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टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स क्या हैं

टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स क्या हैं

आईडीएफसी म्यूचुअल फंड ने दो फिक्स्ड इनकम एनएफओ लांच किया, 12 से खुलेगा

मुंबई– आईडीएफसी म्यूचुअल फंड ने दो नए फिक्स्ड फंड ऑफर लांच किया है। यह नया ऑफर 12 मार्च से खुलेगा और 19 मार्च को बंद होगा। इसमें एक गिल्ट 2027 इंडेक्स फंड और दूसरा गिल्ट 2028 इँडेक्स फंड हैं। दोनों फंड ओपन एंडेड टार्गेट मैच्योरिटी इंडेक्स फंड हैं। यह सरकारी प्रतिभूतियों और ट्रेजरी बिल्स में निवेश करेंगे।

कंपनी की ओर से जारी प्रेस बयान के अनुसार टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स रेगुलर ओपन एंड म्यूचुअल फंड की तरह नहीं हैं। मैच्योरिटी पर इसकी नेट असेट वैल्यू (एनएवी) यूनिटधारकों को वापस दी जाएगी। आईडीएफसी गिल्ट इंडेक्स फंड केवल सॉवरेन रेटिंग वाले संसाधनों में ही निवेश करेगा क्योंकि इसे सरकार की गारंटी प्राप्त होती है।

इस बारे में आईडीएफसी असेट मैनेजमेंट कंपनी के सीईओ विशाल कपूर ने बताया कि आईडीएफसी गिल्ट 2027 इंडेक्स फंड और 2028 इंडेक्स फंड उन निवेशकों के लिए अच्छा है जो हाई क्वालिटी वाले संसाधनों में निवेश करना चाहते हैं। अगले 6-7 सालों में सरकारी प्रतिभूतियां अल्ट्रा शॉर्ट टेन्योर सिक्योरिटीज की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेंगी। इसके अतिरिक्त गिल्ट ज्यादा लिक्विडिटी देगी। इस दोनों फंड में रोजाना के आधार पर खरीदी और बिक्री की सुविधा होगी।

कम से कम 5 हजार रूपए का निवेश किया जा सकता है। इसमें पैसे निकालने पर कोई चार्ज नहीं है। 2027 इंडेक्स फंड 30 जून 2027 को पूरा होगा जबकि 2028 अप्रैल 2028 में पूरा होगा। 2000 में शुरू हुई आईडीएफसी म्यूचु्अल फंड देश की टॉप 10 म्यूचु्अल फँड कंपनियों में है। इसका असेट अंडर मैनेजमेंट 1.20 लाख करोड़ रुपए रहा है। इसके पास 57 फंड स्कीम हैं। इसकी मौजूदगी 46 शहरों में है और 250 शहरों में इसके निवेशक हैं।

Money Guru: नए संवत में करें निवेश की नई शुरुआत, एक्सपर्ट्स से जानें किन फंड्स में मिलेगा दमदार रिटर्न

Money Guru: दिवाली के बाद अगर आप भी निवेश की नई शुरुआत करना चाहते हैं, तो हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे फंड्स जो आपको दिलाएंगे बेहतर रिटर्न.

Money Guru: अगर आप भी दिवाली के बाद निवेश की नई शुरुआत करना चाहते हैं, तो हम इसके लिए करेंगे आपको गाइड और बताएंगे कि किन फंड्स में आप बना सकते हैं एक दमदार प्रोफाइल. इसके साथ ही आपको जानने को मिलेगा कि नए साल के इस नए निवेश में आपको किन बातों का रखना होगा ख्याल. इसके लिए हमारे साथ हैं एसबीआई म्यूचुअल फंड के एमडी और सीबीओ डीपी सिंह और आनंदराठी वेल्थ मैनेजमेंट के डिप्टी सीईओ फिरोज अजीज, जो आपको बताएंगे निवेश के नए मंत्र.

बिरला म्‍युचुअल फंड ने लॉन्च किया Nifty SDL Plus PSU Bond Index Fund, मात्र 500 टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स क्या हैं रुपये से करें निवेश

Aditya Birla Sun Life Mutual Fund Launches Nifty SDL Plus PSU Bond Index Fund

आदित्य बिरला सनलाइफ म्‍युचुअल फंड ने Nifty SDL Plus PSU Bond Index Fund लॉन्च किया है। यह सितंबर 2026 में मैच्योर होगा। इस फंड में आए हुए पैसे में से 60 फीसद पैसा SDL (State Development Loans) में निवेश होगा।

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। आदित्य बिरला सनलाइफ म्‍युचुअल फंड ने Nifty SDL Plus PSU Bond Index Fund लॉन्च किया है। यह सितंबर 2026 में मैच्योर होगा। इस फंड में आए हुए पैसे में से 60 फीसद पैसा SDL (State Development Loans) में निवेश होगा जबकि 40 पर्सेंट पैसा PSU बॉन्ड में निवेश होगा। इसमें कम से कम 500 रुपये का निवेश किया जा सकता है। यह नया फंड 15 सितंबर को खुला है और 23 सितंबर को बंद होगा। यह एक ओपन एंडेड स्कीम है जो निफ्टी SDL प्लस PSU बॉन्ड सितंबर 2026 इंडेक्स को ट्रैक करेगी। यह फंड मैच्योरिटी डेट के साथ टार्गेट मैच्योरिटी को परिभाषित करेगा। यह पूरी तरह से डायवर्सिफायड पोर्टफोलियो वाली स्कीम है। चूंकि, यह इंडेक्स फंड है, इसलिए इसमें निफ्टी एसडीएल प्लस पीएसयू बॉन्ड का प्रदर्शन दिखेगा।

इस पोर्टफोलियो का 60 पर्सेंट हिस्सा स्टेट डेवलपमेंट लोन (एसडीएल) के टॉप 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में निवेश किया जाएगा। बाकी 40 पर्सेंट पैसा टॉप टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स क्या हैं रेटिंग यानी एएए रेटिंग वाले 10 पीएसयू बॉन्ड में निवेश किया जाएगा। यह निवेश टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स क्या हैं क्रेडिट क्वालिटी और लिक्विडिटी स्कोर के आधार पर किया जाएगा।

जानकारों का कहना है कि इस समय ब्याज दरें कम हैं ऐसे में इस तरह के ओपन एंडेड डेट इंडेक्स फंड निवेशकों को टार्गेट मैच्योरिटी के साथ स्थिर रिटर्न का भी अवसर देते हैं। इसलिए असेट अलोकेशन के रूप में इस तरह के फंड को देखा जा सकता है। इसमें निवेश को मैच्योरिटी तारीख तक रोक कर एक स्थिर रिटर्न देने का उद्देश्य है। इस तरह से इसका तिमाही आधार पर रीबैलेंस और रिव्यू किया जाएगा।

आदित्य बिरला सनलाइफ म्‍युचुअल फंड के एमडी एवं सीईओ ए. बालासुब्रमणियन ने कहा कि रिटर्न के अनुमानों के साथ पैसिव डेट प्रोडक्ट परंपरागत सेविंग संसाधनों का एक मिला-जुला रूप होता है। इसमें अच्छी लिक्विडिटी होती है और टैक्स का फायदा मिलता है।

उन्होंने कहा कि ब्याज दरें ज्यादा आकर्षक हैं और महंगाई के आंकड़ों में भी कमी आ रही है। इससे निवेशकों को मिलने वाला रियल रिटर्न बढ़ रहा है। निवेशक को ऐसे माहौल में डेट फंड की सुरक्षा और लिक्विडटी के साथ कम दरों का फायदा मिल टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स क्या हैं रहा है। कम और मध्यम अवधि के निवेश के नजरिए से 5 साल का समय एक आकर्षक समय है। सरकारी प्रतिभूतियों (सिक्योरिटीज) की तुलना में एसडीएल काफी आकर्षक है। एसडीएल और एएए पीएसयू बॉन्डस उचित रूप से बेहतर रिटर्न दे सकते हैं।

उन्होंने कहा कि बिरला म्‍युचुअल फंड इस सेगमेंट में अपनी ऑफरिंग को बढ़ाना चाहते हैं जो फंड हाउस के वर्तमान एक्टिव फंड की मजबूती के साथ एक अच्छा कांबिनेशन है। हमारा लक्ष्य एक डाइवर्स प्रोडक्ट ऑफरिंग को डेवलप करने का है।

टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स क्या टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स क्या हैं हैं

एक्रुअल निवेश स्ट्रेटजी का अर्थ पेपर (बांड) को मैच्योरिटी तक होल्ड करना और कूपन पेमेंट टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स क्या हैं का लाभ प्राप्त करना होता है। डेट फंड्स जो इस प्रकार की स्ट्रेटजी को अपनाते हैं, वे ब्याज दर चक्रों से पैदा होने वाले जोखिम, खास तौर पर बढ़ती ब्याज दरों की स्थिति में, को काफी हद तक कम कर देते हैं। आप किसी ऐसे फंड को चुन सकते हैं और खरीदो और होल्ड करो एप्रोच को अपनाते हैं क्योंकि बढ़ती ब्याज दरों की स्थिति में यह उपयुक्त विकल्प होते हैं। इस प्रकार के फंड्स में निवेश करते समय, इस बात की सलाह दी जाती है कि तब तक निवेश के साथ जुड़े रहें जब तक पेपर्स की मैच्योरिटी पर आप्टिमम रिटर्न नहीं मिलते हैं।

टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स (टीएमएफ) में निवेश करें

टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स एक्रुअल स्ट्रेटजी को अपनाते हैं। मुख्य रूप से ये पैसिव डेट फंड्स होते हैं जो अंडरलाईंग बाण्ड इंडेक्स को ट्रैक करते हैं। इस प्रकार के फंड्स, निवेशकों को पोर्टफोलियों को फंड्स की मैच्योरिटी तारीख के साथ अलाइन करके उन्हे डेट फंड्स के साथ जुड़े जोखिमों का सामना करने में सहायता करते हैं। क्योंकि वे बाण्ड इंडेक्स को ट्रैक करते हैं, इस प्रकार के फंड्स ऐसे पोर्टफोलियो रखते हैं, जिनमें ऐसी सिक्योरिटीज़ होती हैं जो अंडरलाईंग बाण्ड इंडेक्स का हिस्सा होती है, और इस प्रकार फंड्स की तय मैच्योरिटी के साथ ही उनकी भी मैच्योरिटी होती है। टीएमएफ को सरकारी सिक्योरिटीज़, राज्य विकास ऋण या एसडीएल तथा पीएसयू बांड्स में निवेश करना होता है। फंड के पोर्टफोलियो में इन सभी बांड्स और सिक्योरिटीज़ को मैच्योरिटी तक होल्ड किया जाता है। इससे यह तय किया जाता है कि हर वर्ष फंड की अवधि कम होती चली जाती है। इस प्रकार, ब्याज दरों में बदलाव के कारण कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव के कारण निवेश कम प्रभावित होता है, और इस प्रकार रिटर्न का अनुमान लगाना संभव हो पाता है। जोखिम को पसंद न करने वाले निवेशक अपने पोर्टफोलियो में टीएमएफ को शामिल करने पर विचार कर सकते हैं।

डेट ओरिऐन्टेड बैलेंस्ड फंड्स

बैलेंस्ड फंड्स, जो मुख्य रूप से डेट में निवेश करते हैं, को जोखिम न उठाने वाले निवेशकों द्वारा चुना जा सकता है। ऐसा करने से निवेशकों के निवेश का प्रतिफल बढ़ता है। ऐसे फंड्स के पोर्टफोलियो का लगभग 65 से 70 फीसदी निवेश डेट इंस्ट्रुमेंट्स में किया जाता है, जबकि शेष फंड्स का निवेश स्टॉक से संबंधित इंस्ट्रुमेंट्स में किया जाता है। संतुलित निवेश स्ट्रेटजी से उस समय सहायता मिलती है जब विभिन्न टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स क्या हैं असेस्ट्स क्लासेज़ के साथ अनिश्चितता जुड़ी रहती है।

बैलेन्स्ड एडवेंटेज फंड

ये डायनामिक असेट एलोकेशन फंड्स होते हैं। यह निवेशकों को उनके निवेश में डेट तथा ईक्विटी, दोनों के लाभ उपलब्ध कराते हैं। बदलती वैल्यूएशन के कारण, इस प्रकार के फंड्स अपने पोर्टफोलियो का 80 फीसदी तक निवेश ईक्विटी में कर सकते हैं। परिस्थितिवश यह निवेश कम करके 20% तक भी कर सकते हैं। जबकि, शेष निवेश को विभिन्न डेट सिक्योरीटीज़ में किया जाता है। क्योंकि इस प्रकार के फंड्स बाईंग लो और सेलिंग हाई पर काम करते हैं, निवेशकों को निरन्तर असेट एलोकेशन स्ट्रेटेजी से लाभ मिलता है। हालांकि विशुद्ध ईक्विटी फंड्स की तरह रिटर्न इतने अधिक नहीं हो सकते हैं। लेकिन मध्यम से दीर्घकाल के लिए निवेश की समयावधि में प्राप्त होने वाला प्रतिफल, आसानी से इंफ्लेशन से अधिक होगा।

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