एक ट्रेडिंग रोबोट

भारतीय स्टॉक एक्सचेंज की सूची

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भारतीय स्टॉक एक्सचेंज की सूची

3.46 लाख करोड़ डॉलर का हुआ भारतीय शेयर बाजार

टॉप 5 इक्विटी मार्केट में हो सकता है शामिल

नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (हि.स.)। भारतीय शेयर बाजार में पिछले दिनों आई तेजी की वजह से इसका इक्विटी मार्केट कैप 3.5 लाख करोड़ डॉलर के काफी करीब पहुंच गया है। अपने ओवरऑल इक्विटी मार्केट कैप की वजह से भारतीय शेयर बाजार के जल्दी ही दुनिया के टॉप 5 शेयर बाजारों की सूची में शामिल होने की उम्मीद भी बन गई है। भारत के शेयर बाजारों का इक्विटी मार्केट कैप फिलहाल 3.46 लाख करोड़ डॉलर का हो चुका है।

टोटल इक्विटी मार्केट कैप में आई इस उछाल की वजह से भारतीय शेयर बाजार ब्रिटेन के शेयर बाजार के कुल इक्विटी मार्केट कैप के काफी करीब पहुंच गया है। दोनों देशों के इक्विटी मार्केट कैप मे अब सिर्फ 0.13 लाख करोड़ डॉलर का अंतर रह गया है। माना जा रहा है कि अगर भारतीय शेयर बाजार की ये तेजी कायम रही तो इक्विटी मार्केट कैप के मामले में भारत आने वाले कुछ ही दिनों में ब्रिटेन से आगे निकल कर दुनिया के टॉप 5 शेयर बाजारों के क्लब में शामिल हो जाएगा।

दरअसल, पिछले करीब 18 महीने के दौरान कोरोना संक्रमण का सामना करने के बावजूद भारतीय शेयर बाजार ने जोरदार तेजी का प्रदर्शन किया है। इस जोरदार तेजी के कारण भारतीय शेयर बाजार का कुल इक्विटी मार्केट कैप 37 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 3.46 लाख करोड़ डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है। ब्लूमबर्ग की ताजा सूची के मुताबिक इक्विटी मार्केट कैप के मामले में भारत के ठीक आगे ब्रिटिश शेयर बाजार है, जिसका कुल इक्विटी मार्केट कैप 3.59 लाख करोड़ डॉलर का है।

ब्लूमबर्ग के डाटा के मुताबिक ब्रिटेन के शेयर बाजार में बढ़ोतरी की दर करीब 9 फीसदी की है। जबकि भारतीय शेयर बाजार ने पिछले 18 महीने के दौरान 37 फीसदी की दर से आगे का रास्ता तय किया है। ऐसी स्थिति में भारतीय शेयर बाजार के लिए दोनों देशों के कुल इक्विटी मार्केट कैप में 0.13 लाख करोड़ डॉलर के अंतर को पार करके ब्रिटेन से आगे निकलना ज्यादा कठिन नहीं होगा।

आपको बता दें कि पिछले महीने ही भारतीय शेयर बाजार ने इक्विटी मार्केट कैप के मामले में फ्रांस के शेयर बाजार को पीछे छोड़कर दुनिया भर के शेयर बाजारों के बीच छठा स्थान हासिल किया था। अब अगर इक्विटी मार्केट के मामले में भारतीय शेयर बाजार ब्रिटेन के शेयर बाजार से आगे निकल जाता है, तो पहली बार भारतीय शेयर बाजार दुनिया के टॉप 5 शेयर बाजारों की सूची में शामिल होने में सफल हो सकेगा। मार्केट कैप के मामले में फिलहाल अमेरिकी शेयर बाजार अव्वल स्थान पर है, जबकि चीन दूसरे, जापान तीसरे, हॉन्गकॉन्ग चौथे और ब्रिटेन के शेयर बाजार पांचवें स्थान पर हैं।

शेयर मार्केट के एक्सपर्ट्स का कहना है भारत में उठाए गए उदार और सुधारवादी कदमों के साथ ही लचीली आर्थिक नीतियों की वजह से भारतीय शेयर बाजार में काफी तेजी के साथ आगे बढ़ने की संभावना बनी है। इसकी वजह से बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स पिछले 18 महीने के दौरान 130 फीसदी तक तेजी हासिल कर चुका है और अगर यही गति बरकरार रही भारतीय स्टॉक एक्सचेंज की सूची तो 2024 तक भारतीय शेयर बाजार का कुल इक्विटी मार्केट कैप 5 लाख करोड़ डॉलर के स्तर तक भी पहुंच सकता है।

Stock Market: बाजार में गिरावट के साथ हुई शुरुआत, सेंसेक्स में 143 अंक की हुई कमी

Stock Market

Stock Market: भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) ने मंगलवार सुबह ग्‍लोबल मार्केट के दबाव को लेकर कारोबार की शुरुआत तो गिरावट के साथ हुई थी लेकिन जल्‍द ही निवेशकों के भरोसे ने बाजार को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया। सेंसेक्‍स लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में बढ़कर 62,700 के स्‍तर को भी पार कर गया है। पिछले सत्र में ही सेंसेक्‍स ने रिकॉर्ड बढ़त बना ली थी और अब 63 हजार की ओर बढ़ता जा रहा है।

आज सुबह सेंसेक्‍स 143 अंकों के नुकसान के साथ 62,362 पर खुला और कारोबार शुरू हुआ, जबकि निफ्टी 11 अंकों की गिरावट के साथ 18,552 पर खुला और ट्रेडिंग की शुरुआत होचुकी है। बाजार में शुरुआती नुकसान के बावजूद निवेशकों का सेंटिमेंट पॉजिटिव बना रहा और लगातार खरीदारी जल्‍द नुकसान की भरपाई हो गई। सुबह 9.32 बजे सेंसेक्‍स 199 अंकों की तेजी के साथ 62,704 पर ट्रेडिंग करने लगा, जबकि निफ्टी 62 अंक चढ़कर 18,624 पर पहुंच चुका है।

इन शेयरों ने दिलाई बढ़त

आज के कारोबार में निवेशकों ने Apollo Hospitals, Cipla, Hindalco Industries, Titan Company और Britannia Industries पर शुरुआत से ही फोकस बनाए रखा और लगातार निवेश से इन कंपनियों के शेयर टॉप गेनर की सूची में पहुंच गया है।दूसरी ओर, BPCL, SBI Life Insurance, HDFC, Maruti Suzuki जैसी कंपनियों के शेयरों में आज बिकवाली दिखी और ये स्‍टॉक टॉप लूजर की सूची में जा चुका है।

एशियाई बाजार भी लाल निशान पर

एशिया के ज्‍यादातर शेयर बाजार आज सुबह गिरावट पर खुले और लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं। सिंगापुर स्‍टॉक एक्‍सचेंज भारतीय स्टॉक एक्सचेंज की सूची पर आज सुबह 0.44 फीसदी का नुकसान दिख रहा तो जापान के निक्‍केई पर 0.52 फीसदी का नुकसान हो गया है। हांगकांग का शेयर बाजार आज सुबह 1.57 फीसदी के नुकसान पर कारोबार कर रहा, जबकि ताइवान में 0.55 फीसदी की भारतीय स्टॉक एक्सचेंज की सूची गिरावट हुई है। दक्षिण कोरिया का कॉस्‍पी बाजार आज 0.26 फीसदी की बढ़त पर कारोबार हो रहा है।

निफ्टी क्या है? निफ्टी 50 क्या होता है

निफ्टी क्या है

ठीक इसी प्रकार यदि इंडेक्स में शामिल कंपनियों को फायदा कम हो रहा है तो इसका उचित प्रभाव उस कंपनी के शेयर के मूल्य पर पड़ता है और शेयर के मूल्य में कमी आ जाती है जिससे निफ्टी में गिरावट को देखा जा सकता है।

निफ्टी और देश की अर्थव्यवस्था का भी एक दूसरे के साथ रिश्ता होता है। निफ्टी का ऊपर जाना और लाभ कमाना इससे हमें यह पता चलता है कि देश की अर्थव्यवस्था भी अच्छी है। क्योंकि जितना अधिक भारतीय व्यवसाय की पूंजी लाभ कमाएंगी उतना ही ज्यादा कर भारत की अर्थव्यवस्था में शामिल किया जाएगा जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था को कहीं ना कहीं मजबूत जरूर बनाएगा।

निफ्टी एक प्रकार से हमें इसमें शामिल कंपनियों के शेयर के मूल्य में होने वाली तेजी और मंदी की तो जानकारी देता ही है इसके साथ-साथ हमें पूरे बाजार की चाल चलन क्या है यह भी जानकारी देता है।

निफ्टी के आकलन से तात्पर्य उन 50 सूचित कंपनियों के शेयर का आंकलन करना है। निफ्टी में जहां सिर्फ 50 कंपनियां सूचित होती हैं।

भारतीय शेयर बाजार में कम से कम 6800 के आसपास कंपनियां हैं। और इन 6800 कंपनियों में से करीब 1600 कंपनियां नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में शामिल है और उनमें से 50 सबसे महत्वपूर्ण कंपनियों को निफ्टी में रखा जाता है। जिससे बाजार की चाल का अंदाजा लगाया जा सकता है।

निफ्टी में सूचित 50 कंपनियों के शेयर सबसे अधिक खरीदे और बेचे जाते हैं। यह अपने अपने इलाके की सबसे बड़ी कंपनियां होती हैं। इनका Market Capitalization पूरे बाजार का लगभग 60% होता है।

निफ्टी की 50 कंपनियों को चुनने का निर्णय इंडेक्स कमेटी का होता है जो की कंपनी की टोटल मार्केट कैपिटल के आधार पर किया जाता है। इस कमेटी में बड़े-बड़े अर्थशास्त्री शामिल होते हैं।

निफ़्टी फिफ्टी में शामिल 50 कंपनियां हमेशा बदलती रहती है इनमें नई कंपनियों को ऐड किया जाता है और जो कंपनी अच्छी तरह काम नहीं कर रही है और जिसका मार्केट कैपिटललाइजेशन कम हो गया है उसको निफ्टी 50 की सूची से निकाल दिया जाता है।

निफ्टी 50 इंडेक्स की गणना फ्लोट-एडजस्टेड और मार्केट कैपिटलाइज़ेशन वेटेड मेथड के आधार पर की जाती है। जिसको मापने का फार्मूला नीचे दिया गया है:

इंडेक्स मूल्य = वर्तमान MV या बाजार मूल्य/(आधार बाजार पूंजी×1000)

निफ्टी में कैसे कोई कंपनी शामिल होती है?

  • कंपनी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकृत होनी चाहिए।
  • पिछले छह महीनों के दौरान कंपनी की ट्रेडिंग फ़्रीक्वेंसी 100% होनी चाहिए।
  • कंपनी का भारत का अधिवास होना चाहिए।
  • कंपनी के शेयर प्राइस में ज्यादा लिक्विडिटी होनी चाहिए। इसके शेयर का लेनदेन ज्यादा होना चाहिए।

निफ़्टी इंडेक्स का हर 6 महीने में पुनर्गठन किया जाता है। जिसका मतलब है कि हर छह महीने बाद इसमें शामिल कंपनियों की समीक्षा की जाती है। और कंपनी की पिछले छह महीने की परफॉर्मेंस के आधार पर कंपनी को इंडेक्स में शामिल किया जाता है या इससे बाहर किया जाता है। इनके साथ-साथ SEBI के नए दिशा निर्देशों के कारण हर कंपनी की हर 3 महीने बाद निफ्टी शेयर बाजार द्वारा समीक्षा की जाती है।

कुछ निश्चित कारणों के कारण किसी कंपनी को 6 महीने से पहले भी निफ़्टी इंडेक्स से बाहर किया जा सकता है।

जैसे कि अब आप जानते हैं कि Nifty 50 में भारत की टॉप 50 कंपनियां शामिल होती है जिसका अर्थ है भारतीय स्टॉक एक्सचेंज की सूची कि अगर इन कंपनियों के शेयर प्राइस में बढ़ोतरी होती है तो हम समझ सकते हैं कि बाजार में तेजी है। अगर इसी तरह यह कंपनियां अच्छी तरह से परफॉर्म नहीं कर रही है और निफ़्टी फिफ्टी गिर रहा है तो इसका मतलब है कि बाजार में अभी मंदी है।

Nifty में निवेश कैसे करें?

निफ़्टी में निवेश करने के लिए आप निफ़्टी फ्यूचर एंड ऑप्शन का उपयोग कर सकते हैं। यह मासिक कॉन्ट्रैक्ट होते हैं और हर महीने के आखिरी गुरुवार को यह एक्सपायर हो जाते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए पढ़ें, “शेयर बाजार में कैसे निवेश करें?”

इसके अलावा आप निफ़्टी इंडेक्स म्युचुअल फंड के जरिए लंबे समय तक निफ़्टी 50 या किसी अन्य निफ़्टी इंडेक्स में निवेश कर सकते हैं। इंडेक्स म्युचुअल फंड निफ़्टी के साथ ऊपर नीचे ऊपर नीचे होते रहते हैं।

निफ़्टी में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए। डीमैट अकाउंट के बिना आप निफ़्टी 50 में निवेश नहीं कर सकते हैं। डिमैट अकाउंट आप किसी भी अच्छे स्टॉक ब्रोकर के साथ खोल सकते हैं।

हमारी पिछली पोस्ट में हमने भारत के प्रसिद्ध स्टॉक ब्रोकर के बारे में जाना था। आप नीचे दिए गए स्टॉक ब्रोकर में से किसी के साथ भारतीय स्टॉक एक्सचेंज की सूची भी अपना डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं। यह स्टॉक ब्रोकर भारत के उत्तम ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करते हैं और रिटेल ट्रेडर्स के लिए पॉकेट फ्रेंडली है।

भारत के प्रसिद्ध ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म:

    : जीरोधा भारत का सर्वश्रेष्ठ डिस्काउंट ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म हैं। : खास तौर पर मोबाइल से ट्रेडिंग भारतीय स्टॉक एक्सचेंज की सूची करने के लिए

आप आप इनमें से किसी के साथ ही अपना ट्रेडिंग अकाउंट ओपन कर सकते हैं और इनमें में से कोई भी आपको निराश नहीं करेगा। आप स्टॉक ब्रोकर के द्वारा किसी भी कंपनी का शेयर खरीद सकते हैं, म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट भारतीय स्टॉक एक्सचेंज की सूची कर सकते हैं, IPO खरीद सकते हैं और इसके अलावा सभी ट्रेडिंग सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।

सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) क्या है? परिभाषा और लाभ | Social Stock Exchange in Hindi

सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) क्या है? परिभाषा और लाभ | Social Stock Exchange in Hindi

भारत में एसएसई के लिए काफी संभावनाएं हैं क्योंकि स्कूलों की संख्या से 31 लाख एनपीओ अधिक हैं और सरकारी अस्पतालों की संख्या से 250 गुना अधिक है। इसका मतलब है कि 400 भारतीयों के लिए एक एनपीओ है। इस तरह एक मजबूत कल्याणकारी राज्य की नींव सहायक हो सकती है

सेबी की रिपोर्ट के मसौदे के अनुसार, एक सोशल स्टॉक एक्सचेंज COVID-19 महामारी के दौरान प्रभावित लोगों की आजीविका के पुनर्निर्माण में मददगार हो सकता है।

निर्यात के अनुसार SSEs का लक्ष्य सामाजिक पूंजी के बड़े पूल को खोलना और मिश्रित वित्तीय संरचना को प्रोत्साहित करना होगा, ताकि पारंपरिक पूंजी सामाजिक पूंजी के साथ मिलकर COVID-19 की गंभीर चुनौतियों का सामना कर सके।

एसएसई में फंड जुटाने के लिए प्रस्तावित तंत्र

सामाजिक स्टॉक एक्सचेंजों का उद्देश्य विशिष्ट दिशानिर्देशों के तहत उपलब्ध धन उगाहने वाले उपकरणों और संरचना को प्रभावी ढंग से तैनात करना है। ये उपकरण धन की मांग करने वाले सामाजिक उद्यम की प्रकृति पर निर्भर करते हैं। एनपीओ और लाभकारी उद्यमों के लिए उपकरण अलग हैं

गैर-लाभकारी सामाजिक उद्यमों के लिए भारतीय स्टॉक एक्सचेंज की सूची उपकरण इस प्रकार हैं:

  1. जीरो कूपन जीरो प्रिंसिपल बॉन्ड: एनपीओ को जीरो कूपन या जीरो प्रिंसिपल बॉन्ड के रूप में बॉन्ड जारी करके एसएसई पर सीधे सूचीबद्ध होने की अनुमति देना। यह दाताओं, परोपकारी फाउंडेशनों और सीएसआर खर्च करने वालों से धन अनलॉक करने का एक व्यवहार्य विकल्प है। इन बांडों का कार्यकाल उस परियोजना की अवधि के बराबर होगा जिसे वित्त पोषित किया जा रहा है, और कार्यकाल के दौरान, उन्हें निवेशक की बहीखातों से बट्टे खाते में डाल दिया जाएगा।
  1. सोशल वेंचर फंड (एसवीएफ): एक एसवीएफ एक श्रेणी 1 वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ) है जिसे सेबी द्वारा निवेशकों को प्रतिभूतियां या सामाजिक उद्यम की इकाइयां जारी करने की अनुमति पहले से ही है।
  1. म्यूचुअल फंड: एक एसेट मैनेजमेंट कंपनी निवेशकों को क्लोज-एंड म्यूचुअल फंड यूनिट्स की पेशकश कर सकती है। इकाइयों को मूल रूप से भुनाया जा सकता है, लेकिन सभी रिटर्न को फंड द्वारा उपयुक्त रूप से चुने गए भारतीय स्टॉक एक्सचेंज की सूची एनपीओ की ओर भेजा जा सकता है जो मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है।
  1. सफलता के लिए भुगतान मॉडल: ऋण देने वाले भागीदारों के माध्यम से या अनुदान के माध्यम से सफलता के लिए भुगतान मॉडल को पूंजी की अधिक कुशल और जवाबदेह तैनाती सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी तंत्र के रूप में उजागर किया जाता है।

फ़ायदेमंद सामाजिक उद्यमों (FPE) के लिए:

  1. इक्विटी लिस्टिंग: एफपीई एसएसई पर इक्विटी सूचीबद्ध करेगा, जो लिस्टिंग आवश्यकताओं के एक सेट के अधीन होगा, जिसमें ऑपरेटिंग प्रथाओं (वित्तीय रिपोर्टिंग और शासन) और सामाजिक प्रभाव रिपोर्टिंग शामिल है।
  2. सोशल वेंचर फंड (एसवीएफ): एआईएफ और एसवीएफ पहले से ही एफपीई के लिए मौजूद हैं लेकिन सामाजिक प्रभाव रिपोर्टिंग की आवश्यकता नहीं है।

एसएसई की स्थापना सभी एफपीई को न्यूनतम रिपोर्टिंग मानक के दायरे में लाएगी जो एआईएफ/एसवीएफ चैनल के माध्यम से धन प्राप्त करते हैं। (सामाजिक प्रभाव रिपोर्टिंग पर बाद में लेख में विस्तार से प्रकाश डाला गया है)।

सोशल स्टॉक एक्सचेंज के लाभ

एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण जो एसएसई को भारत में फलने-फूलने और फलने-फूलने में सक्षम बनाएगा, निम्नलिखित लाभ देगा:

रेटिंग: 4.15
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 555
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