शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है?

बड़ी खबर- बोनस, स्टॉक स्प्लिट के तहत शेयर अलॉटमेंट से जुड़े नए नियम जल्द, सेबी ने की पूरी तैयारी
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बोनस, स्टॉक स्प्लिट के तहत निवेशकों के खाते में कब तक शेयर जाएंगे इस पर सेबी नए नियम लाने जा रही है.
आम निवेशकों के हितों का ख्याल रखने के लिए बिजनेस चैनल सीएनबीसी आवाज़ लगातार कदम उठाता रहता है. इसी कड़ी में मैनेजिंग एडिटर अनुज सिंघल ने नायका के शेयर विभाजन की एक्स डेट और लॉक इन की डेट को लेकर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने बताय था कि निवेशकों के लिए शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? ये कदम सही नहीं है. क्योंकि किसी निवेशक को उस दिन शेयर बेचना होता तो सिर्फ एक ही शेयर बेच पाते. ऐसे में निवेशकों को फायदे की जगह बड़ा नुकसान होता. मनीकंट्रोल की खबर के मुताबिक, सेबी इस पर कड़े कदम उठाने की तैयारी कर रही है. शेयर अलॉटमेंट के नए नियम जल्द आने वाले है.
वहीं, दूसरी ओर बोनस शेयर जारी होने के बाद से Easy Trip Planners के शेयर में करीब 40 फीसदी की तेजी देखने को मिली है. लेकिन इस तूफानी तेजी के बाद एक्सचेंज ने कंपनी से सवाल पूछे है.
मनीकंट्रोल ने अपनी एक रिपोर्ट में मार्केट एक्सपर्ट के हवाले से बताया कि बोनस इश्यू को लेकर नियमों में ढील का ऑपरेटर्स फायदा उठा शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? रहे हैं. आमतौर पर बोनस इश्यू और शेयर विभाजन के बाद शेयर 14 दिन में अलॉट हो जाते है. लेकिन कई प्रमोटर्स इनका फायदा उठा रहे हैं.
आपको शेयर विभाजन (Stock Slipt) क्या होता है और निवेशकों के लिए इसके क्या मायने हैं इसके बारे में बताते हैं-
किसी शेयर की फेस वैल्यू को कम करना शेयर विभाजन कहलाता है. यानी 10 की फेस वैल्यू वाले शेयर की फेस वैल्यू 2 की जाती है तो शेयर को 5 हिस्सों में विभाजित करना होगा. विभाजन के साथ ही रिकॉर्ड डेट पर शेयर का बाज़ार भाव भी 5 हिस्सों में एडजस्ट हो जाएगा. शेयर विभाजन ख़ास तौर पर लिक्विडिटी और वॉल्यूम बढ़ाने के मकसद से किया जाता है. शेयर विभाजन करने का मकसद अधिक से अधिक रीटेल निवेशकों को हिस्सेदार बनाना होता है.
कंपनी जब निवेशकों को मुफ्त में शेयर देती है तो उसे बोनस शेयर कहा जाता है. निवेशकों को बोनस शेयर ख़ास अनुपात में मिलता है. यानी अगर कोई कंपनी 3:2 का बोनस देती है तो इसका मतलब है कि हर 2 शेयर पर आपको 3 बोनस शेयर मिलेंगे. हालांकि बोनस इश्यू के बाद इक्विटी कैपिटल बढ़ जाता है, लेकिन फेस वैल्यू में कोई बदलाव नहीं होता. फेस वैल्यू में बदलाव नहीं होने से निवेशक को भविष्य में इसका फ़ायदा ज़्यादा डिविडेंड के तौर पर होता है.
Stock Split क्या होता है? कंपनी और शेयरधारकों के लिए कैसे फायदेमंद? स्टॉक स्प्लिट क्यों किया जाता है?
Stock Split: अगर किसी कंपनी के शेयर की वैल्यूएशन ज्यादा हो गई है तो शेयर को दो हिस्से में तोड़ा जाता है.
Stock Split: शेयर बाजार में कई तरह के शब्दों या टर्म्स का इस्तेमाल होता है. ट्रेडिंग के दौरान इन शब्दों से निवेशकों का भी वास्ता पड़ता है. डिविडेंड, शेयर बायबैक, स्टॉक स्प्लिट जैसे शब्द अक्सर सुनने को मिलते हैं. हाल ही में दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी Amazon ने अपने स्टॉक स्प्लिट का ऐलान किया है. लेकिन, आखिर ये स्टॉक स्प्लिट होता क्या है? निवेशकों के लिए क्यों इतना खास है ये शब्द. कंपनियां क्यों और किस लिए करती हैं इसका इस्तेमाल? ऐसे तमाम सवाल आपके जहन में भी आते होंगे. आज हम आपको बताएंगे ये स्टॉक स्प्लिट क्या है और क्यों किया जाता है.
क्या होता है स्टॉक स्प्लिट का मतलब?
स्टॉक स्प्लिट का मतलब शेयर विभाजन होता है. आसान शब्दों में कहें तो किसी भी एक शेयर को तोड़कर दो या उससे ज्यादा बना देना. स्टॉक स्प्लिट के जरिए कंपनियां अपने शेयरों को एक से ज्यादा शेयरों में विभाजित करती हैं. लेकिन, क्यों किया जाता है? बाजार के जानकारों का मानना है कि आमतौर पर जब किसी कंपनी का शेयर काफी महंगा होता है तो छोटे निवेशक उसमें निवेश करने से कतराते हैं. ऐसे में इन छोटे निवेशकों को अपनी तरफ खींचने के लिए कंपनी स्टॉक स्प्लिट करती है. कई बार मार्केट में डिमांड बढ़ाने के लिए भी कंपनियां स्टॉक स्प्लिट करती हैं.
क्या होता है शेयरधारकों को फायदा?
अगर किसी कंपनी के शेयर की वैल्यूएशन ज्यादा हो गई है तो शेयर को दो हिस्से में तोड़ा जाता है. अगर कोई कंपनी स्टॉक स्प्लिट करती है, तो शेयरधारकों को उसके पास मौजूद हर एक शेयर के लिए एक अतिरिक्त शेयर दिया जाता है. इससे शेयरधारक के पास पहले से मौजूद शेयरों की संख्या दोगुनी हो जाती है. मान लीजिए किसी शेयरधारक के पास एक कंपनी के 400 शेयर हैं और कंपनी स्टॉक स्प्लिट लाकर 1 शेयर को 2 में तोड़ देती है तो शेयरधारक के पास अब कंपनी के 800 शेयर शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? हो जाएंगे. हालांकि, उसकी निवेश की वैल्यू पर इससे कोई असर नहीं होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि, स्टॉक स्प्लिट करने से हर एक शेयर की वैल्यू आधी हो जाती है.
कंपनी पर क्या पड़ता है असर?
स्टॉक स्प्लिट से कंपनी के शेयरों में लिक्विडिटी आती है. छोटे निवेशकों का रुझान शेयर की तरफ बढ़ता है. कीमत कम होने से भी शेयरों में तेजी की संभावना बढ़ जाती है. शॉर्ट टर्म के लिए कंपनी के शेयरों में उछाल देखने को मिलता है. बाजार में कंपनी के शेयरों की संख्या बढ़ जाती है. हालांकि, इससे कंपनी के मार्केट कैपिटलाइजेशन (Market Cap) शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? पर कोई असर नहीं पड़ता.
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क्यों आती है शेयरों में तेजी?
स्टॉक स्प्लिट से कंपनी के शेयरों की कीमत घट जाती है. बाजार में शेयर का आकर्षण बढ़ता है. माना जाता है कि कंपनी ने वैल्यूएशन के लिहाज से शेयर को काफी सस्ता कर दिया है. इसलिए छोटे निवेशकों के लिए भी उसमें निवेश करना आसान होता है. ऐसी स्थिति में डिमांड बढ़ने पर शेयर की कीमतों में फिर से उछाल आता है. कुछ दिन या हफ्तों के लिए उस शेयर में रैली देखने को मिल सकती है.
Stock Split: महज 6 महीने में दिया 1190% रिटर्न, 1 लाख को बनाया 13 लाख, अब होगा स्टॉक स्प्लिट
Confidence Futuristic Energetech Ltd. ने स्टॉक स्प्लिट करने का फैसला किया है. हर शेयर को दो हिस्सों में बांटा जाएगा. 5 साल में इस शेयर ने शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? 3098 फीसदी रिटर्न दिया है.
एक मल्टीबैगर स्टॉक (Multibagger Stock) ने अपने निवेशकों के लिए एक बड़ी घोषणा की है. कंपनी ने स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) का फैसला किया है. इस कंपनी का नाम है Confidence Futuristic Energetech Ltd., जिसकी मार्केट वैल्युएशन करीब 500.21 करोड़ रुपये है. इस कंपनी ने 5 साल में करीब 3098 फीसदी का रिटर्न दिया है. वहीं सिर्फ 6 महीने में इस शेयर ने करीब 1190 फीसदी रिटर्न दिया है. अब शेयरधारकों को और भी खुश करने की प्लानिंग है, क्योंकि कंपनी के बोर्ड ने स्टॉक स्प्लिट का फैसला किया है.
कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने फैसला किया है कि हर 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले इक्विटी शेयर को 5-5 रुपये के दो इक्विटी शेयर्स में तोड़ा जाएगा. इसकी रेकॉर्ड डेट (Record Date) 3 नवंबर तय की गई है. शुक्रवार को कंपनी के शेयरों ने अपर सर्किट छुआ और 399.85 रुपये के स्तर पर जा पहुंचे. कंपनी का शेयर 4.99 फीसदी तक चढ़ा. अप्रैल में यह शेयर करीब 31 रुपये का था और उसी के बाद से इसमें ऐसी तेजी आनी शुरू हुई है कि रुकने का नाम नहीं ले रही.
6 महीने में 13 गुना हुई कीमत
25 जून 2018 को कंपनी का शेयर 12.50 रुपये का था. यानी पिछले 5 सालों में कंपनी के शेयर ने शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? करीब 3098.80 फीसदी का रिटर्न दिया है. इसी वित्त वर्ष की शुरुआत में अप्रैल महीने के दौरान कंपनी का शेयर करीब 31 रुपये का था. आज की तारीख में ये शेयर करीब 400 रुपये का हो चुका है. यानी करीब 6-7 महीनों में ही कंपनी का शेयर करीब 13 गुना चढ़ गया है.
पहले समझिए शेयर बांटने का मतलब
शेयरों का बंटवारा यानी स्टॉक स्प्लिट का मतलब है एक शेयर को कई शेयरों में बांट देना. इससे शेयर किफायती शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? बन जाते हैं और पहले की तुलना में अधिक लोग शेयरों में निवेश कर पाते हैं. जैसे 100 रुपये के शेयर को 1:10 के अनुपात में बांटें तो एक शेयर 10 रुपये का हो जाएगा, जिससे अधिक लोग शेयरों में निवेश कर पाएंगे. स्टॉक स्प्लिट के जरिए एक कंपनी अपने शेयरों की संख्या को बढ़ाती है, जिससे स्टॉक शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? की शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? फेस वैल्यू घट जाती है. कंपनियां स्टॉक स्प्लिट इसलिए करती हैं, ताकि स्टॉक की कीमत घटाई जा सके. कीमत कम होने की वजह से छोटे रिटेल निवेशक भी उसे आसानी से खरीद पाते हैं, जिससे लिक्विडिटी बढ़ती है.
स्टॉक स्प्लिट तमाम कंपनियों में इस्तेमाल होने वाली आम प्रैक्टिस है, लेकिन निवेशक अक्सर इससे कनफ्यूज हो जाते हैं. उन्हें लगता है कि शेयरों की संख्या बढ़ जाने से उनके दाम दोगुने-तीन गुने हो जाएंगे. हालांकि, ऐसा नहीं है. स्टॉक स्प्लिट में दो तारीखें बहुत ही अहम होती हैं, रेकॉर्ड डेट और एक्स-डेट. रेकॉर्ड डेट वह तारीख होती है, जिस पर या उससे पहले आपके पास शेयर होना जरूरी है, तभी फायदा मिलेगा. वहीं एक्स-डेट रेकॉर्ड डेट से एक दो दिन पहले की तारीख होती है, ताकि उस तारीख पर अगर आप शेयर खरीदें तो रेकॉर्ड डेट तक वह शेयर आपके डीमैट अकाउंट में आ जाएं.
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बड़ी खबर- बोनस, स्टॉक स्प्लिट के तहत शेयर अलॉटमेंट से जुड़े नए नियम जल्द, सेबी ने की पूरी तैयारी
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बोनस, स्टॉक स्प्लिट के तहत निवेशकों के खाते में कब तक शेयर जाएंगे इस पर सेबी नए नियम लाने जा रही है.
आम निवेशकों के हितों का ख्याल रखने के लिए बिजनेस चैनल सीएनबीसी आवाज़ लगातार कदम उठाता रहता है. इसी कड़ी में मैनेजिंग एडिटर अनुज सिंघल ने नायका के शेयर विभाजन की एक्स डेट और लॉक इन की डेट को लेकर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने बताय था कि निवेशकों के लिए ये कदम सही नहीं है. क्योंकि किसी निवेशक को उस दिन शेयर बेचना होता तो सिर्फ एक ही शेयर बेच पाते. ऐसे में निवेशकों को फायदे की जगह बड़ा नुकसान होता. मनीकंट्रोल की खबर के मुताबिक, सेबी इस पर कड़े कदम उठाने की तैयारी कर रही है. शेयर अलॉटमेंट के नए नियम जल्द आने वाले है.
वहीं, दूसरी ओर बोनस शेयर जारी होने के बाद से Easy Trip Planners के शेयर में करीब 40 फीसदी की तेजी देखने को मिली है. लेकिन इस तूफानी तेजी के बाद एक्सचेंज ने कंपनी से सवाल पूछे है.
मनीकंट्रोल ने अपनी एक रिपोर्ट में मार्केट एक्सपर्ट के हवाले से बताया कि बोनस इश्यू को लेकर नियमों में ढील का ऑपरेटर्स फायदा उठा रहे हैं. आमतौर पर बोनस इश्यू और शेयर विभाजन के बाद शेयर 14 दिन में अलॉट हो जाते है. लेकिन कई प्रमोटर्स इनका फायदा उठा रहे हैं.
आपको शेयर विभाजन (Stock Slipt) क्या होता है और निवेशकों के लिए इसके क्या मायने हैं इसके बारे में बताते हैं-
किसी शेयर की फेस वैल्यू को कम करना शेयर विभाजन कहलाता है. यानी 10 की फेस वैल्यू वाले शेयर की फेस वैल्यू 2 की जाती है तो शेयर को 5 हिस्सों में विभाजित करना होगा. विभाजन के साथ ही रिकॉर्ड डेट पर शेयर का बाज़ार भाव भी 5 हिस्सों में एडजस्ट हो जाएगा. शेयर विभाजन ख़ास तौर पर लिक्विडिटी और वॉल्यूम बढ़ाने के मकसद से किया जाता है. शेयर विभाजन करने का मकसद अधिक से अधिक रीटेल निवेशकों को हिस्सेदार बनाना होता है.
कंपनी जब निवेशकों को मुफ्त में शेयर देती है तो उसे बोनस शेयर कहा जाता है. निवेशकों को बोनस शेयर ख़ास अनुपात में मिलता है. यानी अगर कोई कंपनी 3:2 का बोनस देती है तो इसका मतलब है कि हर 2 शेयर पर आपको 3 बोनस शेयर मिलेंगे. हालांकि बोनस इश्यू के बाद इक्विटी कैपिटल बढ़ जाता है, लेकिन फेस वैल्यू में कोई बदलाव नहीं होता. फेस वैल्यू में बदलाव नहीं होने से निवेशक को भविष्य में इसका फ़ायदा ज़्यादा डिविडेंड के तौर पर होता है.