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अमेरिकन एक्सचेंज

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Commodity market : 98 डॉलर तक गिरने के बाद 101 डॉलर के ऊपर निकला ब्रेंट, 1750 डॉलर के नीचे फिसला सोना

देश का पहला इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज तैयार हो गया है। गांधीनगर के गिफ्ट सिटी में स्थित इस एक्सचेंज की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी 15 जुलाई को करेंगे

COMEX पर सोन आज 1734.75 डॉलर तक अमेरिकन एक्सचेंज लुढ़का था। COMEX पर सोने में लगातार चौथे हफ्ते गिरावट देखने अमेरिकन एक्सचेंज को मिली थी

101 डॉलर के ऊपर निकला ब्रेंट

98 डॉलर तक लुढ़कने के बाद क्रूड में फिर खरीदारी लौटी है। फिर भी क्रूड का भाव अप्रैल 2022 के बाद निचले स्तरों पर है। कच्चे अमेरिकन एक्सचेंज तेल का भाव 2 दिनों में 11 फीसदी टूटा है। कल भी ब्रेंट 98 डॉलर तक लुढ़का था। लेकिन आज ये संभलता दिखा है और ब्रेंट 101 डॉलर के ऊपर निकल गया है। WTI में भी 99 डॉलर के करीब कारोबार हो रहा है। वहीं, MCX पर कच्चे तेल में 7800 रुपए के ऊपर कारोबार हो रहा है।

क्यों आई गिरावट?

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ग्लोबल मंदी आने की आशंका बढ़ी है। महंगाई के कारण मांग पर दबाव बना है। डॉलर में तेजी का भी कीमतों पर असर देखने को मिला है। कल डॉलर इंडेक्स 107 के भी पार गया था। शंघाई के 9 जिलों में मास कोरोना टेस्टिंग शुरू की गई है। चीन में फिर लॉकडाउन लगने की आशंका बढ़ी है। सेंट्रल बैंकों के सख्त रुख से भी दबाव बना है। US में इन्वेंटरी बढ़ने से भी कीमतों पर दबाव आया है। US FED ने कहा है कि महंगाई काबू करने के लिए कड़े कदम संभव हैं। दरें 0.50 फीसदी से 0.75 फीसदी तक बढ़ सकती हैं।

सोने में 1750 डॉलर के नीचे कारोबार

सोने अमेरिकन एक्सचेंज में 1750 डॉलर के नीचे कारोबार हो रहा है। लगातार दूसरे दिन सोना 1800 डॉलर के नीचे दिख रहा है। MCX पर सोना 51000 रुपए के नीचे चला गया है। ग्लोबल मंदी अमेरिकन एक्सचेंज की आशंका से मांग पर दबाव देखने को मिल रहा है। अमेरिकन एक्सचेंज डॉलर में मजबूती से भी कीमतों पर दबाव आया है।

COMEX पर सोन आज 1734.75 डॉलर तक लुढ़का था। COMEX पर सोने में लगातार चौथे हफ्ते गिरावट देखने को मिली थी। मौजूदा हफ्ते में सोने का भाव 3 फीसदी से ज्यादा गिरा था। COMEX पर चांदी लगातार 5वें दिन 20 डॉलर के नीचे है। जुलाई में अब तक चांदी 5 फीसदी से ज्यादा गिर चुकी है। MCX पर चांदी का भाव 57000 रुपए के नीचे चले गए हैं।

क्यों आई है गिरावट?

ग्लोबल मंदी आने की आशंका बढ़ी है। महंगाई के कारण मांग पर दबाव बना है। डॉलर में तेजी का भी इसकी कीमतों पर असर पड़ा है। कल डॉलर इंडेक्स 107 के भी पार गया था। शंघाई के 9 जिलों में मास कोरोना टेस्टिंग शुरू होने से चीन में फिर लॉकडाउन लगने की आशंका बढ़ी है। सेंट्रल बैंकों के सख्त रुख से भी दबाव बना है।

इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज की शुरुआत

देश का पहला इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज तैयार हो गया है। गांधीनगर के गिफ्ट सिटी में स्थित इस एक्सचेंज की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी 15 जुलाई को करेंगे। इस एक्सचेंज में कैसे कारोबार होगा और कितने ज्वेलर्स इससे जुड़ चुके है, इन मुद्दों पर IIBX के MD और CEO अशोक गौतम ने बताया कि गोल्ड इंपोर्ट के अमेरिकन एक्सचेंज मामले में भारत दूसरे नंबर पर है। इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज में US डॉलर में गोल्ड की ट्रेडिंग होगी। फिलहाल एक्सचेंज में केवल सोने की ट्रेडिंग होगी चांदी की ट्रेडिंग बाद में शुरू होगी। पहली बार क्वालिफाइड ज्वेलर्स को गोल्ड इंपोर्ट की अनुमति मिली है। ट्रेडिंग के लिए ज्वेलर्स के लिए IIBX में रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। अब तक 55 ज्वेलर्स रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। इंपोर्ट ड्यूटी में अभी कोई छूट नहीं मिलेगी। स्टॉक में मौजूद फिजिकल गोल्ड के जिनती ही ट्रेडिंग होगी।

अमरीकी इकोनाॅमी को मिले 900 बिलियन डाॅलर बूस्टर डोज से शेयर बाजार में गिरावट

American economy will get 900 billion dollar, Stock market decline

नई दिल्ली। अमरीकी सीनेट में अमरीकी इकोनॉमी में 900 अरब डॉलर डालने पर बनी सहमति और कांग्रेस की ओर से दी गई मंजूरी के बाद डाउ फ्यूचर में तेजी देखने को मिल रही है। वहीं डाउ जोंस गिरावट के साथ बंद हुआ था। जबकि यूके में नए तरह के कोरोना वायरस के खतरे के बढ़ जाने के कारण फ्लाइट्स पर फिर से रोक लगाने का आदेश हो गया है। जिसकी वजह से एशियाई बाजारों पर दबाव बढ़ गया है। बात भारत की करें तो कुल मामले एक करोड़ से ज्यादा हो गए हैं, नए मामलों में लगातार कमी देखने को मिल रही है। इन्हीं सब कारणों के कारण आज शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर बाजार में किस तरह का दबाव देखने को मिल रहा है।

शेयर बाजार में गिरावट
आज शेयर बाजार गिरावट के साथ खुले। बांबे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक मौजूदा समय 9 बजकर 30 मिनट पर 176 अंकों की गिरावट के साथ 46784.65 अंकों पर कारोबार कर रहा था। जबकि उम्मीद की जा रही थी कि बाजार में आज तेजी देखने को मिलेगी और 47 हजार का ट्रेलर फिर से देखने को मिलेगा। वहीं अमेरिकन एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी 59 अंकों की गिरावट के साथ13701.35 अंकों पर कारोबार कर रहा है। जबकि उम्मीद थी कि इस साल के अंत तक निफ्टी 15000 अंकों को क्रॉस कर जाएगा। लेकिन विदेशी कारोबार औैर कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए ऐसा लगता मुश्किल ही लग रहा है।

ऑटो बैंकिंग सेक्टर में बड़ी गिरावट
वहीं दूसरी ओर सेक्टोरल इंडेक्स की हालत अच्छी देखने को नहीं मिल रही है। ऑटो और बैंकिंग सेक्टर दोनों में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। बैंक एक्सचेंज 400 से ज्यादा अंकों की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। जबकि ऑटो 240 अंकों की गिरावट पर है। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स 292 अंक और ऑयल सेक्टर 151 अंकों तक फिसले अमेरिकन एक्सचेंज हुए हैं। मेटल में 146, एफएमसीजी 47 अंकों की गिरावट पर हैं। वहीं दूसरी ओर फार्मा 31 अंक, आईटी 26 अंक, कैपिटल गुड्स 126 अंक और टेक सपाट स्तर पर कारोबार कर रहा है।

बढ़त और गिरावट वाले शेयर
पहले बात बढ़त वाले शेयरों की करें तो एलटी के शेयरों में 2.22 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है। सिपला के शेयर 1.30 फीसदी, रिलायंस और सनफार्मा एक फीसदी और अडानी पोट्र्स 0.36 फीसदी की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है। जबकि महिंद्रा एंड महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा मोटर्स, गेल और डिविस लैब के शेयरों में दो फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है।

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