स्टार्टअप में निवेश

इसका असर बेंगलूरु में कोरामंगला, इंदिरानगर, एचएसआर लेआउट और एमजी रोड जैसे स्टार्टअप हब में कई पब और रेस्तरांओं की उदासी के तौर पर स्पष्ट देखा जा सकता है। कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि शुरू में संस्थापक अपने कर्मचारियों के लिए बिक्री लक्ष्य पूरा करने या फंडिंग राउंड पूरा करने जैसी उपलब्ध्यिों पर जश्न मनाने के लिए पूरा पब बुक करते थे। वे कर्मचारियों को गोवा जैसी जगहों पर भी घुमाने ले जाते थे। लेकिन अब इस तरह की पहलों में बड़ी कमी आई है।
स्टार्टअप का निवेश जुटाने के लिए संघर्ष
मोहम्मद इरशाद ने एक विशेष निवेशक नेटवर्किंग कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सोमवार को कोच्चि से गुरुग्राम की उड़ान भरी। वह उन कुछ संस्थापकों में शामिल थे जिन्हें ऐंजलबे, इेवेशन कैपिटल और इन्फ्लेक्शन पॉइंट वेंचर्स जैसे प्रमुख उद्यम पूंजी निवेशकों के सामने फंडिंग के लिए अपने लर्निंग स्टार्टअप नोटस्पीडिया के स्टार्टअप में निवेश लिए निवेश आकर्षित करने का मौका मिला था।
हालांकि उन्हें वहां निवेशकों को लुभाने में चुनौती का सामना करना पड़ा। लेकिन यह उत्साही उद्यमी अपनी निवेश तलाश बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध था। मंगलवार को उन्होंने नैस्कॉम प्रोडक्ट कॉन्क्लेव 2022 में शामिल होने के लिए बेंगलूरु की उड़ान भरी, और वहां उन्हें निवेश लुभाने की राह में सैकड़ों अन्य स्टार्टअप से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ी।
नोटस्पीडिया के मुख्य कार्याधिकारी मोहम्मद इरशाद ने कहा, 'हमें उद्यम पूंजी निवेशकों से प्रतिक्रिया मिली कि वे फिलहाल एडटेक क्षेत्र में निवेश करना नहीं चाहते हैं।' इरशाद ने कहा, 'स्टार्टअप फंडिंग में नरमी दर्ज कर रहे हैं और यह एडटेक कंपनियों के लिए अन्य सेगमेंटों के मुकाबले ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है।'
स्टार्टअप इन्वेस्टमेंट का बढ़ रहा है क्रेज, इस साल सालाना निवेश बढ़कर 36 अरब डॉलर हुआ
TV9 Bharatvarsh | Edited By: शशांक शेखर
Updated on: Jan 16, 2022 | 8:32 AM
देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम (Startup ecosystem) में निवेशक काफी रुचि दिखा रहे हैं, यहीं वजह है कि ऐसी इकाइयों में निवेश तेजी से बढ़ रहा है. उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) के सचिव अनुराग जैन ने शनिवार यह बात कही. जैन ने कहा कि स्टार्टअप इकाइयों में सालाना निवेश (Startup Investment) 11 अरब डॉलर से बढ़कर 36 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि देश में दुनियाभर से स्टार्टअप में आने स्टार्टअप में निवेश वाले निवेश चार फीसदी से बढ़कर छह फीसदी हो गया है. इसमें घरेलू निवेश भी शामिल है. जैन ने राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार समारोह में कहा, ‘‘देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम में निवेशक काफी रुचि दिखा रहे हैं. पिछले एक साल के दौरान स्टार्टअप कंपनियों में निवेश 11 अरब डॉलर से बढ़कर 36 अरब डॉलर पर पहुंच गया है.’’
यूनिकॉर्न के मामले में तीसरे स्थान पर भारत
यूनिकॉर्न (unicorn) के मामले में भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है. ये जानकारियां ओरियोस वेंचर पार्टनर्स की एक रिपोर्ट में साझा की गई है. रिपोर्ट स्टार्टअप में निवेश के मुताबिक युवाओं के अपने कारोबार को लेकर बढ़ते रुझान और सरकार के द्वारा नए कारोबारियों को प्रोत्साहित करने की वजह से देश का स्टार्टअप सेगमेंट मजबूती पकड़ रहा है.
ओरियोस वेंचर पार्टनर्स ने गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि वर्ष 2021 में भारत में एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाले 46 स्टार्टअप्स यूनिकॉर्न का दर्जा पाने में सफल रहे. इसके साथ ही भारत में मौजूद कुल यूनिकॉर्न की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा होकर 90 हो गई. पिछले साल में यूनिकॉर्न बनने वाले स्टार्टअप में शेयरचैट, क्रेड, मीशो, नजारा, मॉगलिक्स, एमपीएल, ग्रोफर्स (अब ब्लिंकइट), अपग्रेड, मामाअर्थ, ग्लोबलबीज, एको और स्पिनी शामिल हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत 90 यूनिकॉर्न की संख्या के साथ अमेरिका और चीन के बाद तीसरा बड़ा यूनिकॉर्न मौजूदगी वाला देश बन गया है.
स्टार्टअप में निवेश की रफ्तार सुस्त
लगातार तीन तिमाहियों के दौरान 10 अरब डॉलर से अधिक रकम जुटाने के बाद कैलेंडर वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में भारतीय स्टार्टअप परिवेश द्वारा जुटाई गई रकम पहली तिमाही के मुकाबले करीब 40 फीसदी घटकर 6.8 अरब डॉलर रह गई।
पीडब्ल्यूसी इंडिया ने 'स्टार्टअप डील्स ट्रैकर- क्यू2 सीवाई22' शीर्षक के तहत अपनी एक रिपोर्ट में इस गिरावट की मुख्य वजह वैश्विक मंदी, तकनीकी शेयरों के मूल्यांकन में गिरावट, मुद्रास्फीति और भू-राजनीतिक अस्थिरता बताई है।
कैलेंडर वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही के दौरान भारतीय स्टार्टअप द्वारा जुटाए गए करीब 3.1 अरब डॉलर में सॉफ्टवेयर एज अ सर्विस (सास) और फिनटेक कंपनियों की हिस्सेदारी सबसे अधिक रही।
पीडब्ल्यूसी इंडिया के पार्टनर (डील्स ऐंड इंडियन स्टार्टअप्स लीडर) अमित नवका ने कहा, 'हमारा मानना है कि समग्र वित्त पोषण परिवेश को स्थिर होने में 12 से 18 महीने लगेंगे। स्टार्टअप में निवेश इस दौरान फंडिंग रफ्तार बढ़ाना स्टार्टअप के लिए फायदेमंद रहेगा।'
स्टार्टअप कंपनी ‘गणित’ ने जुटाया निवेश, 2023 के अंत तक कर्मचारियों की संख्या दोगुना करेगी
हालांकि, कंपनी ने विभिन्न निवेशकों से जुटाई गई राशि का ब्योरा नहीं दिया है। कंपनी ने कहा कि वित्तपोषण के इस दौर की अगुवाई एडवर्ब टेक्नोलॉजीज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और सह-संस्थापक संगीत कुमार, किश्त के सह-संस्थापक और सीईओ कृष्णन विश्वनाथन और ईटक्लब ब्रांड्स के सह-संस्थापकों अंशुल गुप्ता और अमित राज ने की।
कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘वित्तपोषण के इस दौर के साथ हमारी योजना वर्ष 2023 तक कर्मचारियों की संख्या को दोगुना करने की है।’’
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लगातार तीन तिमाहियों में 10 अरब डॉलर से अधिक जुटाने के बाद घरेलू स्टार्टअप कंपनियों में इस साल की दूसरी अप्रैल-जून तिमाही के दौरान निवेश 40 फीसदी घटकर 6.8 अरब डॉलर रह गया। भू-राजनीतिक संकट के कारण स्टार्टअप कंपनियों को मिलने वाले निवेश में कमी आई है। सौदों में 60% से अधिक का औसत आकार 50 लाख डॉलर रहा है।
पीडब्ल्यूसी इंडिया के मुताबिक, कुल निवेश में 95 फीसदी मुंबई और एनसीआर के स्टार्टअप को मिला है। इस दौरान सिर्फ 4 स्टार्टअप यूनिकॉर्न बनने में सफल रहे। वैश्विक स्तर पर 1,200 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्टार्टअप में निवेश को सामान्य होने में एक से डेढ़ साल लग सकते हैं।
विदेशी निवेशकों ने 4,096 करोड़ निकाले
विदेशी संस्थागत निवेशक जुलाई में अब तक घरेलू शेयर बाजार से 4,096 करोड़ रुपये निकाल चुके हैं। हालांकि, पिछले कुछ हफ्तों से इनकी बिकवाली में गिरावट आ रही है।
जनवरी से अब तक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 2.21 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं। 2008 में 52,987 करोड़ निकासी के बाद यह रिकॉर्ड है।