चरण निर्देश

ब्रोकर बेसिक्स

ब्रोकर बेसिक्स

Share Market Mein Munafe Ke Mantra Book Summary In Hindi

आजकल हर कोई मुनाफा कमाना चाहता है , चाहे वह व्यापारी हो , उद्योगपति हो या फिर कोई नौकरीपेशा ! मुनाफा या पैसा कमाने का वर्तमान में जो सबसे लोकप्रिय तरीका है वह है शेयर मार्केट में निवेश करना ! यह मार्केट अनिश्चितता पर आधारित है और इसकी बारीकियो को समझना काफी कठिन है ऐसे में कोई साधारण निवेशक ब्रोकर बेसिक्स अक्सर अपना भारी नुक्सान करा बेठता है और अपनी जमा की गई पूंजी को खो बेठता है ! दोस्तों यदि आप शेयर बाजार की बारीकियो को सीखना और समझना चाहते हो तो प्रसिद्द शेयर बाजार की एक्सपर्ट सुधा श्रीमाली द्वारा लिखी गई किताब Share Market Mein Munafe Ke Mantra आपके लिए काफी हेल्पफुल साबित हो सकती है ! आज की इस पोस्ट में हम शेयर बाजार में मुनाफे के मंत्र की समरी को शेयर कर रहे है , उम्मीद करते है यह आपको जरुर पसंद आयेगी ! तो चलिए शुरू करते है Share Market Mein Munafe Ke Mantra Book Summary In Hindi

Share Market Mein Munafe Ke Mantra Book Summary In Hindi -शेयर मार्केट में मुनाफे के मंत्र

Introduction

Name of Book – Share Market Mein Munafe Ke Mantra

Name of Author – सुधा श्रीमाली ( Sudha Shrimali )

Language of Book – हिंदी ( Hindi )

Number of Pages – 152

Book Type – बिज़नेस , शेयर मार्केट

Share Market Mein Munafe Ke Mantra Book Summary In Hindi

सुधा श्रीमाली ने इस पुस्तक में शेयर बाजार की बारीकियो को काफी सरल तरीके से बताने का प्रयास किया है ! इस पुस्तक में शेयर मार्केट के कई चेप्टर्स बताये गए है हम यहाँ कुछ चेप्टर्स आपके साथ शेयर कर रहे है –

1. क्या है शेयर बाजार ?

शेयर बाजार में 1000 अंको की एतिहासिक उछाल , ‘निवेशको की सम्पति में 2 लाख करोड़ रूपये की वृद्धि’ , तो कभी शेयर बाजार में 1000 अंको की गिरावट , ‘भारी मात्रा में निवेशको की पूंजी का सफाया’ – इस प्रकार के समाचार पत्रों को पढ़कर लाखो लोगो के मन में विभिन्न प्रकार के प्रश्न उठते है कि शेयर बाजार में अचानक इस प्रकार का उतार – चढाव क्यों होता है ? किसी खास दिन ऐसा क्या हो जाता है , जिससे इस बाजार में अचानक खरबों रूपये की उथल – पुथल हो जाती है ! निवेश करने से पहले निवेशको को इन बातो को समझ लेना चाहिए क्योंकि शेयर बाजार में अक्सर ऐसा होता रहता है !

2. आई.पी.ओं. क्या है ?

कोई भी कंपनी जब पहली बार पूंजी जुटाने के लिए सार्वजनिक निर्गमन जारी करती है तो इसे Initial Public Offer ( IPO ) कहते है ! सार्वजनिक निर्गमन में जिन आवेदकों को शेयरों का आवंटन होता है , शेयर लिस्ट होने के बाद शेयर बाजार के जरिये इन्हें ख़रीदा और बेचा जाता है ! लिस्टेड होने के बाद होने वाले सौदों को ‘सेकंडरी मार्केट’ कहा जाता है !

3. शेयर ब्रोकर का चुनाव कैसे करे ?

BSE औए NSE की वेबसाइट पर ब्रोकरों की सूची उपलब्ध है ! इसके अलावा ब्रोकर भी जानकारियां अनेक माध्यमो से प्रकाशित करवाते रहते है ! हमें शेयर ब्रोकर का चयन करते समय उसका ट्रैक रिकॉर्ड जरुर लेना चाहिए और यदि वह आपके घर या ऑफिस के निकट हो तो उसका चयन सुविधाजनक होगा ! अब अनेक बैंक भी ब्रोकिंग का कारोबार करते है , उनमे से भी आप किसी का चयन कर सकते है !

4. मार्केट कैप का गणित

किसी कंपनी का शेयर मूल्य ही मार्केट कैप कहलाता है ! इसे मन्नू भाई के उदाहरण से समझा जा सकता है ! मन्नू भाई ने बाजार में अपनी कंपनी के 10 शेयर जारी किये हुए है और उनकी बाजार कीमत 10 हजार रूपये प्रति शेयर है तो उनकी कंपनी के शेयरों की कीमत को शेयरों की संख्या से गुणा करने पर उनकी कंपनी का मार्केट कैप निकाला जा सकता है ! सीधे शब्दों में यदि किसी कंपनी के शेयर के बाजार मूल्य को उस कंपनी के शेयरों से गुणा किया जाये तो प्राप्त होने वाला गुणनफल ही ‘मार्केट कैप’ कहलाता है ! इसी मार्केट कैप के आधार पर कंपनियों का वर्गीकरण लार्ज कैप , मिड कैप और स्माल कैप के आधार पर किया जाता है !

5. निवेश के विकल्प

सुधा श्रीमाली ने इस पुस्तक में निवेश के तीन विकल्प बताये है

  • शेयरों में
  • म्यूच्यूअल फंड्स में
  • शेयर और म्यूच्यूअल फंड्स दोनों में

6. बायबैक का फंडा

किसी कंपनी के अपने शेयर दौबारा खरीदने के कदम को बायबैक कहा जाता है !ऐसा करके कंपनी खुले बाजार में उपलब्ध अपने शेयरों की संख्या घटाती है ! इस कदम से आय प्रति शेयर में इजाफा होने के अलावा कंपनी की सम्पति पर मिलने वाला रिटर्न भी बढ़ता है ! इनके असर से कंपनी की बैलेंस शीट भी बेहतर होती है ! निवेशक के लिए बायबैक का मतलब है , कंपनी में उसकी हिस्सेदारी बढ़ना ! शेयर बायबैक करने को कभी – कभार शेयर खरीदना कहा जाता है और आमतौर पर इसे शेयर की कीमत में उछाल का संकेत माना जाता है !

Conclusion

दोस्तों शेयर मार्केट पर आधारित सुधा श्रीमाली द्वारा लिखी गई किताब Share Market Mein Munafe Ke Mantra आपको शेयर बाजार की समझ विकसित करने में मदद करती है ! यदि आप शेयर बाजार से अच्छा पैसा कमाना चाहते है तो आपको यह बुक जरुर पढनी चाहिए ! इस बुक जरिये आप शेयर बाजार की बेसिक्स को सीख सकते है और साथ ही पैसा इन्वेस्ट करके मुनाफा कैसे बनाया जाता है के बारे में भी जान सकते है !

  • शेयर मार्केट के सक्सेस मंत्र l
  • Best 7 Share Market Books In Hindi
  • Stock Market Mein Safal Hone Ke 41 Tips Book Summary In Hindi

हेल्लो फ्रेंड्स , मेरा नाम जगदीश कुमावत है और मै BooksMirror.Com का फाउंडर हूँ ! यह एक हिंदी बुक्स ब्लॉग है जिसमे हम Motivational और self – help बुक्स की समरी और रिव्यु शेयर करते है !

क्या Cryptocurrency को कैश में करा सकते हैं कन्वर्ट? हां बिल्कुल, ये हैं तरीके

Cryptocurrency Converter : क्रिप्टोकरेंसी पिछले कुछ वक्त में निवेश का एक पॉपुलर माध्यम बन गया है, लेकिन फ्लैट करेंसी के मुकाबले इसका इस्तेमाल अभी भी कहीं नहीं पहुंचा है. ऐसे में इनको इस्तेमाल करने के लिए इन्हें कैश में कन्वर्ट कराना पड़ता है.

क्या Cryptocurrency को कैश में करा सकते हैं कन्वर्ट? हां बिल्कुल, ये हैं तरीके

Bitcoin Investment : क्रिप्टोकरेंसी को कैश में कन्वर्ट कराया जा सकता है.

आज के वक्त में Cryptocurrency युवाओं के लिए निवेश का पॉपुलर माध्यम बन गया है, हालांकि, इसके इस्तेमाल का चलन फ्लैट करेंसी के मुकाबले कहीं नहीं है. गिनी-चुनी ही कंपनियां हैं, जो क्रिप्टो में पेमेंट (Crypto Payment) ले रही हैं, वर्ना इस्तेमाल करने के लिए क्रिप्टो कॉइन्स को कैश में कन्वर्ट (converting crypto coins into cash) कराना पड़ता है. ये अच्छी बात है कि इसको कन्वर्ट कराना आसान है. हालांकि, क्रिप्टो को कैश में कन्वर्ट कराते वक्त निवेशकों को कई चीजें ध्यान में रखनी पड़ेंगी. वर्चुअल करेंसी की कीमतें बहुत तेजी से ऊपर-नीचे होती हैं, ऐसे में अगर आपने ध्यान नहीं दिया तो आपको नुकसान हो सकता है. वहीं, अगर आप किसी तरह का जोखिम ज्यादा लिए बिना क्रिप्टो में निवेश करना चाहते हैं तो आपके पास क्रिप्टो कॉइन या टोकन को कैश में कन्वर्ट कराने का विकल्प है.

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क्रिप्टोकरेंसी के प्रॉफिट पर टैक्स लगेगा

जो भी हो, लेकिन यह जान लीजिए कि अगर आप क्रिप्टोकरेंसी को कैश में कन्वर्ट करा रहे हैं तो आपको अपने प्रॉफिट पर टैक्स भरना होगा. हां, बिल्कुल. यह सही है कि भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी को लीगल टेंडर नहीं है, इसका कोई रेगुलेशन नहीं है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अगर आप इस निवेश से प्रॉफिट कमा रहे हैं, तो आपको इसपर टैक्स नहीं देना होगा.

मान लीजिए आपको बिटकॉइन को कैश में कन्वर्ट कराना है, ये काम क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर होगा. कन्वर्ट कराते वक्त आपका जो भी प्रॉफिट है, उसपर टैक्स लगेगा. वहीं, आपको थर्ड पार्टी ब्रोकर को एक्सचेंज फीस भी देनी होगी. हो सकता है कि इस प्रोसेस में पैसे अकाउंट में ट्रांसफर होने में एक-दो दिन लग जाए.

अब बात करते हैं कि कैश कन्वर्ट कैसे और कहां से होगा, इसके दो तरीके हैं-

एक्सचेंज या ब्रोकर से

यह बिल्कुल वैसा ही है, जैसे कि एयरपोर्ट्स पर करेंसी एक्सचेंज सिस्टम होता है. आप यहां अपनी डिजिटल करेंसी डिपॉजिट करते हैं और एक्सचेंज या ब्रोकर पैसे आपके अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर देता है. हालांकि, चूंकि ब्रोकर्स पर मनी लॉन्ड्रिंग के कुछ नियम लागू होते हैं, जिसके चलते आपको उसी अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कराने होंगे, जिससे आपने डिपॉजिट किया था.

इस तरीके में दिक्कत यह है कि इसमें ज्यादा वक्त लगता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह सुरक्षित तरीका है, हालांकि, इसमें आपके बैंक अकाउंट में पैसे रिफ्लेक्ट होने में वक्त लगता है. एक्सचेंज ट्रांजैक्शन के लिए एक फीस भी लेता है और फीस हर देश में अलग-अलग एक्सचेंज पर अलग-अलग हो सकती है.

Peer-To-Peer नेटवर्क से

यह तरीका ज्यादा तेज और एनॉनिमस यानी गुप्त है. हालांकि, इसके कुछ रिस्क भी हैं, जो हम आपको बता रहे हैं. डायरेक्ट लिंक यानी peer-to-peer नेटवर्क यानी कि सीधे किसी दूसरे निवेशक से संपर्क करके भी आप अपनी वर्चुअल करेंसी को सीधे बेचकर कैश ले सकते हैं. इसमें एक फायदा यह भी है कि इसमें किसी एक्सचेंज के मुकाबले कम एक्सचेंज फीस लगती है. लेकिन हम आपको बता दें कि इस तरीके में आपको धोखाधड़ी से सावधान रहना होगा. peer-to-peer नेटवर्क में ट्रांजैक्शन यह रिस्क होता है कि आप एक्सचेंज के भरोसे ट्रांजैक्शन नहीं कर रहे हैं, ऐसे में पूरी जिम्मेदारी आप पर होती है.

सुझाव है कि अगर आप यह ट्रांजैक्शन कर रहे हैं तो सामने वाले से उसका आईडी प्रूफ देख लें और अपने क्रिप्टोकॉइन्स ट्रांसफर करने से पहले पेमेंट करा लें. आप किसी ऐसे भी peer-to-peer प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो जब तक आपके बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर न हो जाएं, तब तक आपके कॉइन्स लॉक करके रखेगा.

Share Market Mein Munafe Ke Mantra Book Summary In Hindi

आजकल हर कोई मुनाफा कमाना चाहता है , चाहे वह व्यापारी हो , उद्योगपति हो या फिर कोई नौकरीपेशा ! मुनाफा या पैसा कमाने का वर्तमान में जो सबसे लोकप्रिय तरीका है वह है शेयर मार्केट में निवेश करना ! यह मार्केट अनिश्चितता पर आधारित है और इसकी बारीकियो को समझना काफी कठिन है ऐसे में कोई साधारण निवेशक अक्सर अपना भारी नुक्सान करा बेठता है और अपनी जमा की गई पूंजी को खो बेठता है ! दोस्तों यदि आप शेयर बाजार की बारीकियो को सीखना और समझना चाहते हो तो प्रसिद्द शेयर बाजार की एक्सपर्ट सुधा श्रीमाली द्वारा लिखी गई किताब Share Market Mein Munafe Ke Mantra आपके लिए काफी हेल्पफुल साबित हो सकती है ! आज की इस पोस्ट में हम शेयर बाजार में मुनाफे के मंत्र की समरी को शेयर कर रहे है , उम्मीद करते है यह आपको जरुर पसंद आयेगी ! तो चलिए शुरू करते है Share Market Mein Munafe Ke Mantra Book Summary In Hindi

Share Market Mein Munafe Ke Mantra Book Summary In Hindi -शेयर मार्केट में मुनाफे के मंत्र

Introduction

Name of Book – Share Market Mein Munafe Ke Mantra

Name of Author – सुधा श्रीमाली ( Sudha Shrimali )

Language of Book – हिंदी ( Hindi )

Number of Pages – 152

Book Type – बिज़नेस , शेयर मार्केट

Share Market Mein Munafe Ke Mantra Book Summary In Hindi

सुधा श्रीमाली ने इस पुस्तक में शेयर बाजार की बारीकियो को काफी सरल तरीके से बताने का प्रयास किया है ! इस पुस्तक में शेयर मार्केट के कई चेप्टर्स बताये गए है हम यहाँ कुछ चेप्टर्स आपके साथ शेयर कर रहे है –

1. क्या है शेयर बाजार ?

शेयर बाजार में 1000 अंको की एतिहासिक उछाल , ‘निवेशको की सम्पति में 2 लाख करोड़ रूपये की वृद्धि’ , तो कभी शेयर बाजार में 1000 अंको की गिरावट , ‘भारी मात्रा में निवेशको की पूंजी का सफाया’ – इस प्रकार के समाचार पत्रों को पढ़कर लाखो लोगो के मन में विभिन्न प्रकार के प्रश्न उठते है कि शेयर बाजार में अचानक इस प्रकार का उतार – चढाव क्यों होता है ? किसी खास दिन ऐसा क्या हो जाता है , जिससे इस बाजार में अचानक खरबों रूपये की उथल – पुथल हो जाती है ! निवेश करने से पहले निवेशको को इन बातो को समझ लेना चाहिए क्योंकि शेयर बाजार में अक्सर ऐसा होता रहता है !

2. आई.पी.ओं. क्या है ?

कोई भी कंपनी जब पहली बार पूंजी जुटाने के लिए सार्वजनिक निर्गमन जारी करती है तो इसे Initial Public Offer ( IPO ) कहते है ! सार्वजनिक निर्गमन में जिन आवेदकों को शेयरों का आवंटन होता है , शेयर लिस्ट होने के बाद शेयर बाजार के जरिये इन्हें ख़रीदा और बेचा जाता है ! लिस्टेड होने के बाद होने वाले सौदों को ‘सेकंडरी मार्केट’ कहा जाता है !

3. शेयर ब्रोकर का चुनाव कैसे करे ?

BSE औए NSE की वेबसाइट पर ब्रोकरों की सूची उपलब्ध है ! इसके अलावा ब्रोकर भी जानकारियां अनेक माध्यमो से प्रकाशित करवाते रहते है ! हमें शेयर ब्रोकर का चयन करते समय उसका ट्रैक रिकॉर्ड जरुर लेना चाहिए और यदि वह आपके घर या ऑफिस के निकट हो तो उसका चयन सुविधाजनक होगा ! अब अनेक बैंक भी ब्रोकिंग का कारोबार करते है , उनमे से भी आप किसी का चयन कर सकते है !

4. मार्केट कैप का गणित

किसी कंपनी का शेयर मूल्य ही मार्केट कैप कहलाता है ! इसे मन्नू भाई के उदाहरण से समझा जा सकता है ! मन्नू भाई ने बाजार में अपनी कंपनी के 10 शेयर जारी किये हुए है और उनकी बाजार कीमत 10 हजार रूपये प्रति शेयर है तो उनकी कंपनी के शेयरों की कीमत को शेयरों की संख्या से गुणा करने पर उनकी कंपनी का मार्केट कैप निकाला जा सकता है ! सीधे शब्दों में यदि किसी कंपनी के शेयर के बाजार मूल्य को उस कंपनी के शेयरों से गुणा किया जाये तो प्राप्त होने वाला गुणनफल ही ‘मार्केट कैप’ ब्रोकर बेसिक्स कहलाता है ! इसी मार्केट कैप के आधार पर कंपनियों का वर्गीकरण लार्ज कैप , मिड कैप और स्माल कैप के आधार पर किया जाता है !

5. निवेश के विकल्प

सुधा श्रीमाली ने इस पुस्तक में निवेश के तीन विकल्प बताये है

  • शेयरों में
  • म्यूच्यूअल फंड्स में
  • शेयर और म्यूच्यूअल फंड्स दोनों में

6. बायबैक का फंडा

किसी कंपनी के अपने शेयर दौबारा खरीदने के कदम को बायबैक कहा जाता है !ऐसा करके कंपनी खुले बाजार में उपलब्ध अपने शेयरों की संख्या घटाती है ! इस कदम से आय प्रति शेयर में इजाफा होने के अलावा कंपनी की सम्पति पर मिलने वाला रिटर्न भी बढ़ता है ! इनके असर से कंपनी की बैलेंस शीट भी बेहतर होती है ! निवेशक के लिए बायबैक का मतलब है , कंपनी में उसकी हिस्सेदारी बढ़ना ! शेयर बायबैक करने को कभी – कभार शेयर खरीदना कहा जाता है और आमतौर पर इसे शेयर की कीमत में उछाल का संकेत माना जाता है !

Conclusion

दोस्तों शेयर मार्केट पर आधारित सुधा श्रीमाली द्वारा लिखी गई किताब Share Market Mein Munafe Ke Mantra आपको शेयर बाजार की समझ विकसित करने में मदद करती है ! यदि आप शेयर बाजार से अच्छा पैसा कमाना चाहते है तो आपको यह बुक जरुर पढनी चाहिए ! इस बुक जरिये आप शेयर बाजार की बेसिक्स को सीख सकते है और साथ ही पैसा इन्वेस्ट करके मुनाफा कैसे बनाया जाता है के बारे में भी जान सकते है !

  • शेयर मार्केट के सक्सेस मंत्र l
  • Best 7 Share Market Books In Hindi
  • Stock Market Mein Safal Hone Ke 41 Tips Book Summary In Hindi

हेल्लो फ्रेंड्स , मेरा नाम जगदीश कुमावत है और मै BooksMirror.Com का फाउंडर हूँ ! यह एक हिंदी बुक्स ब्लॉग है जिसमे हम Motivational और self – help बुक्स की समरी और रिव्यु शेयर करते है !

शानदार करियर के लिए बीकॉम के बाद ये कर सकते हैं स्‍टडीज

शानदार करियर के लिए बीकॉम के बाद ये कर सकते हैं स्‍टडीज

कॉमर्स को हमेशा से एक ऐसी प्रोफेशनल फील्ड के रूप में जाना जाता रहा है, जिसमें करियर के कई आकर्षक अवसर होते हैं। मगर बीकॉम के ठीक बाद उपलब्‍ध करियर के अवसरों के चलते यह धारणा भी बन गई है कि कॉमर्स में हायर एजुकेशन का स्कोप बहुत सीमित है। मगर यह धारणा पूरी तरह गलत है। बीकॉम करने के बाद आगे पढ़ाई के ढेरों ब्रोकर बेसिक्स विकल्प मौजूद हैं। एक नजर डालते हैं ऐसे ही कुछ प्रमुख विकल्पों पर।

अकाउंटेंसी व फाइनेंस

फील्ड ऑफ स्टडी के लिहाज से कॉमर्स का केंद्रबिंदु अकाउंटेंसी और फाइनेंस ही हैं। वैसे तो बीकॉम इन दोनों विषयों का मूलभूत ज्ञान और समझ दे देता है लेकिन यदि आप गहराई में जाकर इनका अध्ययन करना चाहते हैं, तो बीकॉम के बाद इनमें से कोई कोर्स कर सकते हैं:

चार्टर्ड अकाउंटेंसी (सीए): चार्टर्ड अकाउंटेंसी को फाइनेंस एंड अकाउंटेंसी के क्षेत्र में सर्वोच्च डिग्री माना जाता है। सीए प्रोग्राम में विद्यार्थी को अकाउंटिंग, ऑडिटिंग और टैक्सेशन का संपूर्ण ज्ञान दिया जाता है।

सर्टिफाइड फाइनेंशियल एनालिस्ट (सीएफए): सीएफए अकेडेमिक प्रोग्राम उन विद्यार्थियों के लिए है, जिन्हें फाइनेंशियल सिस्टम्स तथा इन्वेस्टमेंट्स में गहरी रुचि है। इस कोर्स में विद्यार्थियों को बेसिक अकाउंटिंग स्टैंडर्ड्स, बिज- नेस प्रेक्टिसेज, इकोनॉमिक पॉलिसीज एंड कंडीशंस आदि पढ़ाए जाते हैं।

कॉस्ट अकाउंटेंसी (आईसीडब्ल्यूए): कॉस्ट अकाउंटेंसी का कोर्स उन विद्यार्थियों के लिए है, जिन्हें कंपनी के कॉस्ट का प्रबंधन करने तथा कंपनी को मुनाफे में रखने के लिए चैक्स एंड बैलेंस मैकेनिज्म विकसित करने में दिलचस्पी है।

कंपनी सेक्रेटरी (सीएस): यदि आपको कंपनी के स्टॉक तथा इन्वेस्टमेंट्स के प्रबंधन में रुचि है, तो आपको सीएस प्रोग्राम करना चाहिए। कंपनी सेक्रेटरी किसी कंपनी और उसके शेयरधारकों के बीच महत्वपूर्ण कड़ी के रूप मं काम करते हैं और कंपनी के स्टॉक ट्रेडिंग की औपचारिकताओं को संभालते हैं।

स्टॉक ब्रोकिंग: कॉमर्स में ग्रेजुएशन करने के बाद एक और आकर्षक करियर ऑप्शन है स्टॉक ब्रोकिंग का। अगर आपमें शेयरों की पैनी समझ है, तो ब्रोकर के रूप में आप अच्छी-खासी कमाई कर सकते हैं। इसके मूलभूत प्रशिक्षण के लिए आप कोई स्टॉक ब्रोकिंग कोर्स जॉइन कर सकते हैं, जहां आपको व्यक्तियों तथा संस्थानों की ओर से शेयरों की खरीदी-बिक्री के बारे में विस्तृत प्रशिक्षण दिया जाएगा।

एमबीए फाइनेंस: एमबीए फाइनेंस बीकॉम कर चुके विद्यार्थियों के लिए उपलब्‍ध सबसे आकर्षक अकेडेमिक ऑप्शंस में से एक है। फाइनेंस में स्पेशलाइजेशन के साथ एमबीए की डिग्री लेकर आप किसी भी प्रतिष्ठित संस्थान में उच्च पद पर अपना करियर शुरू कर सकते हैं।

बीकॉम के बाद बैंकिंग तथा बीमा के क्षेत्र में भी पढ़ाई कर करियर बनाया जा सकता है। पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर ऐसे स्पेशलाइज्ड अकेडेमिक प्रोग्राम हैं, जो विद्यार्थियों को इन क्षेत्रों की बेसिक्स का प्रशिक्षण देते हैं। इनमें प्रमुख हैं बैंकिंग एंड इंश्योरेंस में स्पेशलाइजेशन के साथ एमकॉम, बैंकिंग में स्पेशलाइजेशन के साथ एमबीए, इंश्योरेंस में स्पेशलाइजेशन के साथ एमबीए आदि। बैंकिंग और बीमा से जुड़े अध‍िकांश पोस्ट ग्रेजुएट स्तर के प्रोग्राम्स में सब-स्पेशलाइजेशन के भी कई विकल्प होते हैं।

आम तौर पर मार्केटिंग को 'जनरलिस्ट" फील्ड समझा जाता है, जिसमें किसी भी पृष्ठभूमि के विद्यार्थी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। यह बात अपनी जगह सही है लेकिन जब बात एमबीए इन मार्केटिंग या पीजीडीएम इन मार्केटिंग जैसे प्रोग्राम की होती है, तो बीकॉम कर चुके विद्यार्थी निश्चित ही फायदे में होते हैं। कारण यह कि मार्केटिंग मैनेजमेंट मुख्य रूप से न्यूमेरिकल व एनालिटिकल डेटा पर निर्भर करता है, जिसे प्रोसेस करके मार्केटिंग कैंपेन के लिए रूपरेखा तैयार की जाती है। चूंकि बीकॉम ग्रेजुएट्स पहले ही किसी डेटा को परखने के लिए बेसिक एनालिटिकल एप्टिट्यूड तथा लॉजिकल मैथडोलॉजी से लैस हो चुके होते हैं, सो एमबीए मार्केटिंग करना उनके लिए आसान हो जाता है।

वैसे तो आपको कई लोग मिल जाएंगे, जो लॉ के क्षेत्र में करियर को बीकॉम के विद्यार्थियों के लिए आदर्श नहीं मानेंगे लेकिन पढ़ने और करियर बनाने के लिए यह एक बेहतरीन फील्ड है। आप लॉ की किसी भी फील्ड में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। बिजनेस लॉ की फील्ड में स्पेशलाइजेशन करने में आपकी बीकॉम की पृष्ठभूमि बड़े काम आएगी। या फिर, यदि आपकी रुचि हो, जो आप एकेडमिक लॉ अथवा जनरल लॉ में भी स्पेशलाइज कर सकते हैं।

इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी भारतीय अर्थव्यवस्था ही नहीं, ग्लोबल अर्थव्यवस्था का सबसे तेजी से बढ़ता सेक्टर है। बीकॉम करने के बाद जो विद्यार्थी इस फील्ड में मौजूद अवसरों को भुनाना चाहते हैं, वे एमसीए या एमएससी आईटी करके ऐसा कर सकते हैं। हालांकि ये कोर्स कराने वाले अध‍िकांश कॉलेज साइंस ग्रेजुएट्स को ही इनमें प्रवेश देते हैं लेकिन कुछ कॉलेज मैथ्स में उत्कृष्ट परफॉर्म करने वाले कॉमर्स ग्रेजुएट्स को भी प्रवेश दे देते हैं। हालांकि यह आपको ठोस कॉमर्स के क्षेत्र से दूर ले जाएगा लेकिन यदि आपको इन ब्रोकर बेसिक्स ब्रोकर बेसिक्स फील्ड्स में गहरी रुचि है, तो आपको इस ओर भी गौर जरूर करना चाहिए।

ये तो महज कुछ ऑप्शंस हैं, जो बीकॉम करने के बाद आगे पढ़ाई के लिए उपलब्‍ध हैं। ऐसे कई अन्य विकल्प भी मौजूद हैं। बेहतर होगा कि विद्यार्थी अपनी रुचियों, पैशन और करियर निर्माण को लेकर दीर्घकालीन कमिटमेंट को ध्यान में रखते हुए ही फैसला करें कि ग्रेजुएशन के बाद उन्हें क्या पढ़ना है।

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