शामिल
बयान के अनुसार, क्रिप्टोवायर की सूचकांक संचालन समिति हर तिमाही में इसे पुनर्संतुलित करेगी, उस पर नजर रखेगी और उसे क्रियान्वित करेगी. समिति में क्षेत्र के विशेषज्ञ, उद्योग से जुड़े लोग और शिक्षाविद शामिल हैं.
क्रिप्टो इंडेक्स IC15 में ये करेंसी शामिल
सूचकांक आईसी15 (IC15) में बिटकॉइन (Bitcoin), एथेरियम (Ethereum), एक्सआरपी (XRP), लाइटकॉइन (Litecoin), बिनांस कॉइन (Binance Coin), सोलाना (Solana), टेरा (Terra) और चेनलिंक (ChainLink) जैसी क्रिप्टोकरेंसी शामिल हैं.
क्रिप्टो करेंसी के सख्त मानक
दुनिया मौजूद 400 कॉइन्स की सूची में शामिल होने के लिए क्रिप्टोकरेंसी का बिजनेस कम-से-कम 90 प्रतिशत होना चाहिए. ट्रेडिंग वैल्यू में 100 शीर्ष करेंसी में इसका स्थान
होना चाहिए. सर्कुलेटिंग मार्केट कैपिटलाइज़ेशन में योग्य क्रिप्टोकरेंसी शीर्ष 50 में भी होनी चाहिए. इसके बाद समिति शीर्ष 15 क्रिप्टोकरेंसी का चयन करेगी. सूचकांक का आधार मूल्य 10,000 तय किया गया है और आधार तिथि 1 अप्रैल, 2018 है.आरबीआई की कमेटी ने कहा था- क्रिप्टोकरेंसी को टोकन में रूप में नियमन किया जा सकता है
बता दें कि बीते दिनों क्रिप्टोकरेंसी के सवाल पर रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) एमपीसी की सदस्य ने कहा कि उन्हें ‘क्रिप्टो-टोकन’ कहना अधिक उचित होगा. उन्हें मुद्रा के समान स्वीकार्य नहीं माना जा सकता. मुद्रा के रूप में उनके इस्तेमाल पर प्रतिबंध होना चाहिए, लेकिन टोकन में रूप में उनका नियमन किया जा सकता है. यह भी गौर करने की बात है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले कहा था कि सभी लोकतांत्रिक देशों को क्रिप्टोकरेंसीपर एक साथ काम करने और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि यह गलत हाथों में न जाए. आभासी मुद्रा का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा किस प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं? था, ”उदाहरण के लिए क्रिप्टोकुरेंसी या बिटकॉइन लें. यह महत्वपूर्ण है कि सभी देश इस पर मिलकर काम करें और यह सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न जाए, जो हमारे युवाओं को खराब कर सकता है.”
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- ‘क्यूबा’ और ‘अल सल्वाडोर’ जैसे देशों ने बिटकॉइन को वैध मुद्रा (Legal Tender) के रूप में अनुमति दे रखी है।