आपको मार्केट ऑर्डर का उपयोग कब करना चाहिए?

शेयर बाजार में आईओसी (एक तत्काल या रद्द आदेश) के लाभ
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शेयर बाजार एक तेज गति वाला वातावरण है, जिसमें बाजार के घंटों के दौरान किसी भी समय हजारों प्रतिभागियों द्वारा ट्रेडिंग की जाती है।यदि आप एक निवेशक हैं, और कई प्रतिभूतियों को खरीदने या बेचने की कोशिश कर रहे हैं, तो स्टॉक की कीमतों का ट्रैक रखना और दिन के दौरान कई प्रतिभूतियों को खरीदना या बेचना मुश्किल हो सकता है। इस प्रभाव को समाप्त करने के लिए, आप शेयर बाजार में एक आईओसी ( IOC ) आर्डर रख सकते हैं, जो तत्काल या रद्द आर्डर का प्रतीक होता है।
शेयर बाजार में आईओसी(IOC) क्या संदर्भित करता है?
आईओसी( IOC ) ‘ऑर्डर’ के कई रूपों में से एक है, जो कोई शेयर बाजार निवेशक या ट्रेडर स्थापित कर सकता है।आर्डर निर्दिष्ट करता है कि इसका निष्पादन बाजार में इसके प्रकाशित होने के तुरंत बाद किया जाना चाहिए।यह सुनिश्चित करता है कि आपको प्रतिभूति की बिक्री या खरीद लगभग तुरंत करनी होगी, या आर्डर रद्द कर दिया जाएगा और अब यह आपके पास एक लंबित आर्डर के रूप में नही रहेगा।आर्डर तुरंत रद्द कर दिया जाता है, और निवेशक को कोई कार्रवाई करने की आवश्यकता नहीं है।
आईओसी( IOC ) एक ‘सावधि’ आर्डर है, जिसका अर्थ यह है कि निवेशक यह चुनता है कि बाजार में ऑर्डर कितने समय के लिए उपलब्ध होगा। जब शेयर बाजार में आईओसी की बात आती है, तो यह ‘शून्य अवधि’ आर्डर होता है क्योंकि ऑर्डर रखने और उसके निष्पादन के बीच का समय कुछ सेकंड का समय होता है।
शेयर बाजार में एक आईओसी आर्डर एक कैप या बाजार आर्डर के रूप में सेट किया जा सकता है। एक सीमा आर्डर निर्दिष्ट करता है कि आप केवल एक निश्चित मूल्य तक पहुंचने पर ही प्रतिभूति बेच सकते हैं या खरीद सकते हैं। लेनदेन वर्तमान मूल्य बिंदु पर आयोजित किया जाता है जब आप एक बाजार आर्डर स्थापित करते हैं।
मान लीजिए कि आप XYZ व्यवसाय के 100 शेयर खरीदने के लिए आईओसी( IOC ) बाजार आर्डर स्थापित करते हैं। आर्डर तुरंत बाजार में स्थापित किया गया है। यदि आर्डर पूरा नहीं किया जाता है, तो इसे रद्द कर दिया गया है। यदि केवल 10 शेयर खरीदे जाते हैं, तो शेष 90 शेयरों के लिए आर्डर रद्द कर दिया जाएगा।
आईओसी के लाभ और इसका महत्व
आईओसी ऑर्डर को समझने के लिए, शेयर बाजार की बुनियादी समझ की आवश्यकता है। एक मुफ्त ट्रेडिंग खाता खोलना उद्योग में शुरूआत करने का एक अच्छा तरीका है, लेकिन ठोस समझ के बिना पैसा बनाना मुश्किल है। ऑनलाइन ट्रेडिंग खातों की शुरूआत के साथ, जो बेहद सरल और खोलने के लिए सुविधाजनक हैं, प्रवेश बाधा कम हो गई है। जब आप एक ऑनलाइन ट्रेडिंग खाता खोलते हैं और खरीदने या बेचने के ऑर्डर रखते हैं, तो कोई गारंटी नहीं है कि ऑर्डर भरा जाएगा। स्टॉक खरीदने और बेचने की कोशिश करने वाले लोगों की संख्या बेमेल हो सकती है। यदि आप क्रय ऑर्डर रखते हैं लेकिन पर्याप्त विक्रेता नहीं हैं, तो आपको ऑर्डर के पूरा होने के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है। प्रतीक्षा समय के परिणामस्वरूप सक्रिय स्थितियां बड़ी संख्या में उत्पन्न होती है, जो कभी-कभी भ्रमित करने वाली होती हैं और इन्हें मॉनिटर करना मुश्किल हो सकता है।
शेयर बाजार में आईओसी के साथ अधिक लचीलापन प्राप्त करें
आईओसी को बाजार या सीमा ऑर्डर के रूप में कॉन्फ़िगर किया जा सकता है। जब आप एक बाजार आर्डर स्थापित करते हैं, तो शेयर वर्तमान बाजार दरों पर खरीदे या बेचे जाते हैं। आप उस मूल्य को तय करने के लिए सीमा ऑर्डर का उपयोग कर सकते हैं जिस पर आप किसी विशिष्ट स्टॉक को खरीदना या बेचना चाहते हैं।
तत्काल या रद्द आदेशों के मामले में आदेशों की आंशिक पूर्ति के लिए प्रावधान भी है। मान लें कि आप ABC के 100 शेयरों को खरीदने के लिए आईओसी ऑर्डर स्थापित करते हैं। वर्तमान में ABC के शेयर बेचने के लिए अपर्याप्त हैं, लेकिन शेयर बाजार में एक आईओसी ऑर्डर जल्दी से शुरू कर दिया गया है, आपको 20 शेयर आवंटित कर दिए जाएंगे, जबकि शेष 80 शेयरों के लिए ऑर्डर स्वचालित रूप से रद्द कर दिया जाएगा।
स्टॉक मार्केट में आईओसी ऑर्डर कब प्रभावी है?
जब आपको एक बड़ा ऑर्डर करने की आवश्यकता होती है लेकिन बाजारों में हेरफेर नहीं करना चाहते हैं, तो आईओसी( IOC ) ऑर्डर संभावित रूप से बेहतर विकल्प है। यदि एक बड़ा ऑर्डर लंबे समय तक खुला रहता है, तो यह कीमत को प्रभावित कर सकता है, खासतौर पर कम मात्रा के शेयरों में। आईओसी लंबी समयावधि तक खुला नहीं होता है। सभी या नन ऑर्डर( none order ) के विपरीत, एक आईओसी गारंटी देता है कि जो कुछ भी उपलब्ध होगा ट्रेडर को आवंटित कर दिया जाता है।आईओसी ऑर्डर को ट्रेडिंग खाते में ऑनलाइन जोड़ा जा सकता है। यदि आप एल्गोरिदम या प्रोग्राम का उपयोग करके अपने मुफ्त ट्रेडिंग खाते से ट्रेडिंग करते हैं, तो शेयर बाजार में आईओसी ऑर्डर भी एक उपयोगी उपकरण है। यह आपको और अधिक तेज़ी से ट्रेडिंग करने की अनुमति देता है और आपके द्वारा स्थापित किए गए प्रत्येक बड़े ऑर्डर को ट्रैक करने की आवश्यकता को समाप्त करता है।
डे आर्डर और आईओसी में क्या अंतर है?
आईओसी ऑर्डर और डे ऑर्डर के बीच अंतर करना सरल है। पूरा न हो पाने पर, ट्रेडिंग दिन के पूरा होने पर डे ट्रेडिंग ऑर्डर रद्द हो जाता है, जबकि शेयर बाजार में आईओसी तब समाप्त होता है,जब प्रतिभूतियों की अनुपलब्धता का पता चलता है।
शेयर बाजार में आईओसी आर्डर को वास्तविक समय कार्यान्वयन
आइए मान लेते हैं कि आप सुविधा के लिए XYZ के 100,000 शेयर खरीदना चाहते हैं। आप अनुमान लगाते हैं कि 1 रुपये के अंतर के लिए, आपको पूरी मात्रा प्राप्त हो सकती है। इस मामले में,आईओसी( IOC ) ऑर्डर बेहतर विकल्प होगा क्योंकि आप बाजार में जल्दी से प्रवेश कर सकते हैं और बाहर निकल सकते हैं।
अंतिम लेकिन महत्वपूर्ण बात, चेतावनी का एक शब्द! यदि आप ऐसे आईओसी ऑर्डर रखते रहते हैं,जिनका निष्पादन आप आंशिक रूप से करते हैं या कभी करते ही नहीं, तो आपका ऑर्डर/ट्रेड अनुपात बढ़ जाएगा। भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड बाजार की अनिश्चितता का ट्रैक रखने के लिए इस पर नज़दीकी नजर रखता है।भागीदारी की दर तक, आईओसी ऑर्डर का उपयोग मितव्ययिता से करें।
यदि सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो तत्काल या रद्द ( IOC ) ऑर्डर बेहद कुशल हो सकता है। कई आईओसी आर्डरों को उनकी स्थिति का ट्रैक रखने की आवश्यकता के बिना विस्तारित अवधि के लिए निष्पादित किया जा सकता है। हालांकि, इसका उपयोग कम से कम किया जाना चाहिए क्योंकि आंशिक रूप से पूर्ण आईओसी ऑर्डर की एक बड़ी संख्या आपकी गणनाओं को पूरा नहीं होने देगी।आईओसी आर्डरों के साथ ट्रेडिंग शुरू करने के लिए आपको एक डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोल सकते हैं। आप डेमैट और ट्रेडिंग खाते के साथ एक ही मंच के माध्यम से कई निवेश कर सकते हैं, जो एक आल-इन-वन खाता है।
एंजल ब्रोकिंग में इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें
आप ना केवल मूल्य में वृद्धि होने पर अभी तो मूल्य में गिरावट आने पर भी कमा सकते हैं। यदि शेयर का प्राइस गिर रहा है और आपको लगता है कि यह और गिरेगा तो इस स्थिति में आप शेयर बेचकर करके पैसे कमा सकते हैं।
निम्नलिखित कदमों का उपयोग करके आप इंट्राडे में स्टॉक्स बेचकर कमाई कर सकते हैं:
- अपने एंजल ब्रोकिंग ऐप से सर्च आइकन को क्लिक कीजिए तथा उस स्टॉक को ढूंढिए जिसमें आप इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते हैं। सबसे पहले आपको मार्केट ऑर्डर का उपयोग कब करना चाहिए? रिजल्ट पर क्लिक कीजिए। आप यदि यह सोचते हैं की मूल्य पहले से ही बहुत अधिक है और निश्चित ही इनमें गिरावट आएगी तो Sell बटन को दबाइए।
- Quatity फील्ड में जितने शेयर आप बेचना चाहते हैं उनकी संख्या लिखिए और उसके बाद यह निश्चित कीजिए की क्या आप मार्केट ऑर्डर प्लेस करना चाहेंगे या लिमिट ऑर्डर (मैं ऊपर समझा चुका हूं)।
- Intraday को Product Type के रूप में चुने।
- बाकी बचे दो फील्ड्स को ना आपको मार्केट ऑर्डर का उपयोग कब करना चाहिए? छुएं और सेल ऑर्डर को प्लेस करने के लिए Sell बटन को दबाएं।
- अपने सेल आर्डर के विवरण को कंफर्म करने के लिए Confirm को क्लिक करें।
- आपका ऑर्डर एग्जीक्यूट हो जाएगा और आप तभी कमा पाएंगे यदि मूल्य में गिरावट आती है तथा आपको हानि होगी यदि मूल्य में वृद्धि होती है।
- होने वाली हानि को सीमित करने के लिए स्टॉप लॉस ऑर्डर को प्लेस करना ना भूलें।
- तय किए गए लक्ष्यों की प्राप्ति के बाद एग्जिट करें और अपने स्टॉप लॉस ऑर्डर को कैंसिल करें।
इस प्रकार, एंजल ब्रोकिंग में इंट्राडे में बेचकर आप कमाई कर सकते हैं।
अस्वीकरण: इस पोस्ट में उपलब्ध सूचना केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है। कृपया किसी भी सुझाव को निवेश की सलाह के रूप में ना लें। ट्रेडिंग जोखिम से संबंधित होती है इसीलिए इसे ध्यानपूर्वक करें।
सेबी के नए मार्जिन नियम आज से लागू, यहां जानिए अपने हर सवाल का जवाब
कैश मार्केट में मार्जिन से जुड़े ने नियम 1 सितंबर से लागू हो गए हैं. सेबी ने इसे कुछ समय टालने की अपील ठुकरा दी है
सेबी मार्जिन के दो तरह के नियमों को लागू करना चाहता है. पहला नियम कैश मार्केट में अपफ्रंट मार्जिन से संबंधित है.
मैं मार्जिन को पूरी तरह से नहीं समझता, क्या मुझे इसके बारे में विस्तार से बता सकते हैं?
मार्जिन का मतलब उस रकम से है, जो आपके ट्रेडिंग अकाउंट में होती है. सामान्य रूप से निवेशक को अपने ट्रेडिंग अकाउंट में जमा रकम से शेयर खरीदने की इजाजत होनी चाहिए. लेकिन, व्यवहार में मामला थोड़ा अलग है. कई ब्रोकिंग कंपनियां अपने क्लाइंट को शेयर खरीदने के लिए रकम उधार देती हैं. इसे लिवरेज या मार्जिन ट्रेडिंग कहते हैं. इंट्राडे ट्रेडिंग में यह ज्यादा देखने को मिलता है.
फिर, 1 सितंबर से क्या बदलने जा रहा है?
पहले हम यह समझते हैं कि शेयरों की डिलीवरी किस तरह होती है. अभी बाजार में डिलीवरी के लिए टी+2 (ट्रेडिंग प्लस दो दिन) मॉडल का पालन होता है. इसका मतलब है कि अगर आप सोमवार को शेयर खरीदते या बेचते हैं तो यह बुधवार को डेबिट या क्रेडिट होगा. इसी तरह शेयर का पैसा भी बुधवार को आपके अकाउंट में आएगा या उससे जाएगा. इस मॉडल में ब्रोकर्स क्लाइंट के अकाउंट में पैसा नहीं होने पर भी शेयर खरीदने की इजाजत देते हैं. यह इस शर्त पर किया जाता है कि आप पैसा टी+1 आपको मार्केट ऑर्डर का उपयोग कब करना चाहिए? या आपको मार्केट ऑर्डर का उपयोग कब करना चाहिए? टी+2 दिन में चुका देंगे.
अब सेबी ने जो नया नियम बनाया है, उसमें ब्रोकर को सौदे की कुल वैल्यू का 20 फीसदी क्लाइंट से अपफ्रंट लेना होगा. इसका मतलब यह है कि सौदे के वक्त क्लाइंट (रिटेल निवेशक) को 20 फीसदी रकम चुकाना होगा. उदाहरण के लिए अगर रिटेल निवेशक रिलायंस इंडस्ट्रीज के एक लाख रुपये मूल्य के शेयर खरीदता है तो ऑर्डर प्लेस करने से पहले उसके ट्रेडिंग अकाउंट में कम से कम 20,000 रुपये होने चाहिए. बाकी पैसा वह टी+1 या टी+2 दिन में या ब्रोकर के निर्देश के मुताबिक चुका सकता है. सेबी के नए नियम के मुताबिक शेयर बेचते वक्त भी आपके ट्रेडिंग अकाउंट में मार्जिन होना चाहिए.
शेयर बेचने के लिए मेरे ट्रेडिंग अकाउंट में मार्जिन क्यों होना चाहिए?
सेबी ने सोच-समझकर यह नियम लागू किया है. इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं. मान लीजिए आप सोमवार को 100 शेयर बेचते हैं. ये शेयर आपको अकाउंट से बुधवार को डेबिट होंगे. लेकिन, अगर आप मंगलवार (डेबिट होने से पहले) को इन शेयरों को किसी दूसरे को ट्रांसफर कर देते हैं तो आपको मार्केट ऑर्डर का उपयोग कब करना चाहिए? सेटलमेंट सिस्टम में जोखिम पैदा हो जाएगा.
ब्रोकिंग कंपनियों के पास ऐसा होने से रोकने के लिए हथियार होते हैं. 95 फीसदी मामलों में ऐसा नहीं होता है. सेबी ने यह नियम इसलिए लागू किया है कि 5 फीसदी मामलों में भी ऐसा न हो.
यह नियम कुछ ज्यादा सख्त लगता है, क्या इसका कोई दूसरा तरीका नहीं है?
इसका दूसरा तरीका है. सेबी ने बगैर मार्जिन शेयर बेचने की इजाजत दी है. लेकिन, इसमें शर्त यह है कि ब्रोकर के पास ऐसा सिस्टम होना चाहिए, जिसमें शेयर बेचने के दिन वह शेयरों को क्लाइंट के अकाउंट से अपने अकाउंट में ट्रांस्फर कर लें. लेकिन, इसमें कुछ ऑपरेशनल दिक्कतें हैं.
इस नियम का बाजार पर क्या असर पड़ेगा?
विश्लेषकों और इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि नए नियमों से ट्रेडिंग वॉल्यूम घटेगा. लेकिन, कुछ लोगों का मानना है कि पिछले 25 साल में जब भी नए नियम लागू किए गए, बाजार ने उसके हिसाब से खुद को ढाल लिया. नए नियम बाजार में जोखिम घटाने और निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए लागू किए जाते हैं.
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Zerodha आपको मार्केट ऑर्डर का उपयोग कब करना चाहिए? के फाउंडर नितिन कामथ की सुनेंगे तो नहीं होगा शेयर बाजार में नुकसान!
शेयर मार्केट से पैसा कमाने के नए निवेशकों को Zerodha के Founder और CEO नितिन कामथ की ये पांच टिप्स बहुत काम आ सकती हैं.
शेयर मार्केट से पैसा कमाने के नए निवेशकों को Zerodha के Founder और CEO नितिन कामथ (Nitin Kamath) की ये टिप्स बहुत काम . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : January 03, 2022, 15:01 IST
नई दिल्ली. साल-दर-साल शेयर मार्केट से ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ते जा रहे हैं. हर निवेशक का सपना जल्द धनी बनने का होता है. लेकिन शेयर मार्केट से जुड़ने वाले नए लोगों में से अधिकतर को निराशा ही हाथ लगती है. शेयर मार्केट से पैसा कमाने के नए निवेशकों को Zerodha के Founder और CEO नितिन कामथ (Nitin Kamath) की ये टिप्स बहुत काम आ सकती हैं.
नितिन कामथ ने जो टिप्स दिए हैं, उनमें सही समय पर पैसा निकलना, ट्रेंड के साथ चलना, लीवरेज का इस्तेमाल न करना और स्टॉक मार्केट में टिप्स देने वालों से बचकर रहना शामिल है.
कब निकलना है ये जानिए
स्मार्ट इन्वेस्टर वही है जिसे यह पता है कि किसी ट्रेड से बाहर कब निकलना है. निवेशक को अपने स्टॉप लॉस और उस अमाउंट को अच्छे से परिभाषित करना चाहिए जिसे खोने की क्षमता उसमें है. साथ ही उसे उस टाइम पीरियड की भी जानकारी होनी चाहिए, जिसका इंतजार वह प्रॉफिट कमाने के लिए कर सकता है. साथ ही निवेशक को यह सुनिश्चित भी करना चाहिए कि किसी भी एक ट्रेड में वह अपनी ट्रेडिंग कैपिटल का आपको मार्केट ऑर्डर का उपयोग कब करना चाहिए? एक फीसदी से ज्यादा हिस्सा न खोएं. एक ट्रे में बड़ा नुकसान होने पर अतार्किक होकर निर्णय लेने की संभावना बढ़ जाती है.
ट्रेंड के साथ चलिए
स्टॉक मार्केट में हमेशा ट्रेंड के साथ चलना चाहिए. प्राय: यह देखा गया है कि स्टॉक प्राइस ट्रेंड के साथ चलते हैं. अगर प्राइस बढ़ रहा है तो लंबे समय तक बढ़ता है और अगर घट रहा है तो घटता ही जाता है. इसलिए जो स्टॉक चढ़ रहे हैं उनमें ट्रेड करें और जो घट रहे हैं उन्हें बेच दें. लॉंग टर्म में गिर रहे स्टॉक को खरीदना लाभदायक नहीं होता है.
लीवरेज बिगाड़ता है खेल
लीवरेज से बहुत बड़ा लाभ कमाना सभी को लुभाता है. लेकिन एक ही बेड ट्रेड आपके अकाउंट को बिगाड़ कर रख देता है. लोगों का ट्रेडिंग बंद करने का यह एक बहुत बड़ा कारण है. लिवरेज को जहां तक हो सके अनदेखा करें. अगर आपने लिवरेज का प्रयोग करने का मन बनाया है तो उसे तभी प्रयोग करें जब किसी ट्रेड में आपका स्ट्रॉग कन्विकशन हो और हमेशा स्टॉप लोस रखें.
स्टॉक टिप्स से बच कर रहें
आपको बहुत से लोग मिल जाएंगे जो आपको जल्द धनवान बनाने के लिए टिप्स देंगे. हकीकत यह है कि ये टिप्स कभी-कभार ही काम करती हैं. सोशल मीडिया आपको मार्केट ऑर्डर का उपयोग कब करना चाहिए? और अन्य प्लेटफार्म दी जाने वाली ज्यादातर टिप्स स्कैम होती हैं. इनका मकसद निवेशक को धोखा देकर अपना उल्लू सीधा करना होता है. इसलिए इनसे बच कर रहना चाहिए.
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