बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं?

बुधवार को ही अमेरिकी बाजार में इस क्रिप्टोकरेंसी की कीमत $10,000 बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं? के स्तर के पार गई. कमाल की बात यह है कि इसकी मांग और लोगों की बिटकॉइन के लिए दिवानगी का आलम यह था कि चंद ही घंटों में यह करेंसी 20 फीसदी की छलांग लगाकर $11,000 का स्तर भी पार कर गई.
RBI ने लॉन्च किया Digital Rupee: बिना इंटरनेट भी होगा पेमेंट, जानें क्रिप्टो से कैसे है अलग
RBI Digital Rupee: डिजिटल रुपये (Digital Rupees) की सुगबुगाहट पिछले एक साल से हो रही थी। आखिरकार इसका पायलट प्रोजेक्ट 1 नवंबर से शुरू हो गया। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मंगलवार को डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया है। लेकिन, सभी के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह क्रिप्टोकरेंसी जैसा होगा या उससे अलग? इसे किस तरह संचालित किया जाएगा? आइए जानते हैं कि कैसा होगा भविष्य का पैसा?
आखिरकार भारत में अपनी डिजिटल करेंसी की शुरुआत हो गई है। 1 नवंबर 2022 से होल्सेल ट्रांजैक्शन में इसका इस्तेमाल होगा। हालांकि, अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। डिजिटल रुपये अब आपकी पॉकेट में नहीं होगा। लेकिन, वर्चुअल वर्ल्ड में इसका इस्तेमाल आपके जरिए ही होगा। ये नोट की तरह जेब में रखने के लिए नहीं मिलेगा। इसका प्रिंट भी नहीं होगा। बल्कि टेक्नोलॉजी के जरिए आपके काम आएगा, जैसे- क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Cryptocurrency Bitcoin) का इस्तेमाल होता है। सरकार इसे पूरी तरह से लीगल टेंडर बनाएगी और मानेगी भी। इसमें निवेश भी आसान होगा और RBI इसे रेगुलेट करेगी। डिजिटल करेंसी में कई देशों की रुचि है। हालांकि,केवल कुछ ही देश अपनी डिजिटल करेंसी को विकसित करने के पायलट चरण से आगे बढ़ने में कामयाब रहे हैं।
क्या है डिजिटल रुपया?
भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि सीबीडीसी डिजिटल रूप में केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक लीगल मुद्रा है। आरबीआई की वेबसाइट के अनुसार 'यह कागजी बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं? मुद्रा के समान है और कागजी मुद्रा के साथ इसका विनिमय किया जा सकेगा। केवल इसका रूप अलग है'। बता दें, अभी हम भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से जारी 100, 200 रुपये के नोट्स और सिक्के का उपयोग करते बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं? हैं। इसी का डिजिटल स्वरूप ही डिजिटल रुपया कहलाएगा। टेक्निकल भाषा में इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) भी कह सकते हैं। यह रुपये का इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म है, जिसका उपयोग हम बिना स्पर्श किए (कॉन्टैक्टलेस ट्रांजैक्शन) करेंगे।
- CBDC देश का डिजिटल टोकन होगा
- बिजनेस में पैसों के लेनदेन में आसानी होगी
- चेक और बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन का कोई झंझट नहीं
- मोबाइल से सेकेंडों में पैसा होगा ट्रांसफर बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं?
- नकली करेंसी का कोई डर नहीं
- पेपर नोट के प्रिटिंग का खर्च बचेगा
- CBDC को डैमेज नहीं किया जा सकेगा
लेन-देन पर रहेगी आरबीआई की नजर
ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटने के अलावा, इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले लेनदेन तक पहुंच हो जाएगी। इस प्रकार देश में आने और देश से बाहर जाने वाले पैसों पर ज्यादा कंट्रोल होगा।
डिजिटल रुपी मौजूदा करेंसी नोट की व्यवस्था को खत्म करने के लिए नहीं आ रही है बल्कि यह लोगों को लेनदेन में एक और ऑप्शन देगा। करेंसी नोट वाली व्यवस्था और डिजिटल रुपी वाली व्यवस्था दोनों चलेंगी। इससे कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा। डिजिटल रुपया कुछ इस तरह से लाया जाएगा कि बिना इंटरनेट के भी इसका पेमेंट किया जा सकेगा। यानी जब कभी ये आम लोगों के उपयोग में आए तो वह इसका उपयोग ऑफलाइन भी कर पाएंगे। इसका मकसद ये भी होगा कि ऐसे लोग जिनके पास बैंक खाता नहीं है वो भी इसका इस्तेमाल कर सकें।
Bitcoins : क्रिप्टो वैध है या अवैध, जल्द ही हो जाएगा साबित
नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। सुप्रीम कोर्ट ने बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं? कथित तौर पर केंद्र से भारत में बिटकॉइन के उपयोग की वैधता पर अपना रुख स्पष्ट करने का आग्रह किया है। इसके पहले भी शीर्ष अदालत ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार से भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य पर अपना बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं? बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं? रुख स्पष्ट करने को कहा था। इससे पहले, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि “क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने या न करने” पर अंतिम निर्णय उचित परामर्श के बाद लिया जाएगा। “क्रिप्टोक्यूरेंसी पर प्रतिबंध लगाना या न करना परामर्श के बाद में आएगा। सीतारमण ने राज्यसभा में एक बजट बहस का जवाब देते हुए कहा।
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देश में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता पर स्पष्टीकरण देते हुए, सीतारमण ने बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं? कहा: “मैं कर लगाउंगी क्योंकि यह कर का एक संप्रभु अधिकार है”। मंत्री क्रिप्टोक्यूरेंसी पर कांग्रेस सदस्य छाया वर्मा द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब दे रही थी। वर्मा ने क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाने की वैधता के बारे में पूछा था। 1 फरवरी को अपने बजट भाषण में, सीतारमण ने कहा था कि केवल आरबीआई द्वारा जारी ‘डिजिटल रुपया’ को मुद्रा के रूप में मान्यता दी जाएगी, और सरकार 1 अप्रैल से किसी भी अन्य निजी डिजिटल संपत्ति से होने वाले लाभ पर 30 प्रतिशत कर लगाएगी।
बजट 2022-23 में एक साल में 10,000 रुपये से अधिक की आभासी मुद्राओं के भुगतान और प्राप्तकर्ता के हाथों ऐसे उपहारों के कराधान पर एक प्रतिशत टीडीएस का प्रस्ताव किया गया है। विशिष्ट व्यक्तियों के लिए टीडीएस की सीमा 50,000 रुपये प्रति वर्ष होगी, जिसमें ऐसे व्यक्ति/एचयूएफ शामिल हैं जिन्हें आई-टी अधिनियम के तहत अपने खातों का ऑडिट कराना आवश्यक है।
Digital Rupee: बजट 2022 में हुई डिजिटल करेंसी की घोषणा, किस तरह काम करेगी भारत की अपनी डिजिटल करेंसी
आज संसद में हमारी केंद्रीय वित्त मंत्री (फाइनेंस मिनिस्टर) निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 पेश किया है। इसी बजट में उन्होंने बताया कि रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) अब अगले फाइनैंशियल ईयर (2022-23) में भारत की अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगा। ये वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2022 को शुरू होने वाला है। इससे डिजिटल इकॉनमी और कोरोना से चरमराई भारतीय की वर्तमान स्थिति में मदद मिलेगी।
इससे पहले भी RBI की तरफ से डिजिटल करेन्सी को लेकर एक इशारा आया था, लेकिन सरकार की तरफ से इसकी पहली ऑफिशियल या आधिकारिक घोषणा अब हुई है। इसे CBDC (Central Bank Digital Currency) के नाम से आज के बजट सत्र में पेश किया है।
किस तरह काम करेगा ये डिजिटल रुपया या डिजिटल करेंसी ?
सबसे पहले तो ये एक सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कानूनी करेंसी या मुद्रा है। जिस तरह भारत में 100, 500, 2000 के नोट वैध या मान्य हैं, वैसे ही ये डिजिटल करेंसी भी एक लीगल (कानूनी) करेंसी है, जिसका उपयोग आप इन नोटों की जगह भी कर सकेंगे। यहां फर्क केवल इतना है कि ये 500, 2000 के नोट एक पेपर की रेगुलर करेंसी, जबकि CBDC डिजिटल करेंसी होगी। साधारण भाषा में कहें तो CBDC वैसी ही मुद्रा या रूपए हैं, जैसे हम अभी इस्तेमाल करते हैं, लेकिन ये डिजिटल रूप में उपलब्ध होंगे।
CBDC एक डिजिटल फॉर्म में उपलब्ध, भारत की अपनी करेंसी है, जो आगे लेन-देन को और आसान करेगी। RBI के अनुसार, ये अभी मौजूद रेगुलर करेंसी का एक सुरक्षित और आसान विकल्प होगा। हालांकि ये एक क्रिप्टो करेंसी नहीं है और भारत में क्रिप्टो करेंसी मान्य भी नहीं है। साथ ही RBI ने साफ़ किया है कि CBDC एक लीगल करेंसी है, लेकिन ये अन्य वर्चुअल करेंसियों से बिलकुल अलग है।
जानिए क्या है बिटकॉइन और क्यों चढ़ रही है कीमत?
भारत में भी नियामक संस्थाएं बिटकॉइन से खुश नहीं हैं. आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारी सुदर्शन सेन ने सितंबर में कहा था कि केंद्रीय बैंक इस तरह की 'गैर-व्यवस्थित' क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार से सहज नहीं है. मगर सवाल उठना लाजमी है कि बिटकॉइन क्या है और यह कैसे काम करता है?
क्या है बिटकॉइन
बिटकॉइन एक तरह की क्रिप्टोकरेंसी है. अंग्रेजी शब्द 'क्रिप्टो' का अर्थ गुप्त होता है. यह एक प्रक्रार की डिजिटल करेंसी है, जो क्रिप्टोग्राफी के नियमों के आधार पर संचालित और बनाई जाती है. क्रिप्टोग्राफी का अर्थ को कोडिंग की भाषा को सुलझाने की कला है.
क्रिप्टोकरेंसी से बैन हटा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सभी बैंक Bitcoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी की लेन-देन शुरू कर सकते हैं
सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency ) को लेकर बुधवार को एक बड़ा फैसला सुनाया है। सर्वोच्च न्यायालय ने इस पर लगे सभी प्रतिबंध हटा लिए हैं। न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह निर्णय दिया और इसमें जस्टिस अनिरुद्ध बोस और वी रामसुब्रमण्यन भी शामिल थे। यानी अब देश के सभी बैंक Bitcoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी की लेन-देन शुरू कर सकते हैं। बता दें कि RBI ने साल 2018 में एक सर्कुलर जारी कर क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) कारोबार को बैन दिया था।