निवेश योजना

शुरुआती लोगों के लिए निवेश के तरीके

शुरुआती लोगों के लिए निवेश के तरीके
कुछ योजनाओं में मिलने वाले ब्याज पर टैक्स चुकाना पड़ता है तो टैक्स के बाद मिलने वाले रिटर्न और इंफ्लेशन एडजस्ट कर फैसले लें.

अच्छा शेयर कैसे चुनें? अच्छा शेयर चुननें के तीन आसान तरीके जानिए।

पिछले दिनों मैंने एक लेख लिखा था जिसका विषय था स्टॉक मार्केट में सफल निवेशक कैसे बने। इसमें मैंने बताया था कि हमें हमेशा अच्छा शेयर खरीदना चाहिए। अच्छे शेयर की पहचान के लिए हमें उस कंपनी का Balance Sheet एवं Profit & Loss A/c को अच्छी तरह देखना चाहिए।

कई दोस्तों ने कमेंट किया है कि हमारे पास इतना नॉलेज नहीं है कि हम कंपनी का Balance Sheet एवं Profit & Loss A/c समझ सकें और पढ़ना भी चाहे तो नहीं पढ़ सकते हैं। कुछ shortcut तरीका बताएं जिससे पता लगे किस कंपनी का stock अच्छा है जिसे हम खरीद कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

एक अच्छा शेयर का चुनाव करने से पहले हमें अपने आप से एक बात पूछना होगा कि हम शेयर को खरीद कर कितने दिनों तक रख सकते हैं। यानी हम लंबे समय के लिए शेयर खरीद रहे हैं या फिर एक-दो घंटे के लिए।

आज के समय में बहुत सारे लोग Intraday trading करते हैं। यानी शेयर को 1- 2 घंटे में खरीद कर बेंच देते हैं। यदि आपकी फटाफट लाभ कमाने के लिए शेयर खरीदना चाहते हो उसकी पहचान अलग है। यदि आप शेयर खरीद कर लंबी अवधि यानी 1 शुरुआती लोगों के लिए निवेश के तरीके साल से ज्यादा रखना चाहते हो उसकी पहचान अलग है।

Intraday trading के लिए अच्छी शेयर की पहचान

यदि आप Intraday trading के लिए शेयर खरीदना चाहते हो उसके लिए आपको कंपनी के बारे में विशेष जानने का कोई आवश्यकता नहीं है। आपको जिस दिन शेयर खरीदना है उस दिन मार्केट के शुरुआती 1 घंटे में शेयर की चाल को देखना है। यदि यह लगातार बढ़ रहा है तो आप उसे खरीद ले। 1- 2 घंटे बाद 2- 4% जो भी लाभ-हानि हुआ उसे बेचते हैं।

जैसे एक उदाहरण द्वारा इसे समझते हैं यदि हमें किसी व्यक्ति के साथ एक-दो घंटे गुजारना है तो हम उसके बारे में विशेष जानकारी नहीं रखना चाहते हैं जैसे उसका स्वभाव कैसा है? किस खानदान से जुड़ा हुआ है? आदि-आदि। हमें 1- 2 घंटे निकाल कर अलग हो जाना है। ठीक उसी प्रकार Intraday trading में हमें उस शेयर को लेना है और बेचना है।

कई कंपनी जो दिवालिया होने के कगार पर रहते हैं लेकिन Intraday trading में 10% से ज्यादा मुनाफा दे देते हैं। क्योंकि कोई पॉजिटिव न्यूज़ उसके शेयर को उछाल देता है। उस समय यह बात का कोई मतलब नहीं कि वह कंपनी दिवालिया होने वाली है या कुछ और।

इसलिए Intraday trading में यदि आपको अच्छे शेयर का चुनाव करना हो आपको भेड़ चाल चलनी पड़ेगी। यानी जो सभी लोग खरीदे हैं उसे ख़रीदो जो सब लोग बेच रहे हैं उसे बेंच दो। इसी चाल से आप इसमें मुनाफा कमा सकते हो और यही एक अच्छे निवेशक की पहचान है।

लंबी अवधि के लिए एक अच्छी शेयर का चुनाव कैसे करें?

यदि आप किसी शेयर को 1 साल या इससे अधिक समय तक खरीद कर रखना चाहते हैं तो इसकी पहचान के लिए कई तरीके हैं। यदि आप के पास कंपनी का Fundamental, Value, Growth, Balance Sheet, Profit and Loss Account, Company Management, Dividend Policy, P/E Ratio इत्यादि जानने का समय है एवं यह सब जानने में रुचि रखते हैं तो इसे जानकर आप कंपनी के बारे में अच्छी जानकारी ले सकते हो और पता लगा सकते हो कि शेयर अच्छा है या खराब है।

लेकिन अगर आप उपरोक्त जानकारी हासिल करने में Interested नहीं हो और कुछ Shortcut अपनाना चाहते हो जिससे पता लगे कौन सा शेयर अच्छा है। इस पहचानने के लिए मैं आपको कुछ अलग तरीका बताऊंगा जो कहीं भी आपको नहीं मिलेगा।

मैं आपको एक अच्छे शेयर चुनाव करने के लिए कुल 3 तरीके बता रहा हूं जो बिल्कुल सरल एवं practical है। चाहे आप financial background से हो या ना हो अच्छे Share का चयन जरुर कर सकते है।

अच्छा शेयर चुननें के 3 तरीके निम्नलिखित है-

1. Mutual Fund Portfolio देखकर

आपको केवल यह करना है कि आप जो भी शेयर लेना चाहते हैं या अभी तक कोई आपने विचार नहीं किया है कौन सा शेयर लेें तो आप तो Top 5 Mutual Fund को Google में सर्च कर ले।

प्रत्येक Mutual Fund में 70 से 80 कंपनी का शेयर शामिल रहता है। आप ऊपर के 10 शेयर को एक नोटबुक में लिखें। इसी प्रकार पांचों Mutual Fund के 10-10 शेयर को नोटबुक में लिख ले।

आप पांचों Mutual Fund से लिखे गए 10-10 शेयरों को आपस में चेक करें कि कौन सा ऐसा कंपनी का शेयर है जो पांचों Mutual Fund या 4 में शामिल है। जो अधिकतर Mutual Fund पोर्टफोलियो में शामिल है वही एक अच्छा शेयर है।

दोस्तों एक Mutual Fund मैनेजर के अंदर कई मार्केट विशेषज्ञ काम करते हैं। वह सभी अच्छी तरह कंपनी के हर एक पहलू को गौर कर उसे अपने Mutual Fund में शामिल करता है।

आप यदि इस प्रकार 5 Mutual Fund जो सबसे अच्छा है उसका Portfolio लिख लेते हैं तो आप कुल 100 मार्केट विशेषज्ञों की चॉइस जान लिए। यह अच्छे शेयर चुनाव का तरीका सबसे सटीक और आसान तरीका है।

जैसे एक उदाहरण देकर हम इसे समझाते हैं। आपने Top 5 Mutual Fund चुन लिया। उस 5 Mutual Fund के 10- 10 शेयर को लिख लिया। मान लेते हैं कि HDFC Bank उस 5 Mutual Fund में से चार के पोर्टफोलियो में शामिल है या SBI 5 में से पांचों में शामिल हैं तो यह दोनों शेयर को चुनाव कर सकते हो।

2. Top Ten Company

यदि आप तरीका नंबर 1 के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं। यानीं आपके पास समय बिल्कुल भी नहीं है कुछ होमवर्क करने का तो फिर आप Nefty के Top Ten कंपनी में से उस कंपनी को चुन सकते हैं जिसका शेयर वैल्यू ना तो साल का उच्चतम हो ना साल का निम्नतम, यानी बीच में हो। उसका आप शेयर खरीद सकते हैं।

एक उदाहरण लेते हैं। मान लीजिए ICICI Bank का Share निफ्टी के Top Ten शेयर में शामिल है। इसका वर्तमान मूल्य ₹400 प्रति शेयर है। साल का निम्नतम 350 और उच्चतम 450 रुपए हैं तो हम यह शेयर आराम से खरीद सकते हैं।

यह तरीका सबसे आसान है। इससे आसान तरीका आपको कोई भी नहीं बता सकता है।

3. परंपरागत शेयर

आप सोच रहे होंगे कि यह कौन सा शेयर है। दोस्तों यह शेयर हम उसे कहते हैं जिसे हम सालों से देख रहे हैं और अभी भी अच्छी तरह चल रही है।

जैसे आज से 40 साल पहले मेरे पिताजी ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अपना अकाउंट खुलवाया था और आज भी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया तेज गति से आगे बढ़ रही हैं। हमें एसबीआई का शेयर जरूर लेना चाहिए क्योंकि यह एक लंबी रेस का घोड़ा साबित हो सकता है।

पारले जी बिस्कुट हम बचपन में खाते आ रहे हैं और आज भी खा रहे हैं। यानी यह कंपनी एक लंबी रेस का घोड़ा है। हमें इसमें जरूर निवेश करना चाहिए।

दोस्तों मैं किसी कंपनी का नाम लेकर उसका विज्ञापन नहीं कर रहा हूं। मैं एक उदाहरण दे रहा हूं कि जो समान आप सालों से उपयोग कर रहे हैं और अभी भी वह अच्छी तरह अपना काम कर रही है। इसलिए उस कंपनी में निवेश कर देना चाहिए यदि आपको कोई विशेष जानकारी नहीं है।

इस प्रकार हमने आपको 3 सरल उपाय बताएं। जिसके द्वारा बिना किसी Financial knowledge के अच्छी stock का चुनाव कर सकते हैं। आप एक बार इसे करके जरूर देखें।

यह तीन तरीका आप अपना सकते हैं। इसमें कोई विशेष पढ़े लिखे लोगों की आवश्यकता नहीं है। 10 साल का बच्चा भी कर सकता है।

मेरे वेबसाइट का नाम स्टेशन गुरुजी हैं। इस पर मैं फ्री में वित्तीय जानकारी शेयर करता रहता हूं। कुछ दिन पहले मैंने Best Electric Vehicle Stocks, Multibagger Stocks, Penny Stocks, P/E Ratio इत्यादि के बारे में जानकारी शेयर किया हूं। आप चाहे तो इसे पढ़ सकते हैं।

दोस्तों स्टॉक मार्केट में खतरा भी बहुत सारे होते हैं। इसीलिए निवेश करने से पहले अच्छी तरह सोच विचार कर ले। किसी से कहने से कहीं भी निवेश ना कर दें।

एक बात और, कर्ज लेकर कभी भी निवेश ना करें। चाहे आप को अपने आप पर कितना भी भरोसा क्यों ना हो। क्योंकि अगर आपको नुकसान हुआ तो आप ज्यादा मुसीबत में पड़ सकते हैं।

मन में और कोई सवाल हो तो हमें जरूर ईमेल करें। हम सही जानकारी देने का प्रयास करेंगे। [email protected]

नॉलेज: 4 तरह के होते हैं म्यूचुअल फंड, 500 रुपए से कर सकते हैं निवेश की शुरुआत

म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं। इस पैसे को वे शेयरों में निवेश करती हैं - Dainik Bhaskar

अच्‍छे शुरुआती लोगों के लिए निवेश के तरीके रिटर्न के लिए म्‍युचुअल फंड में निवेश करना सही विकल्प हो सकता है। लेकिन अभी भी काफी लोगों को यह नहीं पता है कि म्‍युचुअल फंड स्कीम क्या हैं? और इनमें निवेश कैसे किया जाता है? म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं। इस पैसे को वे शेयरों में निवेश करती हैं। इसके बदले म्‍युचुअल फंड निवेशकों से चार्ज भी लेती हैं। जो लोग शेयर बाजार में निवेश के बारे में बहुत नहीं जानते, उनके लिए म्यूचुअल फंड निवेश का अच्छा विकल्प है। हम आपको म्यूचुअल फंड के बारे में बता रहे हैं।

इक्विटी म्यूचुअल फंड
ये स्कीम निवेशकों की रकम को सीधे शेयरों में निवेश करती है। छोटी अवधि में ये स्कीम जोखिम भरी हो सकती हैं, लेकिन लंबी अवधि में इसे आपको बेहतरीन रिटर्न देने वाला माना जाता है। इस तरह की स्कीम में निवेश से आपका रिटर्न शुरुआती लोगों के लिए निवेश के तरीके शुरुआती लोगों के लिए निवेश के तरीके इस बात पर निर्भर करता है कि शेयर का प्रदर्शन कैसा है। जिन निवेशकों का वित्तीय लक्ष्य 10 साल बाद पूरा होना है, वे इस तरह की म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश कर सकते हैं।

डेट म्यूचुअल फंड
ये म्यूचुअल फंड स्कीम डेट सिक्योरिटीज में निवेश करती हैं. छोटी शुरुआती लोगों के लिए निवेश के तरीके अवधि के वित्तीय लक्ष्य पूरे करने के लिए निवेशक इनमें निवेश कर सकते हैं। 5 साल से कम अवधि के लिए इनमें निवेश करना ठीक है। ये म्यूचुअल फंड स्कीम शेयरों की तुलना में कम जोखिम वाली होती हैं और बैंक के फिक्स्ड डिपाजिट की तुलना में बेहतर रिटर्न देती हैं।

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम
ये म्यूचुअल फंड स्कीम इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करती हैं। इन स्कीम को चुनते वक्त भी निवेशकों को अपने जोखिम उठाने की क्षमता का ध्यान रखना जरूरी है। हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम को छह कैटेगरी में बांटा गया है।

सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीम
सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीम किसी खास लक्ष्य या समाधान के हिसाब से बनी होती हैं। इनमें रिटायरमेंट स्कीम या बच्चे की शिक्षा जैसे लक्ष्य हो सकते हैं। इन स्कीम में आपको कम से कम 5 साल के लिए निवेश करना जरूरी होता है। इसमें निवेश करके आप अच्छा रिटर्न पा सकते हैं।

म्‍युचुअल फंड में तीन तरह से निवेश किया जा सकता है। इसमें पूरी तरह से ऑनलाइन से लेकर फार्म भरकर निवेश किया जा सकता है। म्‍युचुअल फंड में लगाया गया पैसा शेयर बाजार में लगाया जाता है। इसलिए कई लोगों को लगता है कि इसके लिए डीमैट अकाउंट जरूरी है, हालांकि ऐसा नहीं है। म्‍युचुअल फंड में निवेश बिना DEMAT अकाउंट के भी निवेश किया जा सकता है।

पहला तरीका
यह तरीका काफी आम है। इसमें किसी एजेंट के माध्‍यम से निवेश करना होता है। अगर एजेंट को खोजने में दिक्‍कत हो तो जिस कंपनी में निवेश करना चाहते हैं उस कंपनी की वेबसाइट से टोल फ्री नम्‍बर लेकर बात कर सकते हैं। कंपनी आपके इलाके में जो एजेंट हैं उससे संपर्क करा देगी। फिर इस एजेंट की मदद से आप निवेश कर सकते हैं।

दूसरा तरीका
ब्रोकर या किसी म्‍युचुअल फंड बेचने वाली वेबसाइट के माध्‍यम से भी निवेश किया जा सकता है। कई लोग शेयर बाजार में निवेश करते हैं वह अपने ब्रोकर अकाउंट के माध्‍यम से भी म्‍युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा देश में एक दर्जन से ज्‍यादा वेबसाइट हैं जो म्‍युचुअल फंड बेचती हैं। लोग इन वेबसाइट पर अपना रजिस्‍ट्रेशन कराने के बाद म्‍युचुअल फंड खरीद सकते हैं। अगर जरूरत हो तो यह वेबसाइट अपने एजेंट भी निवेशक के पास मदद के लिए भेजती है।

तीसरा तरीका
डायरेक्‍ट प्‍लान में शुरुआती लोगों के लिए निवेश के तरीके निवेश। सेबी के आदेश के बाद सभी म्‍युचुअल फंड कंपनियां अपनी सभी स्‍कीम्‍स में डायरेक्‍ट प्‍लान का ऑप्‍शन देती हैं। इनमें निवेश पूरी तरह से ऑनलाइन होता है। आप म्‍युचुअल फंड कंपनी की वेबसाइट पर जाकर सीधे स्‍कीम चुनते हैं और कुछ स्‍टेप में निवेश की प्रक्रिया पूरी करते हैं। यहां पर पेमेंट भी ऑनलाइन करना होता है।

चौथा तरीका
अब पेटीएम मनी ऐप (PayTm Money App) की मदद से आप किसी भी म्‍युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। पेटीएम मनी ऐप की मदद से आप निवेश करने के साथ-साथ अपने पोर्टफलियो को भी आसानी से चेक कर सकते हैं। इसके लिए आपको अलग से कोई कमीशन या फीस नहीं देनी होगी।

शेयर बाजार से जुड़े रिस्क
म्‍युचुअल फंड अपनी इक्विटी स्‍कीम में जुटाए पैसों का निवेश शेयर बाजार में करते हैं। स्‍टॉक मार्केट के बारे में कुछ भी भविष्‍यवाणी करना कठिन होता है। इसी कारण इक्विटी म्‍युचुअल फंड में निवेश रिस्‍की माना जाता है। हालांकि जानकारों का कहना है कि थोड़ा-थोड़ा पैसा लम्‍बे समय तक लगाया जाए तो अच्‍छा रिटर्न पाया जा सकता है।

सवाल: क्या आप किसी म्यूचुअल फंड में अपना सारा पैसा खो सकते हैं?
जवाब: बाज़ार से जुड़े होने के कारण, म्यूचुअल फंड में जोखिम बना रहता है, इसलिए निवेश की गई मूल राशि का नुकसान हो सकता है। हालांकि, म्यूचुअल फण्ड के प्रदर्शन को देखते हुए कहा जा सकता है कि आपके सभी पैसे खोने की संभावना कम है।

सवाल: किसी म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू करने के लिए आपको कितना धन चाहिए?
जवाब: आपके द्वारा निवेश किए जाने वाले फंड के आधार पर न्यूनतम निवेश राशि भिन्न हो सकती है। हालाँकि, आप न्यूनतम 500 रु. निवेश कर सकते हैं।

सवाल: क्या मैं शुरुआती लोगों के लिए निवेश के तरीके म्यूचुअल फंड कभी भी बेच सकता हूं?
जवाब: अधिकांश म्यूचुअल फंड ओपन एंडेड होते हैं, मतलब आप उन्हें कभी भी बेच सकते हैं। आमतौर पर क्लोज एंड स्कीम की 3-4 वर्ष की लॉक-इन अवधि होती है। एक दूसरे तरीके की स्कीम है जिसमें, म्यूचुअल फन कुछ समय के लिए लॉक-इन हो जाते हैं, लेकिन इसके बाद ओपन एंडेड हो जाते हैं। उदाहरण के लिए, टैक्स सेविंग या ELSS की लॉक-इन अवधि 3 साल है। इस अवधि के बाद, आप ये फंड किसी भी समय बेच सकते हैं।

सवाल: क्या म्यूचुअल फंड में निवेश करना टैक्स-फ्री है?
जवाब: नहीं, म्यूचुअल फंड शोर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) नियम के अधीन हैं। अलग-अलग म्यूचुअल फंड जैसें, इक्विटी और डेट पर कई तरह का टैक्स लगता है। म्यूचुअल फंड लाभांश के मामले में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन शुरुआती लोगों के लिए निवेश के तरीके टैक्स (DDT) लागू हो जाता है और फंड के अनुसार स्रोत पर टैक्स कटौती की जाती है।

ऑटो मोड में निवेश के लाभ

अपनी बचत से निवेश करना एक अच्छी बात है क्योंकि इससे आपको मुद्रास्फीति को मात देने के साथ-साथ लंबी अवधि में अपना पैसा बढ़ने में मदद मिलती है। निवेशकों के पास दो विकल्प हैं कि वे कितना और कब निवेश कर सकते हैं। एक विकल्प यह है कि सभी खर्चों के बाद महीने के अंत में जो पैसा बचा है, उसके साथ निवेश करें। अधिकांश नए निवेशक केवल अपने वित्तीय जीवन में बाद में महसूस करने के लिए इस विधि का पालन करते हैं, कि यह वास्तव में उनके लिए काम नहीं करता है।

निवेश = आय - व्यय

दुर्भाग्य से, ऐसा करने का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि निवेश अनुशासनहीन और तदर्थ हैं। कुछ महीनों में निवेश करने के लिए एक अधिशेष होगा, जबकि अन्य समय में आपको महीने के अंत में कुछ भी नहीं छोड़ा जाएगा क्योंकि आपने अनावश्यक वस्तुओं पर खर्च करने का फैसला किया है।

अन्य विधि जो अधिक अनुभवी निवेशकों द्वारा पीछा की जाती है वह इस प्रकार है:

व्यय = आय - निवेश

इस दृष्टिकोण का पालन करने के लिए सबसे अच्छे तरीकों में से एक ऑटो मोड में निवेश करना है। ऑटो मोड निवेश को आगे विस्तार से बताया गया है।

ऑटो मोड में निवेश करना

इस मामले में ऑटो मोड का अर्थ है स्वचालित मोड। दूसरे शब्दों में, शुरुआती लोगों के लिए निवेश के तरीके निवेश की विधि किसी भी तरह से मानवीय भावनाओं के साथ हस्तक्षेप नहीं होनी चाहिए। इस प्रथा का पालन करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक SIP या सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के माध्यम से निवेश करना है।

व्यवस्थित निवेश योजना

एक एसआईपी एक ऐसी विधि है जिसके द्वारा एक निवेशक नियमित अनुशासित तरीके से एक निश्चित राशि का निवेश कर सकता है। उदाहरण के लिए, एक निवेशक अगले 2 वर्षों के लिए हर महीने एक इंडेक्स फंड में निवेश करना चुन सकता है। इस मामले में, निवेशक भुगतान के लिए राशि और तारीख तय कर सकता है। ऐसी तारीख चुनना सबसे अच्छा है जो वेतन के क्रेडिट की तारीख के 2 या 3 दिन बाद आती है। दी गई तारीख पर, पूर्व निर्धारित राशि को निवेशक के बैंक खाते से डेबिट किया जाएगा और इंडेक्स फंड में निवेश किया जाएगा।

निवेश करने के लिए मासिक विकल्प चुनने के बजाय, निवेशक साप्ताहिक या त्रैमासिक विकल्प भी चुन सकते हैं।

ऑटो मोड में निवेश के लाभ

आज के लेख में, हमने SIP के माध्यम से ऑटो मोड में किए गए निवेश से जुड़े लाभों को सूचीबद्ध किया है:

बचत की आदत विकसित करता है: महीने की शुरुआत में ऑटो मोड में निवेश करने से बचत की आदत बनती है। चूंकि विशिष्ट राशि हर महीने आपके बैंक खाते से स्वचालित रूप से काट ली जाती है, इसलिए यह लगभग एक अच्छी आदत को बल से प्रेरित करती है। कुछ वर्षों के बाद, आपको एहसास होगा कि आपको ऑटो मोड पर होने की भी आवश्यकता नहीं है। बचत और निवेश के लाभ आपको अधिक बचत शुरू करने के लिए प्रेरित करेंगे।

जीवन के सभी पहलुओं के लिए अनुशासन लाता है: यह कहा जाता है कि "आत्म-अनुशासन सुबह में सबसे पहले आपके बिस्तर बनाने से शुरू होता है"। और यह सबसे सफल लोगों द्वारा व्यापक रूप से पालन की जाने वाली आदत है। कारण यह है कि जब आप सुबह-सुबह एक सफल नृत्य करके शुरुआत करते हैं तो यह आपको गर्व की अनुभूति देता है। यह आपको अधिक हासिल करना चाहता है। निवेश का एक अनुशासित रूप बहुत कुछ करता है। समय के साथ धन का सृजन उपलब्धि की भावना पैदा करता है और यह आपके दैनिक जीवन के अन्य पहलुओं पर निर्भर करता है।

रुपे कॉस्ट एवरेजिंग: ऑटो मोड इन्वेस्टमेंट आपको बाजार के हर चक्र के दौरान निवेश करने के लिए मिलता है, यानी जब बाजार ऊपर, नीचे या स्थिर होते हैं। यह फंड की अधिक इकाइयों को खरीदने में मदद करता है जब वे सस्ते और कम उपलब्ध होते हैं जब उनके पास उच्च कीमतें होती हैं। इस तरह की खरीदारी अस्थिरता के प्रभाव को कम करती है और पोर्टफोलियो को अधिक स्थिर रखती है।

दूसरी ओर, यदि एकमुश्त निवेश किया जाता है, तो आप केवल मौजूदा मूल्य पर इकाइयां खरीद सकते हैं। जैसा कि बाजारों में समय के लिए बहुत मुश्किल है (यदि असंभव नहीं है), आप कभी भी निश्चित नहीं हो सकते हैं कि बाजार उस बिंदु से ऊपर उठेगा या गिर जाएगा।

निम्न स्तर पर अधिक इकाइयों की खरीद करने में सक्षम होने और इसके विपरीत रुपये-लागत लाभ के रूप में जाना जाता है। यह प्रक्रिया आपके निवेश को कम जोखिम भरा और अस्थिर बनाती है।

अनावश्यक खर्चों से बचना: SIP के माध्यम से निवेश करने से अनावश्यक खर्चों से बचने में मदद मिलती है जो आपके द्वारा महीने के अंत में बचे हुए धन के साथ निवेश या बचत करने का निर्णय लेने पर हो सकता है। यह सामान्य मानव स्वभाव है कि जब आपके पास अधिशेष निधि उपलब्ध होती है, तो आप उन वस्तुओं पर खर्च करते हैं, जिनकी आवश्यकता नहीं हो सकती है। जैसा कि वे कहते हैं कि पैसा पानी की तरह बहने का एक तरीका है।

शुरुआत में बचत में निर्दिष्ट राशि खर्चों के नियंत्रण का कारण बनती है।

लॉन्ग-टर्म लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है: यह बचत के अनुशासित वातावरण के माध्यम से एक दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है। नियमित मासिक बचत आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों के करीब लाती है जब आप धार्मिक रूप से "बचत पहले" नियम का पालन करते हैं। यह तनाव या वित्तीय बोझ भी पैदा नहीं करता है क्योंकि बलिदान केवल विलासिता के सामान हैं और वे अच्छी तरह से फैले हुए हैं।

निष्कर्ष

महीने की शुरुआत में ऑटो मोड का निवेश बचत की एक अनुशासनात्मक आदत बनाता है जो आपके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने और आपके पैसे को अच्छी तरह से प्रबंधित करने के लिए बहुत फायदेमंद है। अपने भविष्य को आसान तरीके से हासिल करने के बारे में जाना शायद यह सबसे अच्छा तरीकों में से एक है।

पूछे जाने वाले प्रश्न

Q1 मुझे SIP में कितना निवेश करना चाहिए?

Ans- वह राशि जो एक व्यक्ति निवेश करता है वह पूरी तरह से आपके जोखिम-वापसी प्रोफ़ाइल और वित्तीय लक्ष्यों पर निर्भर करता है। एक नियम के रूप में, आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप अपनी आय का कम से कम 20% निवेश कर रहे हैं। हालांकि, जैसे-जैसे आय बढ़ती है, बचत के प्रति अनुपात भी बढ़ना चाहिए।

Q2 मुझे अपनी SIP राशि कहां निवेश करनी चाहिए?

Ans- खुदरा निवेशकों के लिए सबसे अच्छा निवेश वाहनों में से एक म्युचुअल फंड हैं। विभिन्न प्रकार के म्यूचुअल फंड जैसे कि इक्विटी, डेब्ट, हाइब्रिड, सोना और अन्य हैं। यह तय करने के लिए कि आपको इनमें से किसे चुनना चाहिए, यह आपके जीवन-चरण पर निर्भर करता है। बेहतर समझ के लिए आप इस वीडियो को एसेट क्लास पर देख सकते हैं।

Q3 SIP से अपेक्षित रिटर्न क्या है?

Ans. SIP से अपेक्षित रिटर्न आपके द्वारा चुने गए एसेट क्लास पर निर्भर करता है। हालांकि, यह देखा गया है कि प्रति वर्ष 6 से 9% के बीच डेब्ट फंड आपको कुछ भी दे सकते हैं। दूसरी ओर, इक्विटी फंडों में लंबी अवधि के एसआईपी में 12% की वृद्धि हुई है।

Deposit Schemes: बाजार के उतार-चढ़ाव देख होती है घबराहट? निवेश के ये 12 तरीके दे सकते हैं बेहतर रिटर्न

Deposit Schemes: शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के चलते कई लोग इसमें निवेश नहीं करना चाहते हैं. ऐसे लोगों के लिए कई ऐसे फिक्स्ड इनकम इनवेस्टमेंट ऑप्शंस मौजूद हैं जो अच्छा रिटर्न दे सकते हैं.

Deposit Schemes: बाजार के उतार-चढ़ाव देख होती है घबराहट? निवेश के ये 12 तरीके दे सकते हैं बेहतर रिटर्न

कुछ योजनाओं में मिलने वाले ब्याज पर टैक्स चुकाना पड़ता है तो टैक्स के बाद मिलने वाले रिटर्न और इंफ्लेशन एडजस्ट कर फैसले लें.

शेयर बाजार में हर शुरुआती लोगों के लिए निवेश के तरीके रोज़ होने वाले उतार-चढ़ाव के चलते कई लोग इसमें निवेश नहीं करना चाहते हैं. ऐसे लोगों के लिए कई ऐसे फिक्स्ड इनकम इनवेस्टमेंट ऑप्शंस उपलब्ध हैं जो उन्हें बेहतर रिटर्न दे सकते हैं. इनमें कुछ विकल्प सिर्फ वरिष्ठ नागरिकों के लिए हैं तो कुछ हर उम्र के लोगों के लिए. निवेश के इन तरीकों के जरिए आप अपनी पूंजी को सुरक्षित रखते हुए बेहतर कमाई कर सकते हैं.

इनमें से कुछ योजनाएं ऐसी हैं जिन पर सरकार की गारंटी भी रहती है. इन विकल्पों में अपने लिए बेहतर विकल्प का चयन नियमित आय, पेंशन, टैक्स बचत या लांग टर्म गोल्स जैसी जरूरतों के मुताबिक चुना जा सकता है. इनमें से कुछ योजनाओं में मिलने वाले ब्याज पर टैक्स भी चुकाना पड़ सकता है. इसलिए रिटर्न को टैक्स और महंगाई दर के हिसाब से एडजस्ट करके ही निवेश का अंतिम फैसला करें.

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एक-एक पैसा जोड़कर करें निवेश

एक-एक पैसा जोड़कर करें निवेश

जल्द से जल्द एक-एक पैसा जोड़ने की आदत डाल लेना माली हालत मजबूत करने का सबसे उम्दा तरीका है। ज्यादातर लोग इस तरीके से उतना धन नहीं जोड़ पाते, जितना वास्तव में उनकी क्षमता होती है। मसलन, एक-एक पैसा सहेजकर धन इकठ्ठा करने में वैसे लोगों को ज्यादा सफलता मिलती है, जिनके जीवन में धन उपार्जन की लंबी अवधि बाकी होती है। इस लिहाज से आप जितने कम उम्र के होंगे, पैसे जोड़ने की क्षमता उतनी ही अधिक होगी। मशहूर वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन ने इसे दुनिया का आठवां अजूबा बताया था।

इरादे का पक्का होना पहली शर्त

ऐसे लोगों के लिए छोटी-छोटी बचत करके पैसे जुटाना समृद्धि का शानदार माध्यम साबित होता है, जो इरादों के पक्के होते हैं। ऐसी बचत मूल पूंजी के साथ-साथ उससे होने वाली आय को सहेजने के अलावा कुछ नहीं है। करियर की शुरुआत करने वाले ज्यादातर लोग बचत और निवेशक को लेकर कोताही बरतते हैं। असल में यह बिलकुल वैसा है कि जैसा कि हम युवावस्था में करते हैं। हर चीज में अनुशासन बरतना। माली हालत दुरूस्त रखने में भी इसकी खासी अहमियत होती है। हमें पक्के इरादे के साथ अपनी आय में से थोड़ी रकम बचानी चाहिए और भविष्य में फायदे के लिए उसका निवेश करना चाहिए।

जल्द शुरुआत से ज्यादा फायदा

सबसे अहम बात यह है कि एक-एक पैसा जोड़ने की आदत वैसे लोगों के ज्यादा काम आती है, जो इसकी शुरुआत जल्दी कर लेते है। इस मामले में देरी करने वाले नुकसान में रहते हैं। एक उदाहरण से समझें। मान लीजिए कि किसी व्यक्ति ने 65 वर्ष की उम्र तक हर महीने 1 रुपए निवेश किया। इसका मतलब है कि यदि आप 25 वर्ष की उम्र से ऐसा करना शुरू करते हैं, तो आपके पास 40 साल का लंबा वक्त है। लेकिन यदि आप 35 वर्ष की उम्र से यह आदत डालते हैं, तो 30 वर्ष तक ही ऐसा कर पाएंगे। यदि आप 25 वर्ष की उम्र से हर महीने 5,000 रुपए निवेश करना शुरू करते हैं, तो 12 प्रतिशत सालाना ब्याज दर पर 65 साल की उम्र तक यह रकम 5.89 करोड़ रुपए हो जाएगी। वाकई, यह 8वें अजूबे जैसा लगेगा।

बचत का निवेश, गैर-जरूरी खर्चों में कटौती जरूरी

अहमियत इस बात की है कि कुछ रकम बचाई जाए और फिर उसका निवेश किया जाए। सफल होने के लिए निवेश जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि बचत की शुरुआती लोगों के लिए निवेश के तरीके अहमियत तभी है, जब वह भी आय का जरिया बन जाए। वित्तीय मामलों के ज्यादातर जानकार इसकी अहमियत स्वीकारते हैं। शुरुआती तौर पर वेतन मिलते ही उसके एक निश्चित हिस्से का निवेश करते जाएं। बचत की रकम पता करने के लिए बजट बनाएं, खास तौर पर खर्चों का। यह मुश्किल काम नजर आ सकता है, लेकिन 2-3 महीने ऐसा करने के बाद आपको पता चल जाएगा कि वेतन की रकम कहां खर्च हो रही है। अब गैर-जरूरी खर्चों में कटौती करें। मसलन, हफ्ते में 3-4 बार महंगे रेस्तरां जाना। इसे कम करके महीने में एक या दो मर्तबा किया जा सकता है।

कहां निवेश करें

सबसे जरूरी बात यह है कि आपको लंबी अवधि के निवेश की समझ होनी चाहिए। इनके विकल्पों पर गौर करें। बचत की रकम से वास्तबिक आय होनी चाहिए और इस मामले में इक्विटी को सबसे बेहतर माना जाता है। असल में इक्विटी ही निवेश का एकमात्र ऐसा जरिया है जहां फिक्स्ड रिटर्न वाले निवेश साधनों के मुकाबले रियल रिटर्न मिलता है। कारण यह है कि फिक्स्ड रिटर्न वाले निवेश के साधनों से होने वाली आय की तुलना यदि महंगाई की दर से की जाए तो ये नुकसान वाले जरिया नजर आने लगते हैं।

दरअसल, इक्विटी इन्वेस्टमेंट को सबसे ज्यादा रिटर्न वाला निवेश साधन माना जाता है। इसमें शेयर, डाइवर्सिफाइड इक्विटी फंड, सेक्टर इक्विटी फंड और इंडेक्स फंड जैसे माध्यम शामिल हैं। वर्ष 1990 से लेकर 2013 के बीच निफ्टी ने सालाना 17 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न दिया है। लेकिन इस मामले में यह भी ध्यान रखना होगा कि आय में उतार-चढ़ाव की गंुजाइश ज्यादा होती है। इसलिए कम जोखिम उठाने वाले निवेशकों के लिए बॉन्ड और डेट फंड भी हैं। सरकार और कंपनियों के बॉन्ड काफी अच्छे होते हैं। यह निवेश के सुरक्षित साधन होते हैं और इनमें पैसा लगाने से सालाना 8-12 प्रतिशत आय होती है। पीपीएफ, पीएफ और बैंक डिपॉजिट जैसे साधन सबसे अधिक सुरक्षित हैं, लेकिन इनसे कम रिटर्न मिलता है।

मजबूत बुनियाद

भविष्य में अपनी माली हालत ठीक रखने की योजना बनाना बहुत जरूरी है। अक्सर यह फाइनेंस से जुड़ा हुआ मामला होता है। योजना न बनाना विफल होने की तैयारी करने जैसा है। सबसे पहले हर महीने वेतन से कुछ रकम बचाएं और उसका निवेश करें। यदि आप नियमित तरीके से ऐसा नहीं कर सकते तो किसी म्युचुअल फंड का सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी सिप ले लें। ऐसा फंड लें, जिससे टैक्स में छूट मिलती हो। इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम यानी ईएलएसएस में पैसा लगाने से इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत छूट मिलती है। इस धारा के तहत किसी एक वित्त वर्ष में 1 लाख रुपए तक की बचत और निवेश पर टैक्स कटौती का लाभ मिलता है। याद रखें, शुरुआत बहुत जरूरी है। बचत और निवेश शुरू करें और पक्का करें कि इसमें कोताही नहीं बरतनी है, तभी लंबी अवधि में समृद्धि आएगी।

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