शेयर मार्केट अकाउंट क्या है

Share market क्या होता है? शेयर मार्केट में पैसा निवेश कैसे करें
पहले यह समझना जरूरी हैं कि Share Market क्या है और इसमें क्या होता हैं? Share Market को Stock Market या Equity Market भी कहा जाता हैं। यह वह जगह होती हैं जहाँ विभिन्न कंपनियों के शेयर्स खरीदने और बेचे जाते हैं।
लेकिन यह कोई सामान्य बाजार जैसा नहीं हैं, डिजटाइलेजशन के बाद तो बिल्कुल नहीं हैं। भारत मे मुख्य रूप से 2 शेयर मार्केट हैं, जो इस प्रकार हैं:
BSE : बीएसी का पूरा नाम मुंबई स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange) शेयर मार्केट अकाउंट क्या है है, जो भारत का सबसे पुराना आधिकारिक शेयर बाजार भी है। मुंबई स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 1875 में कई जा चुकी हैं।
NSE : एनएसी का फुल फॉर्म नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (National Stock Exchange of India) हैं जिसकी स्थापना 1992 में हुई थी लेकिन इसमे ट्रेडिंग की शुरुआत 1994 में हुई थी।
सरल भाषा में शेयर बाजार को समझा जाए तो शेयर बाजार एक ऐसा बाजार होता है, जहां पर काफी सारी कंपनियां लिस्टेड होती है और उनके शेयर खरीदे हुए बेचे जाते हैं। शेयर की कीमत कंपनी की वैल्यू, प्रॉफिट, लॉस और डिमांड और सप्लाई जैसे नियमों पर आधारित होती है।
आप कंपनी के जितने शेयर खरीदते हैं, उतने ही आप कंपनी के मालिक माने जाते हैं। यही कि अगर आपने किसी कंपनी के 1% शेयर खरीदे तो आप उस कंपनी के 1% मालिक होंगे।
शेयर बाजार कैसे काम करता हैं? How Share Market Works in Hindi?
अब क्योंकि आप समझ चुके हैं कि शेयर बाजार क्या है और इसमें क्या होता है तो आपका यह जानना भी जरूरी है कि शेयर बाजार कैसे काम करता है?
सबसे पहले तो आपको यह जानना होगा कि किसी भी कम्पनी के शेयर या फिर कहा जाए तो स्टॉक कम्पनी की ओनरशिप इक्विटी को दर्शाते हैं।
अर्थात आप कम्पनी के जितने प्रतिशत शेयर के मालिक होंगे, आपका कम्पनी पर उतना ही अधिकार होगा। इसके अलावा कैपिटल गेन और डिविडेंट्स के रूप में कम्पनी की कॉरपोरेट इनकम पर भी शेयर होल्डर का अधिकार होता हैं।
शेयर बाजार में विभिन्न कम्पनियो के लिमिटेड स्टॉक्स लिस्टेड किये जाते हैं, जिनपर ट्रेडिंग की जाती हैं अर्थात उन्हें ख़रीदा और बेचा जाता हैं। शेयर बाजार की पूरी गणित डिमांड और सप्लाई के नियम पर आधारित हैं।
अगर डिमांड अधिक है और सप्लाई कम हैं तो शेयर की कीमत बढ़ती है और अगर डिमांड कम है और सप्लाई अधिक हैं तो शेयर की कीमत घटी हैं।
वैसे तो शेयर की कीमत घटना और बढ़ना कई बातों पर डिपेंड करता है लेकिन वह भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से डिमांड और सप्लाई के नियम पर ही निर्भर करती है।
शेयर मार्केट से पैसे कैसे कमाते हैं? How to Earn Money from Share Market in Hindi
अब तक आप समझ चुके होंगे कि शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है? तो अब बारी है शेयर बाजार से पैसे कमाने की प्रोसेस को समझने की। शेयर बाजार से पैसे कमाना बिल्कुल रियल एस्टेट से पैसे कमाने जैसा है।
रियल एस्टेट में आप कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं और विभिन्न कारणों से और इन्फ्लेशन के साथ उस प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ती है। जब आप उसे बेचते हैं तो आपको प्रॉफिट मिलता है और यह प्रॉफिट आपकी कमाई होती है।
जो आपको आपके इन्वेस्टमेंट से मिली है। लेकिन अगर आप गलत जगह पर अधिक कीमत में प्रॉपर्टी खरीदेंगे और उसे कम कीमत में बेचेंगे तो आपको लॉस होगा।
बिल्कुल ऐसा ही शेयर बाजार में भी होता है। डिमांड और सप्लाई की वजह से शेयर बाजार में शेयर की कीमत घटती और बढ़ती रहती है। जब भी किसी चीज की कीमत घटती है तो उसमें निवेश करके अच्छा प्रॉफिट भी प्राप्त किया जा सकता है और लॉस होने की संभावनाएं भी रहती है।
शेयर बाजार में जब आप किसी स्टॉक को कम कीमत में खरीदकर अधिक कीमत में बेचते हो तो आपको प्रॉफिट मिलता है और वह प्रॉफिट आपकी कमाई होता है। इसी तरह से शेयर बाजार से पैसे कमाए जाते हैं।
ऐसा नहीं है कि शेयर बाजार में घाटे की संभावना नहीं रहती लेकिन अगर आप रिसर्च के साथ क्वालिटी स्टॉक्स में निवेश करोगे तो प्रॉफिट की संभावना अधिक रहेगी।
शेयर बाजार में इन्वेस्ट कैसे करें? How to Invest in Share Market शेयर मार्केट अकाउंट क्या है in Hindi
शेयर बाजार के बारे में काफी कुछ समझ चुके हैं और अब आपको यह निर्णय करना है कि आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं या फिर नहीं।
अगर आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि शेयर बाजार में इन्वेस्ट कैसे करते हैं? (How to Invest in Share Market in Hindi)? शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना कोई मुश्किल बात नहीं है और आप घर बैठे हुए आसानी से ही अपने पसंदीदा कंपनी के स्टॉक्स खरीद सकते हैं।
शेयर मार्केट में निवेश करना आसान हैं और अब तो शेयर मार्केट मे पूरा डिजिटलाइजेशन हो चुका है तो आप आसानी से अपने स्मार्टफोन की मदद से बाजार में निवेश कर सकते है।
शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए आपको मुख्य रूप से तीन चीजों की आवश्यकता होती है:
- • आधार कार्ड और पैन कार्ड
- • सेविंग्स अकाउंट
- • इंटरनेट कनेक्शन और इंटरनेट सक्षम डिवाइस (Internet-enabled devices)
अगर आपके पास यह तीनों हैं तो आप शेयर मार्केट में निवेश करना शुरू कर सकते हो। लेकिन कैसे? आइये जानते हैं Step by Step प्रोसेस।
सबसे पहले किसी ट्रेडिंग एप्प का चुनाव शेयर मार्केट अकाउंट क्या है करे
शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए आपको सबसे पहले किसी ट्रेडिंग एप का चुनाव करना होगा। Play Store या App Store पर Zerodha, Groww और Angel Broking जैसे कई विश्वसनीय Stock Trading App हैं।
यह सभी ब्रोकर कंपनियां हैं, जो शेयर मार्केट में शेयर खरीदने और बेचने के लिए कुछ ब्रोकरेज चार्ज देती है। इनके Apps के माध्यम से आप आसानी से शेयर बाजार में निवेश कर सकते हो।
डीमैट अकाउंट Open करे
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए अर्थात शेयर खरीदने और बेचने के लिए आपको डिमैट अकाउंट खुलवाना होता हैं। डिमैट अकाउंट वह अकाउंट होता है।
जहां पर आपके स्टॉक्स को रखा जाता है। डिमैट अकाउंट खोलने के लिए आपको कोई अलग प्रोसेस फोलो करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जिन एप्स (ब्रोकर) के बारे में हमने आपको बताया आप इन्हीं के माध्यम से आसानी से अपने स्मार्टफोन में ही डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं।
Savings Account जोड़े और Trading शुरू करे
अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने जा रहे हो तो इसके लिए आपको पैसे भी चाहिए ही होंगे। क्योंकि आज के समय मे हम इलेक्ट्रॉनिक रुप से शेयर्स खरीदते है और सब काम वर्चुअल किए जाते हैं तो आपको अपने डिमैट अकाउंट से सेविंग अकाउंट्स को जोड़ना होगा ताकि शेयर खरीदने के लिए आप फंड ट्रांसफर कर सको।
Savings Account को Demat Account से जोड़ने के बाद आप Share खरीदना और बेचना शुरू कर सकते हो। इस तरह से आप आसानी से घर बैठे हुए शेयर बाजार में निवेश कर सकते हो।
अंत में
हमने जाना कि शेयर मार्केट क्या होता है और कैसे काम करता है। इसके साथ ही हमने यह भी जाना कि हम कैसे अपने मोबाइल फ़ोन से शेयर मार्केट में पैसा निवेश कर सकते है।
शेयर मार्केट में पैसा निवेश करने के लिए हमें कुछ छोटे से काम करने होते है। जिसको हम अपने घर से मोबाइल पर कर सकते है। आपको यह जानकारी कैसी लगी आप हमें जरूर बताए।
डीमैट अकाउंट - अर्थ, प्रकार, लाभ, डीमैट खाता ऑनलाइन कैसे खोलें
डीमैट अकाउंट - अर्थ, प्रकार, लाभ, डीमैट खाता ऑनलाइन कैसे खोलें
डीमैट खाता क्या है?
डीमैट खाता एक ऐसा खाता है जो निवेशकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में शेयरों या प्रतिभूतियों को रखने की अनुमति देता है। खरीदे गए शेयरों को डीमैट खाते में जमा किया जाता है और इसी तरह बिक्री के समय, प्रतिभूतियों को खाते से डेबिट किया जाता है। इस खाते का उपयोग शेयरों, ईटीएफ, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, सरकारी बॉन्ड, आदि जैसे निवेश का एक विस्तृत विकल्प रखने के लिए किया जाता है।
इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडों का न्यायिक उपयोग करने के लिए 1996 में शेयरों के डीमैटरियलाइजेशन की प्रक्रिया शुरू की गई थी। डीमैटरियलाइज्ड या डीमैट खाता इलेक्ट्रॉनिक मोड में शेयरों को रखने में मदद करता है और लोगों को सुरक्षित तरीके से बिक्री के मामले में शेयरों को खरीदने और आय एकत्र करने में मदद करता है।
डीमैट खाते के प्रकार:
डीमैट खाते की तीन अलग-अलग श्रेणियां हैं जो नीचे उल्लिखित हैं:
1. नियमित डीमैट खाता
नियमित डीमैट खाता एक प्रकार का डीमैट खाता है जो उन निवेशकों या व्यापारियों के लिए उपयुक्त है जो भारतीय निवासी हैं।
2. प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता
प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता एक प्रकार का डीमैट खाता है जो उन निवेशकों या व्यापारियों के लिए उपयुक्त है जो अनिवासी भारतीय (NRI) हैं। इस प्रकार का डीमैट खाता विदेशों में पूंजी स्थानांतरित करने की अनुमति देता है। हालांकि, गैर-निवासी एक्सटर्नल (NRE) बैक खाते की आवश्यकता है।
3. गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता
गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता एक प्रकार का डीमैट खाता है शेयर मार्केट अकाउंट क्या है जो फिर से अनिवासी भारतीयों (NRI) के लिए उपयुक्त है, लेकिन विदेशों में धन का हस्तांतरण नहीं हो सकता है। इस प्रकार के डीमैट खाते के साथ संबद्ध होने के लिए एक अनिवासी आयुध (NRO) बैंक खाते की आवश्यकता होती है।
डीमैट खाते के लाभ:
डीमैट खाते के कई लाभ हैं जो नीचे उल्लिखित हैं:
1. सुगमता
डीमैट खाते नेट बैंकिंग के माध्यम से निवेश और लेनदेन के स्टेटमेंट की आसान पहुंच प्रदान करते हैं। डीमैट खाते के माध्यम से लेनदेन और निवेश का विवरण आसानी से ट्रैक किया जा सकता है।
2. प्रतिभूतियों का सरल डिमटेरियलाइजेशन
डिपॉजिटरी प्रतिभागी (DP) के अनुरोध पर, भौतिक रूप में प्रमाणपत्र आसानी से इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित किए जा सकते हैं, और इसका विपरीत भी संभव है।
3. कम जोखिम
भौतिक रूप में प्रतिभूतियों को रखने से चोरी या नुकसान का जोखिम होता है। लेकिन इन जोखिमों को पूरी तरह से डीमैट खाते के माध्यम से खारिज कर दिया जाता है जो निवेशक को इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रतिभूतियों को संग्रहीत करने देता है।
4. शेयरों के हस्तांतरण में आसानी
ट्रेडों पर शेयरों का हस्तांतरण भी डीमैट खाते के माध्यम से एक बहुत ही सरल प्रक्रिया बन गई है क्योंकि भौतिक प्रतिभूतियों जैसे स्टैंप ड्यूटी और अन्य शुल्कों में किए गए कुछ खर्चों को समाप्त कर दिया गया है। निवेशक के खाते में स्थानांतरण के लिए ली गई कुल लागत और समय भी कम हो गया है।
5. शेयरों का नकदीकरण
डीमैट खातों के माध्यम से शेयरों का नकदीकरण या बिक्री एक बहुत ही सरल और त्वरित प्रक्रिया बन गई है।
6. प्रतिभूतियों के आदान-प्रदान में ऋण
डीमैट खाता धारक खाते में रखी प्रतिभूतियों के बदले आसानी से ऋण प्राप्त कर सकता है। दूसरे शब्दों में, डीमैट खाते में प्रतिभूतियों का उपयोग ऋण शेयर मार्केट अकाउंट क्या है प्राप्त करने के लिए संपार्श्विक के रूप में किया जा सकता है।
7. वैश्वीकरण का पहलू
डीमैट खाते वैश्विक निवेशकों को भारतीय शेयर बाजारों तक सरल पहुंच प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। और इसलिए, देश में विदेशी निवेश प्राप्त करने में मदद करता है।
ऑनलाइन डीमैट खाता कैसे खोलें?
डीमैट खाता खोलना, एक बहुत ही सरल और परेशानी रहित प्रक्रिया है। खाता खोलने के चरण नीचे दिए गए हैं:
1. डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) सेलेक्ट करें।
2. आवश्यक विवरण के साथ खाता खोलने का फॉर्म भरें और इसके साथ आवश्यक दस्तावेज जमा करें। डीमैट खाता खोलने के लिए पैन कार्ड अनिवार्य है।
3. फॉर्म जमा करने के बाद, नियमों और विनियमों की प्रतिलिपि, समझौते की शर्तें, शुल्क जमाकर्ता प्रतिभागी द्वारा प्रदान किए जाएंगे।
4. इन-पर्सन सत्यापन भी अनिवार्य है और इसलिए, डीपी अधिकारी कर्मचारियों के एक सदस्य को खाता खोलने के रूप में प्रदान किए गए विवरण को सत्यापित करने के लिए व्यक्ति से संपर्क करना होगा।
5. सत्यापन के बाद, डीपी स्टाफ का सदस्य एक खाता संख्या या ग्राहक आईडी देगा। इन विवरणों को ऑनलाइन भी चेक किया जा सकता है।
6. डिमैट खाते के लिए एक वार्षिक रखरखाव शुल्क भी लिया जाता है जो खाता लेनदेन शुल्क को कवर करता है। ये शुल्क डीपी द्वारा निर्धारित संरचना के अनुसार लागू होते हैं।
डीमैट खाता - अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. डीमैट खाते कितने प्रकार के होते हैं?
डीमैट खाते तीन प्रकार के होते हैं: नियमित डीमैट खाता, प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता और गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता।
2. क्या डीमैट खाते के माध्यम से ऋण लिया जा सकता है?
डीमैट खाताधारक अपने खाते में रखी प्रतिभूतियों के माध्यम से आसानी से ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
3. डीमैट खाते में प्रतिभूतियों का न्यूनतम बैलेंस क्या है?
डीमैट खाते में आवश्यक प्रतिभूतियों की कोई न्यूनतम शेष राशि नहीं है।
4. DP क्या है?
DP का अर्थ है डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स जो NSDL और CDSL जैसी डिपॉजिटरी के बीच मध्यस्थ का काम करते हैं। एक बैंक के समान, व्यापारी अपने डीमैट खाते को DP के साथ अन्य सुविधाओं के साथ खोल सकते हैं जो उन्हें निवेश या व्यापार करने की सुविधा प्रदान करते हैं।
5. क्या पार्ट डीमैटरियलाइजेशन की अनुमति है?
हां, निवेशक अपनी होल्डिंग को पूरी तरह या आंशिक रूप से डीमैटरियलाइज कर सकते हैं।
ट्रेडिंग अकाउंट क्या है ? What Is Trading Account In Hindi
Trading Account Meaning In Hindi – दोस्तों अगर आप इस लेख को पढ़ रहे है तो जरुर आप शेयर मार्केट में इंटरेस्ट रखते हो या फिर शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते हो ! अगर आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते है तो आप यह जरुर जानना चाहते होंगे कि ट्रेडिंग अकाउंट क्या है ? ( Trading Account Kya Hai ). यह डीमैट अकाउंट से किस प्रकार अलग है ( Trading Account and Demat Account Difference ) ? यदि आप इन सब बातो को जानना चाहते है तो इस आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़े ! तो आइये जानते है ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है ? और यह किस प्रकार काम करता है What Is Trading Account In Hindi
ट्रेडिंग अकाउंट क्या है ? What Is Trading Account In Hindi
ट्रेडिंग अकाउंट वह अकाउंट होता है जिसके माध्यम से हम स्टॉक को खरीदने के लिए पैसे का लेनदेन करते है तथा शेयर्स को खरीदने और बेचने के लिए स्टॉक ब्रोकर को ऑर्डर इसी अकाउंट के द्वारा दिया जाता है ! यह अकाउंट एक प्रकार से हमारे बैंक अकाउंट और डीमैट अकाउंट के बिच मध्यस्थता का कार्य करता है !
जब हम ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवाते है तो इसे हमारे डीमैट अकाउंट से लिंक कर दिया है ! और जब हमें शेयर्स खरीदने होते है तो हम अपने बैंक अकाउंट से पैसे ट्रेडिंग अकाउंट में डाल देते है ! जब हम शेयर खरीदने का ऑर्डर स्टॉक मार्केट को देते है तो जितने पैसे के shares खरीदते है उतने पैसे हमारे ट्रेडिंग अकाउंट से कट जाते है और जो shares हमें मिलते है वो कुछ समय में हमारे डीमैट अकाउंट में जमा हो जाते है !
उसी प्रकार जब हम डीमैट अकाउंट में रखे हुए shares को बेचते है तो उन shares के पैसे ब्रोकरेज चार्ज शेयर मार्केट अकाउंट क्या है के साथ हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में जमा हो जाते है और shares डीमैट अकाउंट से निकलकर खरीदने वाले के अकाउंट में जमा हो जाते है !
सरल शब्दों में हम कह सकते है कि ट्रेडिंग अकाउंट एक प्रकार से शेयरों की ट्रेडिंग करने के लिए होता है , जहाँ पर हमारे shares खरीदने और बेचने का ऑर्डर तथा पैसो के डेबिट और क्रेडिट रिकॉर्ड रखे जाते है ! वर्तमान में सभी प्रकार के ब्रोकर्स हमें एक साथ डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की सुविधा देते है !
ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोले ( Trading Account Kaise Khole )
जब भी आप ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवाना चाहते है तो इसके लिए आपको स्टॉक ब्रोकर से संपर्क करना होगा ! आप यह अकाउंट स्टॉक ब्रोकर के ऑफिस में जाकर या फिर जिस भी ब्रोकर से ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना चाहते है उसकी वेबसाइट पर जाकर जरुरी डाक्यूमेंट्स submit करके भी यह अकाउंट ओपन कराया जा सकता है !
आपको बता दे की स्टॉक ब्रोकर एक प्रकार से रजिस्टर्ड कंपनी होती है जो SEBI के नियमो के अनुसार चलती है ! वर्तमान में भारत में लगभग 8 हजार से भी ज्यादा स्टॉक ब्रोकर कम्पनी रजिस्टर्ड है ! आपको ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए सही कंपनी का चुनाव करना होगा जिसमे ब्रोकरेज charges तथा वार्षिक शुल्क बहुत कम हो तथा जो आपको अच्छी सुविधाए उपलब्ध करवाए !
ट्रेडिंग अकाउंट के लाभ ( Benefits of Trading Account )
- वर्तमान में सब कुछ डिजिटल होने से ऑनलाइन ट्रेडिंग काफी आसान और सरल हो गई !
- इस अकाउंट के माध्यम से जब आप shares खरीदते और बेचते है तो आपके ट्रेडिंग अकाउंट से अपने आप ही पैसे डेबिट और क्रेडिट हो जाते है !
- आप shares की ट्रेडिंग अपने मोबाइल के माध्यम से कही भी कर सकते है !
- ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा मिलने से निवेशक को अपने ब्रोकर को कॉल करके ऑर्डर देने की जरुरत नही होती है ! उसके द्वारा दिया गया ऑर्डर तुरंत अप्लाई हो जाता है !
ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है
ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता ? और इसके फायदे क्या है ? इन सब बातो को जान लेने के पश्चात् अब आपके मन में यह सवाल चल रहा होगा कि आखिर ये ट्रेडिंग अकाउंट काम कैसे करता है ! आइये जानते है ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है –
जब आप ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से ऑनलाइन ट्रेडिंग करना चाहते है तो सबसे पहले आपको अपने बैंक अकाउंट के माध्यम से पैसे ट्रेडिंग अकाउंट में ट्रान्सफर करने होंगे ! उसके बाद आप जिस भी कंपनी का शेयर या स्टॉक खरीदना चाहते है तो उसका प्राइस देखना होता है अब उस प्राइस के हिसाब से आप शेयर खरीदने का ऑर्डर प्लेस कर सकते है ! आपके द्वारा दिया गया ऑर्डर स्टॉक एक्सचेंज तक पहुँचता है अब इस ऑर्डर का काउंटर ऑर्डर मिल जाने पर यह ऑर्डर execute हो जाता है !
जब आपके द्वारा दिया गया ऑर्डर complete हो जाता है तो आपके ट्रेडिंग अकाउंट में से पैसे कट जाते है और ख़रीदे गए shares आपके डीमैट अकाउंट में ब्रोकरेज चार्ज और टैक्स कटकर एक या दो दिन में जमा हो जाते है !
इसी प्रकार जब आप डीमैट अकाउंट में रखे हुए shares को बेचना चाहते है तो बेचे गए शेयर आपके डीमैट अकाउंट से निकलकर खरीदने वाले के डीमैट अकाउंट में ट्रान्सफर हो जाते है और आपके ट्रेडिंग अकाउंट में ब्रोकरेज चार्ज और टैक्स कटकर पैसे जमा हो जाते है ! इस प्रकार से यह ट्रेडिंग अकाउंट काम करता है !
ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट में अंतर ( Trading Account and Demat Account Difference )
वर्तमान में सभी कंपनियां हमें डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ देने की सुविधा के कारण हम इन दोनों के बिच क्या अंतर है यह नहीं जान पाते है ! लेकिन यदि आप ध्यान से समझेंगे तो इन दोनों में बहुत ही अंतर है , जो इस प्रकार है –
ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट में मुख्य अंतर यही है कि ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से हम shares को खरीदने और बेचने का ऑर्डर देते है तथा इसमें हम shares को खरीदने के लिए पैसे को जमा रख सकते है , जबकि डीमैट अकाउंट में हम पैसे को जमा नहीं रख सकते यह हमें ख़रीदे गए shares को स्टोर करने अर्थार्त रखने की सुविधा प्रदान करता है !
दोस्तों उम्मीद करता हूँ ट्रेडिंग अकाउंट क्या है ? What Is Trading Account In Hindi लेख आपको पसंद आया होगा ! अगर Trading Account Kya Hai आर्टिकल के सम्बन्ध में आपके मन में कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है !
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I Am Adv. Jagdish Kumawat. Founder of Financeplanhindi.com . Here We Are Share Tax , Finance , Share Market, Insurance Related Articles in Hindi.