Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख

नए नियमों से बाजार को लग सकता है झटका
पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री मोदी ने क्रिप्टो करंसी के भविष्य पर चर्चा करने के लिए एक विशेष बैठक की थी. सूत्रों के मुताबिक बैठक में इस बात को लेकर चर्चा की गई कि क्या क्रिप्टो करंसी की वजह से मनी लॉन्ड्रिंग या इससे आंतकवाद बढ़ सकता है. बीते सोमवार को क्रिप्टो करंसी को लेकर संसदीय पैनल की चर्चा में शामिल एक कारोबारी ने बताया कि नए नियमों से क्रिप्टो करंसी के कारोबार और निवेश में रुकावट हो सकती है. खुदरा निवेशकों को निराशा हो सकती है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि निजी क्रिप्टो करंसी पर प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई जा रही है.
क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार के 'रुख' का इंतजार करेगी RBI: गवर्नर शक्तिकांत दास
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बुधवार 8 जून को कहा कि क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency) के मुद्दे पर केंद्रीय बैंक सरकार के 'रुख' का इंतजार कर रहा है। दास Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख ने बताया कि RBI पहले ही सरकार को क्रिप्टोकरेंसी के 'कंसल्टेंशन पेपर' को लेकर अपना रुख बता चुका है।
RBI गवर्नर ने कहा, "क्रिप्टोकरेंसी के मुद्दे पर RBI और सरकार के बीच लगातार बातचीत चल रही है। हमने अपना रुख सरकार को बता दिया है। अब सरकार की तरफ से क्रिप्टोकरेंसी पर कंसल्टेंशन पेपर जारी होने का इंतजार करते हैं।"
बता दें कि RBI हमेशा से क्रिप्टोकरेंसी की अस्थिर प्रकृति को देखते हुए इसे लेकर सजग करता रहा है। सेंट्रल बैंक के गर्वनर ने फरवरी 2022 में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों को एक चेतावनी देते हुए कहा था कि ऐसे एसेट्स की कोई अंडरलाइंग वैल्यू नहीं होती है, यहां तक कि एक ‘ट्यूलिप के फूल' के बराबर भी नहीं।
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क्या है ट्यूलिप फुल की कहानी
बता दें कि 17वीं सदी में नीदरलैंड में ट्यूलिप के फूल को लेकर लोगों में दीवानी अचानक इस कदर बढ़ गई, कि इन फूलों की कीमत रोजोना दोगुनी रफ्तार से बढ़ने लगी थी। बड़े-बड़े लोगों ने अधिक दाम में बेचने के लालच से ट्यूलिप खरीदना शुरू किया था। उस समय ट्यूलिप के एक फूल की कीमत कई लोगों की साल भर की कमाई से भी अधिक हो थी। तब एक घर लेने से भी महंगा ट्यूलिप का फूल खरीदना माना जाता था।
लेकिन यह सब महज कुछ ही महीनों तक चला और उसके बाद ट्यूलिप की कीमतें धड़ाम से गिर गई और इसमें पैसे लगाने वालों की जिंदगी भर की कमाई जूब गई। तब से वित्तीय बाजार में बिना किसी आधार के किसी भी चीज की कीमत बढ़ने की घटना की तुलना ट्यूलिप के फूल से की जाती है।
Cryptocurrency पर अलग-अलग देशों में क्या हैं कानून-नियम? Crypto Bill के बहाने डालते हैं एक नजर
इस हफ्ते संसद में आ सकता है Cryptocurrency Bill. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
क्रिप्टोकरेंसी बाजार के विनियमन के लिए भारत सरकार इस हफ्ते संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी बिल (Cryptocurrency Bill) पेश कर सकती है. सरकार ने पिछले हफ्ते स्पष्ट कर दिया था कि वो प्राइवेट Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख क्रिप्टोकरेंसीज़ को बैन करने का कदम उठा सकती है, वहीं उसका लक्ष्य केंद्रीय रिजर्व बैंक की ओर से एक आधिकारिक डिजिटल करेंसी लॉन्च करना है. ऐसे में ये तो तय है कि भारत में अब क्रिप्टोकरेंसी का बाजार फ्री-फ्लो नहीं रहेगा, अब तक सरकारी नियंत्रण से मुक्त रहे बाजार को सरकारी नियम-कानून मानने होंगे.
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क्रिप्टोकरेंसी बिल लाए जाने की घोषणा के बाद पिछले हफ्ते क्रिप्टो बाजार धराशायी हो गया था, हालांकि, बाजार विश्लेषकों की ओर से ये उम्मीद लगाए जाने पर बाजार थोड़ा स्थिर हो पाया कि सरकार अपना रुख थोड़ा उदार रख सकती है. जब क्रिप्टो के नियमन की बात हो रही है तो एक बार देख लेते हैं कि दुनियाभर के बड़े देशों में क्रिप्टो को लेकर क्या स्टैंड है.
US में ओवरऑल क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सकारात्मक रुख है. हालांकि, भारत की तरह ही वहां भी केंद्र और राज्य सरकार के बीच समानांतर नियम चलते हैं, जिससे कि अलग-अलग राज्यों का रुख एक दूसरे और देश की सरकार से Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख अलग हो सकता है. लेकिन क्रिप्टो पर जब तक वहां के फाइनेंशियल सिस्टम पर बुरा असर नहीं पड़ता, तबतक तो माहौल समर्थन वाला ही है. यहां अलग-अलग बिजनेस के अवसरों को जगह मिलती है, ऐसे में क्रिप्टो पर बैन की बात अभी यहां मुश्किल ही है.
यूनाइटेड किंगडम
यूके में भी क्रिप्टोकरेंसी को अभी कानूनी जामा नहीं पहनाया गया है, न ही इसे विनियमित करने के लिए कोई विधेयक लाया गया है. लेकिन, यूके ने क्रिप्टो ट्रेडिंग में डीलिंग करने के लिए रजिस्टर्ड बिजनेस को लाइसेंस देने का प्रावधान रखा है. और करेंसी ट्रेडिंग पर जिस तरह टैक्स लगाया जाता है, क्रिप्टो ट्रेडिंग पर भी यूके वैसे ही टैक्स वसूलता है.
चीन क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बहुत सख्त है. इस साल के शुरुआती महीनों में बाजार को नीचे गिराने में चीन का बड़ा हाथ है. चीन ने शुरुआत में तो क्रिप्टोकरेंसी की Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख ट्रेडिंग और माइनिंग को मंजूरी दी थी, लेकिन इस साल इसने क्रिप्टो के खिलाफ कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए. पहले चीन ने क्रिप्टो माइनिंग बंद कराई और फिर इस साल जून में क्रिप्टो ट्रेडिंग को देश में बैन कर दिया. रिपोर्ट्स आई थीं कि चीन के एक्शन के चलते बहुत से क्रिप्टो माइनर्स को अपना पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर देश से बाहर शिफ्ट करना पड़ा था. जानकारी है कि चीन अपनी करेंसी युआन का एक डिजिटल वर्जन तैयार कर रहा है.
यूरोपियन यूनियन
यूरोपियन यूनियन में 27 देश आते हैं. एक संगठन के तौर पर यूनियन का एकसमान फैसला ले सकती है, लेकिन 27 देशों का रुख एक समान होना मुश्किल है, ऐसे में कुछ देश अलग रास्ता भी अपना सकते हैं. वैसे ईयू के अबतक के स्टैंड को देखें तो यूरोपियन कमीशन ने पिछले साल सितंबर में Markets in Crypto-Assets Regulation (MiCA) विधेयक का ड्राफ्ट जारी किया था. जब यह विधेयक लागू होगा तो क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट यानी वित्तीय उपकरण के तौर पर देखा जाएगा, जिसके लिए नियामक संस्थाओं की मंजूरी लेनी जरूरी होगी.
अगर क्रिप्टोकरेंसी पर अलग-अलग देशों के रुख के बारे में बात हो रही है, तो अल सल्वाडोर की बात जरूरी है. यह दक्षिण अमेरिकी देश ऐसा पहला देश है, जहां बिटकॉइन को यूएस डॉलर की तरह लीगल करेंसी का दर्जा दिया गया है. यहां के राष्ट्रपति नईब बुकुलेले ने बिटकॉइन को देश में गरीबी कम करने और बैंकिंग नेटवर्क में ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाने का रास्ता बताया है. हालांकि, उनके इस कदम का वहां खूब विरोध हुआ है.
क्रिप्टो करंसी के ट्रांजेक्शन पर रोक लगा सकती है सरकार, पढ़िये क्या है पूरी तैयारी
क्रिप्टो करंसी
gnttv.com
- नई दिल्ली,
- 19 नवंबर 2021,
- (Updated 19 नवंबर 2021, 11:34 AM IST)
शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो करंसी पर विधेयक ला सकती है सरकार
केंद्र सरकार क्रिप्टो करंसी के ट्रांजेक्शन पर रोक लगा सकती है. सूत्रों के मुताबिक सरकार डिजिटल करंसी के नियमों को और कड़ा कर सकती है. आने वाले संसद सत्र में इसको लेकर सरकार विधेयक भी ला सकती है जिस पर सारी स्थिति साफ होगी. ऐसा माना जा रहा है क्रिप्टो करंसी में सिर्फ वैसे सिक्कों पर निवेश की अनुमति होगी जिन्हें सरकार की तरफ से इजाजत दी गई है.
सरकार की तरफ से मंजूर करंसी पर ही कर सकते हैं निवेश
क्रिप्टो करंसी को लेकर सरकार की बैठक में शामिल एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि सरकार ने जिन क्रिप्टो करंसी को मंजूरी दी है, उसमें निवेश कर सकते हैं. बाकी दूसरे सिक्कों पर निवेश करने पर सरकार जुर्माना लगा सकती है. 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालन सत्र में सरकार क्रिप्टो करंसी को लेकर Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख एक विधेयक पारित कर सकती है.
Bitcoin की कानूनी वैधता पर सरकार रुख साफ करे: सुप्रीम कोर्ट
Supreme Court on Bitcoin : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) बिटकॉइन (BitCoin) की कानूनी वैधता को लेकर सरकार को अपना रुख साफ करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि सरकार स्पष्ट करे कि बिटकॉइन (Bit Coin) वैध है या अवैध.
ASG ऐश्वर्या भाटी ने आश्वस्त किया कि सरकार इस पर अपना पक्ष साफ करेगी. उच्चतम न्यायालय ने ये सवाल 20 हज़ार करोड़ की क़ीमत के (87 हज़ार बिटकॉइन्स) के घोटाले के आरोपी से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान पूछा है.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यह टिप्पणी गेन-बिटकॉइन घोटाले से जुड़े एक आरोपी की याचिका पर सुनवाई के दौरान की है. घोटाला बिटकॉइन की खरीद से जुड़ा है जिसमें एक प्राइवेट कंपनी ने बिटकॉइन बेचने के नाम पर निवेशकों से पैसा लिया इसका इस्तेमाल निजी तौर पर बिटकॉइन खरीदने में किया गया.
केंद्र की ओर से कोर्ट को बताया गया कि यह घोटाला लगभग 87,000 बिटकॉइन्स की खरीद से जुड़ा है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा कि वह बिटकॉइन्स की वैधता पर केंद्र का रुख साफ करें.
बता दें कि यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई से गुरुवाट को सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) में 12 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली थी. बता दें गुरुवार को सुबह बिटकॉइन 34,500 डॉलर के Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख आस-पास कारोबार कर रहा था. गौरतलब है कि नवंबर के शुरू में बिटकॉइन की कीमत 68,000 डॉलर के पार पहुंच गई थी.
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भारत में बिटकॉइन बैन, जानिए क्रिप्टोकरेंसी पर आरबीआई और केंद्र सरकार का रुख
हाल ही में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक बैठक में, केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) क्रिप्टोकुरेंसी पर एक ही पृष्ठ पर नहीं थे। एक ऐसा क्षेत्र जो पिछले कुछ महीनों में चुपचाप भारत में खिल रहा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने उस दिन एक मुद्रा के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं होने के बावजूद भारत में डिजिटल टोकन और इसके क्रेज के बारे में केंद्रीय बैंक की चिंताओं को दोहराया। दूसरी ओर, मोदी सरकार और उसके विभागों ने पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के बजाय, मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग से बचने के लिए क्रिप्टोकरेंसी पर एक मजबूत नियामक नियंत्रण पर विचार किया। सरकार इस तथ्य से अवगत है कि यह एक विकसित तकनीक है यह कड़ी निगरानी रखेगी और सक्रिय कदम उठाएगी। इस बात पर भी सहमति थी कि सरकार द्वारा इस क्षेत्र में उठाए गए कदम प्रगतिशील और दूरंदेशी होंगे। (bitcoin ban in india )
क्रिप्टोकरेंसी किसी भी वित्तीय प्रणाली के लिए एक गंभीर खतरा
बिटकॉइन की कीमतों में अचानक उछाल के बाद भारत में लोकप्रियता हासिल करने के बाद से आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ अपने मजबूत विचारों को बार-बार दोहराया है। केंद्रीय बैंक का तर्क है कि क्रिप्टोकरेंसी देश की व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है। आरबीआई ने उन पर ट्रेडिंग करने वाले निवेशकों की संख्या के साथ-साथ उनके दावा किए गए बाजार मूल्य पर भी संदेह जताया। दास ने बुधवार को क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति देने के खिलाफ अपने विचार दोहराते हुए कहा था कि वे किसी भी वित्तीय प्रणाली के लिए एक गंभीर खतरा हैं क्योंकि वे केंद्रीय बैंकों द्वारा अनियंत्रित हैं।
भारतीय रुपये के लिए संभावित खतरे के लिए आरबीआई मुख्य रूप से क्रिप्टोकरेंसी के बारे में चिंतित है। यदि बड़ी संख्या में निवेशक भविष्य निधि जैसे रुपये आधारित बचत के बजाय डिजिटल सिक्कों में निवेश करते हैं, तो बाद की मांग गिर जाएगी। इससे बैंकों की अपने ग्राहकों को पैसा उधार देने की क्षमता में बाधा आएगी। इसके अलावा, चूंकि देश में क्रिप्टोकरेंसी अनियंत्रित हैं और उनका पता लगाना मुश्किल है, इसलिए सरकार भी इस राशि पर कर नहीं लगा पाएगी, जिससे रुपये को खतरा हो सकता है। उसके ऊपर, क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध गतिविधियों में किया जा सकता है। (bitcoin ban in india ) क्रिप्टो निवेशक, इन सभी कारणों से, हैकिंग, घोटाले और नुकसान के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं क्योंकि क्रिप्टो सिक्के प्रकृति में अस्थिर होते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई के सर्कुलर को रद्द किया
2018 में RBI ने घोषणा की थी कि बैंक भारत में क्रिप्टो उद्योग की प्रगति को रोकते हुए, क्रिप्टोकरेंसी में सौदे नहीं कर पाएंगे। हालांकि मार्च 2020 की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने वाले आरबीआई के सर्कुलर को रद्द कर दिया था। इसके बाद 5 फरवरी 2021 में केंद्रीय बैंक ने केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा के मॉडल का सुझाव देने के लिए एक आंतरिक पैनल का गठन किया था। फैसलों के बारे में घोषणा अगले महीने होने की उम्मीद है।लेकिन आगे का रास्ता क्या है? हालांकि Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख आरबीआई का रुख सख्त बना हुआ है, लेकिन वह वास्तव में डिजिटल मुद्रा के साथ आने की संभावनाएं तलाश रहा है। पीटीआई के अनुसार, बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी के प्रसार के सामने, आरबीआई ने एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के साथ आने की अपनी मंशा की घोषणा की थी।
निजी डिजिटल मुद्राओं/आभासी मुद्राओं/क्रिप्टो मुद्राओं ने पिछले एक दशक में लोकप्रियता हासिल की है। यहां, नियामकों और सरकारों को इन मुद्राओं के बारे में संदेह है और वे संबंधित जोखिमों के बारे में आशंकित हैं। तमाम सीमाओं और संभावित जोखिमों के बावजूद, अधिक से अधिक भारतीय Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं। अक्टूबर में एक अखबार के विज्ञापन में दावा किया गया था कि भारतीयों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में 6 ट्रिलियन रुपये का निवेश किया गया है। लेकिन लोगों की संख्या को लेकर विरोधाभास है। ब्रोकरचूजर्स ने इस आंकड़े की गणना 100.7 मिलियन की है, जबकि वज़ीरएक्स के सीईओ निशाल शेट्टी ने कहा कि देश में लगभग 15-20 मिलियन क्रिप्टो निवेशक थे। ( bitcoin ban in india )