बाजार के उतार

फिलहाल कच्चे तेल की कीमतें जून की शुरुआत में दिखी उच्चतम कीमतों से प्रति बैरल 30 डॉलर नीचे आ चुकी हैं। वैश्विक बाजार का सबसे बड़े संकेतक फ्रेट रेट होते हैं यानी समुद्री जहाज से होने वाले बाजार के उतार माल परिवहन का भाड़ा। इन्हें दर्शाने वाले दुनिया के सबसे लोकप्रिय ड्रुरी वर्ल्ड कंटेनर इंडेक्स में पिछले हफ्ते 8% गिरावट दर्ज हुई जो लगातार 29वें हफ्ते की गिरावट है। बाजार के उतार अप्रैल 2021 के बाद पहली बार यह इंडेक्स 40 फुट कंटेनर के लिए 5000 डॉलर से नीचे गया है।
शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव में फंसे रिटेल इनवेस्टर्स जानें कैसे बनाएं रणनीति
शेयर बाजार का तूफान तब तक शांत नहीं हो सकता जब तक इससे होने वाले नुकसान का पूरा अनुमान बाजार को न मिल जाए।
भुवन भास्कर
माना जाता है कि शेयर बाजार मध्यम से लंबी अवधि में अर्थव्यवस्था की सेहत का बैरोमीटर होते हैं। लेकिन छोटी अवधि में शेयर बाजार का व्यवहार अक्सर भ्रम पैदा कर देता है। शुक्रवार को भारतीय बाजारों के सूचकांक 2-2 प्रतिशत गिरे। कहा गया कि अमेरिकी फेड इस हफ्ते अपनी पॉलिसी समीक्षा में 75 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर सकता है, और बाजार के उतार इसलिए दुनिया भर के शेयर बाजार नर्वस हैं।
दुनिया भर में गिरावट आई है, तो भारत में भी बिकवाली का जोर बढ़ गया है। कमाल की बात यह है कि अभी फेड की पॉलिसी के नतीजे आने में 24-48 घंटे शेष हैं, लेकिन शुक्रवार की निराशा एकाएक सोमवार को बाजार से गायब दिख रही है। बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ होने के कुछ ही देर बाद फिर खरीदारों का जोश वापस आ गया है। सोमवार 19 सितंबर को सेंसेक्स 300.44 अंक की तेजी के साथ 59,141.23 के लेवल पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 91.40 अंक की तेजी के साथ 17,622.25 पर बंद हुआ। इन सबमें छोटा निवेशक या ट्रेडर हतप्रभ है कि किया क्या जाए।
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छोटे निवेशक क्या करें?
दरअसल छोटे निवेशकों या ट्रेडरों को बाजार में टिके रहने के लिए अपनी नजर मध्यम से लंबी अवधि पर टिका कर धैर्य के साथ टिक रहने चाहिए, तभी उन्हें सफलता मिल सकती है। ऐसे में बाजार में निवेशकों को क्या रुख अपनाना चाहिए, इस सवाल का जवाब भारतीय और विश्व अर्थव्यवस्था की परिस्थितियों के विश्लेषण से मिल सकता है।
वीकेंड के दौरान रेटिंग एजेंसी फिच ने एक बार फिर इस बात की पुष्टि की है कि अमेरिका और यूरोप मंदी के मुहाने पर खड़े हैं। फिच के मुताबिक यूरोजोन और ब्रिटेन इस साल के आखिर तक मंदी में चले जाएंगे, जबकि अमेरिका अगले साल मध्य तक मंदी में आ जाएगा। हालांकि अमेरिका की संभावित मंदी को ‘हल्की’ श्रेणी में बताया गया है। फिच ने 2022 के दौरान दुनिया की आर्थिक वृद्धि की संभावित दर को जून में घोषित 2.9% से आधा प्रतिशत कम कर 2.4% कर दिया है। वहीं 2023 में यह वृद्धि दर पहले जताई गई संभावना से 1% कम होकर अब 1.7% रहने की संभावना है।
'शेयर बाजार में उतार चढ़ाव'
वैश्विक बाजारों से मिले जुले संकेत और घरेलू बाजार में उतार चढ़ाव भरे कारोबार में बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का सेसेक्स 60 अंक ऊंचा बंद हुआ जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 11,350 अंक से ऊपर रहा.
देश में जारी कोरोना संकट के बीच शेयर बाजार में उतार चढ़ाव का दौर जारी है. गुरुवार को दिन के कारोबार की समाप्ती के समय सेंसेक्स में 222.80 अंकों की तेजी रही और सेंसेक्स 30602.61 अंकों पर बंद हुआ.
भारतीय शेयर बाजार में बुधवार को भी उतार चढ़ाव का दौर जारी रहा, मंगलवार की तेजी के बाद बुधवार को गिरावट दर्ज की गयी. दिन के कारोबार की समाप्ति के समय सेंसेक्स में 173 अंकों की गिरावट देखी गयी और सेंसेक्स 29893.96 के अंकों पर बंद हुआ.
शेयर बाजार निवेशकों के लिए शुक्रवार को शुरुआती 15 मिनट भारी उतार- चढ़ाव भरे रहे. शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों दस प्रतिशत से अधिक टूट गए. इस उतार चढ़ाव के बाद अंत में बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 1,325 अंक चढ़कर बंद हुआ.
शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से घबराने की जरूरत नहीं, बनता रहेगा पैसा!
- 19 फरवरी 2022,
- अपडेटेड 8:32 PM IST
शेयर बाजार में इन दिनों भारी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है. बाजार ऊपरी स्तरों पर टिक नहीं पा रहा है. ऐसे में निवेशकों की घबराहट बढ़ गई है. लेकिन इस वक्त बाजार में उतार-चढ़ाव से घबराने की जरूरत नहीं है. क्योंकि बाजार के फंडामेंटल मजबूत हैं. बाजार की सेहत का तगड़ा पैमाना कॉरपोरेट अर्निंग है. जो कि न सिर्फ मजबूत है बल्कि आगे भी इसमें अच्छी खासी ग्रोथ का अनुमान है. निफ्टी की 50 कंपनियों की औसत प्रति शेयर आय में इस साल 40 फीसदी उछाल आने का अनुमान है.
शेयर बाजार में आए नए या युवा निवेशक अक्सर कुछ सामान्य गलतियां करते हैं. इस वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना बाजार के उतार पड़ता है. कि . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : February 28, 2022, 08:05 IST
Investment Tips: रूस-यूक्रेन संकट के बीच दुनिया भर के शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव चल रहा है. भारतीय शेयर बाजार में उथल-पुथल जारी है. इन सबके बीच निवेशक सोच रहे हैं कि कहां और कैसे निवेश करें. किन गलतियों से बचें और क्या करें ? खासतौर से कोरोना के बाद कोरोड़ों की संख्या में नए डिमैट अकाउंट खुले हैं. इन नए निवेशकों को कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
शेयर बाजार में आए नए या युवा निवेशक अक्सर कुछ सामान्य गलतियां करते हैं. इस वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है. किसी निवेशक को कुछ बुनियादी बातों को जरूर सीखना चाहिए और सामान्य सी गलतियां करने से बचना चाहिए.