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स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है?

स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है?

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Share Market: Reliance के शेयर में कमाई का शानदार मौका, जानिए क्या कहते है एक्सपर्ट

Share Market: Reliance Industries Ltd. Share Price, SMC Global Securities के Derivative Head न‍ित‍िन मुरारका (Nitin Murarka) के मुताबिक इस हफ्ते द‍िसंबर में र‍िलायंस इंडस्‍ट्रीज (Reliance Industries) का शेयर 2700 रुपये के भी पार जा सकते है। न‍ित‍िन ने कहा क‍ि इस शेयर पर 2575 रुपये स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है? का स्‍टॉप लॉस भी रख सकते है।

र‍िलायंस इंडस्‍ट्रीज ल‍िम‍िटेड के शेयर में तेजी

इंडियन स्टॉक मार्केट में निवेशकों की चांदी होने वाली स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है? है। न‍िवेशकों के लिए अच्‍छे द‍िन फ‍िर से लौट आए हैं क्योंकि मार्केट में तेजी का माहौल बरकरार है।क्षशुक्रवार को हफ्ते के आख‍िरी कारोबारी द‍िन सेंसेक्‍स तेजी दर्ज करते हुए र‍िकॉर्ड हाई पर पहुंचा था और न‍िफ्टी (Nifty) भी 18500 के पार बंद हुआ था।
शेयर मार्केट के एक्सपर्ट के अनुसार इस हफ्ते भी मार्केट में तेजी बने रहने की उम्मीद है। निवेशकों के लिए यह हफ्ता बड़ा ही शानदार होगा क्योंकि एक्सपर्ट के मुताबिक इस हफ्ते रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Ltd.) के शेयरों में दमदार उछाल देखने को मिल सकता है।

2700 रुपये का है टारगेट प्राइस

न‍ित‍िन मुरारका (Nitin Murarka) के मुताबिक द‍िसंबर में र‍िलायंस इंडस्‍ट्रीज (Reliance Industries) का शेयर 2700 रुपये के भी पार जा सकता है। उन्‍होंने यह भी कहा क‍ि र‍िलायंस के शेयर (RIL Share) पर 2575 रुपये का स्‍टॉप लॉस रख सकते हैं और इस शेयर का टारगेट प्राइस 2700 रुपये है। हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को भी र‍िलायंस का शेयर 34.50 रुपये (1.34 प्रत‍िशत) की तेजी के साथ 2617 रुपये के पार पहुंच चुका है।

52 हफ्ते में बना दिया 2,855 रुपये का हाई

शुक्रवार को कारोबारी सत्र में भी शेयर (Reliance Industries Ltd. Share Price) ने 2624 रुपये का हाई भी टच क‍िया था। वहीं प‍िछले 52 हफ्ते में र‍िलायंस के शेयर का हाई 2,855 रुपये और लो लेवल 2,181 रुपये है। वहीं कंपनी का मार्केट कैप प‍िछले हफ्ते से बढ़त के साथ 17,70,532.20 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। इस बात से यह कहना गलत नहीं है कि मार्केट कैप के लिहाज से मुकेश अंबानी की कंपनी आरआईएल (RIL) देश की सबसे बड़ी कंपनी है।

न‍िवेशकों के ल‍िए बेस्ट रहा प‍िछला हफ्ता

Share Market, प‍िछले हफ्ता स्टॉक मार्केट के साथ ही इन्वेस्टर्स के लिए भी अच्‍छा रहा। स्‍टॉक मार्केट के प्रमुख सूचकांकों में तेजी दर्ज हुई थी।‌वहीं 30 अंक वाले सेंसेक्स (Sensex) ने पांच कारोबारी सत्र के दौरान 1,087.91 अंक (1.78 %) की तेजी दर्ज की की थी और यह 62,293.64 रिकॉर्ड हाई पर क्लोज हुआ था। इसके अलावा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के निफ्टी ने भी पांच कारोबारी सत्र में 338.30 अंक (1.86 फिसदी) की तेजी दर्ज की और यह 18512 अंक पर बंद हुआ था। आने वाले कुछ ही समय में यह 18700 प्‍वाइंट के लेवल को भी क्रॉस कर सकता है।

स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है?

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इस प्राइवेट बैंक ने दिया आपने कस्टमर्स को तोहफा! अब FD पर मिलेगा 8% के करीब ब्याज

इसी क्रम में प्राइवेट सेक्टर लेंडर फेडरल बैंक (Federal Bank) ने 2 करोड़ रुपये से अधिक के बल्क एफडी (2 करोड़ रुपये से अधिक की FD) पर इंटरेस्ट रेट को बढ़ा दिया है।

इस प्राइवेट बैंक ने दिया आपने कस्टमर्स को तोहफा! अब FD पर मिलेगा 8% के करीब ब्याज

फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में पैसे निवेश करना अभी भी सबसे सुरक्षित विकल्प माना जाता है। अपने पैसे को एफडी में निवेश करने पर आपको एक निश्चित अवधि के बाद गारंटीड रिटर्न मिलता है। इसी क्रम में प्राइवेट सेक्टर लेंडर फेडरल बैंक (Federal Bank) ने 2 करोड़ रुपये से अधिक के बल्क एफडी (2 करोड़ रुपये से अधिक की FD) पर इंटरेस्ट रेट को बढ़ा दिया है। इंटरेस्ट रेट में इस इजाफे के बाद फेडरल बैंक अपने ग्राहकों को 7 दिन से लेकर 5 साल से अधिक की बल्क एफडी पर 4.25 पर्सेंट से 6.50 पर्सेंट का ब्याज देगा। जबकि बैंक सबसे ज्यादा 7.29 पर्सेंट का ब्याज 1 साल 1 दिन से 15 महीने की बल्क एफडी पर दे रहा है। बैंक की बढ़ी हुई नई ब्याज दरें 28 नवंबर से लागू है।

फेडरल बैंक की बढ़ी हुई नई ब्याज दरें
बल्क डिपॉजिट रेट में इजाफे के बाद फेडरल बैंक अपने ग्राहकों को 7 दिन से 14 दिन की डिपॉजिट पर 4.25 पर्सेंट, 15 दिन से 29 दिन के डिपॉजिट पर 4.75 पर्सेंट, 30 दिन से 45 दिन के डिपॉजिट पर 5 पर्सेंट, 46 दिन से 60 दिन के डिपॉजिट पर 5.25 पर्सेंट, 61 दिन से 90 दिन के डिपॉजिट पर 5.50 पर्सेंट और 91 दिन से 120 दिन के डिपॉजिट पर 6.25 पर्सेंट का ब्याज दे रहा है। वहीं बैंक 181 दिन से 270 दिन के डिपॉजिट पर 6.50 पर्सेंट, 271 दिन से लेकर 1 साल से कम के डिपॉजिट पर 6.75 पर्सेंट और 1 साल 1 दिन से 18 महीने के डिपॉजिट पर 7 पर्सेंट का ब्याज दे रहा है।

NRE टर्म डिपॉजिट पर 6.50% से 6.85% का ब्याज
इंटरेस्ट रेट में लेटेस्ट इजाफे के बाद बैंक 18 महीने से 2 साल के डिपॉजिट पर 7.15 स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है? पर्सेंट, 2 साल से 3 साल के डिपॉजिट पर 7 पर्सेंट, 3 साल से लेकर 5 साल के डिपॉजिट पर 6.75 पर्सेंट और 5 साल से ऊपर के डिपॉजिट पर 6.50 पर्सेंट का ब्याज दे रहा है। इसके अलावा फेडरल बैंक ने 2 करोड़ रुपये और उससे अधिक के NRE टर्म डिपॉजिट पर 6.50 पर्सेंट से 6.85 पर्सेंट का ब्याज देगा। हालांकि 2 करोड़ रुपये और उससे अधिक के सिंगल डिपॉजिट पर बैंक ने सीनियर सिटीजन ग्राहकों को कोई एडिशनल एडवांटेज नहीं दिया है।

Overload Relay full explain in hindi

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What is Overload Relay (ओवरलोड रिले क्या है)

ओवरलोड रिले एक इलेक्ट्रिकल डिवाइस है, जिसका स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है? उपयोग हम मोटर को सेफ्टी देने के लिए करते है। इसकी वर्किंग काफी आसान होती है। यह मोटर में जाने वाले करंट को सेंस करती है। और अगर मोटर Relay पर सेट करंट से ज्यादा एम्पेयर लेती है, तो यह OLR सर्किट को ट्रिप करा देती है। इस तरह मोटर सेफ हो जाती है।

Overload relay working (OLR कैसे काम करती है)

ओवरलोड रिले के अंदर बाई मेटालिक एलिमेंट होते है। मोटर में जाने वाला करंट इन्ही बाई-मेटालिक एलिमेंट से होकर जाता है। अब अगर मोटर ज्यादा करंट लेती है, तो यह बाई मेटालिक एलिमेंट गरम होकर मुड जाते है। ऐसा होते ही सर्किट ब्रेक हो जाता स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है? है, और मोटर बंद हो जाती है।

Overload relay Connection

OLR का ज्यादातर उपयोग कॉन्टैक्टर के साथ किया जाता है। ओवरलोड रिले स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है? को उपयोग में लेते समय दो प्रकार के कनेक्शन होते है।

  1. Power connection(पावर कनेक्शन)
  2. Control connection(कण्ट्रोल कनेक्शन)

Power Wiring- पावर वायरिंग के अंदर कॉन्टैक्टर से निकले तीन फेज को हम रिले के L1 L2 L3 टर्मिनल के साथ जोड़ देते है। इसके बाद Relay के T1 T2 T3 टर्मिनल से हम मोटर को थ्री फेज सप्लाई देते है।

Control Wiring- कण्ट्रोल वायरिंग में आपको सिर्फ मोटर स्टॉप बटन (NC push button) के सीरीज में रिले को जोड़ना होता है। यह हम सभी को पता है, की कॉन्टैक्टर को बंद चालू करने के लिए हम सप्लाई NO NC पुश बटन से देते है। तो अब आपको NC बटन से निकले वायर को डायरेक्ट NO पुश बटन में नहीं लगाना है।

NC बटन से निकला फेज पहले OLR relay के NC कांटेक्ट में जाएगा और फिर relay के NC कांटेक्ट से निकले फेज वायर को हम स्टार्ट पुश बटन (NO) में जोड़ देंगे।

OLR Relay types (ओवरलोड रिले के प्रकार)

ओवरलोड रिले मुख्य 2 प्रकार की आती है।

  1. Thermal Overload relay
  2. Magnetic Overload relay

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Thermal Overload relay- थर्मल ओवरलोड रिले की वर्किंग काफी आसान होती है। इस प्रकार की रिले में मोटर के अंदर जाने वाला करंट पहले रिले के कांटेक्ट से होकर जाता है। यह रिले के कांटेक्ट उस करंट के बहने से हीट मतलब गरम हो जाते है और यह कितने गरम हो रहे है, इसी पर थर्मल ओवरलोड रिले काम करती है।

Magnetic Overload relay- लेकिन मैग्नेटिक ओवरलोड रिले हीट पर काम नहीं करती है। यह मैग्नेटिक फील्ड पर काम करती है। जैसा हम सभी को पता है अगर किसी कंडक्टर में से करंट फ्लो होता है, तो उसके आस-पास मैग्नेटिक फील्ड बन जाती है। तो यह मैग्नेटिक ओवरलोड रिले इसी पर काम करती है।

यह करंट से बनने वाले मैग्नेटिक फील्ड की स्ट्रेंथ को सेंस करके पता करती है, की मोटर ओवरलोड तो नहीं चल रही है। और अगर कोई ओवरलोड कंडीशन होती है, तो यह तुरंत ट्रिप कर जाती है।

Overload relay protection in hindi

ओवरलोड रिले हमारे इलेक्ट्रिकल उपकरण को मुख्य 3 फाल्ट से सुरक्षा देती है।

  • Overloading Fault- ओवरलोडिंग फाल्ट का मतलब जब कभी हम हमारे उपकरण को ओवरलोड रिले से जोड़ देते है। अब अगर वह उपकरण रिले पर सेट एम्पेयर से ज्यादा करंट लेता है, तो उस समय रिले ओवरलोड फाल्ट समझ कर सर्किट को ट्रिप कर देती है।
  • Input Phase loss- यह सुरक्षा इलेक्ट्रिकल मोटर के लिए काफी ज्यादा जरूरी है। जैसा की हम सभी को पता है की अगर किसी थ्री फेज मोटर के अंदर हम गलती से 2 फेज सप्लाई दे देते है, तो वह मोटर कुछ दी देर में जल जाएगी। तो ओवरलोड रिले इस फाल्ट से भी सुरक्षा देती है। अगर कभी कोई फेज कही मिस हो जाता है, तो यह रिले इनपुट फेज लॉस फाल्ट पर ट्रिप हो जाती है।
  • Phase Imbalance- अगर कभी हमारे तीनो फेज में वोल्टेज अलग-अलग आ रहे है, एक में ज्यादा दूसरे में कम तब भी Olr relay ट्रिप होकर सिस्टम को सुरक्षा देती है। इसके साथ ही अगर हमारी मोटर भी एक फेज में ज्यादा करंट और दूसरे में कम करंट लेती है तब भी यह रिले फेज इम्बैलेंस फाल्ट से ट्रिप हो जाती है।
Can OLR protect from short circuits?

कई लोगो के मन में यह सवाल होता है की क्या ओवरलोड रिले शार्ट सर्किट से सुरक्षा देती है? तो दोस्तों इसका जवाब है नहीं। ओवरलोड रिले हमारे उपकरण को सिर्फ तीन प्रोटेक्शन देती है overload, phase loss और phase imbalance.

अगर आपको साथ में शार्ट सर्किट प्रोटेक्शन चाहिए तो आपको इसके साथ में MCB को भी लगा देना चाहिए, ताकि MCB शार्ट सर्किट फाल्ट पर सिस्टम को प्रोटेक्शन देती रहे।

Parts of an overload relay

Terminal- रिले के अंदर कुल 6 टर्मिनल होते है। इसमें L1 L2 L3 पर फेज सप्लाई वायर को जोड़ा जाता है। इसके साथ ही इसमें T1 T2 T3 टर्मिनल होते है, इन टर्मिनल पर मोटर के वायर को जोड़ा जाता है।

OLR-Relay-Parts-name-in-hindi

Ampere Range Setting- सभी प्रकार की ओवरलोड रिले में आपको एक रोटरी नॉब जरूर देखने को मिलेगी। इसकी सहयाता से हम रिले को सेट कर सकते है, की वह ज्यादा से ज्यादा कितने करंट को निकलने देगी।

Reset Button- जब किसी कारण से ओवरलोड रिले ट्रिप हो जाती है, तब हमे उसको वापस उपयोग करने के लिए रिले को रिसेट करना होता है। तो OLR relay को रिसेट करने के लिए इस पर एक रिसेट बटन लगा होता है।

Manual/Auto reset selection- यह एक बटन होता है, इसको आप ऑटो पर या फिर मैन्युअल दोनों में से किसी पर भी सेट कर सकते है। अगर आपने इसे मैन्युअल पर सेट कर रखा है, तो फाल्ट के होने पर आपको रिले खुद जाकर रिसेट करनी होगी। लेकिन ऑटो के समय यह रिले थोड़ी देर में अपने आप ठंडी होकर रिसेट हो जाती है।

Auxiliary contact- यह ऑक्सलारी कांटेक्ट में NO और NC कांटेक्ट होते है। इसके NC कांटेक्ट का मुख्य उपयोग हम कॉन्टैक्टर को रिले से स्टार्ट और बंद के करने के लिए लेते है।

Test button- इस बटन की मदद से हम relay को चेक कर सकते है की वह सही से काम कर रही है या नहीं।

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तो दोस्तो उम्मीद है, आज स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है? आपके OLR मतलब Overload Relay से जुड़े कई सवालो के जवाब मिल गए होंगे। अगर अभी भी आपके कोई सवाल इंजीनियरिंग से जुड़े है, तो आप हमे कमेन्ट में जरूर बताए।

इंजीनियरिंग दोस्त (Engineering Dost) से जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। 🙂

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