निवेश की अवधि

आवर्ती जमा यानी रेकरिंग डिपाजिट खाता एक ऐसा खाता है जहां पहले से तय अवधि के लिए एक निश्चित अंतराल पर खाते में एक निश्चित क़िस्त चुकता किया जाता है. ये सभी किस्तें एक ही दिन परिपक्व होतीं हैं. साधारण शब्दों में आवर्ती जमा खाता एक ही राशि के एक से अधिक सावधि जमा खातों के समान है जो एक ही दिन परिपक्व होते हैं.
भारत में निवेश के ins और बहिष्कार
These articles, the information therein and their other contents are for information purposes only. All views and/or recommendations are those of the concerned author personally and made purely for information purposes. Nothing contained in the articles निवेश की अवधि should be construed as business, legal, tax, accounting, investment or other advice or as an advertisement or promotion of any project or developer or locality. Housing.com does not offer any such advice. No warranties, guarantees, निवेश की अवधि promises and/or representations of any kind, express or implied, are given as to (a) the nature, standard, quality, reliability, accuracy or otherwise of the information and views provided in (and other contents of) the articles or (b) निवेश की अवधि the suitability, applicability or otherwise of such information, views, or other contents for any person’s circumstances.
निवेश करना सीखें
मेटा विवरण : निवेशन और निवेश करना क्यों जरूरी है, इस बारे में हम जान चुके हैं. निवेशन वह प्रक्रिया निवेश की अवधि है जिसमें आपका धन आपके लिए क्रियाशील रहता है और बढ़ता जाता है. हमने निवेश के अलग-अलग विकल्पों के बारे में भी जाना है. इस पाठ में हम सबसे सबसे प्रचलित निवेशों में से एक यानी बैंक जमा (बैंक डिपॉजिट्स) को समझेंगे.
निवेशन एक ऐसा शानदार माध्यम है जिसके सहारे आपके विशेष परिश्रम के बगैर आपकी बचत राशि बढ़ती जाती है. निवेश करने से आपको ब्याज और लाभांश के माध्यम से आमदनी अर्जित करने में मदद मिलती है. अपनी बचत में वृद्धि करने और इस पर अतिरिक्त आमदनी कमाने का यह सबसे बढ़िया तरीका है. (अधिक जानकारी के लिए ‘निवेशन क्या है’ पढ़ें).
किसी भी व्यक्ति के लिए निवेश करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. निवेश करने का सबसे अधिक ज़रूरी कारण यह है कि मुद्रास्फीति यानी महँगाई के असर से पैसों का मूल्य हर साल घट जाता है. हर साल वस्तुओं और सेवाओं की लागत बढ़ जाती है. इसका सीधा मतलब यह है कि 100 रुपये में आप आज जितना सामान खरीद सकते हैं, एक साल के बात उतना नहीं खरीद पायेंगे. मुद्रास्फीति की दर के आधार पर एक साल बाद उसी 10 रुपये के उसी सामान के लिए आपको 105 या 110 रुपये देने पड़ सकते हैं. इस घाटे की भरपाई के लिए निवेश करना ज़रूरी है. (अधिक जानकारी के लिए ‘निवेश क्यों करें’ पढ़ें).
तमिलनाडु सरकार तरल चिकित्सा ऑक्सीजन संयंत्र लगाने के लिए निवेश की अवधि दिसंबर 2022 तक बढ़ाई
तमिलनाडु सरकार ने राज्य में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन निवेश की अवधि संयंत्र लगाने के लिए निवेश की अवधि 31 दिसंबर 2022 तक बढ़ा दी है। आज जारी राज्य सरकार के आदेश में कहा गया है कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और ऑक्सीजन सिलेन्डर के निर्माण, मेडिकल ऑक्सीजन और बड़े तरल चिकित्सा ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना में निवेश को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज दिए जाएंगे।
दो बड़ी कंपनियों ने ऑक्सीजन के उत्पादन में रूचि दिखाई है। सरकार ने भूमि, स्टांप शुल्क, विद्युत कर में रियायतें, निवेश की अवधि प्रशिक्षण सब्सिडी, बौद्धिक संपदा सृजन और ऑक्सीजन निर्माताओं को गुणवत्ता प्रमाणन प्रोत्साहन देने का आश्वासन दिया है।
एसआइपी : जितना लंबा निवेश, उतना ज्यादा फायदा
आजकल अधिकतर वित्तीय सलाहकार हमेशा से यही सलाह देते हैं कि इक्विटी फंड में निवेश का लक्ष्य छोटी अवधि के बजाय लंबी अवधि का होना चाहिए क्योंकि जितने लंबे समय के लिए निवेश करेंगे, रिटर्न उतना ही बेहतर होता है. विशेषज्ञों के अनुसार लंबी अवधि का लक्ष्य रखने से बाजार के उतार-चढ़ाव का निवेश पर ज्यादा असर नहीं होता और बाजार का जोखिम इसमें कवर हो जाता है. क्रिसिल ने भी अपने रिसर्च में कहा है कि लंबी अवधि के निवेश से निगेटिव रिटर्न का खतरा न के बराबर हो जाता है. रिपोर्ट के अनुसार सही म्यूचुअल फंड का चुनाव कर लंबी अवधि के लिए लक्ष्य निवेश की अवधि तय करें, तो एसआइपी के जरिये आप मोटी रकम जुटा सकते हैं.
क्रिसिल ने अपनी रिसर्च में और भी कई रोचक निष्कर्ष दिये हैं. रिसर्च में क्रिसिल-एम्फी इक्विटी फंड प्रदर्शन इंडेक्स के पिछले 15 साल से जून 2019 तक के प्रदर्शन को आधार बनाया गया है. इसमें देखा गया है कि 15 साल में 5,000 रुपये हर महीने एसआइपी के आधार पर इक्विटी फंडों का में निवेश करने पर उनका प्रदर्शन कैसा रहा. इंडेक्स में लार्ज-कैप इक्विटी, लार्ज-कैप और मिडकैप इक्विटी, मल्टी-कैप, मिडकैप, स्मॉल-कैप इक्विटी, फोकस्ड इक्विटी और वैल्यू और कॉन्ट्रास्ट कैटेगरी से म्यूचुअल फंड स्कीम शामिल किया गया.
Investment Tips: छोटे निवेश के माध्यम से बड़ा कोष बनाने में काम आएगी ये रणनीति, आप भी जानें
- म्यूचुअल फंड में निवेश का सबसे सुरक्षित तरीका सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान है।
- SIP में लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न की संभावना होती है।
- आपको एसआईपी में 15 से 20 साल तक जारी रखना चाहिए।
Investment Tips: म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) निवेशकों के लिए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) निवेश का एक बेहतर विकल्प है। इक्विटी म्यूचुअल फंड (MF) योजना में एसआईपी करने के पीछे उद्देश्य किसी आवधि में छोटे निवेश के माध्यम से एक बड़ा कोष बनाना है। जो लोग पिछले पांच वर्षों में म्यूचुअल फंड योजनाओं में एसआईपी के माध्यम से निवेश कर रहे हैं, उन्हें पहले ही इसकी क्षमता का एहसास हो गया है क्योंकि बाजार में आई तेजी की वजह से उनका निवेश दोगुना से अधिक हो गया है। निवेश विशेषज्ञों के अनुसार, आपको अपने एसआईपी को लंबे समय तक यानी 15 से 20 साल तक जारी रखना चाहिए।