एक ट्रेडिंग रोबोट

Trading क्या है?

Trading क्या है?
स्टॉक मार्केट नालेज

आईये जानते है पेपर ट्रेडिंग क्या है? पेपर ट्रेडिंग कैसे करें

Paper Trading in Hindi

पेपर ट्रेडिंग क्या है?(What is Paper Trading in Hindi): पेपर ट्रेडिंग को ‘मॉक ट्रेडिंग’ के नाम से भी जाना जाता है। यह एक नकली गेम जैसे है जो निवेश की गुर सिखाता है। अर्थात निवेश कैसे किया जाए इस बात को सिखाता है। इसमे सीखने की प्रक्रिया में इस खेल में कई रूप होते हैं। पेपर ट्रेडिंग में स्टाक मार्किट, म्यूचुअल फंड, कमोडिटी, फ्यूचर सिम्युलेटेड ट्रेडिंग शामिल होता है। इस तरह से हम कह सकते हैं कि पेपर ट्रेडिंग हमें शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के वास्तविक अनुभव को देने के लिए एक सिम्युलेटेड सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन वाला ऑनलाइन प्लेटफॉर्म होता है। इसे वर्चुअल ट्रेडिंग के नाम से भी जाना जाता है।

इसमें ट्रेडिंग को सीखने के लिए प्रैक्टिस कर सकते हैं और यह पूरी प्रक्रिया वास्तविक ट्रेडिंग जैसी ही होती है। इसकी खासियत यह होती है कि पेपर ट्रेडिंग में किसी भी प्रकार के वास्तविक इन्वेस्टमेंट की जरूरत नहीं होती अर्थात वास्तविक रूप से पैसा इसमें नहीं लगाया जाता है। यह बस आप को सिखाती है कि शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कैसे करनी है। भारत में पेमेंट ट्रेडिंग के लिए कई सारे ऐप है। जहां पर रजिस्टर करके आप वर्चुअल मनी का इस्तेमाल करके ट्रेडिंग कर सकते हैं।

शेयर बाजार में शुरुआती निवेशक, जो लोग शुरुआती तौर से शेयर बाजार में पैसा लगाना चाहते हैं उनके लिए पेपर ट्रेडिंग को सीखने में यह अभ्यास बहुत मददगार होता है। पेपर ट्रेडिंग स्टॉक मार्केट के जैसा ही अनुभव देता है। पेपर ट्रेडिंग करने के लिए आपको एक निश्चित धनराशि को तय करना होता है। फिर जिस शेयर में निवेश करना चाहते हैं अपने पसंद के शेयरों का चयन करना होता है। लिस्ट के साथ उनके स्टाक की कीमत भी दर्ज होती है। पेपर ट्रेडिंग से ट्रेडिंग करना सीख कर आप वास्तव में शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर के आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

पेपर ट्रेडिंग कैसे करें (How to do Paper Trading in Hindi) –

आज ऑनलाइन कई सारे पेपर ट्रेडिंग (Paper Trading in hindi) ऐप और सॉफ्टवेयर उपलब्ध है जिसका उपयोग करके आप पेपर ट्रेडिंग सीख सकते है। भारत में पेपर ट्रेडिंग के लिए 2 सर्वश्रेष्ठ अच्छी रेटिंग वाले सॉफ्टवेयर मौजूद हैं – मनी भाई और पेपर ट्रेडिंग एमएससी । यह दोनों है पेपर ट्रेडिंग की सुविधा दे रहे हैं। इन्हें वर्चुअल ट्रेडिंग के नाम से भी जानते है।

Intraday Trading क्या है और कैसे करें ?

intraday trading kya hai kaise kare

यदि आप शेयर मार्केट से पैसे कमाना चाहते हैं तो इसके 2 तरीके हैं- (1). किसी कम्पनी के शेयर खरीद कर लम्बे समय तक निवेश के रूप में रखना; या (2). फायदा (प्रोफिट) कमाने के लिए एक ही दिन में शेयरों की खरीद-बिक्री करना। इनमें से दूसरे तरीके को Intraday Trading कहा जाता है। Intraday का हिंदी में अर्थ होता है “एक ही दिन के भीतर”, अर्थात कोई भी ऐसा कार्य जो एक ही दिन में शुरू करके समाप्त कर दिया जाए उसको Intraday बोलते हैं। अतः शेयर मार्केट में एक ही दिन में की जाने वाली शेयरों की खरीद-बिक्री को इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है। यहाँ पर हम आपको Intraday Trading क्या है, Intraday Trading कैसे करें, Intraday Trading से पैसे कैसे कमाएं आदि से सम्बंधित सभी जानकारी देंगे। अतः इस लेख को अंत तक पढ़ें।

Table of Contents

Intraday Trading क्या है ?

Intraday Trading शेयर मार्केट में शेयरों की उस ट्रेडिंग गतिविधि को कहा जाता है जिसमें आप लाभ कमाने के लिए एक ही दिन में शेयरों की खरीद और बिक्री करते हैं। भारत में इंट्राडे ट्रेडिंग का आधिकारिक समय सुबह 9.30 बजे से लेकर दोपहर के 3.30 बजे तक होता है और यदि आप इंट्राडे ट्रेडिंग कर रहे हैं तो आपको समय का ख़ास ध्यान रखना होता है। इंट्राडे ट्रेडिंग में समय की महत्ता इसलिए है क्योंकि Intraday Trading में यदि आपने किसी भी दिन अपने खरीदे गए शेयरों को दोपहर के 3.30 बजे तक नहीं बेचा तो वह 3.30 बजे स्वयं बिक जाएंगे। अतः इंट्राडे ट्रेडिंग शेयर मार्केट की एक जोखिम भरी ट्रेडिंग गतिविधि है जिसमें आपको वित्तीय लाभ भी हो सकता है और हानि भी हो सकती है। परन्तु यदि आप इंट्राडे ट्रेडिंग की तय समय सीमा में सावधानी से शेयर बाज़ार के उतार-चढ़ाव पर नज़र रखते हैं और बिना किसी लालच के थोड़ा सा लाभ होते ही अपने उसी दिन खरीदे गए शेयर बेच देते हैं तो आप इस से प्रतिदिन कुछ ना कुछ वित्तीय लाभ कमा सकते हैं।

Intraday Trading के लिए आवश्यक दस्तावेज़

इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपको मुख्यतः एक बैंक खाता और एक शेयर ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है। आप अपना बैंक अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट एक ही बैंक में या अलग-अलग बैंकों में या बैंक अकाउंट बैंक में और ट्रेडिंग अकाउंट किसी शेयर ब्रोकर के पास खुलवा सकते हैं। ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट खुलवाने के बाद उनको लिंक कीजिये और आप इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए तैयार हैं। यदि आप शेयर बाज़ार में लम्बे समय के लिए भी निवेश करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट खुलवाने की आवश्यकता भी होती है, परन्तु इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बैंक अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट ही पर्याप्त हैं। उपरोक्त सभी प्रकार के अकाउंट खुलवाने के लिए आपको आधार कार्ड और पैन कार्ड की आवश्यकता होती है। यदि आप शेयर मार्केट में लम्बे समय तक भी निवेश करना चाहते हैं तो इस से सम्बंधित पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारा लेख “शेयर मार्केट क्या है और शेयर मार्केट से पैसे कैसे कमाएं” पढ़ सकते हैं।

Intraday Trading कैसे करें ?

Intraday Trading करने के लिए आपको सुबह 9.30 बजे से लेकर दोपहर के 3.30 बजे तक शेयर बाज़ार पर अधिक से अधिक समय बिताना होगा। आप जितना अधिक समय उस पर बिताएंगे उतनी ही Trading क्या है? सावधानी से ट्रेडिंग कर पाएंगे और एक ही दिन के शेयरों की खरीद- बिक्री में अधिक से अधिक लाभ कमा पाएंगे। यहाँ पर इंट्राडे ट्रेडिंग में यह बात तय है कि सावधानी हटी और दुर्घटना घटी। अतः तय समय सीमा के भीतर आप शेयर मार्केट पर पैनी नज़र रखते हुए शेयरों के दाम बढ़ते ही बेच देने पर लाभ कमा सकते हैं। यदि आपने अपने खरीदे हुए शेयरों की बढ़ोतरी को किसी कारणवश नोटिस नहीं किया तो हो सकता है कि फिर उस दिन 3.30 बजे तक आपके शेयरों के दाम ऊपर ही ना आएं और आपको हानि हो जाए। अतः इंट्राडे ट्रेडिंग में लाभ कमाने के लिए शेयर मार्केट की गतिविधियों पर नज़र रखते हुए आपको अधिक से अधिक समय शेयर बाज़ार को देना होगा। परन्तु यह बिल्कुल भी आवश्यक नहीं है कि आप सुबह 9.30 बजे से लेकर दोपहर के 3.30 बजे तक का पूरा समय शेयर मार्केट पर बिताएं तो आपको निश्चित ही लाभ होगा। कभी- कभी किसी कारणवश ऐसा भी हो सकता है कि आपके द्वारा खरीदे गए शेयरों के दाम उस दिन एक बार भी ना बढ़े और घटते ही रहें या लगभग स्थिर रहें। ऐसी स्थिति आने पर आपको उस दिन इंट्राडे ट्रेडिंग में हानि होना निश्चित है।

Intraday Trading से पैसे कैसे कमाएं ?

आप निम्नलिखित बातों का ध्यान रख कर इंट्राडे ट्रेडिंग से पैसे या लाभ कमा सकते हैं:

  1. Intraday Trading के लिए सदैव ऐसी कंपनियों के शेयरों का चुनाव कीजिये जिनमें अधिक ट्रेडिंग (खरीद-बिक्री) की जाती हो। इसका लाभ यह होगा कि दाम बढ़ने पर यदि आप उनको बेचना चाहें तो वह आसानी से और एकदम बिक जाएंगे।
  2. इंट्राडे ट्रेडिंग में समय कम होने के कारण अपनी प्रोफिट लिमिट (लाभ की दर) कम रखें और थोड़ा लाभ होते ही शेयरों को बेच दें। अर्थात इंट्राडे ट्रेडिंग में लालच की Trading क्या है? कोई जगह नहीं है।
  3. इंट्राडे ट्रेडिंग में नुक्सान या हानि के लिए सदैव तैयार रहें। अतः मात्र उतने ही पैसे निवेश करें जिनको खोने के बाद आप पर वित्तीय बोझ ना पड़े।
  4. जिन शेयरों में आप इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए निवेश करना चाह रहे हैं उन शेयरों का पिछले कुछ दिनों के ट्रेंड (उतार- चढ़ाव) का विश्लेषण अवश्य करें और Trading क्या है? उसके अनुसार ही निवेश का निर्णय लें।
  5. एक ही दिन में कई कंपनियों के शेयरों में या एक ही कंपनी के शेयरों में कई बार ट्रेडिंग के लिए तैयार रहें।
  6. यदि आप उपरोक्त सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए अपने स्टॉक को स्मार्ट तरीके से चुनते हैं, तो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग में लाभ अर्जित करने की संभावनाएं सदा बनी रहती हैं।

निष्कर्ष

इस लेख के माध्यम से हमने आपको Intraday Trading क्या है, Intraday Trading कैसे करें, Intraday Trading से पैसे कैसे कमाएं आदि से सम्बंधित उपयुक्त जानकारी देने का प्रयास किया है। यदि आप स्टॉक मार्केट और इंट्राडे ट्रेडिंग में नए हैं और इसके सभी लाभ-हानि को ध्यान में रखते हुए भारतीय शेयर बाज़ार में निवेश करके पैसे कमाना चाहते हैं तो यहाँ उपलब्ध जानकारी आपको सदैव लाभकारी होगी। परन्तु इंट्राडे ट्रेडिंग करने से पूर्व आपको यह जान लेना अति आवश्यक है कि शेयर मार्केट में मौजूद सभी निवेश विकल्पों में से इंट्राडे ट्रेडिंग सर्वाधिक वित्तीय जोखिम वाली गतिविधियों में से एक है। अतः इंट्राडे ट्रेडिंग करने से पूर्व आप इसमें मौजूद वित्तीय जोखिम और हो सकने वाली हानि को सदैव ध्यान में रखें।

After-Hours trading क्या है?

आफ्टर आवर्स ट्रेडिंग क्या है? [What is After-Hours trading? In Hindi]

After-Hours trading नियमित Trading hours के बाहर के समय को संदर्भित करता है जब कोई निवेशक प्रतिभूतियों (Stock) को खरीद और बेच सकता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में मुख्य एक्सचेंज, NASDAQ और NYSE, मानक ट्रेडिंग सत्र आयोजित करते हैं जो सुबह 9:30 बजे शुरू होते हैं और शाम 4:00 बजे समाप्त होते हैं।

Regular trading की समाप्ति के बाद, एक्सचेंज शाम 4:00 बजे से शाम 6:00 बजे के बीच के घंटों के सत्र में व्यापार जारी रखने की अनुमति देते हैं। ये सत्र कभी-कभी रात 8:00 बजे तक बढ़ सकते हैं। ट्रेडिंग इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन नेटवर्क्स (ईसीएन) के माध्यम से की जाती है, जो स्टॉक के खरीदारों और विक्रेताओं को बिना किसी भौतिक रूप से ट्रेडिंग फ्लोर पर व्यापार करने में सक्षम बनाता है।

आफ्टर आवर्स ट्रेडिंग क्या है? [What is After-Hours trading? In Hindi]

घंटों के बाद व्यापार क्यों? [Why trade After-hours?]

पूरे यू.एस. शेयर बाजार के साथ दिन में साढ़े छह घंटे, सप्ताह में पांच दिन व्यापार करने के लिए तैयार होने के साथ, किसी को आश्चर्य हो सकता है कि निवेशक बाजार के व्यापार के लिए बंद होने तक इंतजार क्यों करेंगे। पता चला, आफ्टर-आवर्स ट्रेडिंग गेम में शामिल होने के फायदे और जोखिम हैं। Agency Cost क्या हैं?

आफ्टर-आवर्स ट्रेडिंग के लाभ [Advantage of After-Hours Trading] [In Hindi]

कई कंपनियां ट्रेडिंग बंद होने के बाद अपनी तिमाही आय रिपोर्ट जारी करती हैं। यदि कोई हाई-प्रोफाइल कंपनी बकाया तिमाही परिणामों का खुलासा करती है, तो कई निवेशक अगले दिन तक प्रतीक्षा करने के बजाय अच्छे परिणामों का लाभ उठाने के लिए बाद के घंटों के कारोबार में स्टॉक खरीदने के लिए दौड़ सकते हैं।

वैकल्पिक रूप से, एक कंपनी भयानक परिणामों की रिपोर्ट कर सकती है, और नकारात्मक रिपोर्ट के बाद नुकसान से बचने के लिए स्टॉक के मालिकों के पास बेचने के लिए तैयार ऑर्डर हो सकता है। कुछ व्यापारी कम कीमत पर शेयरों की कोशिश करने और कब्जा करने के लिए बाद के घंटों के कारोबार में एक खरीद आदेश भी दे सकते हैं।

एक निवेशक को भी जल्दी से तरलता की आवश्यकता हो सकती है और वह जल्द से जल्द T+3 (Trading+ 3 Days) निपटान प्रक्रिया शुरू करना चाहता है। आफ्टर-आवर्स ट्रेडिंग अगले कारोबारी दिन की तुलना में टी+3 घड़ी जल्दी शुरू कर सकती है।

क्या आप वास्तव में घंटों के बाद व्यापार कर सकते हैं? [Can you really trade after hours?] [In Hindi]

हां, बशर्ते आपकी ब्रोकरेज आपको ऐसा करने के लिए अधिकृत करे। आप पहले यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि आप स्पष्ट रूप से समझें कि आफ्टर-आवर्स ट्रेडिंग कैसे काम करती है और इसमें शामिल जोखिम। आपका ब्रोकरेज यह सुनिश्चित करने के लिए एक निवेश प्रतिनिधि से मिलने के लिए कह सकता है कि आप आफ्टर-आवर्स और प्रीमार्केट ट्रेडिंग से उत्पन्न कठिनाइयों को जानते हैं।

Stock Market Knowledge In Hindi स्टॉक और शेयर मार्केट में क्या अंतर है?

Stock और Share Market क्या अंतर है ज्यादातर लोग यही नहीं समझ पाते हैं. आइए जानते हैं स्टॉक मार्केट कैसे शेयर मार्केट से अलग है.

स्टॉक मार्केट नालेज

स्टॉक मार्केट नालेज

भले ही इन शब्दों को एक दूसरे के स्थान पर उपयोग किया जाता है, लेकिन वे अपने संचालन के तरीकों में भिन्नता होता है. अगर समानता की बात की जाए तो स्टॉक मार्केट एवं शेयर बाजार, एक ऐसा बाजार है जहां पर कंपनियां अपना शेयर जारी करता है और निवेशक उसे खरीद या बेच सकता है.

यह जानकारी निवेशकों को यह अनुमान लगाने में मदद कर सकती है कि भविष्य में शेयर बाजार कैसा व्यवहार करेगा और शेयरों में निवेश करने या न करने के बारे में निर्णय ले सकता है।

इसके अतिरिक्त, विश्लेषक रुझानों की पहचान करने और भविष्य के प्रदर्शन की भविष्यवाणी करने के लिए विभिन्न शेयरों और उद्योगों को ट्रैक करते हैं।

अगर टेक्निकली देखा जाए तो जब कई शेयरों को एक साथ रखा जाता है, तो इसे स्टॉक कहा जाता है. एक कंपनी सीधे शेयर जारी कर सकती है, लेकिन वह इस तरह से स्टॉक जारी नहीं कर सकती है. याद रखिएगा की शेयर का मूल्य बहुत कम भी हो सकता है किंतु स्टॉक का मूल्य हमेशा ज्यादा होता है.

कंपनी के लाखों-करोड़ों शेयर को स्टॉक के तौर पर देखा जाता है, यही कारण है कि दुनिया के ज्यादातर शेयर मार्केट को स्टॉक एक्सचेंज के नाम से जाना जाता है. भारत मैं मुख्य रूप से दो स्टॉक एक्सचेंज है जिसका नाम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और दूसरा नाम मुंबई स्टॉक एक्सचेंज है.

दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि शेयर मार्केट का सबसे बड़े प्लेटफार्म को स्टॉक एक्सचेंज कहा जाता है. जहां पर करोड़ों की संख्या में निवेशक निवेश करते हैं और कंपनियां अपना शेयर, स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से जारी करता है.

Stock Market Kaise Kam Karta Hai?

एक बार प्राइमरी शेयर (IPO) में नई प्रतिभूतियों के बेचे जाने के बाद, उनका सेकेंडरी शेयर बाजार में कारोबार किया जाता है. जहां एक निवेशक दूसरे निवेशक से मौजूदा बाजार मूल्य पर या जिस भी कीमत पर खरीदार और विक्रेता दोनों सहमत होते हैं, शेयर खरीदता है

सेकेंडरी शेयर बाजार या स्टॉक एक्सचेंज नियामक प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित होते हैं। भारत में, प्राइमरी और सेकेंडरी बाजार भारतीय सुरक्षा और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा शासित होते हैं.

एक स्टॉक एक्सचेंज में स्टॉक ब्रोकरों को कंपनी के शेयरों और अन्य प्रतिभूतियों का व्यापार करने की सुविधा देता है. किसी स्टॉक को केवल तभी खरीदा या बेचा जा सकता है जब वह किसी एक्सचेंज में सूचीबद्ध हो.

इस प्रकार, यह स्टॉक खरीदारों और विक्रेताओं का मिलन स्थल है. भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज हैं.

Stock Market Trading कैसे करते हैं?

जब कई शेयरों को एक साथ रखा जाता है, तो इसे स्टॉक कहते हैं. मार्केट वह प्लेस होता है, जहां पर शेयर या स्टॉक को बेचेया खरीदे जाते हैं. ट्रेडिंग का सीधा सा मतलब होता है कि मुनाफा लेकर के खरीद-फरोख्त करना होता है.

भारत में दो Stock Market मार्केट है जिसका नाम मुंबई स्टॉक एक्सचेंज है दूसरा नाम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज है जहां पर आप ऑनलाइन Trading कर सकते हैं.

स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं? स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग मुख्य तौर पर तीन प्रकार से कर सकते हैं, जिनका विवरण निम्नलिखित है.

Intra-day Trading

इंट्राडे ट्रेडिंग एक प्रकार का स्टॉक या शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया है जो 1 दिन के ऑफिशियल आवर में पूरा कर लिया जाता है.

इंट्राडे ट्रेडिंग को ही सबसे ज्यादा लोग पसंद करते हैं. हर लोग इन दिनों जल्दी पैसा कमाना चाहते हैं वह सुबह सुबह कुछ शेयर को खरीद करके 3:00 बजे से पहले बेच करके बड़ा मुनाफा कमाने के चक्कर में रहते हैं.

Scalper Trading

स्कैपर ट्रेडिंग एक प्रकार का ट्रेडिंग है जिसमें कुछ ही मिनटों में शेयर एवं स्टाफ खरीदे जाते हैं और उसे बेच भी दिए जाते हैं. शेयर खरीदने हैं और बेचने के समय में मुश्किल से 10 से 15 मिनटों का अंतर होता है.

शेयर मार्केट के बड़े-बड़े दिग्गज इस तरह के ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं. इस प्रकार के ट्रेडिंग में तुरंत बहुत बड़ा फायदा होने के चांसेस होते हैं किंतु उतना ही चांस होता है कि इतना बड़ा नुकसान हो जाए. यही कारण है कि इस तरह के ट्रेडिंग में स्टॉक मार्केट के दिग्गज खिलाड़ी ही भाग लेते हैं.

Swing Trading

स्विंग ट्रेडिंग उस तरह के निवेशक के लिए सबसे अच्छा माना जाता है जो लंबे समय तक स्टॉक मार्केट में अपना निवेश रखना चाहते हैं. स्विंग ट्रेडिंग में देखा जाता है कि जिस कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड बहुत अच्छा होता है उसी कंपनी के शेयर में इस तरह का ट्रेडिंग किया जाता है.

निवेशक अपने खरीदे हुए शेयरों को लंबे समय तक अपने पास रखते हैं. जब शेयरों का कीमत बढ़ जाता है तभी निवेशक उसे बेचते हैं.

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने का सही समय क्या होता है?

हमारे कुछ यूज़र पूछते हैं कि हमें शेयर कब खरीदना चाहिए और कब उसे बेच देना चाहिए? मेरा सीधा सा उत्तर होता है कि जब आपको शेयर सस्ता मिले तो उसे खरीद लीजिए. आपके द्वारा खरीदे गए शेयर का दाम अगर बढ़ जाता है तो उसे आप बेच दीजिए.

मैंने खुद शेयर मार्केट के एक बड़े एक्सपर्ट से पूछा कि, आखिरकार हमें कैसे पता चलेगा कि सस्ते शेयर का दाम आने वाले समय में उनका दाम बढ़ जाएगा?

एक्सपर्ट का उत्तर – सस्ते शेयर का दाम बढ़ेगा या नहीं यह आपको तभी पता चलेगा जब आप उनके पिछले कुछ सालों का ट्रेंड देखेंगे और उस कंपनी के एनुअल रिपोर्ट का एनालिसिस करेंगे तभी आप सही आकलन कर पाएंगे.

हमारे ज्यादातर यूजर यह सोचते हैं कि हम एक क्लिक से अपने डिमैट अकाउंट में शेर को खरीद लेते हैं और तुरंत ही एक दूसरे क्लिक पर उसे बेच देते हैं. मैं तो कहूंगा कि यह काम इतना आसान नहीं है.

स्टॉक मार्केट नॉलेज से संबंधित आर्टिकल को आपने Trading क्या है? पढ़ा होगा, जिससे आपको साफ साफ पता चल गया होगा कि आप शेयर या स्टॉक को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एवं मुंबई स्टॉक एक्सचेंज से खरीद सकते हैं. जिसके लिए आप अपने डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल कर सकते हैं.

कंपनी के एनुअल रिपोर्ट एवं शेयर के पिछले सालों के ट्रेंड को देख कर के आप शेयर खरीदने का फैसला ले सकते हैं. मैं मानता हूं किसी भी कंपनी के एनुअल रिपोर्ट का एनालिसिस करने के लिए आपके पास 3 से 4 घंटे का समय होना चाहिए और आपको ज्ञान भी होना चाहिए.

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