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एक दलाल का वेतन क्या है

एक दलाल का वेतन क्या है
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के अटल उपाध्याय, संतोष मिश्रा ,नरेस शुक्ला, विश्वदीप पटेरिया, रविकांत दहायत, संजय गुजराल, मुकेश चतुर्वेदी, देव दोनेरिया, एस के बांदिल, प्रसांत सोंधिया, योगेश चौधरी, मुकेश मरकाम, धीरेन्द्र सिंह, अजय दुबे, योगेंद्र मिश्रा, नरेंद्र एक दलाल का वेतन क्या है सेन, चंदू जाऊ लकर,डा संदीप नेमा, मंसूर वेग,गोविंद विल्थरे, अर्जुन सोमवंसी ,रवि बांगड़ ने पेंसन कार्यलय के बाहर घूमने वाले दलालो पर कड़ी कार्यवाही कर ,समस्त पेंसन प्रकरणों का तत्काल निराकरण करने की मांग की है।

बड़ी कार्रवाई: NSE की पूर्व सीईओ के परिसरों पर आयकर विभाग के छापे, जानें क्या है मामाला

ट्रेडिंग खाते: संचालन की प्रणाली और होने के फायदे

ट्रेडिंग खातों ने लोगों के शेयर बाजार में काम करने के तरीके में क्रांति ला दी है। शेयरों को बनाए रखने का यह नया तरीका ओपन आउटरी की पुरानी प्रणालियों की तुलना में अधिक सुविधाजनक और तेज साबित हुआ है। ट्रेडिंग खातों की सहायता से, भौतिक संपर्क और उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे दोनों पक्षों के लिए समय की बचत होती है।

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VIDEO: दलालों के कब्जे में बक्सर सदर अस्पताल! कैमरे में कैद हुआ 'काला कारोबार'

बक्सर सदर अस्पताल इन दिनों दलालों का अड्डा बन गया है. दलाल इलाज कराने पहुंच एक दलाल का वेतन क्या है रहे मरीजों को लालच देकर निजी जांच घर एवं अस्पतालों में पहुंचा देते हैं. जहां मरीजों का शोषण किया जाता है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

बक्सर: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था (Poor health system in Bihar) को पटरी पर लाने के लिए जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारी निरंतर प्रयासरत हैं. लेकिन हैरानी की बात यह है कि स्वास्थ्य एक दलाल का वेतन क्या है महकमें से जुड़े कर्मी ही पूरे सिस्टम को बेपटरी पर लाने में जुटे हुए हैं. ताजा मामला बिहार के बक्सर जिले का है. यहां का सरकारी अस्पताल दलालों (Brokers In Buxar Sadar Hospital) का अड्डा बन गया है.

सरकारी अस्पताल में सुबह के 10 बजे जैसे ही रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पर्ची कटाने के लिए मरीजो की लाइन लगती है, वैसे ही अलग-अलग निजी अस्पताल एवं जांच घर के दलालों के अलावा स्वास्थ्यकर्मी एवं सुरक्षाकर्मी इस गोरखधंधे में लग जाते हैं. पहले मरीजों के बीच बैठकर उनके परेशानी को जान लेते हैं और उसके बाद कम पैसे में बेहतर सुविधा देने का लालच देकर मरीजों को निजी जांच घर एवं अस्पतालों में पहुंचा देते हैं. जहां मरीजों का खूब दोहन किया जाता है. दलालों का जाल रजिस्ट्रेशन काउंटर से लेकर, लैब, अल्ट्रासाउंड, सिटी स्कैन, एक्सरे रूम, डिलीवरी रूम, इमरजेंसी रूम से लेकर डॉक्टर के चेम्बर तक बिछा हुआ है.

घर से नाराज हो निकली विवाहिता को दलाल ने जिस्मफरोशी के दलदल में धकेला, दलाल धराया, युवती बरामद

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वाराणसी। दुनिया में विख्यात काशी की छवि के लिए परेशान प्रशासन और राजनीतिक दल कैंट स्टेशन के आसपास चले रहे देह व्यापार के कारोबार पर मौन हैं। यहां एक बार फिर मध्यप्रदेश के सतना और सिगरा थाने की पुलिस के सहयोग से देह व्यापार के कारोबार का खुलासा हुआ है। सतना से एक दलाल का वेतन क्या है परिवार से नाराज होकर घर से निकली युवती कैंट स्टेशन पहुंची तो दलाल ने उसे अपने चंगुल में फंसा लिया। जिंदगी भर साथ देने का सपना दिखाकर युवती को अपने साथ रखा और उसे देह व्यापार के दलदल में घकेल दिया। कैंट स्टेशन के आसपास जिस्मफरोशी से सम्बंधित ऐसे मामले पहले भी आए हैं।

कई दिनों से युवती की बरामदगी के प्रयास में लगी सतना पुलिस को मंगलवार को कामयाबी मिली। पुलिस ने विवाहिता को बरामद करने के साथ दलाल को भी गिरफ्तार किया है। इस घटना के बाद सिगरा थाना क्षेत्र में पड़ने वाले कैंट रेलवे स्टेशन क्षेत्र में एक बार फिर जिस्मफरोशी का कारोबार उजागर हुआ। सतना पुलिस 32 वर्षीया युवती को अपने साथ ले गई। पुलिस दलाल और विवाहिता से पूछताछ के बाद आगे की कार्रवाई करेगी। मध्य प्रदेश में सतना के कोलगवा थाना क्षेत्र स्थित एक बस्ती की विवाहिता घर से नाराज होकर निकल गई। इसके बाद परिजनों ने इलाकाई थाने में छह जून को गुमशुदगी का मुकदमा कायम कराया।

JABALPUR में एजेंट के बिना पेंशन प्रकरण नहीं बनते: कर्मचारी संयुक्त मोर्चा

जबलपुर। मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि जबलपुर पेंशन कार्यालय में पेंशन प्रकरणों में आपत्ति लगा कर भारी परेशान किया जा रहा है, केस करवाने के लिए पैसे मांगे जाते है।

कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारियों के दलाल बाहर घूमते रहते है यही दलाली कर केस निपटवाने का सौदा करते है। पेंसन कार्यालय के अधिकारी श्री शामदेकर से इस संबंध में चर्चा कर उन्हें दलालों की जानकारी दी गई। उनसे अवैध कार्यवाही को रोकने कदम उठाने चर्चा की गई। उन्हें बताया गया कि रिटायर या मृत कर्मचारियों की सेवा पुस्तिकाओं में अनावश्यक आपत्तियां लगा कर पेंशन, ग्रेच्यूटी के केसों को लटकाया जा रहा है।

बिहार में बिन 'बारिश' आ गई 'बाढ़': काम- मजदूरी, दिहाड़ी- 500 पर आयकर ने थमाया 37 लाख बकाए का नोटिस, केस

टाइम्स नाउ डिजिटल

Bihar, Khagaria, Income tax

"बिन बारिश आ गई बाढ़". आपने यह कहावत तो खूब सुनी ही होगी। इसी की बानगी अब बिहार में देखने को मिली है। सूबे में 500 रुपए की दिहाड़ी पर मजदूरी का काम करने वाले एक शख्स को आयकर विभाग ने तब झटका दे दिया, जब उसके पास विभाग की ओर से करीब 37 लाख रुपए के बकाए भुगतान से जुड़ा नोटिस पहुंच गया। नोटिस पाकर दिहाड़ी मजदूर हक्का-बक्का रह गया। मानो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई हो।

पुलिस थाने में पीड़ित ने दर्ज कराई शिकायत
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट के मुताबित, यह पूरा मामला खगड़िया जिले का है। वहां मघौना गांव में गिरीश यादव रहते हैं। वह रोजाना करीब 500 रुपये कमाते हैं और अपना गुजर-बस करते हैं। उन्हें जब 37.5 लाख रुपए का आईटी विभाग का नोटिस मिला तो उन्होंने इस बाबत इलाके के पुलिस थाने में शिकायत दी।

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