एमए क्या है?

साउथ एशियन यूनिवर्सिटी, न्यू डेल्ही, आदि.
M.A करने के फायदे (Benefit Of Master of Arts In Hindi)
और अगर आप m.a. करने की सोच रहे हैं तो m.a. करने के बाद आपको किस तरह का फायदा हो सकता है इसके बारे में जानेंगे?
m.a. करने के फायदे तो बहुत है लेकिन इसके फायदे को में दो अलग-अलग ग्रुप में बांटना चाहूंगा।
- पहले ग्रुप में ऐसे लोग जो m.a. करने एमए क्या है? के बाद नौकरी करना चाहते हैं।
- दूसरे ग्रुप में वह लोग जो m.a. करने के बाद नौकरी कम और व्यवसाय करना चाहते हैं।
MA करने के फायदे (नौकरी)
एम ए करने के बाद आप शिक्षक के क्षेत्र में जा सकते हैं। लेकिन एक बात का हमेशा याद रखें कि कॉलेज यूनिवर्सिटी एमए क्या है? और तरह-तरह के अलग-अलग यूनिवर्सिटीज में शिक्षक के तौर पर नौकरी करने के लिए m.a. के बाद आपको कुछ कोर्स और करने की जरूरत होती है आप सीधे एम ए करने के बाद इन सभी कॉलेज या यूनिवर्सिटीज में शिक्षक के तौर पर नौकरी नहीं कर सकते।
- कुछ स्कूल या कॉलेज ऐसे हो सकते हैं जहां कि आप सीधे एम ए करने के बाद नौकरी के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
- अगर आप m.a. करने के बाद b.ed करते हैं तो ऐसी स्थिति में आप अपने b.ed कोर्स को 1 वर्ष में पूरी कर सकते हैं।
- एम ए करने के बाद आप इंटर कॉलेज प्रवक्ता बन सकते हैं।
- IAS तथा PCS के कुछ महत्वपूर्ण पदों में नौकरी करने के लिए m.a. करना बेहद महत्वपूर्ण है।
- m.a. के बाद नेट क्वालीफाई करके आप डिग्री कॉलेज प्रवक्ता बन सकते हैं।
M.A करने का सबसे बड़ा फायदा (Buisness)
अगर मैं आपको बताऊं कि अगर आप b.a. करने के बाद m.a. करते हैं तो इसकी सबसे बड़ी फायदा यह है कि अगर आप ने दिए या m.a. हिंदी या अंग्रेजी इन दोनों में से किसी विषय में की हुई तो ऐसी स्थिति में आपका भाषा की पकड़ बहुत अच्छी हो जाती है।
यानी कि आप लिखने और बोलने में बहुत अधिक एक्सपर्ट हो जाते हैं।
और जैसा कि आज आप सभी लोगों को पता है कि आज के समय में भारत बहुत ही तेजी से डिजिटल होते जा रहा है और इस डिजिटल होने की दौड़ में भारत की बहुत सी कंपनी या भारत के बाहर भी ऐसी बहुत सी कंपनी है जहां की कंपनी को एक कंटेंट राइटर की तलाश होती है जो कंपनी के लिए कांटेक्ट लिख पाए।
मान लीजिए कि अगर आपको भारत में हिंदुस्तान टाइम्स में ही एक कंटेंट राइटर की तौर पर नौकरी मिल जाती है तो ऐसी स्थिति में आप अच्छी खासी पैसा कमा सकते हैं क्योंकि आज के समय में कंटेंट राइटर की बहुत ही ज्यादा डिमांड है।
MA Full Form मास्टर डिग्री की जानकारी
MA Full Form in Hindi : MA का फुल फॉर्म मास्टर ऑफ आर्ट्स है। मास्टर ऑफ आर्ट्स एक तरह की मास्टर डिग्री है जो बड़ी संख्या में प्रत्येक देश के विश्वविद्यालयो में प्रदान की जाती है। यह महारत से अलग विषय है। जिसे छात्र B. A. के बाद इस कोर्स को जॉइन करते है, जो छात्र इसके अध्ययन के लिए प्रवेश करते हैं, वे वैश्विक व्यापार प्रशासन, अंतर्राष्ट्रीय संबंध, इतिहास, दर्शन, अंग्रेजी, संचार, मानविकी और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों का अध्ययन करते हैं। भारत में, यह उन पारंपरिक पाठ्यक्रमों में से है जो छात्रों द्वारा बड़े उत्साह और रुचि के साथ चुने जाते हैं।
M A Full Form in Education: मास्टर डिग्री की अवधि दो वर्ष है। इस डिग्री को हासिल करने के लिए छात्रों को चार से पांच असाइनमेंट पास करने होते है। भारत में कई विश्वविद्यालय हैं जो मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री प्रदान करते हैं। मास्टर डिग्री प्रदान करने वाले कुछ सबसे प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों के उदाहरण में आंध्र विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, असम विश्वविद्यालय, अलगप्पा विश्वविद्यालय, आदि तथा पत्राचार माध्यम से इग्नू (इन्दिरा गांधी नेशनल ओपेन यूनिवरसिटि) द्वारा अपना एमए क्या है? पाठ्यक्रम पूरा करते हैं।
Eligibility criteria for the master’s degree
मास्टर डिग्री प्राप्त करने के लिए उम्मीदवार के पास किसी अधिकृत और मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातक की डिग्री होनी चाहिए। साथ ही स्नातक मे कम से कम पचास प्रतिशत ग्रेड प्राप्त किया होगा। आईपीसी के मामले में, आपको दस अंकों के पैमाने पर 5.5 प्राप्त करना होता है ।
MA कोर्स दो तरह से किया जा सकता है जो लोग किसी कारणवश स्कूल नहीं जा सकते व अपने हिसाब से MA की तैयारी कर सीधे एग्जाम देना चाहते है तो उन्हे सामान्य बोलचाल की भाषा मे प्राइवेट कहा जाता है। प्राइवेट और रेगुलर की डिग्री में कोई अंतर नहीं होता है यह छात्र अपने सुविधा के हिसाब से कर सकता है। वही रेगुलर का मतलब है आप नियमित तौर पर स्कूल जाकर पढ़ाई पूरा कर रहे है.
Courses Offered in the Master’s Program
भारत में एम ए कोर्स में बड़ी एमए क्या है? संख्या में पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं –
कुछ मास्टर डिग्री का संक्षिप्त परिचय :
आर्थिक विज्ञान
न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में अर्थव्यवस्था के बदलते परिदृश्य के बारे में छात्रों को शिक्षित करने के लिए इस पाठ्यक्रम का डिजाइन तैयार किया गया है। जिन विषयों पर जोर दिया गया है उनमें प्रौद्योगिकी, सूचना, वाणिज्य, वित्त, अर्थशास्त्र और मुद्रा शामिल हैं। कंसल्टिंग, एनालिटिक्स, मार्केटिंग और बैंकिंग जैसे क्षेत्रों में इस कोर्स के स्नातकों की मांग बढ़ रही है।
नागरिक सास्त्र
यह कोर्स आधुनिक समाज को समझने और इसकी समस्याओं को खत्म करने और इसे विभिन्न पहलुओं में सुधारने के तरीकों में रुचि रखने वाले उम्मीदवारों के लिए उपयुक्त है। उम्मीदवार योग्यता परीक्षा में अपने प्रदर्शन के आधार पर प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं।
अंग्रेज़ी
यह भारत में इच्छुक उम्मीदवारों के बीच सबसे लोकप्रिय पाठ्यक्रमों में से एक है। यह पाठ्यक्रम अंग्रेजी संस्कृति, परंपरा और साहित्य में गहन अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। छात्रों को रचनात्मक लेखन और अंग्रेजी सिखाने के लिए तैयार किया जाता है।
M.A. के बाद क्या करें? – 5 श्रेष्ठ विकल्पों की जानकारी।
यदि आपने मास्टर ऑफ़ आर्ट्स (M.A.) के रूप में अपनी पोस्ट-ग्रेजुएशन (स्नातकोत्तर) डिग्री उत्तीर्ण की है और अब आप अपने भविष्य के विकल्पों के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख के माध्यम से आपको M.A. के बाद के विकल्पों की जानकारी प्राप्त होगी। आपने चाहे किसी भी विषय से M.A. डिग्री प्राप्त की हो, आपको यहाँ पर MA के बाद भारत में उपलब्ध विभिन्न बेहतरीन विकल्पों के बारे में जानकारी मिलेगी। अतः आइये जानते हैं कि M.A. के बाद क्या करें।
Table of Contents
M.A. के बाद क्या करें
यदि आपने आर्ट्स (Humanities) के सामान्य विषयों या भाषा विषयों में से किसी एक विषय से 2-वर्षीय M.A. डिग्री उत्तीर्ण की है तो आप M.A. डिग्री के बाद भारत में उपलब्ध निम्नलिखित 5 श्रेष्ठ विकल्पों में से कोई एक विकल्प चुन सकते हैं:-
यदि आप M.A. डिग्री उत्तीर्ण करने के बाद अपने विषय में उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं और साथ में शोध (रिसर्च) कार्य भी करना चाहते हैं तो इसके लिए डॉक्टरेट ऑफ़ फिलॉसॉफी (Ph.D) सबसे बेहतरीन विकल्प है। Ph.D डिग्री का लाभ यह होता है कि इसके बाद अभ्यर्थी NET परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत किसी विश्वविद्यालय (यूनिवर्सिटी) में सहायक प्रोफेसर (Assistant Professor) के पद के लिए आवेदन कर सकते हैं और प्रोफेसर पद तक पदोन्नति प्राप्त कर सकते हैं। MA डिग्री के कुछ विशिष्ट विषयों में Ph.D कोर्स उत्तीर्ण करने के उपरांत अभ्यर्थी विभिन्न विभागों में साइंटिस्ट (वैज्ञानिक) पद के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
निष्कर्ष
यहाँ पर इस लेख के माध्यम से आपको M.A. कोर्स के बाद भारत में मौजूद विभिन्न विकल्पों की जानकारी प्राप्त हुई है। आप इस जानकारी का लाभ उठा कर अपनी योग्यता और इच्छानुसार कोई विकल्प चुन सकते हैं।
आप हमारी वेबसाइट शिक्षाव्यवसाय.कॉम पर करियर, शिक्षा और रोजगार से सम्बंधित भारत में मौजूद विभिन्न विकल्पों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
M.A की फीस कितनी है? | MA Ki Fees Kitni Hai
आज हम जानेंगे कि M.a की फीस कितनी है? या M.a की फीस कितनी होती है? (ma ki fees kitni hai). अगर आप M.A करने की सोच रहे हैं तो आपको M.A में कितने खर्चे होने वाले हैं यहां M.A करने में कितने खर्चे होते हैं?
दोस्तों आज के समय में अगर आप कोई अच्छी जॉब पाना चाहते हैं तो उसके लिए आपके पास उस जॉब के लिए अनिवार्य योग्यता के साथ-साथ डिग्री का भी होना बहुत जरूरी होता है। आज के समय में हर क्षेत्र में डिग्री होल्डर्स की मांग काफी बढ़ रही है।
दसवीं कक्षा पूर्ण कर लेने के बाद आप साइंस कॉमर्स या आर्ट स्ट्रीम में से किसी एक को चुनते हैं। उस stream से 11वीं और 12वीं पास कर लेने के बाद अगर आप ग्रेजुएशन करने की सोचते हैं तो उसमें पहले आपके पास बैचलर की डिग्री जैसे बीएससी, बीकॉम एमए क्या है? और बीए करने का विकल्प होता है।
M.A की फीस से पहले कुछ जरूरी बातें
एम ए कोर्स की अवधि 2 वर्ष की होती है। जिसमें ज्यादातर आप कॉलेज में यह 4 सेमेस्टर में विभाजित होता है। अगर आपने हमें करने का निर्णय ले लिया है तो मुख्यतः आप इसे 2 तरीकों से कर सकते हैं-
जिसका चुनाव आप अपने सुविधानुसार कर सकते हैं।
रेगुलर चलने का मतलब होगा कि आप कॉलेज है रोजाना जाकर उसकी पढ़ाई करेंगे जबकि प्राइवेट चुनने का मतलब होता है कि आप रोजाना कॉलेज ना जाकर व्यक्तिगत रूप से m.a. की डिग्री पाना चाहते हैं।
अगर आप m.a. में किसी ऐसे विषय का चुनाव करते हैं जिसमें प्रैक्टिकल भी शामिल हो तो उसे आप केवल रेगुलर ही कर सकते हैं क्योंकि प्रैक्टिकल के लिए आपको कॉलेज जाने की आवश्यकता पड़ती है। अगर आप दोनों में से किसी भी प्रकार से m.a. की डिग्री प्राप्त करते हैं तो उसमें कोई अंतर नहीं होता है दोनों ही तरह से प्राप्त किए गए डिग्री की मान्यता एक समान होती है। दोस्तों कई छात्रों के मन में यह सवाल होता है कि एमए की करने मे उन्हें कुल कितना खर्च आता है।
M.A की फीस कितनी है? (MA ki fees kitni hai)
MA ki fees kitni h – दोस्तों अगर बात करें m.a. करने में आने वाले खर्च की तो यह काफी कम होता है। आप बहुत ही आसानी से कम खर्च में सरकारी कॉलेज से m.a. कर सकते हैं। दोस्तों जी एन यू जैसी संस्थाओं में m.a. जैसी कोर्स को करने का सालाना खर्च ₹216 है जो कि ₹18 प्रति माह हो जाता है।
M.A की फीस कितनी है?
अलावा अगर आप किसी सरकारी कॉलेज से भी m a करते हैं तो आपको फीस के रूप में 4000 से 5000 की मामूली रकम चुकानी होती है। कुछ प्राइवेट कॉलेजों में भी m.a. की फीस 10000 से 15000 होती है। अलग-अलग कॉलेज मे इसका निर्धारण अलग अलग होता है।
उदाहरण के लिए अगर आप हिंदी में m.a. करने का निर्णय लेते हैं तो कुछ अलग अलग कॉलेजेस व उनकी फीस इस प्रकार है-
- SNDT COLLEGE जो मुंबई और पुणे में है इसकी सालाना फीस एमए क्या है? 13500 है।
- सेंट स्टीफेंस कॉलेज न्यू दिल्ली इसकी सालाना फीस 69500 है।
- लोयोला कॉलेज चेन्नई की फीस ₹10020 है।
- हिंदू कॉलेज न्यू दिल्ली की फीस ₹9350 है।
- मीरांडा हाउस न्यू दिल्ली ₹20060 एवं फर्ग्युसन कॉलेज पुणे की फीस ₹6295 है।
M.A करने में अतिरिक्त खर्चे या फीस
दोस्तों अगर कॉलेज फीस (ma ki fees) या इंस्टिट्यूशन फीस को छोड़ दें तो उसके अलावा भी कुछ अन्य खर्च हो सकते हैं। जैसे अगर आप रेगुलर छात्र के तौर पर m a करना चाहते हैं और इसके लिए आपको अपने घर में ना रहकर हॉस्टल में रहना पड़ता है तो उसमें आपके हॉस्टल का भाड़ा, खाने-पीने का खर्च, आने जाने यानी यातायात खर्च आदि जैसे और कई अन्य खर्च सम्मिलित हो जाते हैं।
इसके अलावा अगर आप कोचिंग लेते हैं तो उसका खर्च भी उसमें जुड़ेगा। यह सारे खर्च अनिवार्य नहीं होते इसका निर्धारण आप स्वयं आकलन करके कर सकते हैं। यह सारे खर्च अलग-अलग जगहों पर अलग अलग हो सकते हैं अगर आप किसी बड़े शहर मे रहकर m.a. करते हैं तो यह सारे खर्च अधिक हो सकते हैं एवं छोटे शहरों में यह बड़े शहरों की तुलना में कम हो सकते हैं। कुल मिलाकर अगर आप कम से कम खर्च में अपनी m.a. की पढ़ाई पूरी करना चाहते हैं तो यह संभव है।
M.A इंटरनेशनल रिलेशन्स कोर्स क्या है?
M.A इंटरनेशनल रिलेशन्स का फुल फॉर्म Master of Arts in International Relations है. एमए इंटरनेशनल रिलेशन एक पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स है ये कोर्स 2 साल का होता है इस कोर्स में कंटेम्पररी इंटरनेशनल रिलेशन्स, स्ट्रेटेजी, रीजनल स्टडीज, और फार्मेशन ऑफ़ पब्लिक पॉलिसीस एंड दियर एडमिनिस्ट्रेशन आदि आते हैं. इस कोर्स को करने वाले स्टूडेंट्स की क्रिएटिव स्किल्स काफी इम्प्रूव होती है जिससे वो अच्छा परफॉर्म कर पाते हैं.
एमए इंटरनेशनल रिलेशन्स कोर्स को करने के लिए स्टूडेंट्स के पास बैचलर डिग्री होना जरूरी है और बैचलर डिग्री में आपका स्कोर 60% होना चाहिए. इस कोर्स में रिजर्व्ड केटेगरी कैंडिडेट को छूट दी जाती है ये आपके पर डिपेंड करता है क्युकी ये कोर्स आपको कई सारे प्राइवेट, गवर्नमेंट और डीम्ड यूनिवर्सिटी में मिल जायेगा और सभी का क्राइटेरिया थोड़ा सा अलग-अलग हो सकता है.
M.A इंटरनेशनल रिलेशन्स कोर्स करने के लिए एडमिशन प्रोसेस क्या है?
एमए इंटरनेशनल रिलेशन्स कोर्स को करने के लिए आप एंट्रेंस टेस्ट और मेरिट बेस पर दोनों तरह से एडमिशन ले सकते हैं. मेरिट बेस पर एडमिशन में आपकी बैचलर डिग्री के मार्क्स में आधार पर एडमिशन दिया जाता है और एंट्रेंस टेस्ट प्रोसेस में आपको कॉलेज या यूनिवर्सिटी द्वारा कंडक्ट किये गये एंट्रेंस टेस्ट को पास करना होगा. आप एंट्रेंस एग्जाम में अच्छा परफॉर्म करके एक बेस्ट कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैं.
इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए आप इन कॉलेजेज में एडमिशन ले सकते हैं
जवाहरलाल नहरू यूनिवर्सिटी, दिल्ली,
जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली,
एसआरएम यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, चेन्नई,
यूनिवर्सिटी ऑफ़ मद्रास, चेन्नई,
M.A इंटरनेशनल रिलेशन्स कोर्स को करने के लिए फीस कितनी लगती है?
एमए इंटरनेशनल रिलेशन्स कोर्स करने के लिए एवरेज फीस 6 हजार से 3 लाख रूपये तक हो सकती है आपकी ये फीस आपके कॉलेज पर भी डिपेंड करती है कि आप किस कॉलेज में एडमिशन ले रहे हैं.
इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए आपको इन कुछ एंट्रेंस एग्जाम को पास करना पड़ता है
JNUEE– ये एंट्रेंस एग्जाम जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी द्वारा कंडक्ट किया जाता है.
Pondicherry यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जाम
TANCET– ये एंट्रेंस एग्जाम अन्ना (Anna) यूनिवर्सिटी द्वारा कंडक्ट किया जाता है.
HPCET– हिमाचल प्रदेश कॉमन एंट्रेंस टेस्ट.
इन सभी एंट्रेंस एग्जाम में 4 सेक्शन होते हैं पॉलिटिकल साइंस, हिस्ट्री एंड इकॉनोमिक्स, करंट वर्ल्ड अफेयर्स, और इंडियन फॉरेन पॉलिसीस. इन सब्जेक्ट्स के साथ ही आपको करंट अफेयर्स, और मोक क्वेश्चन पेपर भी पढ़ना होगा.
M.A इंटरनेशनल रिलेशन्स कोर्स को करने के बाद करियर ओप्पोर्चुंनिटीस क्या हैं?
एमए इंटरनेशनल रिलेशन्स कोर्स को करने के बाद आप मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज में काम कर सकते हैं जैसे- लॉ फर्म्स, मीडिया यूनिट्स, पब्लिशिंग हाउसेस, फर्मास्यूटिकल इंडस्ट्रीज, सॉफ्टवेयर इंडस्ट्रीज, और रिसर्च ऑर्गनाइजेशन आदि. इन सब के अलावा आप एसोसिएट अटॉर्नी, काउंसलर, लीगल एसोसिएट, पेटेंट राइटर, और बिज़नेस हेड जैसे पोस्ट पर भी काम कर सकते हैं. आप कॉलेज/यूनिवर्सिटीज में टीचर या लेक्चरर भी बन सकते हैं. अगर आप आगे पढाई करना चाहते हैं तो इंटरनेशनल रिलेशन्स कोर्स में पीएचडी की डिग्री भी ले सकते हैं
एमए इंटरनेशनल (M.A International Relations Course kya hai) रिलेशन्स कोर्स को करने के बाद कैंडिडेट की एनुअल सैलरी 2 लाख से 18 लाख रूपये पर एनम तक हो सकती है आपकी ये सैलरी आपके नॉलेज, स्किल्स पर डिपेंड करता है और आपने ये कोर्स कहाँ से किया है इस पर भी डिपेंड करेगा.