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एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कैसे एक्सेस करें

एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कैसे एक्सेस करें

क्रिप्टोकरेंसी में कैसे भारतीय रूपये (INR) में ट्रेड करें? (How to trade in cryptocurrency in INR?)

भारत क्रिप्टो क्रांति में सबसे आगे रहा है, और मार्च 2020 में आरबीआई का क्रिप्टोकरेंसी के लिए बैंकिंग सपोर्ट पर दो साल से चला आ रहा प्रतिबंध उठाने के साथ ही नया और सुधरा हुआ पीयर-टू-पीयर एक्सचेंज तेजी से सामने आया है। स्थानीय क्रिप्टो ट्रेडिंग, खास तौर पर भारत में P2P पर क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बहुत ऊपर उठ गया क्योंकि अधिक से अधिक भारतीय भारत में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने और बेचने और भारी मुनाफा कमाने के लिए उत्सुक हो रहे हैं।

क्रिप्टोकरेंसी, जिसे पहले संदेह की नज़र से देखा जाता था और तकनीकी जानकारों के तेजी से पैसा कमाने के साधन के रूप में देखा जाता था, अब एक्सचेंज के लिए सुरक्षित साधन और डिजिटल फाइनेंसियल संसार में एक उपयुक्त रास्ता देखा जाता है।

कुछ तो यह भी दावा करते हैं कि पूरे फिंटेक स्पेस में क्रिप्टो सबसे अच्छा उत्पाद है। यदि आप अपने मेहनत से कमाए पैसे अच्छे रिटर्न के साथ ठीक जगह पर लगाने की सोच रहे हैं, तो भारत में आप यहाँ WazirX में भारतीय रुपये (INR) में क्रिप्टोकरेंसी खरीद और बेच सकते हैं !

1. WazirX में अपना अकाउंट बनाएं।

    । या एंड्रॉइड या iOS के लिए WazirX ऐप डाउनलोड करें। जब आप इस पेज में रिडायरेक्ट हो जाएँ तो एक मजबूत पासवर्ड के साथ अपनी इच्छित ईमेल भरें।
  • ‘साइन अप’ बटन पर क्लिक करने से पहले, यह सुनिश्चित कर लें कि आपने सभी नियम एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कैसे एक्सेस करें व शर्तें ठीक से पढ़ ली हैं और फिर ‘मैं WazirX’s की सेवा शर्तों से सहमत हूँ’ के बॉक्स को टिक करें।
  • एकाउंट बनाने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए ‘साइन अप’ पर क्लिक करें।
  • आगे बढ़ने और अपना फ्री WazirX एकाउंट एक्सेस करने के लिए अपना ईमेल एड्रेस वेरिफाई करना होगा। वेरिफिकेशन मेल के लिए अपना ईमेल देखें, और प्रक्रिया को पूरा करने के लिए ‘वेरिफाई मेल’ एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कैसे एक्सेस करें पर क्लिक करें। यदि आपको एक बार में वह नहीं मिलती तो आप अपना ‘स्पैम’ फोल्डर देखें या अपनी ईमेल पर इसे फिर से भेजने के लिए ‘यहां दुबारा भेजें’ पर क्लिक करें।
  • जब आप अपना ईमेल सफलतापूर्वक वेरिफाई कर लेंगे तो आप यह मैसेज देखेंगे।

KYC वेरिफिकेशन

  • आपके फ्री WazirX एकाउंट को एक्सेस करने के लिए यह आखिरी स्टेप है।
  • ड्रॉपडाउन मेनू से अपना देश चुनें। फिर आपसे KYC वेरिफिकेशन के लिए पूछा जाएगा।

बस हो गया! एक बार आप KYC वेरिफिकेशन पूरा कर लेंगे, तो आपके पास आसानी से क्रिप्टो ट्रेड करने के लिए WazirX पर चालू एकाउंट होगा।

2. अपने WazirX एकाउंट में फंड जमा करें।

आपके WazirX अकाउंट में जमा करने की प्रक्रिया करने के लिए दो तरीके हैं।

  • WazirX में भारतीय रुपया (INR) जमा करना।

यह ध्यान देना जरूरी है कि आप अपने WazirX एकाउंट में फंड जमा करने का निर्णय लें उससे पहले आपका KYC वेरिफिकेशन पूरा हो जाना चाहिए।

WazirX में भारतीय रुपया (INR) जमा करने के लिए, आप UPI/IMPS/NEFT/RTGS जैसे तरीके इस्तेमाल कर सकते हैं। वेरिफिकेशन के लिए आपको अपने ट्रांजेक्शन के विवरण WazirX में जमा करने होंगे।

  • WazirX में क्रिप्टोकरेंसी जमा करना

WazirX, भारत का टॉप क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज है, जो अपने यूज़र को उनके WazirX एकाउंट में क्रिप्टोकरेंसी जमा करने की सुविधा देता है। इस प्रक्रिया को सरल, सहज बनाया गया है और आप भारत में अपने इच्छित क्रिप्टो को अन्य वॉलेट और क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज से WazirX एकाउंट में जमा या ट्रांसफर कर सकते हैं। सबसे बढ़िया बात? किसी भी जमा पर यह प्रक्रिया बिना किसी फीस के बिलकुल फ्री है!अपने फ्री WazirX एकाउंट से आप अपना ‘डिपाजिट एड्रेस’ प्राप्त करके शुरू कर सकते। एक बार आप यह कर लें, तो अपने होल्डिंग वॉलेट से डिपाजिट एड्रेस साझा करते हुए आसानी से अपने WazirX वॉलेट में अपने पसंद के क्रिप्टो ट्रांसफर कर सकते हैं।

3. भारत में क्रिप्टो करेंसी खरीदें।

एक बार आप अपना फंड अपने WazirX में जमा कर दें, चाहे वह भारतीय रुपये (INR) में हो या आपकी पसंद के क्रिप्टो में, तो आप बड़े आसान तरीके से भारत में क्रिप्टोकरेंसी बेच या खरीद सकते हैं। उदाहरण के लिए आइए जानें कि आप WazirX द्वारा बिटकॉइन कैसे खरीद सकते हैं ।

आप नीचे स्क्रॉल करके अपने डैशबोर्ड में ‘खरीद’ और ‘बिक्री’ का विकल्प देख सकते हैं। बस भारतीय रुपये (INR) में अपनी मनपसंद कीमित और बिटकॉइन की जितनी राशि खरीदना चाहते हैं वह डाल कर आप खरीदने की प्रक्रिया में आगे बढ़ कर खरीद कर सकते हैं।

‘प्लेस बाय ऑर्डर’ पर क्लिक करें और ट्रांजेक्शन पूरा होने की प्रतीक्षा करें। एक बार ऑर्डर पूरा हो जाए, आप अपने WazirX वॉलेट में BTC प्राप्त कर लेंगे।

भारतीय रुपए (INR) में क्रिप्टोकरेंसी का ट्रेड करने के लिए WazirX क्यों चुनें।

WazirX भारत का टॉप क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज है क्योंकि यह अपने यूज़र से भारतीय रुपये (INR) में बेहद तेज गति से जमा करने और निकालने का वायदा करता है। ये हैं कुछ महत्वपूर्ण कारण कि आपको भारत में क्रिप्टोकरेंसी बेचने और खरीदनेके लिए एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कैसे एक्सेस करें WazirX को क्यों चुनना चाहिए :

WazirX भारत का सबसे भरोसेमंद क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज है और यह सुनिश्चित करने के लिए बेहद सुरक्षित है कि नियमित सुरक्षा ऑडिट करते हुए सुरक्षा के ऊंचे मानक स्थापित करते हुए जो भी ट्रांजेक्शन किया जाएगा वह सुरक्षित और सत्यापित होगा।

विभिन्न प्लेटफॉर्म में बेहतरीन एक्सेस के कारण WazirX भारत में एक लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज है खासतौर से जब आप भारत में क्रिप्टोकरेंसी बेचना और खरीदना चाहते हैं । यह विभिन्न प्लेटफॉर्म जैसे वेब, मोबाइल पर अद्भुत ट्रेडिंग अनुभव देता है और इसकी एप्लीकेशन एंड्रॉइड और iOS दोनों पर कम्पेटिबल है।

  • तत्काल ट्रांजेक्शन

WazirX का एडवांस ट्रेडिंग इंटरफेस पहली बार क्रिप्टो निवेशक से लेकर प्रोफेशनल और अनुभवी ट्रेडर तक सबको तत्काल ट्रांजेक्शन की सुविधा देता है।

  • रेफर करने का कमीशन

WazirX यूज़र को एप्लीकेशन पर रेफर करने पर 50% का जबरदस्त कमीशन मिलता है ताकि वर्तमान यूज़र को अपने मित्रों, सहकर्मियों, और परिवार को इस क्रिप्टो की दुनिया में लाने और ब्लॉकचेन की शानदार क्रांति का हिस्सा बनाने की प्रेरणा मिले।

  • हर मिनट की प्राइस ट्रैकिंग

आखिर में, जब आप WazirX को चुनते हैं, जो भारत का #1 क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज है, तो आपको खास तरह के चार्ट की भी एक्सेस मिलती है जो क्रिप्टोकरेंसी की पूरी रेंज के लिए एक-एक मिनट की प्राइस ट्रैकिंग की सुविधा देते हैं। इसके साथ ही, सरल और बढ़िया यूज़र इंटरफेस यह सुनिश्चित करता है कि यूज़र को सहज और आसान ट्रेडिंग अनुभव मिले।

अस्वीकरण: क्रिप्टोकुरेंसी कानूनी निविदा नहीं है और वर्तमान में अनियमित है। कृपया सुनिश्चित करें कि आप क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करते समय पर्याप्त जोखिम मूल्यांकन करते हैं क्योंकि वे अक्सर उच्च मूल्य अस्थिरता के अधीन होते हैं। इस खंड में दी गई जानकारी किसी निवेश सलाह या वज़ीरएक्स की आधिकारिक स्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। वज़ीरएक्स अपने विवेकाधिकार में इस ब्लॉग पोस्ट को किसी भी समय और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी भी कारण से संशोधित करने या बदलने का अधिकार सुरक्षित रखता है।

Cryptocurrency : क्रिप्टो एक्सचेंज और क्रिप्टो वॉलेट में क्या फर्क होता है, यहां समझें

क्रिप्टो एक्सचेंज पर ही क्रिप्टो ट्रे़डिंग होती है. एक्सचेंज पर आप अपनी क्रिप्टोकरेंसी स्टोर भी कर सकते हैं. वहीं, वॉलेट ऐसा माध्यम होता है जहां आप अपना ऐसा निवेश, जिसे आप ज्यादा सक्रियता के साथ इस्तेमाल नहीं करेंगे, उसे ज्यादा सुरक्षित तरीके से रख सकते हैं.

Cryptocurrency : क्रिप्टो एक्सचेंज और क्रिप्टो वॉलेट में क्या फर्क होता है, यहां समझें

Cryptocurrency Trading : क्रिप्टो के सफर में क्रिप्टो एक्सचेंज और क्रिप्टो वॉलेट अहम फैक्टर हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्रिप्टो वॉलेट और क्रिप्टो एक्सचेंज (Crytptocurrency exchange and crypto wallet) में क्या फर्क होता है? ये दोनों ही टूल्स क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग के लिए अहम हैं. लेकिन इन दोनों का ही काम एक दूसरे से काफी अलग-अलग होता है. ये दोनों ही क्रिप्टो इकोसिस्टम के अहम लेकिन अलग-अलग हिस्सा है. हम इस आर्टिकल में आपको बता रहे हैं कि ये दोनों चीजें क्या हैं और इनमें क्या फर्क है. और आप यह भी सीखेंगे कि क्यों आपको क्रिप्टो एक्सचेंज की जरूरत पड़ती है और क्यों क्रिप्टो के सफर में आपको क्रिप्टो वॉलेट की जरूरत पड़ेगी.

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बिटकॉइन और ईथर जैसी क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के जरिए जेनरेट किया जाता है. माइनिंग का मतलब नई डिजिटल कॉइन्स जेनरेट करने यानी पैदा करने से होता है. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इक्वेशन सॉल्व करने के बाद रिवॉर्ड के तौर पर यूजर को कॉइन्स मिलते हैं, यहां से इसे या तो किसी बायर को सीधे बेच दिया जाता है या फिर एक्स्चेंज पर इसकी ट्रेडिंग होती है. लेकिन एक निवेशक पहले से मौजूद कॉइन्स और टोकन्स को ही बस खरीदता और बेचता है.

क्रिप्टो एक्सचेंज पर ही क्रिप्टो ट्रे़डिंग होती है. एक्सचेंज पर आप अपनी क्रिप्टोकरेंसी स्टोर भी कर सकते हैं. वहीं, वॉलेट ऐसा माध्यम होता है जहां आप अपना ऐसा निवेश, जिसे आप ज्यादा सक्रियता के साथ इस्तेमाल नहीं करेंगे, उसे ज्यादा सुरक्षित तरीके से रख सकते हैं. यह भी बता दें कि अधिकतर बड़े एक्सचेंज अपना खुद का वॉलेट चलाते हैं.

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या होता है?

क्रिप्टो एक्सचेंज ऐसा प्लेटफॉर्म होता है, जहां आप बिटकॉइन, ईथर और डॉजकॉइन सहित दूसरी क्रिप्टोकरेंसी और क्रिप्टो टोकन्स को ज्यादा स्थिर कीमतों और ज्यादा सिक्योरिटी के साथ खरीद और बेच सकते हैं. एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज किसी ब्रोकरेज फर्म की तरह काम करता है, यानी यह बायर और सेलर के बीच का माध्यम होता है. किसी एक्सचेंज के हिसाब से निवेशक पेमेंट के किसी भी माध्यम जैसे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर, कार्ड ट्रांजैक्शन, यूपीआई वगैरह से इसपर अपना पैसा डिपॉजिट कर सकते हैं, जिसे वहां से क्रिप्टो कॉइन या टोकन खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.

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एक्सचेंज पर में क्रिप्टो को दूसरे किसी असेट (यानी या तो कोई दूसरा क्रिप्टो कॉइन या टोकन, या फिर फ्लैट एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कैसे एक्सेस करें करेंसी यानी रुपया, डॉलर वगैरह) की खरीद-बिक्री के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा, एक्सचेंज पर आप अपने क्रिप्टो कॉइन्स या टोकन्स को फ्लैट करेंसी में भी कन्वर्ट करा सकते हैं.

अगर एक्सचेंज का इस्तेमाल किए बिना अगर आपको क्रिप्टोकॉइन खरीदनी है, तो आपको कोई सेलर ढूंढना होगा. फिर आप दोनों को एक्सचेंज रेट पर मोलभाव करना होगा, इसके बाद कॉइन खरीदकर इसे अपने क्रिप्टो वॉलेट में भेजना होगा.

क्रिप्टो वॉलेट क्या होता है?

क्रिप्टो वॉलेट बेसिकली एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता है, जिसमें आप क्रिप्टो कॉइन्स स्टोर करते हैं. मान लीजिए कि आपने बिटकॉइन खरीदे, चूंकि ये ऑनलाइन करेंसी है, आप इसे हाथ में लेकर नहीं छू सकते हैं, तो इसे स्टोर करने के लिए भी आपको एक ऑनलाइन माध्यम चाहिए. क्रिप्टो वॉलेट का काम यही होता है. क्रिप्टो वॉलेट में प्राइवेट keys होती हैं, जो ट्रांजैक्शन करने के लिए इस्तेमाल होती हैं. ये कीज़ एक तरीके से सीक्रेट कोड होती हैं, जो आपको अपनी कॉइन्स खर्च करने के लिए डालनी पड़ती हैं.

ये प्राइवेट कीज़ बहुत ही ज्यादा अहम होती हैं, क्योंकि अगर किसी हैकर ने आपके फोन में मालवेयर के जरिए आपकी कीज़ हैक कर लीं तो वो आपके सारे कॉइन्स चुरा सकता है. वहीं, अगर आपने अपनी कीज़ खो दीं तो आप अपने वॉलेट का एक्सेस हमेशा के लिए खो देंगे. वॉलेट्स तीन तरह के होते हैं- हॉट, कोल्ड और पेपर वॉलेट. हमारे पास क्रिप्टो वॉलेट पर पूरा एक आर्टिकल है, जिसमें आपको क्रिप्टो वॉलेट के प्रकार, इनके काम और इनकी सुरक्षा वगैरह को लेकर पूरी डिटेल मिलेंगी. आप यहां क्लिक करके यह आर्टिकल पढ़ सकते हैं.

Cryptocurrency निवेश को भारतीयों के लिए ईज़ी और सेफ बना रहा CoinSwitch, ये हैं इसके फायदे

CoinSwitch : लंबे समय से दोस्त रहे आशीष सिंघल, गोविंद सोनी और विमल सागर क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग को उतना ही आसान बनाना चाहते थे, जितना कि ऑनलाइन फूड ऑर्डर करना होता है. इस विज़न के साथ उन्होंने एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कैसे एक्सेस करें 2017 में CoinSwitch की शुरुआत की.

Cryptocurrency निवेश को भारतीयों के लिए ईज़ी और सेफ बना रहा CoinSwitch, ये हैं इसके फायदे

CoinSwitch भारत में शीर्ष क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है.

बिटकॉइन और ऐसी ही दूसरी क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती पॉपुलैरिटी और इनके बढ़ते बाजार को नजरअंदाज करना मुश्किल होता जा रहा है. क्रिप्टो मार्केट इतनी तेजी से अपनी मौजूदगी जता रहा है. क्रिप्टोकरेंसी निवेश के नए माध्यम का रूप ले चुका है. लेकिन आप इस बारे में क्या कर सकते हैं? आप कैसे निवेश करें? आप कैसे निवेश के लिए एक भरोसेमेंद क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज चुन सकते हैं?

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है?

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क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एक ऐसा प्लेटफॉर्म होता है, जहां क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग होती है. ट्रेडिंग में क्रिप्टो को दूसरे किसी असेट (यानी या तो कोई दूसरा क्रिप्टो कॉइन या टोकन, या फिर फ्लैट करेंसी यानी रुपया, डॉलर वगैरह) की खरीद-बिक्री के लिए इस्तेमाल किया जाता है. क्रिप्टो एक्सचेंज खरीददार और विक्रेता के बीच में इंटरमीडियरी यानी मध्यस्थ की तरह काम करते हैं. इनकी आय के स्रोत कमीशन और ट्रांजैक्शन फीस होती हैं.

एक आदर्श ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ऐसा होता है, जहां यूजर्स को आसान इंटरफेस और सिक्योरिटी मिले. CoinSwitch ऐसा ही प्लेटफॉर्म है. इस एक्सचेंज पर आप आराम से कभी भी-कहीं भी क्रिप्टोकरेंसी खरीद और बेच सकते हैं.

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CoinSwitch की 2017 में शुरुआत कैसे हुई?

लंबे समय से दोस्त रहे आशीष सिंघल, गोविंद सोनी और विमल सागर क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग को उतना ही आसान बनाना चाहते थे, जितना कि ऑनलाइन फूड ऑर्डर करना होता है. इस विज़न के साथ उन्होंने 2017 में CoinSwitch की शुरुआत की. अपनी शुरुआत के साथ CoinSwitch प्लेटफॉर्म पर 300 डिजिटल टोकन्स और 45,000 करेंसी पेयर्स ऑफर करता था. CoinSwitch की शुरुआत इस लक्ष्य के साथ हुई थी कि भारत क्रिप्टोकरेंसी क्रांति में पीछे न रहे.

आशीष CoinSwitch के को-फाउंडर और और CEO हैं. उन्होंने CRUXPay, Reap Benefit, Urban Tailor, Amazon, Microsoft सहित कई अन्य कंपनियों के साथ काम किया है. वो नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पढ़ाई कर चुके हैं. उनका विज़न था कि एक पावरफुल लेकिन यूजर-फ्रेंडली क्रिप्टो एक्सचेंज ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म खड़ा किया जाए और इसी विजन से CoinSwitch निकला.

अपने शुरुआती दिनों में CoinSwitch 75 डिजिटल टोकन के साथ एक बढ़िया इंटरफेस ऑफर करता था, जिससे कि ट्रेडिंग आसान और तेज रहे. और अब भी CoinSwitch अपने लाखों एक्टिव यूजर्स को ईजी-टू-एक्सेस और हाईली इमर्सिव यूजर इंटरफेस प्रोवाइड कराता है. CoinSwitch अपने यूजर्स को इंस्टैंट विदड्रॉल का ऑप्शन भी देता था ताकि वो अपना प्रॉफिट तुरंत कैश आउट करा सकें.

भारत में CoinSwitch के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की शुरुआत

जून 2020 में, CoinSwitch ने अपना इंडियन क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कैसे एक्सेस करें लॉन्च किया. प्री-लॉन्च पीरियड में ही 100,000 यूजर साइन-अप्स हुए. वहीं, 2,000 करोड़ का निवेश हुआ. अब CoinSwitch पर 10 मिलियन रजिस्टर्ड यूजर्स हैं, जिनका डेली ट्रेडिंग वॉल्यूम 5 बिलियन डॉलर है. ये शानदार आंकड़े हैं और दिखाते हैं कि क्रिप्टो निवेशक इस प्लेटफॉर्म पर कितना भरोसा करते हैं.

एक और बात ये कि CoinSwitch ऐसा पहला क्रिप्टो प्लेटफॉर्म है, जिसका ऐड कैंपेन नेशनल प्लेटफॉर्म पर चला था. इसके बाद क्रिप्टोकरेंसी टर्म घर-घर तक पहुंचा. इससे बहुत लोगों में जिज्ञासा बढ़ी और लोग इससे जुड़े और इसतरह क्रिप्टोकरेंसी क्रांति का हिस्सा बने.

CoinSwitch में ग्लोबल निवेशकों की दिलचस्पी

इस साल CoinSwitch ने Ribbit Capital, Sequoia Capital, और Paradigm से 15 मिलियन डॉलर का फंड बटोरा. वहीं, कंपनी को Tiger Global Management से इस साल अप्रैल में 25 मिलियन डॉलर का निवेश मिला., जोकि यह कंपनी का पहली बार किसी भारतीय क्रिप्टोकरेंसी स्टार्टअप में निवेश है.

ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स के लिए CoinSwitch एक बढ़िया प्लेटफॉर्म क्यों है?

CoinSwitch प्लेटफॉर्म को इसकी सहजता और आसानी इसे दूसरे प्लेटफॉर्म्स से अलग बनाती है. क्रिप्टो में निवेश के लिए लोग ऐसा प्लेटफॉर्म चुनते हैं, जो इस्तेमाल करने में आसान हो. CoinSwitch पर चीजें तेज, आसान और सुरक्षित होती हैं, ऐसे में कोई भी इसपर ट्रेडिंग शुरू कर सकता है. यह बिल्कुल वैसा ही है, जैसा कैब बुक करना या ऑनलाइन खाना ऑर्डर करना.

CoinSwitch एक आसान यूजर इंटरफेस देता है, जिससे कोई भी कुछ क्लिक्स में ही ट्रेंडिंग शुरू कर सकता है. साइन अप से लेकर क्रिप्टो कॉइन चुनने और ट्रेडिंग शुरू करने तक सबकुछ फास्ट और ईज़ी होता है. यहां तक कि प्लेटफॉर्म यूजर्स से कोई फीस नहीं लेता है, जोकि फायदे का सौदा है. CoinSwitch अपने यूजर्स को अपने प्लेटफॉर्म पर मौजूद डिजिटल कॉइन्स पर सबसे बढ़िया रेट देने का वादा करता है. वहीं, ट्रेडर्स को कई रिवॉर्ड्स भी मिलते हैं.

CoinSwitch का एक फीचर इसे बेहतर बनाता है, वो है सेफ और इंस्टेंट विद्रडॉल. क्रिप्टो में निवेश करते वक्त अपना प्रॉफिट अपने बैंक अकाउंट में बाद में भेजने से बेहतर है तुरंत भेजना. CoinSwitch पर यह बस आसान ही नहीं, सिक्योर भी है.

CoinSwitch अपने यूजर्स को बढ़िया अनुभव देने के लिए सुधार करता रहता है और खरीदारी से पहले और बाद में भी सबसे बढ़िया एक्सपीरियंस देने का दावा करता है. इसपर आपको कई इनोवेटिव फीचर्स मिलंगे, वहीं कंपनी अगले कुछ महीनों में और भी पावरफुल फीचर्स लाने वाली है. क्रिप्टो में निवेश करने का सोच रहे भारतीयों के लिए CoinSwitch बेशक एक वन-स्टॉप इन्वेस्टमेंट सॉल्यूशन है. प्लेटफॉर्म की दूसरे निवेश साधनों की ओर जाने की भी मंशा है.

मोबाइल से क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग

भारत में मोबाइल को दूसरे डिवाइसेज़ से ज्यादा तरज़ीह दी जाती है, ऐसे में CoinSwitch ने मोबाइल डिवाइसेज़ के लिए भी अपने ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को शुरू किया है. ट्रेडर्स की ओर से मांग उठ रही थी कि उनके लिए मोबाइल पर क्रिप्टो ट्रेडिंग का एक्सेस हो. ऐसे में CoinSwitch ने न तो बस एक आदर्श समाधान निकाला, बल्कि सबसे ज्यादा यूज़फुल क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग मोबाइल ऐप बनाकर एक बेंचमार्क भी सेट कर दिया. यह ऐप भारतीय यूजर्स के लिए उपलब्ध है और डेस्कटॉप जैसा क्लास ही फोन पर देता है

अपने इनोवेशन के चलते अबत CoinSwitch 90 लाख से ज्यादा यूजर्स जोड़ चुका है. इसका मार्केट शेयर 60 फीसदी है. कंपनी के अधिकतर यूजर्स युवा हैं और टियर-2, टियर-3 शहरों से आते हैं. इनमें से अधिकतर पहली बार क्रिप्टो में निवेश एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कैसे एक्सेस करें कर रहे हैं. CoinSwitch अगले कुछ महीनों में कई इनोवेटिव प्रॉडक्ट्स लॉन्च करने की तैयारी में है.

इंतजार नहीं, साइन अप करिए, आज ही

इसमें कोई शक नहीं है कि CoinSwitch भारत का शीर्ष क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म है और रहेगा. कंपनी इस उभरते असेट के बाजार में और भी इनोवेशन करने को उत्सुक है और इसके साथ लाखों भारतीय जुड़ हैं. क्रिप्टोकरेंसी मार्केट से जुड़ने का यह एक रोमांचक वक्त है और अगर आप अभी तक इस दुनिया से नहीं जुड़े हैं, तो आज ही CoinSwitch के साथ अपना अकाउंट खोलिए और शुरू हो जाइए!

नेशनल स्टाॅक एक्सचेंज पर निवेशकों को ऐसे दिया जाता था धोखा, बड़े अधिकारी ऐसे खेलते थे काला खेल

NSE Scam

नई दिल्ली। करीब दो दिन पहले भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ( NSE ) पर बाजार नियामक सेबी ( Security Exchange Board of India ) ने 625 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। NSE पर को-लोकेशन ( Co-Location ) के जरिए कुछ सर्वर पर विशेष लाभ पहुंचाने का अरोप लगा था। एनएसई की को-लोकेशन सुविधा के माध्यम से उच्च आवृत्ति वाले कारोबार में अनियमितता के आरोपों की जांच सेबी के द्वारा की जारी है। इस मामले में कंपनी के दो पूर्व प्रमुख अधिकारियों पर भी कार्रवाई हुई है। आइए जानते हैं कि आखिर क्या है को-लोकेशन और कैसे बड़े अधिकारी इसकी मदद से निवेशकों को धोखा देते थे।

अनिल अंबानी की वित्तीय कंपनियों की रेटिंग घटने से परेशानी में बीमा कंपनियां

क्या है को-लोकेशन?

को-लोकेशन ब्रोकर्स को अतिरिक्त फीस देने पर अपने सर्वर के नजदीक ऑपरेट करने की अनुमति देता है। सर्वर की नजदीकी होने की वजह से ब्रोकर्स के लिए डाटा ट्रांसमिशन में कम समय लगता है। ऐसे में इन ऑपरेटर्स को ऑर्डर देने में बेहद ही कम समय लगता है। इस प्रकार को-लोकेशन की सुविधा लेने वाले ब्रोकर्स को एडवांटेज मिलता है।

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क्या है पूरा मामला?

साल 2014-15 में एक व्हिलिब्लोवर ने भारतीय विनियामक एंव प्रतिभूति बोर्ड ( SEBI ) को जानकारी दी थी कि कुछ ब्रोकर्स एनएसई की अधिकारियों की मदद से को-लोकेशन सुविधा का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। उस दौरान अपने मेंबर्स को डेटा ट्रांसफर करने के लिए एनएसई टिक-बाई-टिक ( TBT ) सर्वर प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करती थी। इस प्रोटोकॉल की सबसे खास बात इसके जानकारी जारी करने का तरीका था। आम डेटा प्रोटोकॉल के तहत नेटवर्क पर कनेक्टेड सभी यूजर्स को एक साथ डेटा भेजा जाता था। लेकिन, TBT ट्रांसमिशन तकनीक के तहत यूजर्स को डाटा इस ट्रांसफर उस हिसाब से होता था जिस हिसाब से उन्होंने ऑर्डर दिए है। इसका मतलब है कि जिस ब्रोकर ने पहले ऑर्डर दिया, उसे सबसे पहले डेटा ट्रांसफर किया जाता था। कुछ ब्रोकर्स इसी का फायदा उठाने के लिए एनएसई अधिकारियों व ऑम्नेसिज टेक्नोलॉजी की मदद से दूसरे ब्रोकर्स की तुलना में पहले डेटा हासिल कर लेते थे। ऑम्नेसिज ही वो कंपनी है जो एनएसई को तकनीकी सुविधा मुहैया कराती है। सेबी ने अपनी जांच में इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर संपर्क इंफोटेनमेंट के साथ ओपीजी सिक्योरिटीज, जीकेएन सिक्योरिटीज और Way2health इस तरह की ट्रेडिंग को अंजाम देते थे। इन ब्रोकर्स को एनएसर्इ सर्वर पर सबसे पहले एक्सेस मिल जाती थी।

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कैसे हुआ ओपीजी इस स्कैप में कामयाब?

ओपीजी एनएसई के बैकअप सर्वर का एक्सेस पाने में कामयाब रहा। एक्सचेंज बैकअप सर्वर को मेंटेंन करता है ताकि किसी तकनीकी अड़चन की वजह से ऑपरेशंस पर कोई असर नहीं पड़ सके। इस बैकअप सर्वर ट्रैफिक या तो बिल्कुल नहीं होता या फिर बेहद कम होता है। काम के आम दिनों में जब मेन सर्वर काम करता है, तब भी बैकअप सर्वर पर किसी भी डेटा को भेजा या रीसिव किया जा सकता है। सेबी ने कहा है कि ओपीजी व अन्य ब्रोकर्स इसी का फायदा उठाते थे।

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