क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान

टॉफी से भी सस्ती हैं यह क्रिप्टोकरेंसीज, कम कमाई वाले भी कर सकते हैं निवेश
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में एक रुपए से सस्ती क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में मौजूद हैं। क्रिप्टोकरेंसी शिब की बात करें तो आज वो 0.000547 रुपए पर कारोबार कर रही है।
वर्चुअल करेंसी की दुनिया की कुछ क्रिप्टोकरेंसी ऐसी भी जिनकी कीमत एक कैंडी या यूं कहें कि एक टॉफी के बराबर या उनसे भी कम है। जिनमें निवेश कर कम कमाई करने वाले या हाउस होल्ड वुमेंस भी इसमें निवेश कर सकती हैं। लांग टर्म में अच्छा रिटर्न पा सकते हैं। आज हम आपके सामने ऐसी क्रिप्टोकरेंसी सामने लेकर आ रहे हैं, जिनकी कीमत दो रुपए या उससे भी कम हैं।
एक रुपए से भी है इनके दाम
बाजार में मौजूदा समय में आज भी एक रुपए की टॉफी अवेलेबल हैं। जबकि क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में एक रुपए से सस्ती क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में मौजूद हैं। क्रिप्टोकरेंसी शिब की बात करें तो आज वो 0.000547 रुपए पर कारोबार कर रही है। जबकि विन के दाम 0.0496 हैं। डेंट की कीमत की बात करें तो मौजूदा समय में 0.477 रुपए पर कारोबार कर रहा है। जबकि बीटीटी की कीमत 0.33440 रुपए के आसपास है। वहीं हॉट के दाम 0.838 रुपए देखने को मिले हैं।
दो रुपए से भी कम है इन क्रिप्टोकरेंसी के दाम
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क्रिप्टोकरेंसी के नाम | कीमत (रुपए में) |
शिब | 0.000547 |
विन | 0.0496 |
डेंट | 0.477 |
बीटीटी | 0.33440 |
हॉट | 0.838 |
सीकेबी | 1.16 |
आरईईएफ | 1.90 |
दो रुपए से कम है इनके दाम
वहीं दूसरी ओर वर्चुअल करेंसी की दुनिया में कुछ करेंसी ऐसी भी हैं जिनके दाम एक रुपए से ज्यादा हैं, लेकिन दो रुपए से कम है। जबकि आप बाजार में जाते हैं तो चॉकलेट कैंडी क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान के दाम दो रुपए या उससे ज्यादा होते हैं। क्रिप्टोकरेंसी सीकेबी के दाम 1.16 रुपए हैं। आरईईएफ की कीमत 1.90 रुपए के आसपास है।
कम कमाई वाले भी कर सकते हैं निवेश
जानकारों की मानें तो यह वो करेंसी हैं जिनमें कम कमाई करने वाले भी निवेश कर सकते हैं। जिसमें स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स शामिल हो सकते हैं। वहीं घर का काम करने वाली हाउस होल्ड महिलाएं भी शामिल हो सकती हैं। जो एक एक रुपया जोड़कर अपने पास रखती हैं। वहीं वो लोग भी इनमें निवेश कर सकते हैं जिनकी सैलरी बेहद कम है।
ज्यादा नुकसान नहीं
एकसपर्ट के अनुसार ऐसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से नुकसान गुंजाइश काफी कम रहती है, क्योंकि इनकी कीमत काफी कम होती हैं। अगर ऐसी क्रिप्टोकरेंसी की क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान कीमत में ज्यादा उतार चढ़ाव भी देखने को मिलता है तो नुकसान ज्यादा नहीं होता है या यूं कहें कि ना के बराबर होता है। आपको बता दें कि इनमें कुछ क्रिप्टोकरेंसी ऐसी भी हैं जिनकी लांचिंग को साल भर भी नहीं हुआ है।
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में बहार
वहीं बात बिटकॉइन की करें तो 5 फीसदी की तेजी देखने को मिल रही है। जिसके बाद दाम 49349 डॉलर हो गए हैं। वहीं इथेरियम के दाम में 9 फीसदी का इजाफा देखने को मिल रहा है जिसकी वजह से कीमत 3760 डॉलर के पार चली गई है। डॉगेकॉइन के दाम भी 8 फीसदी के इजाफे के साथ कारोबार कर रहा है। जिसके बाद दाम 0.2991441 डॉलर हो गए हैं।
एक Tweet से कंगाल हो गए क्रिप्टोकरेंसी के CEO सैम बैंकमैन फ्राइड, झटके में हुआ अरबों का नुकसान
डीएनए हिंदी: 30 साल से भी कम उम्र में बिलियन कमाकर सुर्खियों में आए क्रिप्टोकरेंसी FTX के सीईओ सैम बैंकमैन फ्राइड अपने एक ट्वीट की वजह से रातों रात कंगाल हो गए. उनकी अरबों रुपये की संपत्ति में 94 प्रतिशत भारी गिरावट आई है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट की मानें तो अरबपति की संपत्ति में कुछ ही घंटों में आने वाली यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावटों में से एक है.
इस एक ट्वीट के बाद अचानक से आई बड़ी गिरावट
क्रिप्टोकरेंसी में से एक FTX को लेकर उसके सीईओ 30 वर्षीय सैम बैंकमैन फ्राइड क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान ने एक ट्वीट कर घोषणा की थी कि उनके क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स को Binance खरीद रहा है. इसके बाद दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म Binance के प्रमुख चांगपेंग झाओ ने भी इस डील को कन्फर्म किया. साथ ही कहा कि उनकी कंपनी ने एफटीएक्स खरीदने के लिए एक लेटर लॉफ इंटेंट पर साइन किए थे. इसी के बाद रातों रात सैम बैंकमैन फ्राइड की संपत्ति पर मानों डाका पड़ गया. कुछ ही घंटों में सैम की संपत्ति 15.2 बिलियन डॉलर में 94 प्रतिशत की गिरावट आई. उनकी कुल संपत्ति में 14.6 बिलियन डॉलर 1167 अरब रुपए कट गई.
वहीं एफटीएक्स में डील करने वाले क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म Binance के प्रमुख ने कहा कि एफटीएक्स को छोटे एक्सचेज में महत्वपूर्ण लिक्किडिटी संकट का सामना करना पड़ रहा था. उन्हें कंपनी खरीदने का ऑफर मिला. अरबपति से अचानक रातों रात कंगाल हुए 30 वर्षीय फ्राइड के लिए भयंकर झटका था. उन्हें कम उम्र में इतनी संपत्ति कमा पाने के लिए ही सोशल मीडिया पर एसबीएफ के रूप में जाना जाता था.
बचपन से ही होनहार थे फ्राइड
30 वर्षीय सैम बैंकमैन फ्राइड बचपन से ही बहुत होनहार छात्र थे. वह स्टैनफॉर्ड लॉ स्कूल के प्रोफेसर के बेटे हैं. फ्राइड ने कुलीन मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से स्नातक करने के बाद नौकरी शुरू की थी. वह मैथ्स में बहुत ही अच्छे थे. पढ़ाई पूरी करने के बाद फ्राइड ने 2017 में नौकरी शुरू कर क्रिप्टोकरेंसी का रुख किया. यहां वॉल स्ट्रीट से लेकर अन्य कई एजेंसियों में दलाल के रूप में काम किया. देखते ही देखते मात्र 30 साल की उम्र में फ्राइड ने बिलियन डॉलर की नेटवर्थ बना ली. अपने खानपान और दिनचर्या को लेकर भी सैम बैंकमैन फ्राइड खास चर्चाओं में रहे थे. वह रात में मात्र 4 घंटे की नींद लेने के साथ ही सिर्फ शाकाहारी भोजन करते हैं.
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RBI लाएगा अपनी Digital Currency, साल के अंत तक आएगा मॉडल- जानें इससे जुड़ी खास बातें
RBI Digital Currency: दूसरी क्रिप्टोकरेंसी की तरह हमारी अपनी डिजिटल करेंसी होगी. लेकिन, ये पूरी तरह से रेगुलेटेड होगी. डिजिटल करेंसी किसके पास है इसकी जानकारी RBI को होगी.
इंडियन डिजिटल करेंसी बिटकॉइन जैसी प्राइवेट वर्चुअल करेंसी यानी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से होने वाले नुकसान से बचाएगी. फोटो: शुभम् शुक्ला
जल्द ही अपना भी डिजिटल रुपया (Digital Rupee) होगा. आपके लेन-देन का तरीका बदल जाएगा. रुपया अब पॉकेट में रखने तक सीमित नहीं होगा. जेब से निकलकर वर्चुअल वर्ल्ड में सर्कुलेट होगा. ये आपको जेब में रखने के लिए नहीं मिलेगा. प्रिंट भी नहीं होगा. बल्कि टेक्नोलॉजी के जरिए आपके काम आएगा. जैसे- क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Cryptocurrency Bitcoin). जिसका क्रेज हर किसी के क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान सिर चढ़कर बोल रहा है. वैसा ही होगा हमारा अपना डिजिटल रुपया. अच्छी बात ये है कि इसे हमारी सरकार, RBI रेगुलेट करेगा. इसलिए पैसा डूबने का खतरा नहीं होगा.
साल के अंत तक आएगी डिजिटल करेंसी
RBI ने मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान किया. रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया. लेकिन, आपके काम की बहुत दिलचस्प बात सामने निकल कर आई. पिछले कुछ साल से वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency), डिजिटल करेंसी जैसे नाम सुन रहे होंगे. अब तैयार रहिए क्योंकि, RBI अपनी डिजिटल करेंसी पर काम कर रहा है और साल के अंत तक इसका मसौदा भी तैयार हो जाएगा. RBI Governor शक्तिकांता दास ने कहा कि डिजिटल करेंसी का मॉडल साल के अंत तक आ जाएगा.
टेक्नोलॉजी और डिस्ट्रीब्यूशन पर चल रहा है काम
डिजिटल करेंसी (Indian Digital Currency) की टेक्नोलॉजी और डिस्ट्रीब्यूशन पर काम चल रहा है. ये कैसे काम करेगी इसका फ्रेमवर्क भी तैयार हो रहा है. हाल ही में RBI के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी के वेबिनार में कहा था कि भारत को भी डिजिटल करेंसी की जरूरत है. यह बिटकॉइन जैसी प्राइवेट वर्चुअल करेंसी यानी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से होने वाले नुकसान से बचाएगी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक इस पर काम कर रहा है. RBI ने साफ कर दिया है कि प्राइवेट वर्चुअल करेंसी को लेकर उसने सरकार को अपनी चिंताएं बता दी हैं.
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सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) हो सकता है नाम
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के जाल से बचाने के लिए सेंट्रल बैंक यानि RBI अपनी डिजिटल करेंसी इंट्रोड्यूस करेगा. इसका नाम CBDC- सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी हो सकता है. हालांकि, इसके नाम पर अभी फैसला नहीं हुआ है. डिजिटल करेंसी का फायदा ये होगा कि इससे डिजिटली लेन-देन कर सकेंगे.
कैसे काम कर सकता है Digital Rupee?
अभी इसके काम करने के तरीके को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं है. अगर सूत्रों की मानें सबसे पहले सेंट्रल बैंक-RBI डिजिटल करेंसी जारी करेगा. ये आपको मिलेगी. आप जिसे पेमेंट करना चाहेंगे उसे इससे पेमेंट कर सकेंगे और उसके अकाउंट में ये पहुंच जाएगी. हालांकि, इसके लिए न कोई वॉलेट होगा और न ही कोई क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान बैंक अकाउंट. ये बिल्कुल कैश की तरह काम करेगी, लेकिन टेक्नोलॉजी के जरिए डिजिटल काम करेगी. एक तरह से कैश का इलेक्ट्रॉनिक रूप होगा.
क्रिप्टोकरेंसी से कैसे अलग होगी?
क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से प्राइवेट है. इसे कोई मॉनिटर नहीं करता और किसी सरकार या सेंट्रल बैंक का कंट्रोल नहीं होता. ऐसी करेंसी गैरकानूनी होती हैं. लेकिन, आरबीआई जिस करेंसी पर काम कर रहा है, वो पूरी तरह से RBI ही रेगुलेट करेगा. सरकार की मंजूरी क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान होगी. डिजिटल रुपया की क्वांटिटी की भी कोई सीमा नहीं होगी. जैसे बिटकॉइन की होती है.
Crypto Market में गिरावट के बाद फिर से जगी उम्मीद, Bitcoin 20 हजार डॉलर के पार पहुंचा
नई दिल्ली. क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) से पिछले काफी दिनों से निवेशकों को लगातार झटका लगा रहा है. बीते कुछ दिनों से क्रिप्टोकरेंसी में लगातार गिरावट जारी है. हालांकि सोमवार को निवेशकों के लिए थोड़ी राहत भरी खबर रही है. दुनिया की सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) के भाव में पिछले 24 घंटों में 9 फीसदी का उछाल देखने को मिला है. इसके बाद अब बिटकॉइन का भाव 1,28,268 रुपये बढ़कर फिर से 20,000 के डॉलर के पार पहुंच गया है. हालांकि शनिवार को क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के दाम 20 हजार डॉलर के नीचे क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान पहुंच गए हैं.
- 2020 के बाद पहली बार बड़ी गिरावट
- एक लाख करोड़ डॉलर के नीचे मार्केट वैल्यू
- एक हफ्ते में 22 लाख करोड़ रुपये का नुकसान
2020 के बाद पहली बार बड़ी गिरावट
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में साल 2020 के बाद पहली बार इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिली है. शनिवार को Bitcoin समेत सभी पॉपुलर करेंसी 8-10% की गिरावट के साथ ट्रेड किए हैं. Bitcoin के लिए क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में एक ऐसा समय रहा है, जब बिटकॉइन की बैल्यू 69,000 डॉलर तक गई थी. हालांकि, अब क्रिप्टोकरेंसी में लगातार गिरावट जारी है.
एक लाख करोड़ डॉलर के नीचे मार्केट वैल्यू
डिजिटल करेंसी में गिरावट का नतीजा यह रहा है कि इस हफ्ते क्रिप्टोकरेंसी का कुल मार्केट कैप एक लाख करोड़ डॉलर के नीचे आ गया है. खास बात है कि क्रिप्टो मार्केट कैप 10 जनवरी को 1.87 लाख करोड़ डॉलर था, जो शनिवार तक 88 हजार करोड़ डॉलर पर आ गया. इस दौरान बिटक्वाइन और इथेरियम सहित कई क्रिप्टोकरेंसी के दाम लगातार टूटने का नया रिकॉर्ड बनाते रहे हैं. बिटकॉइन के बाद सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम के दाम में भी तेजी देखने को मिली है.
एक हफ्ते में 22 लाख करोड़ रुपये का नुकसान
इथेरियम का भाव 9,285 क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान रुपये चढ़कर 88,348 रुपये का हो गया. इथेरियम का मार्केट कैप भी इस वृद्धि के साथ 10.0 ट्रिलियन रुपये पर पहुंच गया. बता दें कि क्रिप्टो मार्केट में पिछले हफ्ते भारी गिरावट दर्ज की गई थी. लगातार गिरावट से निवेशकों के होश उड़ गए थे. एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरे हफ्ते में क्रिप्टोकरेंसी बाजार में निवेश करने वालों को 22 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.
क्रिप्टोकरेंसी पर लगेगा टैक्स; जानें बिटकॉइन, NFT इन्वेस्टर्स और माइनिंग से जुड़े नियम
भारत सरकार अपने पिछले बजट में नया नियम लेकर आई और देश में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाने की शुरुआत हुई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए सेक्शन 115BBH से जुड़ी घोषणा की, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी, नॉन-फंजिबल टोकन्स (NFTs) और वर्चुअल डिजिटल असेट्स से जुड़े टैक्स रेट और इसकी गणना का तरीका बताया गया है। यानी कि अब क्रिप्टो टोकन्स या वर्चुअल असेट्स होल्ड करने वाले टैक्सपेयर्स को इसके बदले टैक्स देना होगा।
देना होगा 30 प्रतिशत क्रिप्टो टैक्स
बजट में बताए गए नियमों के मुताबिक, सभी तरह के वर्चुअल असेट्स पर अब 30 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसीज और डिजिटल असेट्स से जुड़े हर तरह के लेनदेन के साथ सोर्स पर एक प्रतिशत टैक्स (TDS) कटेगा। साथ ही, टैक्सपेयर की ओर से किसी एक तरह के वर्चुअल डिजिटल असेट्स के नुकसान की भरपाई दूसरे डिजिटल टोकेन से जुड़े लेनदेन से हुए फायदे से नहीं की जा क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान सकेगी।
क्या हैं नए क्रिप्टोकरेंसी टैक्स से जुड़े नियम?
क्रिप्टोकरेंसीज, NFTs और दूसरे वर्चुअल असेट्स की बिक्री से हुई कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स का भुगतान करना होगा। क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े लेनदेन करने के दौरान अलग से कोई डिडक्शन (कटौती) नहीं किया जाएगा। क्रिप्टोकरेंसी या वर्चुअल असेट्स से हुए नुकसान को किसी दूसरी तरह की आय (शेयर या म्यूचुअल फंड्स) के साथ नहीं दिखाया जा सकेगा। इस तरह टैक्स कैल्कुलेशन के दौरान सभी तरह का नुकसान अनदेखा करते हुए केवल इससे हुए लाभ पर ही टैक्स लिया जाएगा।
वर्चुअल गिफ्ट्स पर भी देना होगा टैक्स
नए नियमों में कहा गया है कि डिजिटल असेट्स से जुड़े नुकसान को अगले साल के लिए कैरी फॉरवर्ड नहीं किया जा सकेगा। साथ ही, अगर कोई टैक्सपेयर एक साल में डिजिटल असेट्स के साथ 50,000 रुपये से ज्यादा का भुगतान करता है तो एक प्रतिशत TDS की कटौती होगी। खास बात यह है कि गिफ्ट में दी गईं क्रिप्टोकरेंसीज, NFTs और वर्चुअल असेट्स पर भी उन्हें पाने वाले को टैक्स का भुगतान करना होगा।
क्या होते हैं वर्चुअल असेट्स?
वर्चुअल असेट्स या NFTs दरअसल ऐसे टोकन होते हैं, जिनकी दूसरी कॉपी नहीं होती। जैसे सामान्य लेनदेन करने के लिए कागजी दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है, NFTs के रिकॉर्ड्स डिजिटल वर्ल्ड में स्टोर होते हैं। क्रिप्टोकरेंसी में NFTs की खरीददारी होने के चलते इसकी जानकारी ब्लॉकचेन पर स्टोर की जाती है। ब्लॉकचेन एक प्राइवेट नेटवर्क है, जो क्रिप्टोकरेंसी में होने वाले लेनदेन को पब्लिक डोमेन पर मॉनीटर करता है। ब्लॉकचेन पर किए गए लेनदेन कोई भी देख सकता है।
डिजिटल रुपया भी लेकर आएगी सरकार
वित्त मंत्री सीतारमण ने इसी साल डिजिटल रुपया लाने का भी ऐलान किया है। इसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जारी करेगा। यह नकदी का इलेक्ट्रॉनिक रूप होगा और इसे डिजिटल करेंसी भी कहा जा सकेगा। इससे अर्थव्यवस्था में नकदी पर निर्भरता कम हो जाएगी।
क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?
क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह वर्चुअल या डिजिटल होती है। इसे देखा या छुआ नहीं जा सकता है, लेकिन डिजिटल कॉइन के रूप में ऑनलाइन वॉलेट में जमा क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान किया जा सकता है। यह एक तरह की डिजिटल कैश प्रणाली है, जो पूरी तरह के कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर निर्भर है। इसी पर किसी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। साल 2009 में बिटकॉइन के साथ इसकी शुरुआत हुई और ढेरों नाम इस वर्चुअल करेंसी सिस्टम से जुड़ते चले गए।