फंडामेंटल विश्लेषण की मूल बातें

करिअर फंडा लीडर्स की साइंटिफिक सोच का नतीजा है विकास: एटॉमिक एनर्जी कमीशन से कर्त्तव्य पथ के नामकरण में भी साइंस
समय की राह पर विज्ञान तकनीक का गतिमान होना, अभी शेष है,
वैज्ञानिक सोच का श्वासों की तरह आना-जाना, अभी शेष है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण का युवा होना अभी शेष है,
आम जन में हमारी विज्ञान नीतियों का रमण और अनुकरण,अभी शेष है।
- सूर्यकांत शर्मा
जो सवाल पूछे, बिन पूछे कुछ न माने, अंधविश्वासों से दूर रहे और लॉजिक तथा तर्कों से अपने प्रोफेशन और लाइफ को संवारे, वो है एक 'साइंटिफिक सोच' वाला प्रोफेशनल।
करिअर फंडा में स्वागत!
साइंटिफिक सोच
क्या होती है आखिर ये साइंटिफिक सोच? ये तो जीवन जीने का एक कॉन्फिडेंट तरीका है, जो वैज्ञानिक पद्धति का इस्तेमाल करता है और जिसमें होता है पूछताछ (इन्वेस्टिगेशन), फिजिकल रियलिटी को समझना (ऑब्ज़र्वेशन), परीक्षण (टेस्टिंग), परिकल्पना (इमेजिनेशन), विश्लेषण (एनालिसिस), और संचार (कम्युनिकेशन)।
वैज्ञानिक सोच रखने वाला प्रोफेशनल (किसी भी फील्ड का) (1) कभी आसानी से राह नहीं भटकता, (2) मूर्ख नहीं बनाया जा सकता, और (3) अपनी बुद्धि का उपयोग नहीं छोड़ता।
भारत के तमाम बड़े कॉरपोरेट अपनी डिसिजन-मेकिंग बेहद तर्कशील, वैज्ञानिक और एविडेंस-बेस्ड करते हैं।
नेहरू का जबरदस्त साइंटिफिक विजन
'वैज्ञानिक स्वभाव' एक दृष्टिकोण हैं जिसमें तर्क (लॉजिक) का उपयोग शामिल होता है। चर्चा (डिस्कशन), तर्क (लॉजिक) और विश्लेषण (एनालिसिस) वैज्ञानिक स्वभाव के महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। निष्पक्षता, समानता और लोकतंत्र के तत्व इसमें निर्मित हैं। भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू 1946 में इस वाक्यांश का उपयोग करने वाले पहले व्यक्ति थे।
चमत्कारी सोच दिखाते हुए नेहरू ने 1948 में इंडियन एटॉमिक एनर्जी कमीशन बनवाया, और 1954 में डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी आया। इस दूरंदेशी वैज्ञानिक सोच का परिणाम है भारत का परमाणु बम कार्यक्रम, और पूरा इसरो। कहां होते हम इनके बिना?
1954 में इंडिया के डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी की स्थापना हुई थी। PM जवाहरलाल नेहरू ने डॉ होमी भाभा को इसकी कमान सौंपी थी।
संविधान में विज्ञान
प्रधानमंत्री मोदी ने 'कर्त्तव्य पथ' नामकरण कर हम भारतीयों को बड़ा सन्देश दिया है। क्या सन्देश है? कि हमें हमारे मूल कर्तव्यों का पालन करना होगा।
तो मूल कर्तव्य (फंडामेंटल ड्यूटी) क्या हैं?
1976 में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने 42वें संविधान संशोधन द्वारा संविधान में फंडामेंटल ड्यूटीज़ (अर्थात मौलिक कर्तव्यों) को आर्टिकल 51A द्वारा जोड़ा। इसकी धारा 51-ए (एच) के मुताबिक़ 'वैज्ञानिक प्रवृत्ति, मानवता और सवाल व सुधार की भावना का विकास करना' हर नागरिक का दायित्व है।
विज्ञान और विकास
उसके बाद के वर्षों में अनेकों वैज्ञानिक विकास हुए जैसे राजीव गांधी सरकार के दौरान कम्पूटराइजेशन, टेलिकॉम रिवॉल्यूशन, नवोदय विद्यालयों का गठन। राव सरकार के दौरान अर्थव्यवस्था का राव-मनमोहन मॉडल इत्यादि सभी इसी सोच की देन था।
वैज्ञानिक सोच के साथ कॉमन सेंस आवश्यक
कहते हैं सिर्फ विज्ञान की समझ आपको चतुर या वैज्ञानिक सोच नहीं देती, बल्कि कॉमन सेंस साथ में चाहिए। एक बढ़िया कहानी सुनिए!
1) एक शहर फंडामेंटल विश्लेषण की मूल बातें में चार दोस्त रहते थे। तीन बड़े वैज्ञानिक किन्तु बुद्धिरहित, तथा चौथा वैज्ञानिक नहीं, किन्तु बुद्धिमान। चारों ने विदेश जाकर पैसा कमाने की सोची और निकल पड़े।
2) थोड़ी दूर जाकर उन्हें जंगल में एक शेर का मृत-शरीर मिला। तीनों घमंडी वैज्ञानिकों युवकों ने कहा, 'आओ, हम अपनी विज्ञान की शिक्षा की परीक्षा करें। विज्ञान के प्रभाव से हम इस मृत-शरीर में नया जीवन डाल सकते हैं।' यह कह कर तीनों उसकी हड्डियां बटोरने और बिखरे हुए अंगों को मिलाने में लग गए।
3) इतने में विज्ञान-शिक्षा से रहित, किन्तु बुद्धिमान् मित्र ने उन्हें सावधान करते हुए कहा - 'जरा ठहरो। तुम लोग अपनी विद्या के प्रभाव से शेर को जीवित कर रहे हो। वह जीवित होते ही तुम्हें मारकर खा जाएगा।'
4) वैज्ञानिक मित्रों ने उसकी बात को अनसुना कर दिया । तब वह बुद्धिमान् बोला, 'यदि तुम्हें अपनी विद्या का चमत्कार दिखाना ही है तो दिखाओ। लेकिन ठहर जाओ, मैं पेड़ पर चढ़ जाऊं।' यह कहकर वह पेड़ पर चढ़ गया। इतने में तीनों वैज्ञानिकों ने शेर को जीवित कर दिया। जीवित होते ही शेर ने तीनों पर हमला कर दिया। तीनों मारे गए।
आप भी डेवलप करें वैज्ञानिक सोच
वैज्ञानिक सोच किसी फॉर्मल शिक्षा की गुलाम नहीं है। इलेक्ट्रिसिटी के महत्वपूर्ण सिद्धांत देने वाले माइकल फैराडे को विज्ञान की फॉर्मल शिक्षा नहीं मिली थी, फिर भी वे महान वैज्ञानिकों में गिने जाते हैं। वैज्ञानिक सोच के लिए जो जरूरी बात है, वह यह है कि, किसी भी बात पर अंधविश्वास ना करें।
अंधविश्वास इंसान की सबसे बुरी आदतों जैसे नशा करना, जुआ खेलना आदि से भी बुरा है। किसी वस्तु पर अंधविश्वास ना करके उसे अपने लॉजिक की कसौटी पर कसना ही वैज्ञानिक सोच है।
तो आज का करिअर फंडा यही है कि अपने दिमाग पर भरोसा रखें, खूब सोचें, सवाल करें, तथ्यों से तर्कों को जांचें, और तभी कोई निर्णय लें।
कर के दिखाएंगे!
करिअर फंडा कॉलम आपको लगातार सफलता के मंत्र बताता है। जीवन में आगे रहने के लिए सबसे जरूरी टिप्स जानने हों तो ये करिअर फंडा भी जरूर पढ़ें.
शेयर खरीदने के नियम – Rules for buying shares
अगर आप भी निवेश करके पैसा कमाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको शेयर खरीदने के नियम पता होने चाहिए। लेकिन शेयर खरीदने से पहले आपको पता होना चाहिए कि शेयर मार्केट क्या है?
शेयर मार्केट वह जगह है जहां शेयर खरीदे और बेचे जाते है। शेयर मार्केट आपको इक्विटी, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड, डेरिवेटिव इत्यादि में ट्रेडिंग करने के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करता है।
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किसी भी नए या अनुभवी निवेशक को निवेश करने के लिए पता होना चाहिए कि शेयर खरीदने के लिए क्या करें, किस कंपनी का शेयर खरीदे और शेयर खरीदने के नियम क्या हैं?
Table of Contents
शेयर कैसे खरीदें ?
सबसे पहले आपको यह जानना होगा कि शेयर खरीदते समय आपको किन किन बातों को ध्यान में रखना है। यहाँ हमनें कुछ टिप्स बताए हैं, जो एक निवेशक के लिए निवेश करने से पहले दिमाग में रखना जरूरी है।
अपने फाइनेंशियल उद्देश्यों को ध्यान में रखें।
मौलिक और तकनीकी विश्लेषण करें।
सही कीमत पर शेयर खरीदें।
समय-समय पर निवेश करें सेबी के नियमों का पालन करें चलिए
अब इन सब पर एक-एक करके चर्चा करते हैं।
अपने फाइनेंशियल उद्देश्यों को ध्यान में रखें – Keep your financial objectives in mind
शेयर खरीदने के नियम में सबसे पहला नियम या टिप्स यह है कि शेयर खरीदने से पहले हमें अपने उद्देश्यों को ध्यान में रखना चाहिए। इसका मतलब है कि सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आपको लॉन्ग-टर्म निवेश करना है या शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट करना है।
शॉर्ट टर्म ट्रेडर इंट्राडे ट्रेडिंग या स्विंग ट्रेडिंग को चुनते हैं। वहीं लॉन्ग-टर्म के लिए निवेशक डिलीवरी ट्रेडिंग या पोज़िशनल ट्रेडिंग का विकल्प चुन सकते हैं।
यदि आप शॉर्ट-टर्म यानी कम अवधि में के जरिये रिटर्न प्राप्त करना चाहते है, तो आप निवेश के अन्य साधनों पर विचार कर सकते हैं। हालांकि, अगर आपके पास लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट का प्लान है, तो इक्विटी में निवेश करने से आपको बेहतरीन रिटर्न मिल सकता है।
लॉन्ग टर्म में निवेशक एक कंपनी के शेयर खरीदते हैं जब यह सस्ता होता है, और जब उन्हें लगता है कि स्टॉक की कीमत पर्याप्त रूप से बढ़ गई है, तो वे शेयरों को अधिक कीमत पर बेचना शुरू करते हैं।
इस तरह की ट्रेडिंग में जोखिम कम होता है। इसके विपरीत शॉर्ट-टर्म ट्रेड में इंट्राडे ट्रेड होता है। इसमें अगर सही स्टॉक की पहचान हो जाए तो शेयर बाजार में दैनिक आधार पर पैसा लगाकर मुनाफा कमाया जा सकता है।
लेकिन ध्यान रहे कि इसमें जोखिम भी काफी होता है। इसलिए, स्टॉक मार्केट को शॉर्ट टर्म मनी मेकिंग टूल के रूप में सोचने के बजाय, इसे लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट ऑप्शन के रूप में देखें।
मौलिक और तकनीकी विश्लेषण करें – Perform fundamental and technical analysis
यह भी शेयर खरीदने के नियम में से एक बहुत ही महत्वपूर्ण नियम है। स्टॉक मार्केट में अंधाधुंध शेयर खरीदना, बिना सही रिसर्च या एनालिसिस के अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है।
इससे पहले कि आप शेयर मार्केट में निवेश करें, आपको यह समझने में कोशिश करनी चाहिए कि शेयर बाजार कैसे काम करता है। किसी विशेष कंपनी के शेयर खरीदते समय, कंपनी के पिछले प्रदर्शन के साथ-साथ भविष्य की संभावनाओं पर कुछ रिसर्च करना आवश्यक है।
इसी प्रकार, शेयर खरीदने से पहले मार्केट ट्रेंड की जाँच करें और यह जानें कि शेयर मार्केट की स्थिति पहले कैसी थी और अभी कैसे चल रही है। इसके आधार पर ही शेयर खरीदें।
वह आपको शेयर खरीदने का फैसला लेने में आपकी मदद करेंगे।
सही कीमत पर शेयर खरीदें – buy shares at the right price
उस कीमत पर स्टॉक खरीदना बहुत फंडामेंटल विश्लेषण की मूल बातें महत्वपूर्ण है जो आप देने में सक्षम हो। हो सकता है कि आप ऐसे शेयर को ढूंढ रहे हो जो बहुत लोकप्रिय है और जिसे दूसरे लोग खरीद रहे हैं।
लेकिन इसके लिए आपको यह भी देखना होगा कि अपने बजट के अनुसार शेयर खरीदे और जो आपको बेहतर रिटर्न दे सके। जो शेयर आपके बजट में फिट नहीं बैठता, आप उसे छोड़ दें।
सही समय की प्रतीक्षा करें और उस स्टॉक को चुनें, जो आपके बजट में फिट हो और आपको लाभ भी दे। इसके अलावा, जब आपको लगे कि आप अपना स्टॉक बेचना चाहते हैं और आपको अच्छा रिटर्न मिल रहा है
तब आपको शेयर बेच देने चाहिए। शेयर की कीमत को कुछ और बढ़ाने के लिए इंतजार करना फायदेमंद हो सकता है।
लेकिन ध्यान रहे कि अगर इसका प्राइस नीचे जाता है तो आपको नुकसान भी हो सकता है। इसलिए, शेयर हमेशा सही समय पर खरीदें और सही समय आने पर बेच दें।
सेबी के नियमों का पालन करे – Follow SEBI rules
शेयर मार्केट की रेगुलेटरी बॉडी ने 1 सितंबर 2020 से शेयर खरीदने और बेचने के नियमों में भारी बदलाव किए हैं। एक तरफ जहां इन नियमों के कारण निवेशकों की सुरक्षा बढ़ी हैं, फंडामेंटल विश्लेषण की मूल बातें वहीं दूसरी ओर शेयर खरीदना मुश्किल हो गया है।
जैसा कि आपको पता है कि “कार्वी ऑनलाइन” ने निवेशकों के पैसों के साथ घोटाला किया था। उसके बाद सेबी ने नियम बनाने के लिए कड़े कदम उठाए। ऐसे में अगर आप शेयर खरीदना चाहते हैं तो आपको शेयर खरीदने के नियम पता होने चाहिए।
आपको पता है कि निवेशक अपने ब्रोकर से पॉवर ऑफ अटॉर्नी लेते थे। यहाँ ब्रोकर उनके शेयर के साथ मनमानी करते थे और निवेशकों की बिना सहमति के शेयर्स का इस्तेमाल करते थे।
लेकिन अब सेबी के नए में शेयर आपके डीमैट खाते में ही रहेंगे और वहीं पर क्लियरिंग हाउस प्लेज मार्क कर देगा। इस तरह ब्रोकर के अकाउंट में आपके शेयर नहीं जाएंगे।
मुख्य बातें – Headlines
आपको सबसे पहले अपने दिमाग में एक वित्तीय उद्देश्यों को रखें, यानी सबसे पहले यह तय करें कि आपको लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट करना है या शॉर्ट टर्म निवेश करना है।
यदि आपकी जोखिम क्षमता कम है तो आपको लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट की तरफ रुख करना चाहिए। इसमें समय अधिक लगेगा लेकिन यह आपको एक अच्छा रिटर्न दे सकता है।
आप कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करके उस कंपनी के बारे में बारीकी से जान सकते हैं जिस कंपनी के शेयर आप खरीदना चाहते हैं। इसके जरिए कंपनी के बिजनेस, कंपनी क्या Product बनाती है, मार्केट में प्रोडक्ट की डिमांड कितनी है, Company Profit में है या Loss में, Company पर कर्ज कितना है
आदि के बारे में आप जान सकते हैं। आपको शेयर खरीदने के लिए एक सही प्राइस का इंतजार करना चाहिए। यानी अगर शेयर की कीमत आपके बजट से बाहर है तो आपको सही समय की प्रतीक्षा करने के बाद ही शेयर खरीदना चाहिए।
इसके साथ ही हमेशा उसी पैसे का इस्तेमाल करें जो आपके पास एक्स्ट्रा हो और कभी भी अपनी मेहनत की पूरी कमाई का उपयोग निवेश में नहीं करना चाहिए।
समय-समय पर निवेश करें यानि हमेशा वोलैटिलिटी को ध्यान में रख कर ही शेयर खरीदें।
इसके अलावा, सेबी के नए नियमों का भी कड़ाई से पालन करें। इस प्रकार, यदि आप शेयर खरीदने के लिए इन नियमों का पालन करते हैं तो आप एक बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
अगर आप भी शेयर मार्केट में ट्रेड करना चाहते है तो आपके पास डीमैट खाता होना चाहिए।
मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान आपकी निवेश यात्रा के लिए आपका गो-टू गाइड
दीवाली एक नई शुरुआत है। यह एक शुभ दिन माना जाता है, जो बहुत सारी सकारात्मकता, खुशी और सफलता लाता है। व्यवसायों (Businesses) और निवेशकों ने मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन के लिए तैयारी शुरू कर दी है। अगर आप चूकना नहीं चाहते हैं, तो यह ट्रेडिंग सेशन आपकी निवेश यात्रा को शुरू करने का एक रोमांचक अवसर है, क्योंकि इसे भाग्यशाली माना जाता है। और चिंता न करें, हम आपके लिए वह सारी जानकारियां लेकर आए हैं, जिन्हें जानना आपके लिए जरूरी है। आइए सबसे पहले मुहूर्त ट्रेडिंग का अर्थ समझते हैं।
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इस लेख में शामिल हैं:
मुहूर्त ट्रेडिंग क्या है?
मुहूर्त ट्रेडिंग दीवाली के दिन एक घंटे के सेशन को दर्शाती है और इसे निवेश के लिए शुभ माना जाता है।इस बार यह 4 नवंबर 2021 को शाम 6:15 बजे से शाम 7:15 बजे तक है । ऐसा माना जाता है कि यदि आप इस समय के दौरान निवेश करते हैं, तो पूरे वर्ष धन के बढ़ने की संभावना अधिक होती है। अच्छा, क्या यह आपको दिलचस्प नहीं लगा? गौरतलब है कि यह केवल भारतीय शेयर बाजार के बारे में सच है।
अब जब आपको मुहूर्त ट्रेडिंग की बुनियादी समझ हो गई है, तो आइए निवेश के इस उपयोगी समय के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें।
मुहूर्त ट्रेडिंग भाग्यशाली क्यों है?
इस ट्रेडिंग सेशन को भाग्यशाली माना जाता है क्योंकि देश भर के निवेशक इस एक घंटे की अवधि में, दीवाली जैसे त्योहार के दौरान पैसा निवेश करने की आस्था से प्रेरित होते हैं। यह बहुत समय पहले हि एक परंपरा बन गई थी क्योंकि व्यापारी धन की देवी लक्ष्मी जी को अपनी शुभकामनाएं देकर एक नए सेशन की शुरुआत करते थे।
मुहूर्त ट्रेडिंग तब होती है जब लोग दीवाली के दिन सामूहिक सद्भावना साझा करने के लिए एक साथ आते हैं। शेयर बाजार में नए खिलाड़ी धमाकेदार एंट्री करते हैं। हर निवेशक की निगाहें बाजार में होने वाले घटनाक्रम पर होती हैं, फंडामेंटल विश्लेषण की मूल बातें एक् उम्मीद में कि इस दौरान निवेश करने से उन्हें मुनाफा होगा। हालांकि, हमेशा की तरह, आपको निवेश करते समय सावधान रहना चाहिए। दीवाली के रुझानों का आँख बंद करके पालन करने के बजाय, जो कि केवल अटकलें हो सकती हैं, अपना शोध करना और उसके अनुसार निवेश करना सबसे बेहतर होता है।
मुहूर्त ट्रेडिंग में अपनी निवेश यात्रा कैसे शुरू करें?
आरंभ करने में आपकी सहायता करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
चरण 1: एक डीमैट खाता खोलें। यह आपके द्वारा खरीदे गए शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से संग्रहीत करता है।
चरण 2: अपने बैंक खाते से अपने डीमैट खाते में धनराशि जोड़ें।
चरण 3: जिन शेयरों में आप निवेश करना चाहते हैं, उन पर थोड़ा शोध करें। इसमें स्टॉक की अतीत की कीमतों को देखना, कंपनी के वित्तीय विवरणों का विश्लेषण करना, तुलना करना और बहुत कुछ शामिल होता है। इस तक आसान पहुंच के लिए, आप टिकरटेप पर जा सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आप मजबूत फंडामेंटल वाले शेयरों को चुनें ताकि वे लंबे समय में बाजार में गिरावट का सामना कर सकें और अच्छा रिटर्न दे सकें।
चरण 4: अपने शोध के बाद, आप शेयरों में निवेश शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
मुहूर्त ट्रेडिंग से पहले कुछ् ध्यान रखने योग्य बातें
ट्रेडिंग से पहले कुछ पहलुओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए, जो इस प्रकार हैं:
- सभी खुली पोजीशनें सेशन के अंत में सेटलमेंट ऑब्लिगेशन (Settlement Obligations) के रूप में होंगी।
- मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र के लिए, बाजार केवल एक घंटे के लिए खुला रहेगा।
- इस सेशन के दौरान बाजार अस्थिर हो सकता है इसिलिये बाजार पर नजर रखें ताकि आप समझदारी से निर्णय ले सकें।
- लंबी अवधि के लिए किसी शेयर में निवेश करने से पहले सुनिश्चित करें कि आप कंपनी के मूल सिद्धांतों पर बरकरार हैं। पिछले मुहूर्त ट्रेडिंग सेशनों में यह देखा गया है कि सेशन के दौरान उत्साह के कारण अफवाहें तेजी से फैलती हैं।
- यदि आप बाजार में उतार-चढ़ाव को भुनाने की योजना बना रहे हैं, तो ऐसे शेयरों का चयन करना सुनिश्चित करें, जिनमें ट्रेडिंग वॉल्यूम अच्छा हो।
निष्कर्ष
जैसा कि इस लेख में बताया गया है, मुहूर्त ट्रेडिंग व्यापारियों और निवेशकों के लिए एक शुभ समय है। हालाँकि, अपने साथियों या बाज़ार के रुझानों का आँख बंद करके अनुसरण न करें। एक घंटे का ट्रेडिंग सेशन जल्द ही आ रहा है। इसलिए अपने वांछित शेयरों पर शोध करके, उनके मूल सिद्धांतों का अध्ययन करके और उन्हें ट्रैक करने के लिए अपनी वॉचलिस्ट में स्टॉक जोड़कर पहले से अच्छी तैयारी करें । टिकरटेप पर पेश किए गए फिल्टर और आपके लिए सबसे उपयुक्त मेट्रिक्स के आधार पर स्क्रीन स्टॉक का उपयोग करें। #dimaaglaganekamuhurat आ रहा है! आपका निवेश शुभ हो!
Hartron पाठ्यक्रम सूची | हार्ट्रॉन क्या होता है
इंटरनेट कौशल: [ईमेल आईडी बनाना, ईमेल भेजना और प्राप्त करना, वेबसाइट, वेब ब्राउज़र, खोज इंजन ऑनलाइन जानकारी का उपयोग। डेमो रीयल टाइम चैट वाईफ़ाई, एफ़टीपी का उपयोग, सुरक्षा खतरे, ई-कॉमर्स, मोबाइल वाईफ़ाई का डेमो, टैली ईआरपी, ई-गवर्नेंस] एंड्रॉइड पर विकासशील ऐप्स, क्लाउड एप्लिकेशन, व्यस्त जीत।