दलाल कैसे बने

स्थापित करने के लिए कि केबल पुल की देखरेख और उसका संचालन करने वाली कंपनी के प्रबंधकों के साथ पार्टी के बड़े नेताओं की कोई साँठगाँठ नहीं थी, मोरबी सीट जीतने के लिए भाजपा अपने सारे संसाधन दाव पर लगा देगी। कंपनी का एक मैनेजर पहले ही दावा कर चुका है कि हादसा 'ईश्वर की मर्ज़ी' से हुआ है। पार्टी की जीत का श्रेय प्रधानमंत्री के नेतृत्व को दिया जाने वाला है, ईश्वर की मर्ज़ी को नहीं।
भोपाल गैस त्रासदी की तरह गुजरात में भी मतदान सम्पन्न होने तक मोरबी पुल हादसे को भुला दिया जाएगा !
Gujrat Election 2022 : भोपाल गैस त्रासदी के लिए अगर यूनियन कार्बाइड प्रबंधन के साथ-साथ अर्जुनसिंह सरकार भी ज़िम्मेदार थी तो मोरबी हादसे के लिए गिनाए जा रहे कारण 'भगवान की मर्ज़ी' के अलावा गुजरात सरकार और घड़ी बनाने वाली ओरेवा कंपनी के प्रबंधकों के बीच साँठगाँठ की ओर भी इशारा करते हैं.
वरिष्ठ संपादक श्रवण गर्ग सवाल कर रहे हैं क्या मोरबी में भी भोपाल होगा?
मोरबी से कौन जीतने वाला है? क्या भाजपा ही जीतेगी या मतदाता उसे इस बार हराने वाले हैं? प्रधानमंत्री अगर साहस दिखा देते कि दर्दनाक पुल हादसे की नैतिक ज़िम्मेदारी स्वीकार करते हुए भाजपा मोरबी से अपना कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा करेगी तो मतदान के पहले ही मोदी गुजरात की जनता की सहानुभूति अपने पक्ष में कर सकते थे। उन्होंने ऐसा नहीं किया। प्रधानमंत्री मोदी भावनाओं में बहकर राजनीतिक फ़ैसले नहीं लेते। वर्तमान के क्रूर राजनीतिक माहौल में इस तरह के नैतिक साहस की उम्मीद किसी भी राजनीतिक दल से नहीं की जा सकती।
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नवभारत टाइम्स 16 घंटे पहले
मुंबई:
पीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड (PTC Industries Limited) क्रिटिकल और सुपर-क्रिटिकल ऑपरेशंस के लिए हाई-क्वालिटी इंजीनियरिंग कंपोनेंट्स बनाती है। कंपनी ऑयल, गैस और लिक्विफाइड नेचुरल गैस, ऑफशोर दलाल कैसे बने एंड मरीन, वॉल्व्स एंड फ्लो कंट्रोल, पावर प्लांट्स और टर्बाइंस, पल्प एंड पेपर इंडस्ट्री और दूसरी कैपिटल गुड्स इंडस्ट्रीज में इंडस्ट्रियल एप्लिकेशंस में काम आने वाले दलाल कैसे बने कई तरह के प्रॉडक्ट बनाती है। बिक्री की बात करें तो कंपनी की कुल सेल में 48 दलाल कैसे बने फीसदी हिस्सा यूरोपियन यूनियन से, 19 परसेंट भारत से, 17 परसेंट अमेरिका से, 11 परसेंट चीन से और बाकी हिस्सा बाकी दुनिया से आता है। कंपनी की उत्तर प्रदेश और गुजरात में दो मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं। साथ ही कंपनी के पास DSIR से अप्रूव्ड रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैब है।
स्क्रीन टेस्ट में फेल और रिजेक्ट होने के बाद भी सलमान खान ही बने मैंने प्यार किया के हीरो, जानें क्यों
सूरज बड़जात्या की फिल्म मैंने प्यार किया हिंदी सिनेमा की आइकॉनिक फिल्मों में से एक मानी जाती है। इसी फिल्म पर हाल ही में बड़जात्या ने बात की और बताया कि उन्होंने सलमान खान को पहले स्क्रीन टेस्ट में रिजेक्ट कर दिया था, लेकिन बाद में वह ही लीड हीरो बने।
एंटरटेनमेंट डेस्क. डायरेक्टर सूरज बड़जात्या (Sooraj Barjatya) की फिल्म ऊंचाई 11 नवंबर को सिनेमघरों में रिलीज हुई। फिल्म को वीकेंड पर अच्छी ओपनिंग मिली। करीब सात साल बाद बड़जात्या की कोई फिल्म आई है। उनकी आखिरी फिल्म 2015 में आई प्रेम रतन धन पायो थी, जो बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी। इसी बीच उन्होंने अपनी पहली फिल्म मैंने प्यार किया (Maine Pyar Kiya) जोकि 1989 में आई थी, को लेकर कुछ खुलासे किए। उन्होंने यह भी बताया कि फिल्म के लिए पहली पसंद सलमान खान (Salman Khan) नहीं थे। वैसे, आपको बता दें कि मैंने प्यार किया में प्रेम का रोल निभाकर सलमान ने सनसनी मचा दी थी। फिल्म में भाग्यश्री लीड एक्ट्रेस थी। इसे हिंदी सिनेमा में अब तक की सबसे आइकॉनिंक फिल्मों में से एक माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं सलमान को उनके पहले स्क्रीन टेस्ट में ही रिजेक्ट कर दिया गया था।
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने जारी की स्टार प्रचारकों की लिस्ट
(प्रियांशी श्रीवास्तव): गुजरात विधानसभा के चुनाव को लेकर तैयारियां जोरो पर चल रही है इसी बीच कांग्रेस ने आज स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है। इस सूची में पार्टी के बड़े-बड़े नेताओं के नाम शामिल हैं। पार्टी ने इन प्रचारकों की सूची चुनाव आयोग को सौंप दी है। स्टार प्रचारकों में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी से लेकर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत 40 नेताओं के नाम शामिल हैं।
तीन लाख मीट्रिक टन धान की खरीद
उत्तर प्रदेश में धान की खरीद भी शुरू हो चुकी है। इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने सभी जिलाधिकारियों को दो टूक निर्देश दे दिया है कि धान खरीद में पूरी तरह दलाल कैसे बने से सावधानी बरतें। जितना ज्यादा से ज्यादा धान क्रय केंद्र खोले जा सकते हैं, खोले जाएं। अन्नदाता को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। अब तक तीन लाख मैट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है। धान, बाजरा, मक्का सभी फसलों का क्रय न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करते हुए किसानों के खातों में दलाल कैसे बने डीबीटी के माध्यम से धनराशि यथाशीघ्र उनके बैंक खातों में अंतरित करने का निर्देश अधिकारियों को दिया दलाल कैसे बने गया है।
देवव्रत वाजपेयी हिंदी पत्रकारिता में 7 सालों से सक्रिय हैं. वह खेती-किसानी, खेल, एंटरटेनमेंट जैसे विषयों में लिखने की रुचि रखते हैं. उन्होंने अब तक न्यूज़18 हिंदी, वेबदुनिया, दैनिक जागरण और इंडिया डॉट कॉम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के लिए काम किया है.