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प्रारंभिक लागत

प्रारंभिक लागत
जब हम एक निवेशक के दृष्टिकोण को देखते हैं तभी हमें एकाधिकार का लाभ दिखाई देगा, वार्ना एकाधिकार के फायदे से ज्यादा इसके नुकसान है।

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सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा सहायिका/1858-1919 तक का आधुनिक भारत का इतिहास

राधाकांत देब (1784-1867) एक विद्वान और रूढ़िवादी हिंदू समाज के नेता थे। वर्ष 1822 और वर्ष 1856 के बीच उन्होंने आठ खंडों में संस्कृत भाषा का एक शब्दकोष शब्द कल्पद्रुम प्रकाशित किया। वर्ष 1851 में ब्रिटिश इंडियन एसोसिएशन की स्थापना पर राधाकांत देब को इसका अध्यक्ष चुना गया और अपनी मृत्यु तक इस पद पर रहे। मद्रास महाजन सभा की स्थापना 16 मई 1884 को एम. वीराराघवाचार्य, जी. सुब्रमण्य अय्यर और पी. आनंद चार्लू ने की थी। संगठन का उद्देश्य स्वतंत्रता संग्राम के लिये काम करने वाले विभिन्न क्षेत्रीय संगठनों को एकीकृत करना था। सर सुरेन्द्रनाथ प्रारंभिक लागत बनर्जी का जन्म 10 नवंबर 1848 को कलकत्ता में हुआ था। उन्होंने 26 जुलाई 1876 को इंडियन एसोसिएशन प्रारंभिक लागत की स्थापना की जिसका उद्देश्य अखिल भारतीय राजनीतिक आंदोलन का केंद्र था। नेशनल कॉन्फ्रेंस का पहला सत्र 28-30 दिसंबर वर्ष 1883 को कलकत्ता में आयोजित किया गया था, और इसमें भारत के विभिन्न हिस्सों से सौ से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।

नागदा में बनेगा 400 करोड़ की लागत से सौर पार्क परियोजना

नागदा/उज्जैन। उज्जैन जिले के औद्योगिक नगर नागदा (Nagda, an industrial town in Ujjain district) से लगभग 6 किमी दूर उन्हेल रोड पर एनटीपीसी (NTPC) की खाली पड़ी लगभग 1000 हजार भूमि पर 400 करोड़ की लागत से सौर पार्क परियोजना स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। भूमि का प्रारंभिक परीक्षण कर मिट्टी आदि की जांच का कार्य पूरा हो गया है। अब शीघ्र निविदा आदि की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इस प्रोजेक्ट की मंजूरी की विधिवत सूचना केंद्रीय विद्युत मंत्री एवं नवीन और नवीनीकरण उर्जा आरके सिंह ने क्षेत्रीय प्रारंभिक लागत सांसद अनिल फिरोजिया को प्रेषित की है।


सांसद प्रतिनिधि प्रकाश जैन ने शुक्रवार को हिन्दुस्थान समाचार संवाददाता नागदा को केन्द्रीय मंत्री के पत्र की प्रति भी उपलब्ध कराई। इस प्रोजेक्ट की मंजूरी को लेकर एक प्रेसवार्ता का आयोजन भी हुआ, जिसमें मप्र असंगठित कामगार कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सुल्तान सिंह शेखावत ने भाजपा मंडल अध्यक्ष सीएम अतुल एवं प्रकाश जैन की मौजूदगी में योजना से संबंधित बातों का खुलासा किया।

BUNDI : बरूंधन गांव में घोड़ा पछाड़ नदी पर बनेगा ग्रामीणों के सपनों का लक्ष्मण झूला

BUNDI : बरूंधन गांव में घोड़ा पछाड़ नदी पर बनेगा ग्रामीणों के सपनों का लक्ष्मण झूला

बूंदी. कहते हैं जहां चाह होती है वहां राह निकल आती है। ऐसा ही हुआ बरूंधन नाव घाट का टापरा बस्ती में। यहां आखिर ग्रामीणों के लंबे संघर्ष की जीत हो गई। अब ग्रामीणों को नाव के भरोसे नदी पार नहीं करनी पड़ेगी। बस्ती के करीब से निकल रही घोड़ा पछाड़ नदी में 300 फीट लंबा लक्ष्मण झूला बनेगा। जिसकी चौड़ाई साढ़े चार फीट होगी। इसकी प्रारंभिक लागत करीब पचास लाख रुपये आंकी गई। जिसके लिए बूंदी विधायक अशोक डोगरा ने 30 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति विधायक कोष से बुधवार को जारी कर दी। इसके निर्माण के लिए 10 लाख रुपये की मंजूरी तालेड़ा प्रधान राजेश रायपुरिया ने पंचायत समिति मद से देने की स्वीकृति दे दी। शेष राशि को अन्य विभाग और ग्राम पंचायत वहन कर लेंगी। यानी अब नाव घाट का टापरा बैरवा बस्ती के लोगों को ग्राम पंचायत मुख्यालय बरूंधन आने के लिए नाव का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। स्कूली बच्चे बारिश में भी आसानी से रोज स्कूल आ-जा सकेंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार आरटीयू के रिटायर्ड प्रोफेसर आर.सी. मिश्रा इसकी डिजाइन तैयार कर रहे हैं। जो दो-तीन दिन में बनकर तैयार हो जाएंगी। इसे सार्वजनिक निर्माण विभाग तैयार करेगा। इस पर से पैदल, बाइक निकल सकेगी।

अति प्राचीन बाकनेश्वर महादेव मंदिर का 101 फीट ऊंचा होगा शिखर

पीथमपुर के अतिप्राचीन बोकनेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में 16 जून को प्रारंभिक तौर पर दो करोड़ रुपए की लागत से भव्य मंदिर निर्माण का भूमिपूजन विधि-विधान से पूजन-अर्चन के साथ हुआ। करीब 9000 वर्ग मीटर के इस मंदिर में 7000 वर्गफीट का बड़ा हाल व 2000 वर्गफीट का गर्भ गृह होगा। इसमें 11 फीट की भोलेनाथ की मूर्ति और करीब

अति प्राचीन बाकनेश्वर महादेव मंदिर का 101 फीट ऊंचा होगा शिखर

पीथमपुर (नईदुनिया न्यूज)। पीथमपुर के अतिप्राचीन बोकनेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में 16 जून को प्रारंभिक तौर पर दो करोड़ रुपए की लागत से भव्य मंदिर निर्माण का भूमिपूजन विधि-विधान से पूजन-अर्चन के साथ हुआ। करीब 9000 वर्ग मीटर के इस मंदिर में 7000 वर्गफीट का बड़ा हाल व 2000 वर्गफीट का गर्भ गृह होगा। इसमें 11 फीट की भोलेनाथ की मूर्ति और करीब तीन फीट ऊंचा शिवलिंग स्थापित किया जाएगा। मंदिर के शिखर की ऊंचाई 101 फीट रहेगी, जो शहर के लिए एक नई पहचान साबित होगी। शहर में आने वाले हर व्यक्ति को सबसे पहले इस मंदिर के शिखर दर्शन प्राप्त होंगे।

एकाधिकार कैसे बनता है? (How is Monopoly formed in Hindi?)

उच्च प्रारंभिक लागत – एकाधिकार का सबसे बड़ा कारण उच्च प्रारंभिक लागत है, कई क्षेत्रों में व्यवसाय को स्थापित करने के लिए उच्च लागत की आवश्यकता होती है।

उदाहरण के लिए – टेलीकॉम सेक्टर जहां आपको सबसे पहले टावर्स को स्थापित करने के लिए बहुत अधिक धन की आवश्यकता होती है।

अनोखा उत्पाद – प्रारंभिक लागत किसी कंपनी द्वारा बनाया गया एक एसा अनूठा उत्पाद प्रारंभिक लागत जिसका बाजार में कोई विकल्प नहीं है, इसीलिए वह कंपनी उस उत्पाद को अपनी कीमतों पर बेच सकती है। जैसे की, बाजार में माइक्रोसॉफ्ट विंडोज का कोई उचित विकल्प नहीं है। आप यहां Google का नाम भी ले सकते हैं।

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आपूर्ति श्रृंखला का लाभ – कई कंपनियां आपूर्ति श्रृंखला में लाभ के कारण पूरे बाजार पर शासन करती हैं।

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