डे ट्रेडिंग स्टॉप लॉस

अरून और ईएमए क्रॉसओवर स्ट्रैटेजी
यह एक इंट्रा डे स्ट्रैटेजी है और हम 15 मिनट के इंट्राडे चार्ट पर इसका उपयोग करेंगे।
What is Stop Loss in Hindi – स्टॉप लोस क्या होता है स्टॉप लोस कहाँ तथा कैसे लगायें
What is Stop Loss in Hindi – स्टॉप लोस क्या होता है स्टॉप लोस कहाँ डे ट्रेडिंग स्टॉप लॉस तथा कैसे लगायें : अक्सर निवेशक शेयर बाज़ार (Share Market) में ट्रेडिंग करते समय एक छोटी सी गलती के कारण अपने पैसे गवा देते हैं। जिससे उन्हें लॉस हो जाता है।ऐसे में स्टॉप लॉस (Stop Loss) एक सुरक्षा कवच की तरह काम करती है।
स्टॉप लॉस (Stop Loss) निवेशकों को उतार-चढ़ाव (volatility) के नुकसान से बचाता है। तो चलिए दोस्तों इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानते हैं कि स्टॉप लॉस क्या है (What is Stop Loss in Hindi) और यह किस तरीके से काम करता है।
स्टॉप लोस क्या होता है – What is Stop Loss in Hindi
शेयर बाज़ार में जब ट्रेडर्स ट्रेडिंग करते हैं, तो उनमें होने वाले उतार-चढ़ाव के नुकसान से स्टॉप लॉस (Stop Loss) बचाता है। शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग करते समय परिस्थितियों कुछ भी हो सकती है। इसमें जितना लाभ कमाने की संभावना होती है ठीक उतना ही नुकसान होने का चांस रहता है।
इसी नुकसान को कम करने के लिए स्टॉप लॉस (Stop Loss) काम करता है और ट्रेडिंग के दौरान जब आप स्टॉप लॉस (Stop Loss) का उपयोग करते हैं। तो यह आपके रिक्स लेने की क्षमता को बताता है।
स्टॉप लॉस किस तरीके से काम करता है – How to Put Stop Loss in Hindi
- मान लीजिए आप कोई 200 रुपए का शेयर किसी भी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से खरीदते हैं और उस शेयर को 230 रुपए के प्राइस पर बेचना चाहते हैं।
- लेकिन शेयर बाज़ार में होने वाले ज्यादा उतार-चढ़ाव (volatility) के कारण आप उस शेयर पर केवल 5 रुपये का रिक्स ले सकते हैं। तो उसके लिए स्टॉप लॉस (Stop Loss) 195 रुपये पर लगाना होगा।
- स्टॉप लॉस लगाने के लिए उस शेयर के Exit या sell के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। जिसके बाद स्टॉप लॉस (Stop Loss) का ऑप्शन दिखाई देगा।
- मार्केट ऑर्डर और स्टॉप लॉस के साथ आपको वहाँ ट्रिगर प्राइस (trigger price) में जाकर 195 रुपया भरना होगा। इसके उपरांत आर्डर पैलेस कर दें।
- अब जब भी शेयर का प्राइस गिरने लगेगा तो ट्रिगर प्राइस को टच करते ही 195 रुपये पर स्टॉप लॉस (Stop Loss) लगाए जाने के वजह से ऑटोमेटिक सेल ऑर्डर लग जाएगा।
स्टॉप लॉस लगाने के फायदे – What are the Benefits of Putting a Stop Loss in Hindi
- इसका इस्तेमाल करने पर हमें कोई भी एक्स्ट्रा चार्ज पे नहीं करना पड़ता।
- हमारे होने वाले नुकसान को सीमित कर देता है।
- ट्रेडिंग करते समय स्टॉप लॉस (Stop Loss) लगाने से बार-बार स्टॉक की निगरानी नहीं करनी पड़ती।
- हमारे रिक्स लेने की क्षमता को बेहतर बनाता है।
अरूण और ईएमए क्रॉसओवर को मिलाकर एक नई इंट्राडे स्ट्रेटेजी
मुझे उम्मीद है कि इंडिकेटर कोम्बिनेशंस की इस सिरीज़ का आप आनंद ले रहे होंगे। इस हफ्ते हम एक नई जोड़ी- अरून ऑसिलेटर और मूविंग एवरेज क्रॉस ओवर के साथ एक इंट्राडे ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी उजागर करने जा रहे हैं।
अरून ओसिलेटर
अरून शब्द मूलत संस्कृत से लिया गया है और इसका अर्थ होता है सुबह की पहली रौशनी। इस इंडिकेटर के डेवलपर तुषार चंदे ने यह नाम चुना क्योंकि यह इंडिकेटर एक नए ट्रेंड की शुरुआत का संकेत देने के लिए बनाया गया है।
अरून एक ट्रेडर को जल्दी ट्रेंड में उतरने और उसके रुकने पर बाहर निकालने में मदद कर सकता है। इसके विपरीत, यदि आप एक रेंज में ट्रेड करना पसंद करते हैं, तो भी आप एक ठोस काउंटर-ट्रेंड ट्रेडिंग सिस्टम बनाने के लिए अरून स्ट्रैटेजी का उपयोग कर सकते हैं। इसलिए, यह डे-ट्रेडर्स के लिए लगातार लाभदायक साबित हुआ है।
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इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बेहतरीन शेयर कौन से है 2021
इंट्राडे ट्रेडिंग का अर्थ होता है कि स्टॉक मार्केट खुलने और बंद होने के अंतराल जो भी खरीदारी और बिकवाली होती है उसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहते हैं शेयर बाजार का समय सुबह 9:15 से शाम 3:30 तक होता है इस बीच हम जब किसी शेयर की खरीदारी और बिकवाली करते हैं तो उसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहते हैं और ध्यान रहे जिस शेयर को आपने मार्केट के समय खरीदा है उसे मार्केट के बंद होने के अंतराल बेचना भी होता है इस प्रकार इंट्राडे ट्रेडिंग होती है
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए खरीदे गए शेयरों को 3:15 पर बेचना अनिवार्य हो जाता है यदि आपने 3:15 पर शेयर को नहीं बेचा तो वह मार्केट प्राइस पर ऑटो स्क्वायर ऑफ हो जाते हैं
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है ? समझे आसान भाषा में What is intraday trading in Hindi
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है- दोस्तों नमस्कार आज डे ट्रेडिंग स्टॉप लॉस हम बात करेंगे इंट्राडे ट्रेडिंग की अगर आप शेयर बाजार में नए हैं और निवेश करने की सोच रहे हैं तो आपने टीवी पर या कहीं सुना या पढ़ा होगा इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में आज हम आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में सब कुछ बताएंगे इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे तथा नुकसान तथा इंट्राडे डे ट्रेडिंग स्टॉप लॉस ट्रेडिंग में क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए सब कुछ बताएंगे । इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है जैसा कि इंट्राडे ट्रेडिंग या डे ट्रेडिंग के नाम से ही पता चलता है कि जिस दिन खरीदा उसी दिन बेचना उसको हम इंट्राडे ट्रेडिंग बोलते हैं भारतीय शेयर बाजार खुलने का समय सुबह 9:15 है जबकि बंद होने का समय 3:15 है तो आप इसी समय के अंतराल पर कोई शेयर खरीदते या बेचते हैं तो वह डे ट्रेडिंग या इंट्राडे ट्रेडिंग माना जाएगा डे ट्रेडिंग स्टॉप लॉस अगर किसी कारणवश आप आज खरीदे हुए शेयर आज ना बेचकर कल या डे ट्रेडिंग स्टॉप लॉस दो-तीन दिन बाद बेचते हैं तो उसे डिलीवरी माना जाएगा। What is intraday trading in Hindi
इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे Benefits of intraday trading
इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे
- इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे– इंट्राडे ट्रेडिंग की काफी फायदे भी हैं जो कि निम्न प्रकार हैं इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है
- एक ही दिन में लाभ या हानि- अगर आप रिसर्च तथा एनालिसिस करके इंट्राडे ट्रेडिंग कर रहे हैं तो आप इसमें अवश्य लाभ उठा सकते हैं कभी-कभी शेयर एक ही दिन में 20% से 30% तक भाग जाते हैं और आप एक ही दिन में 20% से 30% तक का मुनाफा कमा सकते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है
- कम पैसों में अधिक शेयर खरीद सकते हैं- इंट्राडे ट्रेडिंग में यह भी एक अच्छी सुविधा है कि जिसमें आप मार्जिन मनी का उपयोग कर सकते हैं मार्जिन मनी का अर्थ होता है आपके ट्रेडिंग अकाउंट में अगर 10 हजार रुपए हैं और आपका ब्रोकर आपको 10 गुना लिमिट देता है तो 10000 ×10 = 1 लाख आप ₹10,000 पर मार्जिन यूज़ करके एक लाख तक का माल उठा सकते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है
- कम ब्रोकरेज देना होता है – इंट्राडे ट्रेडिंग या डे ट्रेडिंग आपको कम ब्रोकरेज देना होता है जबकि डिलीवरी में आपको ज्यादा ब्रोकरेज देना होता है। What is intraday trading in Hindi
इंट्राडे ट्रेडिंग डे ट्रेडिंग के नुकसान Loss of intraday trading day trading
- इंट्राडे ट्रेडिंग डे ट्रेडिंग के नुकसान–
- एक ही दिन में सौदा खत्म करना होता है- इंट्राडे ट्रेडिंग का एक यह भी नुकसान है कि आप को एक ही दिन में सौदा खत्म करना होता है अगर आप ने मार्जिन का उपयोग करके ट्रेडिंग की है तो आपको मार्केट क्लोज होने के पहले अपना सौदा काटना होगा अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपका ब्रोकर मार्केट क्लोज होने के पहले आपका माल बेच देगा। इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है
- ज्यादा रिस्क – हमने ऊपर प्रॉफिट की बात की लेकिन केवल प्रॉफिट होता तो हर कोई इंट्राडे ट्रेडिंग ही करता इंट्राडे ट्रेडिंग काफी रिस्क भरा होता है।
- ऑपरेटरों का नियंत्रण – कुछ शेयरों पर ऑपरेटरों का नियंत्रण होता है वह कुछ शेयरों के प्राइस अपने फायदे के लिए घटा या बढ़ा देते हैं जिसमें कि नए ट्रेडर काफी नुकसान उठाते हैं। What is intraday trading in Hindi