विदेशी मुद्रा क्लब

पाकिस्तान के कर्ज में डूबने का विदेशी मुद्रा क्लब अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2020-21 के संघीय बजट में पाकिस्तान के रक्षा मामलों एवं सेवाओं से भी अधिक खर्च कर्ज पर ब्याज का था.
जलवायु क्लब
(प्रारंभिक परीक्षा- पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैव-विविधता और जलवायु परिवर्तन संबंधी सामान्य मुद्दे)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन)
जुलाई माह में संपन्न 48वें G-7 शिखर सम्मेलन के दौरान सात सबसे विकसित अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं ने एक अंतर्राष्ट्रीय ‘जलवायु क्लब’ स्थापित करने पर सहमति जताई है। वर्तमान वैश्विक जलवायु महत्वाकांक्षा और कार्यान्वयन पेरिस समझौतों के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये अपर्याप्त है। अतः G-7 के नेताओं ने अधिक निर्णायक जलवायु कार्रवाई करने एवं वैश्विक तापन का सामना करने में सक्षम जलवायु क्लब स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की है। साथ ही, स्वच्छ ऊर्जा और वर्ष 2035 तक कोयले पर आधारित सेक्टर को डीकार्बोनाइजेशन करने का भी लक्ष्य रखा है।
विदेशी मुद्रा भंडार 400 अरब डॉलर का आंकड़ा पार करने की सम्भावना: भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
वर्तमान विदेशी मुद्रा भंडार 11 महीने के आयात के मूल्य के बराबर है। वर्ष 1991 में भारत के पास केवल तीन सप्ताह के आयात के मूल्य के बराबर का विदेशी मुद्रा भंडार उपलब्ध था। अच्छी तरह से निष्पादित की गयी नीतियां ही इस वृद्धि का कारण है।
एक हालिया रिपोर्ट में, अग्रणी वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने अनुमान लगाया था कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पहली बार 400 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। 16 अगस्त 2017 में जारी इस रिपोर्ट के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार में उछाल मजबूत पूंजी प्रवाह और कमजोर कर्जों के उठाव से प्रेरित है।
दो साल में 122 फीसदी तक बढ़ा पाकिस्तान का कर्ज, रक्षा पर खर्च से अधिक चुकाना पड़ता है कर्ज का ब्याज
Highlights एक तिहाई विदेशी तो दो तिहाई कर्ज घरेलू है. दो सालों में 122 फीसदी बढ़कर जून 2021 तक 39859 अरब रुपये हुआ. पाकिस्तान से खराब हालत केवल एक देश विदेशी मुद्रा क्लब श्रीलंका की.
नई दिल्ली: महंगाई से बेहार पाकिस्तान का कुल कर्ज पिछले दो सालों में 122 फीसदी बढ़कर जून 2021 तक 39859 अरब रुपये हो चुका है. इसमें जहां एक तिहाई विदेशी (34.1 फीसदी) तो दो तिहाई कर्ज घरेलू 65.9 फीसदी) है.
पाकिस्तान को घरेलू कर्ज पाकिस्तान निवेश बांड, ट्रेजरी बिल और राष्ट्रीय बचत योजना ने दी है जबकि विश्व बैंक, अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष, एशियाई विकास बैंक, पेरिस क्लब और वाणिज्यिक कर्जदारों ने दी है.
डूबते पाकिस्तान को चीन का सहारा, दी एक अरब डॉलर की आर्थिक मदद
नर्इ दिल्ली। मौजूदा समय में पाकिस्तान की आर्थिक हालत कुछ अच्छी नहीं है। अगर भारत से तुलना की जाए तो पाकिस्तान का रुपया भारत के 50 पैसे के बराबर आ चुकी है। अब पिछले कुछ समय से पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से एक और बेलआउट पैकेज हासिल करने की कोशिशों में जुटा है। लेकिन पाकिस्तान की मदद के लिए चीन का हाथ सामने आ चुका है। अब शायद पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज की जरुरत ना पड़े। चीन ने पाकिस्तान को एक अरब डाॅलर की आर्थिक मदद की है। इस मदद के बाद से भारत के संबंध चीन से खराब हो सकते हैं।
चीन से मिली एक अरब डाॅलर की मदद
मई 2017 में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 16.4 अरब डॉलर था, जो इस साल घटकर 9.66 अरब डॉलर रह गया है। ऐसे में पाकिस्तान ने अपनी विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करने के लिए चीन से एक से दो अरब डॉलर तक का कर्ज विदेशी मुद्रा क्लब लेने की बात कही थी। मगर पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने की कोशिश में चीन के बेशुमार कर्ज तले दबता दिख रहा है।
दो साल में 122 फीसदी तक बढ़ा पाकिस्तान का कर्ज, रक्षा पर खर्च से अधिक चुकाना पड़ता है कर्ज का ब्याज
Highlights एक तिहाई विदेशी तो दो तिहाई कर्ज घरेलू है. दो सालों में 122 फीसदी बढ़कर जून 2021 तक 39859 अरब रुपये हुआ. पाकिस्तान से खराब हालत केवल एक देश श्रीलंका की.
नई दिल्ली: महंगाई से बेहार पाकिस्तान का कुल कर्ज पिछले दो सालों में 122 फीसदी बढ़कर जून 2021 तक 39859 अरब रुपये हो चुका है. इसमें जहां एक तिहाई विदेशी (34.1 फीसदी) तो दो तिहाई कर्ज घरेलू 65.9 फीसदी) है.
पाकिस्तान को घरेलू कर्ज पाकिस्तान निवेश बांड, ट्रेजरी बिल और राष्ट्रीय बचत योजना ने दी है जबकि विश्व बैंक, अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष, एशियाई विकास बैंक, पेरिस क्लब और वाणिज्यिक कर्जदारों ने दी है.