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शेयर बाजार में सफल कैसे हों

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Stock Broker Kaise Bane

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Stock Broker Kaise Bane - स्टॉक ब्रोकर कैसे बने

Stock Broker या Share Broker अपने ग्राहक के लिए विभिन्न Companies के Shares को Commission पर खरीदने-बेचने का काम करता है. हालांकि देश भर में ऐसी बहुत सी कई बड़ी Brokerage Companies है जो खुद को सिर्फ Shares तक ही सीमित नहीं रखतीं वे अपने ग्राहक को इनके साथ Mutual Funds, Insurance, Money और बहुत सी Financial Services भी प्रदान कराती है.

Stock Broker Career का एक ऐसा क्षेत्र है जहां आगे बढ़ पाना बहुत आसान नहीं होता है जब तक कि आप इस के बारे में पूरी जानकारी न रखते हों. Stock Broker के क्षेत्र में Graduation या Post Graduation किए हुए व्यक्ति को बतौर Assistant Relationship Manager और Relationship Manager की Job मिल सकती है. Stock Broker का काम अपने ग्राहक के साथ लगातार संपर्क बनाए रखने के साथ-साथ Market के उतार-चढ़ाव की जानकारी देना होता है.

Stock Broker के रूप में Career बनाने के लिए आप किसी बड़ी Brokerage Company की Franchisee ले सकते शेयर बाजार में सफल कैसे हों हैं या उसका Sub Broker भी बन सकते है. एक Sub Broker के रूप में आपको अपने कारोबार के आकार के अनुरूप एक रकम अपने Broker के पास बतौर सुरक्षा रखनी पड़ती है.

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिये शैक्षिक योगयता

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिये सबसे पहले उम्मीदवार को Commerce से स्नातक पास होना अनिवार्य है तथा उसके बाद अगर कोई उम्मीदवार Post Graduate या MBA पास होता है तो वह व्यक्ति बोनस, उन्नति, या उच्च वेतन के लिए योग्य होता है.

इसके साथ ही इस क्षेत्र में आपको अपना कैरियर सफल बनाने के लिए Sensex और Nifty की भी अच्छे से जानकारी होनी चाहिए. स्टॉक ब्रोकर के क्षेत्र में अगर आप सफल होना चाहते हैं तो आपको अपने सभी Customers के साथ ईमानदारी के साथ पेश आना होगा क्योंकि यहाँ पर आपको Customers का विश्वाश बनाए रखना बहुत जरुरी होता है. इस क्षेत्र में आप लोगो के पैसे या बचत को Share Market में लगवाते है तो इसके लिए आपको उनके साथ अच्छा व्य्वहार बना कर रखना पड़ता है.

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए आवश्यक स्किल

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए वास्तव में वफ़ादार और मेहनती होना जरुरी है.

शेयर ब्रोकर को दूरदर्शिता के साथ-साथ शेयर बाजार के हर पहलू का गहन ज्ञान होना चाहिए ताकि कुछ हद तक बाजार के प्रवाह की दिशा का अनुमान लगाया जा सके.

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए अपने कर्तव्यों को कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से निर्वहन करने के लिए उन्हें व्यापार के एक से अधिक क्षेत्रों में विशेष प्रशिक्षण व्यापक ज्ञान की आवश्यकता होती है.

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए उम्मीदवार के पास ईमानदारी के साथ कड़ी मेहनत करने की क्षमता होनी चाहिए क्योंकि नौकरी के लिए कड़ी मेहनत, मन की सतर्कता, दूरदर्शिता और अनुकूलनशीलता की बहुत आवश्यकता होती है.

स्टॉक ब्रोकर कैसे बनें

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए उम्मीदवार के पास Commerce, Cconomics या Business Administration में या वित्त में एक मजबूत शिक्षा पृष्ठभूमि होनी चाहिए. स्टॉकब्रोकिंग पेशे के लिए पात्र होने के लिए देश के कई विश्वविद्यालयों द्वारा अर्थशास्त्र या वाणिज्य में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों का अनुसरण किया जा सकता है. वित्त प्रबंधक प्रबंधन के प्रतिष्ठित संस्थानों से या प्रमुख विश्वविद्यालयों के व्यवसाय प्रशासन के विभागों से वित्त में विशेषज्ञता के साथ MBA हो सकते हैं

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए उम्मीदवार को नीचे दिए गए चरणों का पालन करना होगा.

Step 1

एक स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए इच्छुक उम्मीदवार को Stock Broking और Capital Market और निवेश निवेश योजना और कई अन्य संबंधित Courses में Course करना पड़ता है जो भारत में कुछ प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा पेश किए जाते है.

Step 2

इन Courses के माध्यम से जाने के बाद किसी को Stock Broking Company से जुड़ना पड़ता है और इसमें कम से कम 2 साल का अनुभव प्राप्त करना होता है.

Step 3

Stock Broking Company के साथ काम करने के दौरान पर्याप्त अनुभव और ज्ञान प्राप्त करने के बाद कोई भी अकेले अपना व्यवसाय शुरू कर सकता है या संबंधित अधिकारियों से अपेक्षित अनुमति के साथ Stock Broking Company को Registered कर सकता है.

स्टॉक ब्रोकर की नौकरी का विवरण

एक Stock Broker के रूप में आपको अपने ग्राहक की Financial Profile को Manage करना होगा. आप निवेश विश्लेषकों से सलाह लेंगे उसके बाद आप अपने ग्राहक के साथ पूरे परिदृश्य पर चर्चा करेंगे कि ग्राहक के पैसे पर वापसी के रूप में सबसे अच्छा लाभ उठाने के लिए कौन से Financial Share खरीदने या बेचने है.

स्टॉक ब्रोकर शेयर बाजार में सफल कैसे हों में कैरियर की संभावनाएँ

स्टॉक ब्रोकर में कैरियर की संभावनाएँ बहुत अधिक मानी जाती है . 7000 से अधिक Listed Companies लगभग 6500 Brokers और 500 से अधिक निवेश बैंकरों के साथ भारत भर में लगभग 21 Operative Stock Exchange हैं जो सेबी के रूप में संक्षिप्त रूप से Stock Markets के शासी निकाय भारत के सुरक्षा और विनिमय बोर्ड के साथ Registered हैं. यदि हम इन आँकड़ों को देखते हैं तो यह आसानी से माना जा सकता है कि Stock Broking में Business की संभावनाएं उन लोगों के लिए उज्ज्वल हैं जो योग्य हैं और इस Business को संभालने के लिए पर्याप्त हैं और इसके साथ सामना करने के लिए आवश्यक व्यक्तित्व लक्षण है.

स्टॉक ब्रोकर की सैलरी

स्टॉक ब्रोकर की सैलरी काफी अच्छी होती है. स्टॉक ब्रोकर को शुरुआती में सैलरी के तौर पर 20,000 से 30,000 प्रति माह मिलते है. इसमें कुछ अनुभव प्राप्त करने के बाद वह यह 50,000 से 10,0000 प्रतिमाह और अधिक भी कमा सकता है.

बाजार को लेकर भविष्यदर्शी थे राकेश झुनझुनवाला

गत 14 अगस्त को राकेश झुनझुनवाला का महज 62 वर्ष की आयु में अचानक निधन हो गया। उनकी मौत चौंकाने वाली थी क्योंकि पिछले कुछ महीनों से लगातार अस्पताल जाने के बावजूद ऐसा लग नहीं रहा था कि वह अधिक बीमार हैं। यह एक विराट व्यक्तित्व के धनी जीवन का त्रासद अंत है।

मैं उन्हें आरजे कहकर बुलाता था और वह मेरे बहुत अच्छे मित्र थे। गत 20 वर्षों से अधिक की मित्रता में मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा। हम उनके घर या दफ्तर में अक्सर दोपहर के भोजन पर मिला करते और बाजार, कंपनियों, भारत के भविष्य को लेकर हमारे सोच तथा उनकी नवीनतम परियोजना के बारे में बात किया करते। वह अक्सर मुझे बाजार में अपने शुरुआती दिनों तथा शुरुआती फायदे और नुकसान के बारे में बताते। वह बीते कुछ दशकों के सभी प्रमुख बाजार प्रतिभागियों के बारे में कमाल की अंतर्दृष्टि रखते थे। इन मुलाकातों पर बेहतरीन भोजन तो मिलता ही था, इसके अलावा इन बैठकों के दौरान अक्सर यह अवसर भी मिलता था कि उनसे कुछ सीखा जाए। ऐसा इसलिए कि कंपनियों और बाजारों को लेकर उनका नजरिया वाकई विशिष्ट था। हमारे पोर्टफोलियो मेल नहीं खाते थे लेकिन हम अक्सर यह समझने का प्रयास करते थे कि हम अपने पसंदीदा निवेश को लेकर असहमत क्यों रहते। वह अक्सर यह जानने को उत्सुक रहते कि वैश्विक निवेशक भारत को लेकर क्या सोचते हैं।

राकेश की सफलता की कहानी असाधारण थी। उन्होंने सबकुछ खुद किया और अपने जीवनकाल में ही 5,000 रुपये की संपत्ति को 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाया। टाइटन, लुपिन, क्रिसिल और टाटा मोटर्स जैसी कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी का आकार और अवधि अद्भुत थी। इन निवेश के बारे में उनकी एकदम विशिष्ट राय थी शेयर बाजार में सफल कैसे हों और उन्होंने इन कंपनियों में एक दशक से अधिक समय तक अपना निवेश बनाये रखा। उन्होंने भारतीयों और संपूर्ण विश्व को यह दिखा दिया कि कैसे भारतीय शेयर बाजार में वैध तरीके से इतना अधिक धन कमाया जा सकता है। कहा जा सकता है कि उन्होंने वित्तीय बाजारों के बारे में भारत में एक पूरी पीढ़ी के सोच को बदल दिया। वह भारतीय बाजार की तेजी पर कट्टर यकीन करते थे। उन्हें विश्वास था कि अंतत: भारत का वक्त शेयर बाजार में सफल कैसे हों आ गया है और आने वाला दशक देश के लिए असीम वृद्धि और संपत्ति लेकर आएगा।

वह चाहते थे कि भारत के लोग अपने देश पर यकीन करें और बाजारों में निवेश करें। वह नहीं चाहते थे कि हमारी वृद्धि से केवल विदेशी पूंजी लाभान्वित हो। भारत को लेकर उनका विश्वास अडिग था। जब शेयर बाजार में सफल कैसे हों भी मैं किसी नीतिगत भ्रम या अल्पकालिक चुनौती को लेकर हताशा जताता वह धैर्य रखने और बड़े फलक पर नजर रखने की सलाह देते। भारत के बारे में प्रतिकूल राय रखने वाले लोगों से खुशी-खुशी भिड़ जाते थे फिर चाहे वे देसी हों या विदेशी।

उनके जैसा जोखिम उठाने वाला व्यक्ति मुझे दूसरा कोई नहीं मिला लेकिन वह जोखिम की अच्छी समझ रखते थे। उन्हें बाजार की बहुत अच्छी समझ थी। राकेश इसलिए भी विशिष्ट थे क्योंकि वह किसी शेयर को लेकर एक दिन के हालात और पांच साल के परिदृश्य का विश्लेषण एक साथ कर सकते थे। दोनों परिस्थितियों और दो कालखंडों को एक साथ ध्यान में रखकर कारोबार करना बहुत दुर्लभ गुण है। अल्पावधि और दीर्घावधि, दोनों तरह के कारोबार में सफल रहना तो और भी मुश्किल काम है। राकेश में यह काबिलियत थी कि वह दोनों में कामयाब रहते थे। वह अपनी बात से कभी पीछे नहीं हटते थे।

उन्होंने सार्वजनिक बाजारों, वेंचर कैपिटल, प्राइवेट इक्विटी, ढांचागत ऋण तथा अन्य परिसंपत्तियों में जमकर निवेश किया था और वह सभी में कामयाब थे। उन्होंने स्टार्टअप में भी निवेश किया था। वह हर उस कारोबार में निवेश करते थे जो उन्हें समझ में आता था। उन्हें जो सही लगता था वह अवश्य करते थे। कोई कृत्रिम बाधा उनकी राह नहीं रोक सकती थी। वह गेमिंग से लेकर बायोटेक और स्वास्थ्य, स्टील, बैंकिंग और वाहन तक हर क्षेत्र में निवेश करते थे। मैंने उतना क्षमतावान कोई दूसरा व्यक्ति नहीं देखा। राकेश बहुत अधिक पढ़ते और सीखते थे। उनकी रुचि सभी तरह की परिसंपत्तियों और वैश्विक बाजारों में थी। जहां तक मैं जानता हूं, उनका दूसरा कोई शौक नहीं था। उन्हें तो बस निवेश से ही प्यार था। उनके भीतर कंपनियों और कारोबारी नेताओं को लेकर बहुत जिज्ञासा थी।

वह लोगों और उनकी प्रेरणाओं को अच्छी तरह पढ़ लेते थे। कई बार मुझे लगता था कि वह प्रवर्तकों पर बहुत अधिक भरोसा कर रहे हैं लेकिन वह केवल स्वयं के प्रति जवाबदेह थे। कई कंपनियों और प्रवर्तकों को लेकर हम असहमत रहते लेकिन उनके पास अक्सर इस बात को लेकर ठोस धारणा रहती कि किसी खास कंपनी ने अपनी स्थिति क्यों बदली होगी।

राकेश समाज के प्रति अपने दायित्व में यकीन करते थे। वह बहुत उदारतापूर्वक दान किया करते थे। उन्होंने अशोका विश्वविद्यालय से लेकर बच्चों के लिए पालना घर बनाने तक के लिए दान दिया। वह अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा परोपकार के कामों में देने के लिए प्रतिबद्ध थे।

वह एक पारिवारिक व्यक्ति थे और उनके साथ होने वाली हर बातचीत में वह अपनी पत्नी, बच्चों और पिता का जिक्र कई बार करते थे। वह हमेशा अपनी सफलता का श्रेय अपनी पत्नी और माता-पिता को देते थे। उन्हें समाज से जो आदर मिलता उसके लिए भी वह कृतज्ञ रहते थे और उसे कभी हल्के में नहीं लेते थे।

राकेश ने हमेशा लोगों की मदद करने की कोशिश की। न केवल बाजार बल्कि तमाम पेशों में ऐसे तमाम लोग हैं जिनकी शुरुआत और सफलता का श्रेय राकेश झुनझुनवाला को जाता है। मैंने जब 15 वर्ष पहले अपना फंड शुरू किया था तब वह उन शुरुआती लोगों में थे जिन्होंने मेरी मदद की और मेरा उत्साह बढ़ाया। उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता था कि मैं कोई बड़ा फंड मैनेजर हूं या छोटा। हम मित्र थे और बस यही बात मायने रखती थी। भारतीय बाजार व्यवस्था पर उनकी छाप को उन्हें दी जा रही श्रद्धांजलियों से आंका जा सकता है। राजनेता हों या उद्योगपति, निवेशक हों या विदेशी मीडिया या फिर खुदरा निवेशक, हर कोई दुखी है। इससे बड़ी श्रद्धांजलि और क्या होगी? सबसे दुख की बात यह है कि भारत के बारे में उन्होंने जो भी अनुमान लगाए वे आने वाले वर्षों में सही साबित होंगे। उनका प्यारा देश अपनी क्षमता शेयर बाजार में सफल कैसे हों के मुताबिक कद हासिल करेगा। जैसा कि वह कहते थे हम दुनिया में अपना उचित स्थान और वैश्विक प्रतिष्ठा और प्रासंगिकता हासिल करेंगे। परंतु एक बार शेयर बाजार में सफल कैसे हों फिर सही साबित होने के लिए वह हमारे बीच नहीं होंगे। राकेश ने अपनी जिंदगी अपनी शर्तों पर बिताई। अलविदा मेरे दोस्त। हम हमेशा आपकी कमी महसूस करेंगे।

देश में आर्थिक साक्षरता दर बढ़ाने के प्रयास भी हों

पिछले कुछ हफ्तों में हमने देखा कि कैसे भारतीय शेयर बाजार नए रिकॉर्ड बनाता जा रहा है। करीब तीन साल पहले शेयर बाजार 22 से 23 हजार के आसपास कारोबार कर रहा था, जो आज 32500 के रिकॉर्ड स्तर पर है। बाजार में इस भारी उछाल का कोई एक कारण नहीं है बल्कि तमाम छोटे-बड़े तत्व इसे प्रभावित कर रहे हैं।


गौरतलब है कि केंद्र की स्थिरता और वहां सत्तारूढ़ दल भाजपा का वर्चस्व करीब 18 राज्यों तक हो गया है। इसे देखते हुए गत तीन वर्षों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 60 अरब डॉलर (3853 अरब रुपए) तक पहुंच गया है। हो न हो जीएसटी जैसी कर व्यवस्था से भी निवेशक काफी उत्साहित हुए है। फिर 2014 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल शेयर बाजार में सफल कैसे हों का भाव 104 डॉलर प्रति बैरल था, जो आज आधे से भी कम दाम पर चल रहा है, जिससे भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में भारी इजाफा हुआ है, जो बाजार के लिए शुभ संकेत है। बीते कुछ वर्ष से रिजर्व बैंक और सरकार लगातार बैंकिंग व्यवस्था को दुरूस्त करने में लगी है, इसीलिए भारतीय स्टेट बैंक का छह सहयोगी बैंको के साथ विलय सफल रहा। शेष 20 सरकारी बैंकों के आपस में विलय की मंजूरी भी लगभग हो चुकी है। इस बड़े बदलाव का स्वागत दलाल स्ट्रीट ने भी किया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भी हमारे बारे में अनुकूल रिपोर्ट दी है।
बहरहाल, शेयर बाजार की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका के बावजूद खेद है कि देश की एक बड़ी आबादी अभी भी शेयर बाजार से अपने को जोड़ नहीं पाती। या यूं कहे कि भारत में आर्थिक साक्षरता दर काफी कम होने के कारण लोग बाजार से दूर हैं। सरकार की जन-धन योजना लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने का अचूक उपाय था। इस लिहाज से अब देश में आर्थिक साक्षरता दर बढ़ाने के लिए सरकार और अन्य आर्थिक संस्थानों को जोर देना चाहिए ताकि आने वाले वर्ष में अधिक से अधिक लोग बाजार और अर्थव्यवस्था में अपनी भागिदारी दर्ज करा सके।

Top 10 Best Stock Market Books | Will make you a successful investor

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नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले है Top 10 Best Stock Market Books के बारे में बताने वाले है! आज के समय में बहुत से लोगो शेयर मार्किट में इन्वेस्ट करते है और उनमे से कुछ लोग सफल होते है तो कुछ असफल होते शेयर बाजार में सफल कैसे हों है!

बहुत से लोग लोगो का कहना होता है की शेयर मार्किट में जो लोग सफल होते है, उनके साथ उनकी किस्मत होती है, लेकिन मेरा सोचना बिल्कुल इसके विपरीत है, अगर कोई भी व्यक्ति किसी भी चीज में सफल होता है तो वह उसकी मेहनत होती है!

अगर आदमी की किस्मत कही उसके साथ होती है तो वो सिर्फ आपके लौटरी कूपन के साथ होती है, उसके अलावा और कही पर भी साथ नही होती है! आपको शेयर मार्किट में सफल इन्वेस्टर बनने के लिए आपको शेयर मार्किट का बारीकी से अध्यन करना होगा, इसके बारे में आपको बहुत सी चीजे आपको सीखनी होती है, तभी आप एक सफल इन्वेस्टर बन सकते है !

बरेन वाफेट, एलन मस्क, राकेश झुनझुन वाला और भी बड़े शेयर मार्किट के इन्वेस्टर के साथ इनकी किस्मत नही बल्कि इनकी सुझबुझ काम आती है ! ये अपने जानकारी और अध्ययन के अनुसार ही शेयर मार्किट में इन्वेस्ट करते है!

अगर आप इनके जैसे ही successful investor बनना चाहते है तो आज हम आपके लिए कुछ किताबे लेकर आये है, जिसे पढ़कर आप भी एक सफल शेयर मार्किट इन्वेस्टर बन सकते है !

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