सोने में इन्वेस्टमेंट

डॉलर के मजबूत होने से सोने की कीमतों में गिरावट आई
कल सोना -0.01% की गिरावट के साथ 52289 पर बंद हुआ, जबकि डॉलर में गिरावट से निवेशकों को अमेरिकी फेडरल रिजर्व के मौद्रिक नीति पथ पर संकेतों का इंतजार था। डॉलर मजबूत रातोंरात लाभ से पीछे हट गया जिसने निवेशकों को चीन के COVID फ्लेयर-अप पर चिंताओं पर सुरक्षित-हेवन मुद्रा में आते देखा। क्लीवलैंड फेड के अध्यक्ष लोरेटा मेस्टर ने कहा कि फेडरल रिजर्व अगले महीने से ब्याज दर में वृद्धि को कम कर सकता है। बुधवार को जारी होने के कारण निवेशक अब नवीनतम फेड मिनट का इंतजार कर रहे हैं, बाजार सहभागियों को व्यापक रूप से दिसंबर की बैठक में 50-आधार अंकों की बढ़ोतरी की उम्मीद है, जून में अपेक्षित दरों के लिए एक चोटी के साथ।
सेंट लुइस फेड के अध्यक्ष जेम्स बुल्लार्ड ने कहा कि नीतिगत दर पर्याप्त रूप से प्रतिबंधात्मक नहीं है और सुझाव दिया कि यह 5% से 7% की सीमा तक पहुंच सकता है क्योंकि अधिकारी मुद्रास्फीति पर मुहर लगाने की कोशिश करते हैं, जो बाजार में वर्तमान मूल्य निर्धारण से अधिक है। सैन फ्रांसिस्को फेड अध्यक्ष मैरी डेली ने भी जोर देकर कहा कि एक ठहराव "टेबल से हटकर" है, जबकि कैनसस सिटी फेड के अध्यक्ष एस्थर जॉर्ज ने कहा कि नीति निर्माताओं को हाइकिंग दरों पर "जल्द ही नहीं रुकने के लिए सावधान रहना चाहिए"। भौतिक सोना डीलरों को घरेलू कीमतों में उछाल के कारण मांग प्रभावित होने के कारण चार महीनों में सबसे बड़ी छूट देने के लिए मजबूर होना पड़ा।
तकनीकी रूप से बाजार लंबे समय तक परिसमापन के अधीन है क्योंकि बाजार में ओपन इंटरेस्ट में -6.41% की गिरावट के साथ 4351 पर बंद हुआ है, जबकि कीमतें -3 रुपये नीचे हैं, अब सोने को 52185 पर समर्थन मिल रहा है और इसके नीचे 52082 के स्तर का परीक्षण देखा जा सकता है। . रेजिस्टेंस अब 52443 पर देखे जाने की संभावना है, ऊपर जाने पर कीमतें 52598 पर परीक्षण कर सकती हैं।
व्यापारिक विचार:
# दिन के लिए सोने की ट्रेडिंग रेंज 52082-52598 है।
# डॉलर के मजबूत होने के कारण सोना स्थिर रहा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति के रुख के कारण गैर-उपज देने वाले बुलियन के लिए दृष्टिकोण पर बादल छा गए।
# एफओएमसी मिनट्स से पहले निवेशक सतर्क थे जो फेड की दर वृद्धि की गति पर और सुराग प्रदान कर सकता था
# निवेशक चीन में नए COVID-19 प्रतिबंधों से आर्थिक गिरावट पर भी नज़र रख रहे हैं।
सोने और चांदी के भाव में भारी गिरावट : Gold-Silver Price 2022
Gold-Silver Price 2022 : आज यानी 26 सितंबर को सोने-चांदी की कीमत में भारी गिरावट देखने को मिली है. गिरते बाजार भाव के साथ अमेरिकी बाजार में लगातार चार दिनों से मंदी के संकेत दिख रहे हैं। गणेश चतुर्थी के दिन सोने-चांदी की कीमतों में खासी तेजी देखने को मिली. फिर, इसके तुरंत बाद, एक महत्वपूर्ण गिरावट आई। ( Gold-Silver Price Today 2022 ) आज 2022 में सोने चांदी की कीमत के अलावा, भारतीय शेयर बाजार ने भी गुरुवार को एक महत्वपूर्ण गिरावट के साथ अपनी शुरुआत की। सर्राफा बाजार और एमसीएक्स बाजार दोनों में गुरुवार को गिरावट दर्ज की गई।
चांदी की कीमत में रिकॉर्ड अवधि में 3500 रुपये की गिरावट आई है?
गुरुवार सुबह तक भारतीय सर्राफा बाजार में सोने-चांदी की कीमतों में भारी गिरावट आई है। इंडियन बुलियन एसोसिएट द्वारा प्रकाशित सोने-चांदी की ताजा दर के मुताबिक, चांदी का भाव दो दिनों के भीतर मंगलवार की तुलना में 3500 रुपये प्रति किलो घटकर 51850 रुपये हो गया है। इसकी वजह सोने की 24 घंटे की दर (सोने की कीमत) है। यह 50401 कीमत के कारण है। 50401 की कीमत के कारण, 24 घंटे की कीमत (सोने की कीमत) और 50401 की कीमत के बीच 788 अंक का अंतर है।
क्या सोने की चांदी की कीमत 2022 तक दबाव में रहने की संभावना है?
सोने-चांदी का भाव आज 2022 यहां देखा जाए तो 15 जुलाई को सोने का भाव 50403 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जबकि चांदी दो साल में अपने सबसे निचले स्तर पर है. दोपहर करीब 12 बजे घरेलू बाजार में सोना 50224 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था. चांदी के दिसंबर डिलीवरी वाले भाव में 737 रुपये से 52413 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट देखी जा सकती है. बाजार विश्लेषकों को उम्मीद है कि दिसंबर में भी चांदी पर सोना बरकरार रहेगा।
फिलहाल 23 कैरेट सोने की कीमत 50199 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोने की कीमत 46167 रुपये प्रति 10 ग्राम है। 20 कैरेट सोने की कीमत फिलहाल 37801 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जबकि 18 कैरेट सोने की कीमत 29485 रुपये प्रति 10 ग्राम है। हालांकि ज्यादातर लोग 22 कैरेट सोने से बने गहने ही खरीदते हैं। फिलहाल यह 47548 रुपये प्रति यूनिट पर कारोबार कर रहा है।
साथ ही सोने की ताजा कीमत क्या है, साथ ही सोने-चांदी की ट्रेडिंग कीमत क्या है। ऐसा लगता है कि यह वेबसाइट आपको इसके बारे में जानकारी प्रदान करती है।
फ्यूचर गोल्ड प्राइसेस देखते हुए सोने में कब करें निवेश? अभी या बाद में?
आप सभी को अक्षय तृतीया पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं!
जैसा कि हम सभी जानते हैं भारत में सोने को बहुत शुभ धातु माना जाता है. शादी-ब्याह और अन्य समारोहों में इसका विशेष स्थान है पर अभी भी भारत में सोने को निवेश के उद्देश्य से नहीं देखा जाता है. हालांकि, अब बहुत से लोग ऐसा करने लगे हैं. इसलिए यदि आप भी ऐसा करने की सोच रहे हैं तो यहाँ दी गयी जानकारी आपके काम आ सकती है.
दोस्तों, किसी भी और इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट की तरह ही यदि आप गोल्ड में निवेश करना चाह रहे हैं तो आपको इससे जुड़ी ज़रूरी बातों को समझना होगा.
हेजिंग के लिए गोल्ड का प्रयोग
हेजिंग कर शाब्दिक अर्थ है प्रतिरक्षा या बचाव-व्यवस्था, यानी ऐसा कुछ जो मुसीबत आने पर हमारी मदद कर सके.
अक्सर लोग गोल्ड को हेजिंग टूल की तरह प्रयोग करते हैं. हेजिंग टेक्नीक के अंतर्गत जिन लोगों ने इक्विटी या बौंड मार्केट में निवेश किया है वे वे सोना भी खरीद कर रख लेते हैं. क्योंकि ये हमेशा से देखा गया है कि जब भी शेयर बाज़ार गिरता है सोने के भाव चढ़ जाते हैं और शेयर जब बाज़ार चढ़ता है तो सोने के भाव गिर जाते हैं. इसलिए ऐसा करना उनके जोखिम को कम कर देता है, उन्हें संतोष रहता है कि चलो अगर बाज़ार गिरा तो कम से कम सोने के भाव बढ़ जायेंगे और वे वहां से प्रॉफिट कमा लेंगे. इस तरह से हेजिंग एक घाटा कम करने की तकनीक है.
गोल्ड में निवेश करने से पहले समझें इकोनोमिक और जियो-पोलिटिकल परिस्थितियों को
गोल्ड में इन्वेस्ट करना है या नहीं इसका निर्णय लेने से पहले बेहतर होगा कि आप राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में गोल्ड प्राइसेस के ट्रेंड्स स्टडी कर लें. ये समझने के लिए नीचे दी गयी जानकारी आपके काम आ सकती है, और इसकी basis पे आप आगे खुद भी गोल्ड इन्वेस्टमेंट को लेकर अपनी एनालिसिस कर सकते है.
- यदि हम पीछे मुड़ कर गोल्ड प्राइसेस के ट्रेंड्स देखें तो हम पायेंगे कि साल 2017 शेयर बाज़ार का साल था और इसलिए इस साल सोने के भाव अधिक नहीं बढे और गोल्ड में इन्वेस्ट करने वाले निवेशकों को कम रिटर्न मिला.
- एक्सपर्टस का मानना है कि बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय तनाव, खासतौर से अमेरिका और नार्थ कोरिया के बीच का मसला और यूनाइटेड किंगडम का यूरोपियन यूनियन से अलग होना (ब्रेग्जिट) ने सोने के भावों को 2017 में बहुत प्रभावित किया.
- इन फैक्टर्स के अलावा, साल 2017 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, सेंसेक्स लगभग 29% बढ़ गया और अमेरिकी बाज़ार में ब्याज दर बढ़ने की संभावनाओं के वजह से इंडियन गोल्ड प्राइसेस पूरे साल दबी रहीं.
- इंटरनेशनल ट्रेंड की तरह ही शुरुआत में इडियन गोल्ड फ्यूचर्स मार्केट में प्रति 10 ग्राम भाव शुरू में बढ़ा लेकिन सितम्बर 2017 के बाद ये वापस लगभग उसी भाव पर चला गया जहाँ से इसने बढ़ना शुरू किया था. यानी, INR 27,570/ दस ग्राम गोल्ड से भाव बढ़ना शुरू हुए और ये सितम्बर 2017 में INR 30,474/ दस ग्राम पहुंचे पर साल के अंत तक वापस INR 28,000/दस ग्राम पर पहुँच गए.
इसका मतलब साल 2017 में अमेरिका में बढती ब्याज दरों के बावजूद घरेलू सोना बाज़ार का भाव बस 2% के आस-पास बढ़ पाया.
ट्रम्प फैक्टर
डोनाल्ड ट्रम्प के दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के साथ ही अमेरिका में आंतरिक और सोने में इन्वेस्टमेंट बाहरी राजनीतिक तनाव पैदा होने लगे. डोनाल्ड ट्रम्प के अनूठी पृष्ठभूमि के कारण दुनिया के कई नेताओं को संदेह होने लगा कि मिस्टर ट्रम्प सही ढंग से अमेरिका और बाकी पश्चिमी देशों का नेत्रित्व कर पायेंगे. और उनके पहले साल के कार्यकाल को देखते हुए, कहा जा सकता है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था और वैश्विक स्थिति अस्थिर होने का भय गलत नहीं था.
प्रेसिडेंट का चार्ज लेने के बाद से, दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, अमेरका ने अपने सुप्रीम लीडर के माध्यम से कई डिप्लोमेटिक और सैन्य तनाव पैदा कर लिए हैं, खासतौर से मिडल ईस्ट में ईरान से और कोरियन पेनिन्सुला में उत्तरी कोरिया से. जिस कारण से हर कोई ये सोचने पर मजबूर हो गया कि दुनिया परमाणु युद्ध की कगार पर है.
पर इतनी अभूतपूर्व भू-राजनीतिक तनाव के बावजूद, सोना जिसे मुसीबत के समय का साथी माना जाता है; के भाव अमेरिका और विश्व बाज़ार में उम्मीद के अनुसार नहीं बढ़े.
ये महज 9% बढे, i.e $1158/औंस से $1254/औंस तक पहुँच पाए. यहाँ तक की अंडर परफॉर्म कर रहा अमेरिकी डॉलर भी भी वैश्विक गोल्ड रेट्स को अधिक नहीं बढ़ा पाया.
➡ Note: 1 ounce = 28.35 grams
2018 में U.S Gold rates कैसी रहेंगी?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि मजबूत इक्विटी और बॉन्ड मार्केट इस साल भी सोने के भाव को अधिक बढ़ने नहीं देंगे. चूँकि बाज़ार अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं इसलिए कम से कम लोग भय की वजह से सोने में निवेश नहीं करेंगे. कुछ अनुमानों के मुताबिक अमेरिका में सोने के भाव $1350/ounce पार नहीं कर पायेंगे. कुछ विशेषज्ञ तो ये भी मानते हैं कि अमेरिकी ब्याज दरों में इजाफा होने के कारण सोने के भाव पहले से कुछ कम हो सकते हैं.
2018 में Indian Gold rates कैसी रहेंगी?
जहाँ तक भारतीय गोल्ड रेट्स का सवाल है, अधिकतर जेव्लर्स मानते हैं कि सोने के भाव पहले से निर्धारित एक रेंज में ही रहेंगे और इसमें बहुत अधिक उछाल या गिरावट देखने को नहीं मिलेगी. लेकिन कुछ परिस्थितियों, जैसे कि कोई अनपेक्षित युद्ध, या अमेरिकी डॉलर में तेज गिरावट या बढ़त होने पर सोने के भाव प्रभावित हो सकते हैं.
घरेलू विशेषज्ञों के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय सोना भाव $1300 / औंस के ब्रैकेट में रहेगा.
Physical Gold लेने से बेहतर है कुछ और
अब बात करते हैं गोल्ड में इन्वेस्ट करने की, एक्सपर्ट्स सीधे सोना लेने की बजाय गोल्ड म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश करने की सलाह देते हैं. वे खासतौर से छोटे और मझले निवेशकों को विधिपूर्वक छोटे-छोटे यूनिट्स में निवेश करने की सलाह देते हैं. सोने में निवेश टाइम बाउंड नहीं है, हालांकि ये बदलती बाज़ार की परिस्थितियों पर निर्भर करता है.
जैसा की हमने ऊपर चर्चा की; सोने में निवेश करने से पहले छोटे और मझले निवेशकों को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार तथा भू-राजनीतिक कारक पर नज़र रखना बहुत ज़रूरी है. ग्लोबल या राष्ट्रीय कारक सोने के भाव में बड़ी तेजी से बदलाव ला सकते हैं इसलिए ये ट्रैक करना ज़रूरी है कि मार्केट किस दिशा में जा रहा है. और बेहतर होगा कि भौतिक रूप में सोना खरीदने की बजाये निवेशक गोल्ड म्यूच्यूअल फंड्स सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Gold Funds SIPs) में निवेश करें. इसके अलावा पेपर गोल्ड और गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) में भी निवेश किया जा सकता है.
याद रखिये सोने में निवेश करना एक शुद्ध निवेश से अधिक एक हेजिंग आप्शन है क्योंकि ये एक कमोडिटी है और इसका दाम विश्व में इसकी मांग के अनुसार ऊपर नीचे होता है और मांग निर्भर करती है अलग-अलग जियो-पोलिटिकल परिस्थितियों, स्टॉक मार्केट की परफॉरमेंस ,इत्यादि पर.
2018 सोने में निवेश के लिए कैसा है?
ज्यादातर इन्वेस्टिंग एक्सपर्ट्स मानते हैं कि एक बार जब अमेरिका का राजनीतिक परिदृश्य स्थिर हो जाएगा और वहां की interest rate stable हो जायेंगी तब गोल्ड रेट्स जो कि पहले से ही बाज़ार की परिस्थितियों के अनुसार सही स्तर सोने में इन्वेस्टमेंट सोने में इन्वेस्टमेंट पे हैं, 2018 और आगे आने वाले सालों में बढ़ सकती हैं. इसलिए अभी सोने में निवेश करके अधिक से अधिक और लम्बे समय तक कैपिटल गेन्स कमाने का एक अच्छा समय है. साथ ही यदि इक्विटी या बौंड मार्केट में कोई सुधारहोता है तो अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू बाज़ार में सोने के भाव बढ़ सकते हैं.
विशेषज्ञों सोने में इन्वेस्टमेंट की सलाह मानें तो अपने कुल निवेश का 10% सोने में निवेश करना चाहिए. इसलिए अपना इन्वेस्टमेंट प्लान करिए और निवेश करना शुरू कीजिये.
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सरकार भी लेती हैं पैसे और देती हैं 9% तक का ब्याज. जानिए BONDS के बारे में. मात्र 1 हज़ार से शुरू हो जाता हैं अकाउंट
Know Government Bonds option for safe investment: बैंक में रखे हुए पैसे से धन कमाने के लिए अक्सर लोग बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट करते हैं ताकि उन्हें एक सुरक्षित रिटर्न मिल सके. कई नए प्राइवेट बैंक और स्मॉल फाइनेंस बैंक बेहतर रिटर्न लोगों को फिक्स डिपॉजिट पर दे रहे होते हैं लेकिन फिर भी लोग इनका फिक्स डिपाजिट लेने से कतराते हैं.
आज के लेख में आप जानेंगे की फिक्स डिपॉजिट के अलावा कौन सी ऐसी सुरक्षित जगह है जहां पर पैसे सुरक्षित और बेहतर रिटर्न मिल सकता है.
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सरकार भी बैंकों के जैसे पैसे लोगों से एक तय समय के लिए लेती है और उस पैसे पर बढ़िया ब्याज लोगों को अदा करती है. इसके लिए सरकार समय-समय पर बांड जारी करती है जिस पर 6% से लेकर 9% तक का ब्याज लोगों को ऑफर करती है.
हालांकि बांड के न्यूनतम इन्वेस्टमेंट फिक्स डिपाजिट से ज्यादा होते हैं लेकिन यह काफी सुरक्षित होते हैं. इसका फायदा यह होता है कि काफी सुरक्षित तरीके से लोग फिक्स डिपाजिट से ज्यादा ब्याज हासिल कर पाते हैं.
Fixed Rate Bonds
ऐसे बांड सरकार एक निश्चित समय के लिए जारी करती है जिसमें 1 तय किया हुआ ब्याज दर पहले से ही लोगों को बता दिया जाता है. मार्केट के उतार-चढ़ाव से बिना कोई मतलब रखें यह बैंड लोगों को तय समय पर तय किए गए ब्याज दरों के अनुसार पैसे वापस करती है. अमूमन ऐसे बांड के ब्याज दर 7% से 9% तक होते हैं.
Sovereign Gold Bonds (SGB)
सरकार यह समय-समय पर जारी करती है और घर में सोना रखने से ज्यादा बेहतर Sovereign गोल्ड बॉन्ड लेना उचित साबित होता है जिसमें सोने के बढ़ते कीमत का फायदा मिलता है और साथ ही साथ बॉन्ड लेने के लिए सरकार कुछ ब्याज भी अदा करती है इसमें जोखिम ना के बराबर होता है.
7.75% GOI Savings Bond
यह बांड रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के निर्देशानुसार 7.75% का ब्याज दर मुहैया कराती है और इसे कोई भी भारतीय व्यक्ति ले सकता है साथ सोने में इन्वेस्टमेंट ही साथ इसका न्यूनतम इन्वेस्टमेंट भी महज ₹1000 से शुरू हो जाता है. इस बांड पर लगने वाला टैक्स Income Tax Act 1961 के अनुरूप आता है.
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डेस्क : यूं तो आजकल इन्वेस्टमेंट के तमाम सारे ऑप्शंस मौजूद हैं, फिर भी बहुत से लोग आज भी पुराने समय से चली आ रही स्कीम्स पर ही भरोसा जताते हैं. Fixed Deposit यानी FD भी ऐसी ही भरोसेमंद स्कीम्स में से एक है. FD वैसे तो आप बैंक में भी करवा सकते हैं, लेकिन अगर आप लंबे समय के लिए अगर FD करवाना चाहते हैं, तो पोस्ट ऑफिस आपके लिए बेहतर विकल्प भी बन सकता है.
पोस्ट ऑफिस FD को टाइम डिपॉजिट के नाम से भी जाना जाता है. इसमें निवेशक को इसमें कंपाउंडिंग का भी फायदा मिलता है. अगर कंपाउंडिंग का फायदा लेना है, तो निवेश लॉन्ग टर्म के लिए करना चाहिए. पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट में लंबे समय के लिए निवेश करके आप कुछ ही समय में अपनी रकम को लगभग डबल या डबल से भी ज्यादा भी कर सकते हैं.
अलग-अलग अवधि की FD के नियम
पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट FD में आप एक साल, 2 साल, 3 साल और 5 साल तक के लिए पैसा फिक्स भी कर सकते हैं. लेकिन अगर आप इस अवधि को बढ़वाना चाहते हैं तो बढ़वा भी सकते हैं. लेकिन जितने साल की ये स्कीम होती है, वो उतने ही साल के लिए बढ़ती भी है. जैसे एक साल की FD को अगर आप बढ़वाना चाहते हैं, तो वो 1 साल के लिए ही बढ़ेगी और 5 साल की FD की समय अवधि को बढ़वाना चाहते हैं, तो वो कुल 5 साल के लिए बढ़ेगी.