विश्व बाजार शुल्क और सीमा

2 अप्रैल को हुआ था समझौता
नर्चर.फार्म द्वारा किसानों के लिए मौसम आधारित सुरक्षा ‘कवच’ की शुरुआत
1 अप्रैल 2022, नर्चर.फार्म द्वारा किसानों के लिए मौसम विश्व बाजार शुल्क और सीमा आधारित सुरक्षा ‘कवच’ की शुरुआत – एग्रीटेक स्टार्टअप नर्चर.फार्म और डिजीसेफ इंश्योरेंस ब्रोकर्स ने किसानों के लिए मौसम आधारित नकद गारंटी कार्यक्रम ‘कवच’ शुरू करने के लिए साझेदारी की है। नर्चर.फार्म स्टार्टअप की सेवाओं का उपयोग करने वाले किसान कार्यक्रम में नामांकन कर सकते हैं।
पायलट के तौर पर मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के किसान इस कवरेज को मामूली शुल्क पर खरीद सकते हैं। कवच किसानों को बेमौसम बारिश के खिलाफ 500 रुपये प्रति एकड़ तक का कैशबैक प्रदान करता है। स्थानीय मौसम के आंकड़ों के अनुसार अत्यधिक अनुकूलित, यदि वर्षा विश्व बाजार शुल्क और सीमा पूर्व निर्धारित सीमा का उल्लंघन करती है, तो कवच भुगतान सीधे किसान के बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिया जायेगा। किसानों को दावों के लिए सूचित करने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके बजाय, आईएमडी मौसम डेटा के आधार पर भुगतान स्वचालित रूप से चालू हो जाएगा।
CCI 1 दिसंबर से GST मुनाफाखोरी की शिकायतों की जांच करेगा
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मुनाफाखोरी से जुड़ी सभी शिकायतों की जांच एक दिसंबर से भारतीय विश्व बाजार शुल्क और सीमा प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) करेगा। इससे पहले इस तरह की शिकायतों का निपटारा राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण (एनएए) करता था। केंद्र सरकार ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी की है।
नई दिल्ली, 24 विश्व बाजार शुल्क और सीमा विश्व बाजार शुल्क और सीमा नवंबर । वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मुनाफाखोरी से जुड़ी सभी शिकायतों की जांच एक दिसंबर से भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) करेगा। इससे पहले इस तरह की शिकायतों का निपटारा राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण (एनएए) करता था। केंद्र सरकार ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी की है।
अर्थव्यवस्था को गति देने में मुक्त व्यापार समझौता मील का पत्थर साबित विश्व बाजार शुल्क और सीमा होगा
स्मार्ट हलचल, गोंदिया|वैश्विक स्तरपर कोरोना महामारी के भीषण आघात बाद अब दुनिया धीरे-धीरे इस प्रहार से उबर रही है। और अपनी-अपनी अर्थव्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए अनेकों प्रकार के रणनीतिक रोडमैप बनाकर उनका क्रियान्वयन कर रहे हैं। कई देश अपने विभिन्न विलंबित योजनाओं को अपडेट करके नए रूप में लागू कर रहे हैं ताकि जनहित में योजनाओं को के क्रियान्वयन कर अर्थव्यवस्था को फिर से गति प्रदान की जाए ताकि महंगाई पर काबू कर जनता को जीवन जीने की सुलभता का संयोजन दिया जाए। बड़े बुजुर्गों की कहावत है एक और एक ग्यारह, दो से भले तीन और तीन से भले 4, एक से भले दो इत्यादि अनेक कहावतें वर्तमान समय में सटीक फिट होने के नतीजे हम कई बार देख चुके हैं।
India-Australia FTA: आस्ट्रेलियाई संसद ने FTA को दी मंजूरी,5 साल में दोगुना होगा भारत-आस्ट्रेलिया का द्विपक्षीय व्यापार
ऑस्ट्रेलिया की विश्व बाजार शुल्क और सीमा संसद ने मंगलवार को भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (India-Australia Free Trade Agreement- FTA) को मंजूरी दे दी है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज (Australian PM Anthony Albanese) ने ट्वीट कर बताया कि हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में समझौते से संबंधित बिल आसानी से पास हो गया है।
नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया की संसद ने मंगलवार को भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (India-Australia Free Trade Agreement- FTA) को मंजूरी दे दी है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज (Australian PM Anthony Albanese) ने ट्वीट कर बताया कि हाउस विश्व बाजार शुल्क और सीमा ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में समझौते से संबंधित बिल आसानी से पास हो गया है।
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मंगलवार को इस बिल को इसे सीनेट में रखा जाएगा। भारत-आस्ट्रेलिया के बीच यह समझौता अप्रैल, 2022 में हुआ था। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री अल्बनीज ने जी20 की इंडोनेशिया में हुई बैठक में भी इस समझौते के बारे में विश्व बाजार शुल्क और सीमा अनौपचारिक बातचीत की थी। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया में संधियों से जुड़ी संसदीय समिति ने सरकार से भारत के साथ व्यापार समझौते को मंजूरी देने की सिफारिश की थी।
भारत के साथ एफटीए ऑस्ट्रेलियाई संसद से मंजूर
नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलियाई संसद (Australian Parliament) ने मंगलवार को भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement) (एफटीए-FTA) को मंजूरी दे दी। अब दोनों देश आपसी सहमति से फैसला करेंगे कि यह समझौता किस तारीख से लागू होगा।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री (Australian Prime) एंथनी अल्बनीज (Anthony Albanese) ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा, ‘बड़ी खबर: भारत के साथ हमारा मुक्त व्यापार समझौता संसद से पारित हो गया है।’ भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (एआई-ईसीटीए) को लागू करने से पहले ऑस्ट्रेलियाई संसद द्वारा मंजूरी की आवश्यकता थी। भारत में इस तरह के समझौतों को केंद्रीय मंत्रिमंडल मंजूरी देता है।