तकनीकी विश्लेषण चार्ट पैटर्न

Technical Analysis (Hindi)
अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो आपने Technical Analysis के बारे में सुना होगा।Technical Analysis ( तकनीकी विश्लेषण ) बाजार की चाल और बाजार की प्रवृत्ति को समझने के उद्देश्य से तकनीकी चार्ट या तकनीकी संकेतकों के माध्यम से बाजार व्यवहार का अध्ययन है। इस ब्लॉग आर्टिकल में हम Technical Analysis के बारे में जानेगे !!
Table of Contents
Technical Analysis क्या होता हैं|What is Technical Analysis
Technical Analysis ( तकनीकी विश्लेषण ) एक अध्ययन हैं जो चार्ट और तकनीक इंडिकेटर का उपयोग करके हिस्टोरिकल ट्रेंड के आधार पर भविष्य में होने वाले शेयर प्राइस के बढ़ने और गिरने के बारे में बताता हैं जिसके माध्यम से बाजार की चाल और व्यवहार को समझने में आसानी होती हैं शेयर्स के खरीदने का मूल्य, खरीदने का समय, कितना खरीदना और बेचना, स्टॉप लॉस और एग्जिट आदि के बारे में बताता है।टेक्निकल एनालिसिस के माध्यम से किसी भी स्टॉक में कब एंट्री और एग्जिट करना हैं ये भी प्राइस पैटर्न और इंडीकेटर्स की मदद से पता लगाया जा सकता हैं।Technical एनालिसिस की सबसे ख़ास बात ये हैं की ये किसी भी एसेट क्लास पे अप्लाई किया जा सकते हैं क्यूंकि चार्ट एनालिसिस हर एक एसेट क्लास पे काम करता हैं क्यंकि ये उसके प्राइस बेहवियर को पास्ट डाटा के आधार पे जानने का तरीका हैं।
Technical Analysis Parameter (Hindi)
तीन पैरामीटर हैं जिन पर तकनीकी विश्लेषण आधारित है।
1) History Tends To Repeat Itself
2) Market Discount Everything
3) Price Moves In Trends
आइए प्रत्येक बिंदु को विस्तार से समझे !!
1.History Repeat Itself (Hindi)
पहला बिंदु इतिहास अपने आप को दोहराता है इसका मतलब है कि मानव मनोविज्ञान समान होता है, इसलिए टेक्निकल एनालिसिस के इस निष्कर्ष से यह माना जाता है कीमत का चलन अपने आप को दोहराता है। इतने सालों तक चार्ट का गठन या प्राइस पैटर्न का आकार प्रकृति में दोहराव वाला होता है क्योंकि मानव मनोविज्ञान समान होता है,ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बाजार के भागीदार एक तरीके की घटना पर हर बार एक ही तरीके की प्रतिक्रिया देते हैं। इसीलिए शेयर की कीमत एक ही तरीके से चलती हैं।
इसलिए इस निष्कर्ष तकनीकी विश्लेषण चार्ट पैटर्न से यह माना जाता है कि अतीत में बने चैट पैटर्न में समान परिदृश्य मिलने पर खुद को दोहराने का मौका देता हैं इसलिए यह तकनीकी विश्लेषक को बाजार के व्यवहार को समझने में तकनीकी विश्लेषण चार्ट पैटर्न मदद करता है और स्टॉक के मूल्य के अध्ययन में मदद करता है।
2.Market Discount Everything (Hindi)
दूसरा बिंदु Market Discount Everything का मतलब है बाजार मूल्य या स्टॉक मूल्य में पहले से ही शेयरों से संबंधित सभी समाचार चाहे वह अपने मौलिक, प्रबंधन, अर्थशास्त्र, इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक, मनोविज्ञान या भविष्य की संभावनाओं से जुड़ा हो या उसके बाहरी वातावरण से संबंधित सभी समाचार और चीजें शामिल हैं। उस स्टॉक प्राइस में वे चीज़े पहले से शामिल होती हैं जिसका असर उसके भाव में पहले से होता हैं।
3. Price Move in Trends (Hindi)
तीसरा बिंदु प्राइस मूव इन ट्रेंड्स का मतलब है तकनीकी विश्लेषण चार्ट पैटर्न कि स्टॉक प्राइस एक दिशा में तब तक चलता है जब तक कि वह विपरीत दिशा में अपनी दिशा को उलट या बदल नहीं देता है और वे एक ही दिशा में आगे बढ़ता रहता हैं जब तक कोई मेजर रेजिस्टेंस ना आ जाये बीच बीच में थोड़ी करेक्शन हो सकती हैं पर ट्रेंड अपनी दिशा में चलता हैं।
Technical Analysis कैसे करें|How to do Technical Analysis
टेक्निकल एनालिसिस शेयर का हिस्टोरिकल ट्रेडिंग डाटा को चार्ट के माध्यम से समझता हैं और यह डाटा आगे आने वाले समय के बारे में क्या संकेत देता है।यहां Technical Analysis Study में उपयोग किए जाने वाले बुनियादी उपकरण हैं जैसे कैंडलस्टिक चार्ट, वॉल्यूम, ट्रेंडलाइन, मूविंग एवरेज आदि। मुख्य पैरामीटर स्टॉक की प्रवृत्ति और मूल्य व्यवहार की पहचान करना है।
Technical Analysis study (तकनीकी अध्ययन) में Price और Volume दो महत्वपूर्ण कारक हैं क्योंकि तकनीकी अध्ययन में Price सर्वोच्च है और वॉल्यूम मूल्य पैटर्न का समर्थन करती है या मूल्य व्यवहार को प्रभावित करती है।टेक्निकल एनालिसिस में आप चार्ट को analyse कर सकते हैं क्यूंकि एक चार्ट ट्रेंड के बारे में काफी कुछ बताता हैं उसमे प्राइस और वॉल्यूम के पैटर्न्स को ध्यान में रखना चाहिए क्यूंकि प्राइस ही सबसे ऊपर क्यूंकि जितने इंडिकेटर और टेक्निकल उपयोग केवल ट्रेंड और प्राइस का मूवमेंट देखने के लिए होते हैं
Technical Analysis के Important Points
Chart Analysis-Technical एनालिसिस की स्टडी में चार्ट सबसे अहम् होता हैं क्यूंकि चार्ट की मदद से हम प्राइस के बार्रे में पता लगा सकते हैं क्यूंकि Price ही सबसे अहम् होता हैं सारी टेक्निकल स्टडी और इंडिकेटर प्राइस बेहेवियर के बारे में होते हैं प्राइस एनालिसिस के लिए सबसे अधिक कैंडलस्टिक चार्ट का उपयोग होता हैं क्यूंकि एक कैंडलस्टिक पूरा दिन के ट्रेडिंग का Open-High-Low प्राइस का पिक्टोरियल रेप्रेसन्टेशन देती हैं यानी की वो स्टॉक किस प्राइस पे खुला कितना ऊपर गया और कितना निचे गया। advanced स्टडी के लिए कैंडलस्टिक पैटर्न आदि के बारे में जाना जा सकता हैं।
Price-Price बेहेवियर के बारे में जानने के लिए आप कैंडलस्टिक और मूविंग एवरेज का उपयोग कर सकते हैं।
Volume-Volume एनालिसिस करके आप प्राइस के सपोर्ट में वॉल्यूम को देख सकते हैं की प्राइस के साथ वॉल्यूम का क्या रेलशनशिप हैं जिससे की प्राइस का ट्रेंड बढ़ने और घटने के संकेत मिलते हैं। ये सब आप चार्ट पे देख सकते हैं।
Momentum-Momentum इंडिकेटर गाडी में स्पीडोमेटेर की तरह काम करता हैं जिससे ये पता लगता हैं की Price में कितनी तेज़ी हैं और कब उसकी तेज़ी हलकी हो जायगी इन सबके लिए आप R.S.I जैसे इंडिकेटर का उपयोग कर सकते हैं।
Support & Resistance -Support & Resistance डिमांड और सप्लाई पे चलते हैं। ये एक जोन होता हैं जहा ये पता लगता हैं की स्टॉक का सपोर्ट और रेजिस्टेंस कहा पे हैं ये सब आप कैंडलस्टिक और trend-line या हॉरिजॉन्टल लाइन के मदद से उस जोन का पता लगा सकते हैं चार्ट के ऊपर । या फिर किसी अन्य इंडिकेटर का उपयोग करके।
Time Frame-Time फ्रेम भी बहुत महत्वपूर्ण होता हैं की आप किस टाइम फ्रेम पर चार्ट एनालिसिस और इंडिकेटर का इस्तेमाल कर रहे हैं LongTerm Chart एनालिसिस के लिए या फिर short Term चार्ट एनालिसिस के लिए।
Note-इस ब्लॉग लेख में जो जानकारी दी गयी हैं वो केवल इनफार्मेशन और एजुकेशन के लिए हैं किसी भी निवेश से पहले अपने फाइनेंसियल एडवाइजर से सलाह ले ।
कैंडल चार्ट क्या होता है कैंडल चार्ट को कैसे समझें
दोस्तों आज हम बात करेंगे शेयर बाजार में कैंडलेस्टिक चार्ट क्या होता है। Candlestick chart शेयर बाजार में स्टॉक्स में हो रही खरीद बिक्री को लाल और हरे कैंडल में दर्शाते हैं। यहां पर हर एक हरे कैंडल का मतलब खरीददारी और लाल कैंडल का मतलब बिकवाली होता है। शेयर बाजार में किसी भी कंपनी का तकनीकी विश्लेषण करने के लिए कैंडल चार्ट बहुत महत्वपूर्ण है। और यह कीमतों के परिवर्तन का विश्लेषण करने के लिए बहुत मायने रखता है।
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कैंडलेस्टिक चार्ट |
कैंडलेस्टिक चार्ट को कैसे समझें
जैसा कि आप अगर शेयर बाजार में व्यापार करते हैं या करने में रुचि रखते हैं तो कैंडलेस्टिक चार्ट पेटर्न को सीखना आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इससे आप एक समुचित ढंग से टेक्निकल एनालिसिस कर सकेंगे। बाजार में कैंडलेस्टिक चार्ट अपने पिछले Trade की गतिविधियों को दर्शाता है जहां से आपको टेक्निकल एनालिसिस में सपोर्ट aur रेजिस्टेंस, ट्रेंड लाइन अन्य पैटर्न देखने को मिलते हैं इसके के आधार पर हम अगले ट्रेडिंग सेशन के लिए अपने strategie के अनुसार रणनीतियां बनाते हैं। शेयर बाजार में अधिकतर ट्रेडर्स candlestick pattern के आधार पर ही बाजार में अपना सौदा या Trade करते हैं।
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Candlestick chart list |
Candlestick chart में कुछ फेमस कैंडल के नाम
- SHOOTING STAR
- HAMMER
- DOJI
- PAPER UMBRELLA
- SPINNING TOPS
- MARUBOZU
- ENGULFING CANDLE
- MORNING STAR
- HARAMI
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कैंडलेस्टिक चार्ट का एनालिसिस |
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए कैंडलेस्टिक चार्ट का एनालिसिस कैसे करें।
अगर आप शेयर बाजार में इंट्राडे ट्रेडर है या फिर डे ट्रेडर में रुचि रखते हैं तो आपको कैंडलेस्टिक चार्ट पढ़ना बहुत जरूरी है। यह किसी भी शेयर का तकनीकी विश्लेषण करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है। इसे सीखने के लिए आप बाजार में मोमेंट, ट्रेंडलाइन ब्रेकआउट, ब्रेकडाउन, सपोर्ट और रजिस्टेंस इन चीजों को देखकर आप टेक्निकल एनालिसिस कर सकते है
शेयर की प्रत्येक कैंडल बाजार के मूल्य की गतिशीलता को प्रदर्शित करती है
HIGH, LOW, OPEN, और CLOSE
अगर आप कैंडल स्टिक चार्ट का बखूबी विश्लेषण करना जानते हैं तो आप इंट्राडे ट्रेडिंग में अत्यधिक लाभ कमा सकते हैं।
इंट्रा डे ट्रेडर के लिए कैंडलेस्टिक चार्ट उपयोग करने के 2 कारण होते हैं
1 Trade नियंत्रण में मदद
इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय अपने जोखिम को जानना बहुत जरूरी है। कैंडलेस्टिक चार्ट की मदद से आप आपकी चल रही पोजीशन को रखने या बंद करने और जोखिम के साथ लाभ और नुकसान को प्रतिबंधित कर सकते हैं। तकनीकी विश्लेषण चार्ट पैटर्न इससे आपको स्टॉप लॉस और टारगेट को जानना आसान होता है।
2 Entry और Exit जानने में मदद
Candlestick pattern का विश्लेषण करके आप या जान सकते हैं कि मोमेंटम, ब्रेकआउट या ट्रेंड के आधार पर बाजार में एंट्री करें या बाजार में टिके रहे या बाजार से बाहर निकले या निकलने का सही समय निर्धारित करता है। इन सभी तरीकों को सीख कर आपको शेयर बाजार में इंट्राडे ट्रेडिंग करने में मदद मिलेगी।
Technical Analysis (Hindi)
अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो आपने Technical Analysis के बारे में सुना होगा।Technical Analysis ( तकनीकी विश्लेषण ) बाजार की चाल और बाजार की प्रवृत्ति को समझने के उद्देश्य से तकनीकी चार्ट या तकनीकी संकेतकों के माध्यम से बाजार व्यवहार का अध्ययन है। इस ब्लॉग आर्टिकल में हम Technical Analysis के बारे में जानेगे !!
Table of Contents
Technical Analysis क्या होता हैं|What is Technical Analysis
Technical Analysis ( तकनीकी विश्लेषण ) एक अध्ययन हैं जो चार्ट और तकनीक इंडिकेटर का उपयोग करके हिस्टोरिकल ट्रेंड के आधार पर भविष्य में होने वाले शेयर प्राइस के बढ़ने और गिरने के बारे में बताता हैं जिसके माध्यम से बाजार की चाल और व्यवहार को समझने में आसानी होती हैं शेयर्स के खरीदने का मूल्य, खरीदने का समय, कितना खरीदना और बेचना, स्टॉप लॉस और एग्जिट आदि के बारे में बताता है।टेक्निकल एनालिसिस के माध्यम से किसी भी स्टॉक में कब एंट्री और एग्जिट करना हैं ये भी प्राइस पैटर्न और इंडीकेटर्स की मदद से पता लगाया जा सकता हैं।Technical एनालिसिस की सबसे ख़ास बात ये हैं की ये किसी भी एसेट क्लास पे अप्लाई किया जा सकते हैं क्यूंकि चार्ट एनालिसिस हर एक एसेट क्लास पे काम करता हैं क्यंकि ये उसके प्राइस बेहवियर को पास्ट डाटा के आधार पे जानने का तरीका हैं।
Technical Analysis Parameter (Hindi)
तीन पैरामीटर हैं जिन पर तकनीकी विश्लेषण आधारित है।
1) History Tends To Repeat Itself
2) Market Discount Everything
3) Price Moves In Trends
आइए प्रत्येक बिंदु को विस्तार से समझे !!
1.History Repeat Itself (Hindi)
पहला बिंदु इतिहास अपने आप को दोहराता है इसका मतलब है कि मानव मनोविज्ञान समान होता है, इसलिए टेक्निकल एनालिसिस के इस निष्कर्ष से यह माना जाता है कीमत का चलन अपने आप को दोहराता है। इतने सालों तक चार्ट का गठन या प्राइस पैटर्न का आकार प्रकृति में दोहराव वाला होता है क्योंकि मानव मनोविज्ञान समान होता है,ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बाजार के भागीदार एक तरीके की घटना पर हर बार एक ही तरीके की प्रतिक्रिया देते हैं। इसीलिए शेयर की कीमत एक ही तरीके से चलती हैं।
इसलिए इस निष्कर्ष से यह माना जाता है कि अतीत में बने चैट पैटर्न में समान परिदृश्य मिलने पर खुद को दोहराने का मौका देता हैं इसलिए यह तकनीकी विश्लेषक को बाजार के व्यवहार को समझने में मदद करता है और स्टॉक के मूल्य के अध्ययन में मदद करता है।
2.Market Discount Everything (Hindi)
दूसरा बिंदु Market Discount Everything का मतलब है बाजार मूल्य या स्टॉक मूल्य में पहले से ही शेयरों से संबंधित सभी समाचार चाहे वह अपने मौलिक, प्रबंधन, अर्थशास्त्र, इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक, मनोविज्ञान या भविष्य की संभावनाओं से जुड़ा हो या उसके बाहरी वातावरण से संबंधित सभी समाचार और चीजें शामिल हैं। उस स्टॉक प्राइस में वे चीज़े पहले से शामिल होती हैं जिसका असर उसके भाव में पहले से होता हैं।
3. Price Move in Trends (Hindi)
तीसरा बिंदु प्राइस मूव इन ट्रेंड्स का मतलब है कि स्टॉक प्राइस एक दिशा में तब तक चलता है जब तक कि वह विपरीत दिशा में अपनी दिशा को उलट या बदल नहीं देता है और वे एक ही दिशा में आगे बढ़ता रहता हैं जब तक कोई मेजर रेजिस्टेंस ना आ जाये बीच बीच में थोड़ी करेक्शन हो सकती हैं पर ट्रेंड अपनी दिशा में चलता हैं।
Technical Analysis कैसे करें|How to do Technical Analysis
टेक्निकल एनालिसिस शेयर का हिस्टोरिकल ट्रेडिंग डाटा को चार्ट के माध्यम से समझता हैं और यह डाटा आगे आने वाले समय के बारे में क्या संकेत देता है।यहां Technical Analysis Study में उपयोग किए जाने वाले बुनियादी उपकरण हैं जैसे कैंडलस्टिक चार्ट, वॉल्यूम, ट्रेंडलाइन, मूविंग एवरेज आदि। मुख्य पैरामीटर स्टॉक की प्रवृत्ति और मूल्य व्यवहार की पहचान करना है।
Technical Analysis study (तकनीकी अध्ययन) में Price और Volume दो महत्वपूर्ण कारक हैं क्योंकि तकनीकी अध्ययन में Price सर्वोच्च है और वॉल्यूम मूल्य पैटर्न का समर्थन करती है या मूल्य व्यवहार को प्रभावित करती है।टेक्निकल एनालिसिस में आप चार्ट को analyse कर सकते हैं क्यूंकि एक चार्ट ट्रेंड के बारे में काफी कुछ बताता हैं उसमे प्राइस और वॉल्यूम के पैटर्न्स को ध्यान में रखना चाहिए क्यूंकि प्राइस ही सबसे ऊपर क्यूंकि जितने इंडिकेटर और टेक्निकल उपयोग केवल ट्रेंड और प्राइस का मूवमेंट देखने के लिए होते हैं
Technical Analysis के Important Points
Chart Analysis-Technical एनालिसिस की स्टडी में चार्ट सबसे अहम् होता हैं क्यूंकि चार्ट की मदद से हम प्राइस के बार्रे में पता लगा सकते हैं क्यूंकि Price तकनीकी विश्लेषण चार्ट पैटर्न ही सबसे अहम् होता हैं सारी टेक्निकल स्टडी और इंडिकेटर प्राइस बेहेवियर के बारे में होते हैं प्राइस एनालिसिस के लिए सबसे अधिक कैंडलस्टिक चार्ट का उपयोग होता हैं क्यूंकि एक कैंडलस्टिक पूरा दिन के ट्रेडिंग का Open-High-Low प्राइस का पिक्टोरियल रेप्रेसन्टेशन देती हैं यानी की वो स्टॉक किस प्राइस पे खुला कितना ऊपर गया और कितना निचे गया। advanced स्टडी के लिए कैंडलस्टिक पैटर्न आदि के बारे में जाना जा सकता हैं।
Price-Price बेहेवियर के बारे में जानने के लिए आप कैंडलस्टिक और मूविंग एवरेज का उपयोग कर सकते हैं।
Volume-Volume एनालिसिस करके आप प्राइस के सपोर्ट में वॉल्यूम को देख सकते हैं की प्राइस के साथ वॉल्यूम का क्या रेलशनशिप हैं जिससे की प्राइस का ट्रेंड बढ़ने और घटने के संकेत मिलते हैं। ये सब आप चार्ट पे देख सकते हैं।
Momentum-Momentum इंडिकेटर गाडी में स्पीडोमेटेर की तरह काम करता हैं जिससे ये पता लगता हैं की Price में कितनी तेज़ी हैं और कब उसकी तेज़ी हलकी हो जायगी इन सबके लिए आप R.S.I जैसे इंडिकेटर का उपयोग कर सकते हैं।
Support & Resistance -Support & Resistance डिमांड और सप्लाई पे चलते हैं। ये एक जोन होता हैं जहा ये पता लगता हैं की स्टॉक का सपोर्ट और रेजिस्टेंस कहा पे हैं ये सब आप कैंडलस्टिक और trend-line या हॉरिजॉन्टल लाइन के मदद से उस जोन का पता लगा सकते हैं चार्ट के ऊपर । या फिर किसी अन्य इंडिकेटर का उपयोग करके।
Time Frame-Time फ्रेम भी बहुत महत्वपूर्ण होता हैं की आप किस टाइम फ्रेम पर चार्ट एनालिसिस और इंडिकेटर का इस्तेमाल कर रहे हैं LongTerm Chart एनालिसिस के लिए या फिर short Term चार्ट एनालिसिस के लिए।
Note-इस ब्लॉग लेख में जो जानकारी दी गयी हैं वो केवल इनफार्मेशन और एजुकेशन के लिए हैं किसी भी निवेश से पहले अपने फाइनेंसियल एडवाइजर से सलाह ले ।
candlestick pattern in hindi-कैंडिलस्टिक पैटर्न्स क्या होता है
candlestick pattern in hindi
इस लेख में हम जानेंगे की कैंडिलस्टिक पैटर्न क्या होता है(candlestick pattern in hindi) ,साथ ही हम कैंडिल के पैटर्न्स देखने वाले है। जो शेयर बाजार में टेक्निकल एनालिसिस करने में हमारी मदत करते है ,और उन पैटर्न्स के माध्यम से हम शेयर के ऊपर जाने या निचे जाना का अंदाजा लगा सकते है।
इंटरडे ट्रेडिंग करने के लिए हमें सबसे महत्वपूर्ण काम आता है वो है कैंडिलस्टिक पैटर्न्स। ये ऐसा पैटर्न्स तैयार करते है जिससे हमें अंदाजा हो जाता है ,की किस पोजीशन से मार्किट उछलेगा या फिर गिरेगा।
candlestick pattern in hindi
शेयर का प्राइज हमें कैंडिलस्टिक से ही अच्छा दिखाई देता है। वैसे और भी बाजार में चार्ट्स पैटर्न्स होते है जिससे शेयर प्राइज देखा जाता है ,जैसे की ग्राफ्स ,बार ,कॉलम,लाइन ,एरिया इन चार्ट्स के माध्यम से भी हम शेयर प्राइज देख सकते है।तो चलिए जानते है की आखिर candlestick pattern in hindi क्या होता है।
candlestick pattern in hindi – कैंडिलस्टिक पैटर्न्स क्या होता है
कैंडलस्टिक्स बाजार के रुझानों का विश्लेषण करने के लिए निवेशकों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण उपकरणों में से एक है। जानें कि वे क्या हैं और उन्हें कैसे पढ़ना है!
कैंडलस्टिक चार्ट शेयर बाजार में कीमतों के उतार-चढ़ाव का विश्लेषण करने के लिए एक आवश्यक उपकरण है। यह किसी विशेष दिन, सप्ताह, महीने, तिमाही, वर्ष आदि के उतार-चढ़ाव को दर्शाता है और समग्र प्रवृत्ति की दिशा में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
कुछ कैंडिलस्टिक पैटर्न्स जो आपको बाजार के शेयर प्राइज के उतर चढाव के बारे में दर्शाते है ,या शेयर में तेजी आएगी की मंदि इसके बारे में अनदाजा लगते है। वैसेही कुछ निम्नलिखित पैटर्न्स निचे दिए गए है।
बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न-The Bullish Engulfing Pattern
एक बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न तब होता है जब एक नए ट्रेडिंग सत्र का उद्घाटन पिछले सत्र के बंद होने की तुलना में अधिक होता है। यह दर्शाता है कि मौजूदा मूल्य आंदोलन ऊपर की ओर जारी रहने की संभावना है।
तकनीकी विश्लेषण में, कैंडलस्टिक चार्ट का उपयोग कीमतों में पैटर्न की पहचान करने के लिए किया जाता है। इन पैटर्नों में संलग्न पैटर्न शामिल हैं, जो तब होता है जब एक कैंडिल पिछली कैंडिल के शरीर के अंदर बंद हो जाती है। जब ऐसा होता है, तो पिछली कैंडिल वर्तमान कैंडिल के ऊपर या नीचे बंद हुई या नहीं, इस पर निर्भर करते हुए कीमत अधिक या कम हो जाती है।
बेयरिश एनगल्फिंग पैटर्न (मंदी)-The Bearish Engulfing Pattern (Bearish)
एक मंदी की चपेट में आने वाला पैटर्न तब होता है जब एक ओपनिंग कैंडल अपने हाई से नीचे बंद हो जाती है और फिर अपने लो से ऊपर खुल जाती है। यह संकेत देता है कि वर्तमान मूल्य प्रवृत्ति उलट जाएगी।
तकनीकी विश्लेषण में, मंदी की चपेट में आने वाला पैटर्न तब होता है जब एक डाउनट्रेंडिंग कैंडिल के ऊपरी शरीर के नीचे एक लंबा निचला हिस्सा होता है। यह इंगित करता है कि बिकवाली का दबाव इतना मजबूत हो गया है कि उसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है, अब बाजार में बिकवली आने के लिए तैयार हैं।
हेड एंड शोल्डर पैटर्न हेड एंड शोल्डर पैटर्न-The Head & Shoulders Pattern
एक बुलिश रिवर्सल पैटर्न है जो डाउनट्रेंड के बाद बनता है। इसमें तीन कैंडिल होती हैं जिनमें दो समानांतर ऊपरी कैंडिल और एक निचली कैंडिल होती है। पहली कैंडिल में एक बड़ा शरीर (सिर) होता है और उसके बाद एक छोटा शरीर (गर्दन) होता है। दूसरी कैंडिल में एक छोटा शरीर (कंधे) होता है, उसके बाद एक बड़ा शरीर (सिर) होता है। तीसरी कैंडिल में फिर से एक बड़ा शरीर (सिर) होता है।
हरामी पैटर्न- Harami Pattern
एक मंदी का उलटा पैटर्न है जो तब बनता है जब कीमतें प्रतिरोध स्तर से ऊपर उठती हैं। इसमें लगातार तीन कैंडिल होती हैं जिनमें दो समानांतर ऊपरी शरीर और एक निचला शरीर होता है। पहली कैंडिल में एक उल्टा सिर और कंधों का निर्माण होता है। दूसरी कैंडिल में एक बड़ा शरीर होता है और उसके बाद एक छोटा शरीर होता है। तीसरी कैंडिल में एक छोटा शरीर है और उसके बाद एक बड़ा शरीर है।
कैंडलस्टिक पैटर्न बाजार की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण करने के लिए व्यापारियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण उपकरणों में से एक है। एक कैंडलस्टिक चार्ट में चार भाग होते हैं: ओपन, हाई, लो और क्लोज। ये चार भाग एक व्यापारिक सत्र के दौरान उद्घाटन, समापन, उच्चतम और निम्नतम कीमतों का प्रतिनिधित्व करते हैं। व्यापारी कैंडलस्टिक्स का उपयोग यह निर्धारित करने के लिए करते हैं कि बाजार ऊपर या नीचे चल रहा है, और यदि गति में कोई बदलाव है।
पियर्सिंग लाइन पैटर्न-Piercing Line Pattern
एक बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न जिसे पियर्सिंग लाइन के रूप में जाना जाता है, तब बनता है जब कीमतें समर्थन स्तर से नीचे आती हैं। इस पैटर्न में लगातार तीन कैंडिल होती हैं जहां पहली कैंडिल में एक बड़ा शरीर होता है, दूसरी कैंडिल में एक छोटा शरीर होता है, और तीसरी कैंडिल में एक उल्टे सिर और कंधे होते हैं।
एक कैंडलस्टिक चार्ट एक निश्चित अवधि में किसी सुरक्षा की कीमतों का एक दृश्य प्रतिनिधित्व है। कैंडिल का उपयोग मूल्य प्रवृत्तियों का विश्लेषण करने के लिए किया जाता है क्योंकि वे प्रत्येक व्यापारिक सत्र के उच्च और निम्न दिखाते हैं। दिन के उतार-चढ़ाव दिखाने के अलावा, कैंडलस्टिक चार्ट ओपनिंग, क्लोजिंग, हाई, लो और ओपन इंटरेस्ट लेवल भी दिखाता है।
इस लेख में हमने जाना की candlestick pattern in hindi क्या होता है ,साथ ही कोणकोणसे कैंडिलस्टिक पैटर्न्स होते है ,और उन पैटर्न्स के माध्यम से हम शेयर के उतार चढ़ाव के बारे में अंदाजा लगा सकते है। इसके बारे में हमने विस्तार में जाना।
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