सर्वोत्तम उदाहरण और सुझाव

क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं?

क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं?

कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना

ईएसओपी अर्थात एम्प्लोयी स्टॉक ऑप्शन। कर्मचारियों को ज्यादा समय तक कंपनी में रखने के लिए आप ईएसओपी प्लान लांच कर सकते हैं, जिसमे हम आपकी मदद करेंगे .

गूगल रेटिंग्स

पेमेंट ऑप्शन

ईएसओपी आपके लिए कैसे काम करता है?

अब आप कर्मचारी स्टॉक विकल्प प्रदान कर सकते हैं और इसे एक प्रभावी कर्मचारी प्रतिधारण रणनीति बना सकते हैं।

शेयरों को खरीदने के लिए विकल्प का अनुदान

शेयरों को खरीदने के विकल्प के लिए समझौता

ईएसओपी के लिए मास्टर दस्तावेज़ का निर्माण

कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना

सभी उद्यमियों ,व्यवसायियों को कम से कम एक आम (सार्वजनिक) समस्या है: कर्मचारियों को इस तरह से प्रेरित करने के लिए कि कैसे पारस्परिक रूप से लाभकारी हो। इसका सबसे व्यावहारिक समाधान कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना (ESOP) है, जिसका उपयोग छोटे और बड़े व्यवसायों द्वारा समान रूप से किया जाता है। यह न केवल आपके कर्मचारियों को आपकी कंपनी के विकास के लिए प्रेरित करने के लिए योग्य रखता है, बल्कि अपने कर्तव्यों को पूरा करने के बजाय यह सुनिश्चित करता है कि आप उन्हें कई वर्षों तक खो नहीं सकते हैं। एक ईएसओपी में, कंपनियां अपने कर्मचारियों को स्टॉक स्वामित्व के साथ प्रदान करती हैं, अक्सर बिना किसी अग्रिम लागत के, लेकिन काम के बदले में। शेयरों को कर्मचारियों को आवंटित किया जाता है, लेकिन यह केवल पूर्व-निर्धारित अवधि के बाद ही बन सकता है।

ईएसओपी (कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना) के लाभ

शीर्ष प्रतिभा को आकर्षित करना

आप उनके वर्तमान वेतन से मेल नहीं खा सकते हैं, लेकिन आपकी कंपनी के शेयरों की पेशकश सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को आकर्षित करने के लिए पर्याप्त होगी।

आपका व्यवसाय जितना बेहतर प्रदर्शन करेगा, आपके सबसे प्रतिभाशाली कर्मचारियों को उतना ही बेहतर भुगतान मिलेगा। उन्हें प्रेरित करने का कोई बेहतर तरीका और नहीं हो सकता है।

उन्हें लंबे समय तक रखें

जिन कर्मचारियों को शेयर आवंटित किए गए हैं, उन्हें आपके द्वारा निहित (मौजूद ) अवधि के रूप में परिभाषित किए गए दो से तीन वर्षों को पूरा करने के लिए लगभग निश्चित है।

क्यों Vakilsearch

30 कार्य दिवस

हमें अपने व्यवसाय के बारे में सभी जानकारी भेजें और ईएसओपी लगभग पांच सप्ताह में तैयार हो जाएगा। हम व्यापार के मूल्यांकन से लेकर शेयरों के आवंटन तक सभी का ध्यान रखते हैं।

9.1 ग्राहक स्कोर

हम सरकार के साथ आपकी बातचीत को उतना ही सहज बनाते हैं जितना आपके लिए सभी कागजी कार्रवाई करके संभव है। हम यथार्थवादी अपेक्षाओं को निर्धारित करने की प्रक्रिया पर भी आपको स्पष्टता प्रदान करेंगे।

300 मजबूत टीम

अनुभवी व्यापार सलाहकारों की हमारी टीम एक फोन कॉल दूर है, क्या आपको प्रक्रिया के बारे में कोई प्रश्न पूछना चाहिए। लेकिन हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि आपके संदेह के उत्पन्न होने से पहले ही उन्हें साफ़ कर दिया जाय |

इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे

जो लोग शेयर बाजार में एक ही दिन में पैसा लगाकर मुनाफा कमाना चाहते हैं उनके लिए इंट्रा डे ट्रेडिंग बेहतर विकल्प है. इसमें पैसा लगाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे

Soma Roy | Edited By: मनीष रंजन

Updated on: May 14, 2021 | 10:32 PM

लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं? बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.

क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग

शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.

1. इंट्रा डे ट्रेडिंग में सिर्फ लिक्विड स्टॉक में पैसा लगाना चाहिए. जबकि वोलेटाइल क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं? स्टॉक से दूरी बनानी चाहिए.

2. इंट्रा डे में बहुत ज्यादा स्टॉक की जगह अच्छे 2-3 शेयर्स का चुनाव करना चाहिए.

3. शेयर चुनते वक्त बाजार का ट्रेंड देखना चाहिए. इसके बाद कंपनी की पोर्टफोलियो चेक करें. आप चाहे तो शेयर को लेकर एक्सपर्ट की राय भी ले सकते हैं.

4. इंट्रा डे ट्रेडिंग में स्टॉक में उछाल और गिरावट तेजी से आते है, इसलिए ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए और पैसा लगाने के पहले उसका लक्ष्य और स्टॉप लॉस जरूर तय कर लेना चाहिए. जिससे टारगेट पूरा होते देख स्टॉक को सही समय पर बेचा जा सके.

5.इंट्रा डे में अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों की खरीददारी करना बेहतर होता है.

डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग

अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.

डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर ​बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं?

पहला कदम कई उपलब्ध विकल्पों जैसे स्टॉक, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, डेरिवेटिव आदि में से निवेश के प्रकार को चुनना है. निर्णय लेने से पहले प्रत्येक विकल्प को समझना बेहतर रहेगा.

Written by Web Desk Team | Published :September 9, 2022 , 6:54 am IST

पिछले दो दशकों के दौरान शेयर बाजार में निवेश करने को लेकर लगातार वृद्धि देखी गई है. हालांकि, बाजार में अभी भी उतार-चढ़ाव चिंता का विषय बना हुआ है. यदि आप अब इसकी शुरुआत कर रहे हैं और शेयर बाजार में धन निवेश करने का इरादा रखते हैं तो ये उतार-चढ़ाव आपके पोर्टफोलियो को प्रभावित कर सकते हैं. बाजार में जब तक आप किसी रणनीति के साथ व्यापार नहीं करते हैं, तब तक आपको नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए इस आर्टिकल में हम Beginners के लिए कुछ टिप्स लेकर आए हैं, जो शेयर बाजार में निवेश करने के लिए मददगार साबित हो सकते हैं –

स्टॉक मार्केट क्या है?
शेयर बाजार एक्सचेंजों, कंपनियों और निवेशकों के लिए इक्विटी, डेरिवेटिव, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड आदि जैसी विभिन्न सिक्योरिटीज को सूचीबद्ध करने, खरीदने या बेचने का एक प्लेटफार्म है. आमतौर पर इसमें विभिन्न स्टॉक एक्सचेंज शामिल होते हैं, जो फॉर्मल (Formal) या ओवर-द-काउंटर (OTC) होते हैं. ये वित्तीय साधनों की सूची के साथ शेयर बाजार में लेनदेन की सुविधा प्रदान करते हैं.

भारत में शेयर बाजार के कार्यों को Securities and Exchange Board of India जैसे शासकीय संस्था द्वारा मैनेज व मॉनिटर किया जाता है. स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग कैसे सीखें, यह समझने के लिए इन कार्यों को समझना महत्वपूर्ण है.

शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट के बीच अंतर – Beginners को कैसे चुनना चाहिए?
Beginners के लिए स्टॉक ट्रेडिंग के सबसे भ्रमित पहलुओं में से एक निवेश क्षितिज (investment horizon) को समझना है. बता दें, निवेश क्षितिज (investment horizon) वह समय होता है, जिसमें एक निवेशक पोर्टफोलियो होल्ड करने के लिए तैयार रहता है. आमतौर पर, दो निवेश क्षितिज (investment horizon) होते हैं: शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म. दोनों के क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं? बीच अंतर इस प्रकार है –

शॉर्ट-टर्म इन्वेस्टमेंट के फायदे
एक शॉर्ट-टर्म इन्वेस्टमेंट तब होता है जब कोई निवेशक सिक्योरिटीज को 3-4 महीने के भीतर बेचने के लिए खरीदता है. यह शेयर मार्किट में तुरंत लाभ कमाने की सुविधा प्रदान करता है. इस प्रक्रिया में निवेशकों को शेयर बाजार में लंबे समय तक अपना पैसा नहीं रखना पड़ता है और फिर भी सिक्योरिटीज की कीमतों में वृद्धि होने पर लाभ होता है.

लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट के फायदे
लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट को मूल्य निवेश (Value Investment) भी कहा जाता है. लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट में आप सिक्योरिटीज को कई वर्षों तक रखने के लिए खरीदते हैं. ज्यादा समय तक सिक्योरिटीज होल्ड करने से मार्किट रिस्क कम होने की संभावनाएं होती हैं क्योंकि ज्यादातर वे समय के साथ बढ़ते हैं. इस तरह के निवेश निवेशकों को सिक्योरिटीज की सबसे अच्छी वैल्यू प्रदान करते हैं क्योंकि विस्तारित अवधि अच्छे मुनाफे की संभावना को बढ़ाती है.

Beginners को किस प्रकार के निवेश का विकल्प चुनना चाहिए?:
निवेश लक्ष्य के आधार पर दोनों प्रकार के निवेश सही हैं. यदि आप तेजी से मुनाफा कमाना चाहते हैं और निवेशित धन को लंबे समय तक रखे बिना रिस्क लेने की क्षमता रखते हैं, तो आप शॉर्ट-टर्म इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं.

दूसरी ओर, यदि निवेशक ज्याद जोखिम नहीं लेना चाहते हैं और भविष्य के लिए व्यवस्थित रूप से निवेश करना चाहते हैं, तो आप लॉन्ग-टर्म पर विचार कर सकते हैं.

शेयर मार्किट में निवेश को लेकर Beginners के लिए step-by-step Guide

Beginners के लिए शेयर बाजार में निवेश करने की प्रक्रिया में सिक्योरिटीज को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया को समझना भी शामिल है. यहां Beginners के लिए शेयर बाजार में निवेश करने के तरीके के बारे में step-by-step Guid दी गई है –

1.निवेश का एक प्रकार चुनें: पहला कदम कई उपलब्ध विकल्पों जैसे स्टॉक, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, डेरिवेटिव आदि में से निवेश के प्रकार को चुनना है. निर्णय लेने से पहले प्रत्येक विकल्प को समझना बेहतर रहेगा.

2.डीमैट खाता खोलें: आपकी क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं? सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक रूप (Online) में रखने के लिए एक डीमैट खाता महत्वपूर्ण है. इसलिए निवेश करने से पहले डीमैट खाता खोलना अनिवार्य है. डीमैट खाता खोलने के लिए किसी एक को चुनने से पहले विभिन्न स्टॉक ब्रोकरों की तुलना और विश्लेषण करना एक अच्छा कदम साबित हो सकता है.

3.उपलब्ध स्टॉक विकल्पों पर रिसर्च और अध्ययन करें: नुकसान को कम करने और लाभ में बढ़ोतरी के लिए चुने हुए प्रकार के निवेश पर शोध करना जरूरी है. आप समाचार पत्रों, टीवी चैनलों या स्टॉक ब्रोकर द्वारा उपलब्ध जानकारी के माध्यम से चुनी गई सिक्योरिटी पर रिसर्च और अध्ययन कर सकते हैं.

4.अपने लक्ष्य के अनुरूप स्टॉक में निवेश करें: निवेश लक्ष्य निर्धारित करने के बाद आपको स्टॉक या अन्य निवेश उत्पादों में निवेश करना चाहिए. लक्ष्य यह सुनिश्चित करेगा कि आप एक आदर्श investment horizon, निवेश राशि, सुरक्षा और जोखिम उठाने की क्षमता का चयन करें.

5.अपने पोर्टफोलियो की नियमित रूप से निगरानी करें: एक बार जब आप किसी निवेश लक्ष्य के आधार पर सिक्योरिटी में निवेश कर लेते हैं, तो नियमित रूप से पोर्टफोलियो की निगरानी करना महत्वपूर्ण है. मॉनिटरिंग आपके निवेश के परफॉरमेंस को समझने, नुकसान को कम करने और उन शेयरों की पहचान करने में मदद करती है जो आगे के निवेश के लिए बेहतर परफॉर्म कर रहे हैं.

6.Trends और उतार-चढ़ाव के साथ बने रहें: शेयर बाजार उतार-चढाव एक आम बात है जो सूचीबद्ध सिक्योरिटीज की कीमत में वृद्धि या कमी करता है. शेयर बाजार में मौजूदा घटनाओं के बारे में अपडेट रहकर बाजार की दिशा (रुझान) को समझना जरूरी है. यह मौजूदा और भविष्य के निवेशों के संबंध में बेहतर निर्णय लेने की सोच को विकसित करता है.

Beginners शेयर बाजार में निवेश कैसे करें? Ask 5paisa

5paisa भारत के सबसे तेजी से बढ़ते डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर्स में से एक है और पहली सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध ऑनलाइन ब्रोकरेज कंपनी है. हम देश की शीर्ष 10 डिस्काउंट ब्रोकिंग फर्मों में शामिल हैं. हम सुगम ट्रेडिंग अनुभव का आनंद लेने के लिए सर्वोत्तम डीमैट खाता और ट्रेडिंग सुविधाएं प्रदान करते हैं.
5paisa वित्तीय सेवाओं (financial services) के लिए वन-स्टॉप डेस्टिनेशन है, जिसमें स्टॉक और म्यूचुअल फंड निवेश, इक्विटी ट्रेडिंग, बीमा, रिसर्च प्रोडक्ट्स (Research Products), क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं? डिजिटल गोल्ड निवेश, कमोडिटी और मुद्रा व्यापार (Commodity and Currency Trading), रोबो एडवाइजरी, व्यक्तिगत ऋण (Personal Loan) आदि शामिल हैं. इसलिए आज ही 5paisa के साथ अपना डीमैट खाता खोलें.

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –

प्रश्न 1.शेयर बाजार में निवेश करने के लिए किन डाक्यूमेंट्स की जरूरत होती है?
उत्तर: डीमैट खाता खोलने के लिए आवश्यक डाक्यूमेंट्स आपके बैंक विवरण के साथ आपका पैन और आधार कार्ड हैं.

Q.2:क्या आपको शेयर बाजार में निवेश करने के लिए एक नया खाता खोलने की आवश्यकता है?
उत्तर: शेयर बाजार में निवेश करने के लिए डीमैट खाता खोलना अनिवार्य है. यदि आपके पास पहले से ही एक डीमैट खाता है, तो आपको शेयर बाजार में निवेश करने के लिए नए खाते की आवश्यकता नहीं है.

Q.3:मुझे शॉर्ट-टर्म या लॉन्ग-टर्म किस में इन्वेस्ट करना चाहिए?

उत्तर: यदि आपकी जोखिम लेने की क्षमता अधिक है और आप शीघ्र लाभ अर्जित करना चाहते हैं, तो आप एक शॉर्ट-टर्म निवेश कर सकते हैं. यदि आपके पास कम जोखिम लेने की क्षमता है, और आप तुरंत लाभ का लालच नहीं रखते हैं, तो आप लॉन्ग-टर्म निवेश कर सकते हैं.

रिटेल विक्रेता त्‍योहारी सीजन के लिए 40% ज्यादा करते हैं स्‍टॉक, पेमेंट के लिए इनवॉइस फाइनेंसिंग पहली पसंद

फेस्टिव एडिशन 2022 के सर्वे में रिटेल विक्रेताओं द्वारा स्टॉकिंग, B2B प्लेटफॉर्म को अपनाने, पसंदीदा भुगतान विकल्प के बारे में दिलचस्प बातों का पता चला। यह सर्वे भारत में 300+ टियर 1-6 शहरों में एमएसएमई रिटेल विक्रेताओं पर किया गया।

रिटेल विक्रेता त्‍योहारी सीजन के लिए 40% ज्यादा करते हैं स्‍टॉक, पेमेंट के लिए इनवॉइस फाइनेंसिंग पहली पसंद

20 अक्टूबर, 2022: आमतौर पर हर साल त्‍योहारी सीजन में मांग बढ़ जाती है। छोटे और मध्यम साइज के रिटेल विक्रेता इस मांग को पूरा करने के लिए खुद को कैसे तैयार करते हैं। इस बारे में B2B ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस सॉल्व (Solv) ने हाल ही में 'रिटेलर ट्रेंड्स: फेस्टिव एडिशन 2022' नाम से एक सर्वे किया है। यह सर्वे भारत में 300+ टियर 1-6 शहरों में एमएसएमई रिटेल विक्रेताओं पर किया गया, जिसका उद्देश्‍य यह समझना है कि विक्रेता इस मांग को कैसे पूरा कर पाते हैं, उनकी वित्तीय प्राथमिकताएं क्या हैं। ऑर्डर और डिलीवरी के लिए बी 2 बी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को अपनाने को लेकर रुझान क्‍या है और साथ ही उनके बिजनेस के अन्य पहलुओं की भी स्टडी की गई. बता दें कि सॉल्व के नेटवर्क में 250,000 से ज्यादा MSME रिटेलर्स, डिस्ट्रीब्यूटर्स और अन्य बिजनेस शामिल हैं।

70% विक्रेता 40 फीसदी अधिक स्टॉक करते हैं

रिटेल विक्रेताओं के लिए त्योहारी सीजन का मतलब भारी मांग और भारी प्रतिस्पर्धा है। ऐसे में रिटेल विक्रेताओं के लिए त्‍योहारी सीजन का पूरा लाभ लेने के लिए पसंदीदा रणनीति है कि वे आम सीजन से ज्यादा स्‍टॉक अपने पास रखते हैं। सर्वेक्षण में पाया गया कि लगभग 70 फीसदी विक्रेताओं ने संकेत दिया कि वे नॉन-फेस्टिव सीजन के दौरान आम तौर पर स्टॉक की तुलना में कम से कम 40 फीसदी अधिक स्टॉक करते हैं।

महिंद्रा ने पीथमपुर में पहले डेडिकेटेड फार्म मशीनरी प्लांट का उद्घाटन किया

B2B प्लेटफॉर्म का बढ़ रहा है इस्तेमाल

ज्यादातर रिटेल विक्रेता स्टॉक बढ़ाने का काम परंपरागत रूप से ऑफलाइन स्रोतों से करते रहे हैं। लेकिन हाल के सालों में COVID-19 महामारी और Solv जैसे B2B ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस सहित प्रौद्योगिकी की पहुंच बढ़ने से विक्रेताओं में ऑनलाइन चैनलों के इस्तेमाल को लेकर प्रोत्साहन बढ़ा है. सर्वे में देखा गया कि इसमें हिस्सा लेने वाले 83 फीसदी ने कहा कि अब वे अपने स्टॉक का कम से कम 20-40 फीसदी B2B मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन ऑर्डर करते हैं। दिलचस्प बात यह है कि बचे हुए 17 फीसदी विक्रेता तो अपने स्टॉक का 60-80 फीसदी ऑनलाइन ऑर्डर करते हैं।

भुगतान के लिए इनवॉइस फाइनेंसिंग पसंदीदा विकल्प

सर्वे में शामिल लगभग 50 फीसदी रिटेल विक्रेताओं ने संकेत दिया कि इनवॉइस फाइनेंसिंग भुगतान के लिए उनका सबसे सुविधाजनक और पसंदीदा विकल्प है। 43 फीसदी लोगों ने कहा कि वे अभी भी कैश-ऑन-डिलीवरी (सीओडी) के पक्ष में हैं, जिसमें कार्ड पेमेंट केवल एक छोटे से वर्ग द्वारा पसंद किया जाता है। प्रौद्योगिकी-सक्षम इनवॉइस फाइनेंसिंग छोटे व्यापारियों को अनपेड इनवॉइस या अवैतनिक चालान के खिलाफ वर्किंग कैपिटल कार्यशील पूंजी उधार लेने की अनुमति देता है। यह उनके कैश फ्लो यानी नकदी प्रवाह को आसान बनाता है और उन्हें अधिक व्यवसाय करने में सक्षम बनाता है। इससे व्यवसायों का मूल्यांकन किया जाता है और लेन-देन डाटा के माध्यम से क्रेडिट का निर्णय लिया जाता है। इस वजह से यह सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए अधिक उपयुक्त हो जाता है, जिनकी क्रेडिट-योग्यता या वित्तीय स्थिति का पता लगाना अक्सर मुश्किल होता है।

Inflation Rate: अक्टूबर में सस्ती हुईं खाने-पीने की चीजें, 19 महीने में सबसे कम रही थोक महंगाई दर

WhatsApp के जरिए ग्राहकों तक बढ़ी पहुंच

सोशल मीडिया ऐप, विशेष रूप से व्हाट्सएप की बढ़ती लोकप्रियता के साथ रिटेल विक्रेताओं की पहुंच ज्यादा से ज्‍यादा ग्राहकों तक हो रही है, उनका ग्राहकों से जुड़ना बहुत आसान हो गया है। सर्वे में शामिल 51 फीसदी विक्रेताओं ने कहा कि ग्राहकों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने ब्रांड की खोज की, जिसमें 34 फीसदी सिर्फ व्हाट्सएप के माध्यम से थे। टीवी विज्ञापन, जो हाल तक ब्रॉन्‍ड की खोज और संचार का प्राथमिक स्रोत था, अब बॉन्‍ड खोज का केवल 17 फीसदी हिस्सा है।

Petrol Diesel Price Today: पेट्रोल-डीजल की नई कीमतें जारी, चेक करें लेटेस्ट रेट्स

सर्वे के अन्य दिलचस्प परिणाम भी देखने को मिले। जैसे त्‍योहारी सीजन के दौरान अलग अलग श्रेणियों के तहत सबसे ज्यादा बिकने वाले प्रोडक्ट में फुटवियर (स्पोर्ट्स और कैजुअल शूज ओवर फॉर्मल और एथनिक शूज) और अपैरल (डेनिम और टी-शर्ट) शामिल रहे. वहीं यह भी देखने को मिला कि सॉल्व जैसे B2B ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का उपयोग करने से विक्रेताओं को बहुत ज्यादा लाभ हुआ।

Solv के बारे में जान लें

Solv भारत का विश्वसनीय B2B ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं? है। यह एक प्योर प्ले मार्केटप्लेस है जो भारत के MSME सेक्टर को संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में एक खुला और समावेशी ट्रेड इकोसिस्टम यानी व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करता है। यह प्‍लेटफॉर्म वेरिफाइड विक्रेताओं और खरीदारों के साथ कनेक्शन और बातचीत की सुविधा प्रदान करता है। इसके जरिए डोर-स्टेप पिक-अप और डिलीवरी, फाइनेंस के लिए समय पर और आसान पहुंच के साथ-साथ बिजनेस सपोर्ट के लिए आसान फंक्‍शन प्रदान करता है। यह महत्वपूर्ण जरिया हैं जो देश भर में 63 MN+ MSME के लिए बाजार पहुंच का विस्तार करने, परिचालन क्षमता बढ़ाने और सफलता को आकार देने में मदद करते हैं।

आपके काम की खबर: जानिए स्टॉक मार्केट और रियल एस्टेट में से कौन सा विकल्प है बेहतर

टाइम्स नाउ डिजिटल

स्टॉक और रियल एस्टेट में निवेश भारत में दो सामान्य लॉन्ग टर्म निवेश विकल्प हैं। क्या आपने कभी विश्लेषण किया है कि इनमें से कौन-सा निवेश विकल्प (स्टॉक बनाम रियल एस्टेट) आपको आने वाले वर्षों में अमीर बना देगा? इन एसेट क्लास में अपना पैसा लगाकर आप कितनी संपत्ति जमा कर सकते हैं?

Investment tips

आमतौर पर यह तर्क दिया जाता है कि शेयरों में निवेश रियल एस्टेट निवेश से कहीं बेहतर है। क्या वास्तव में ऐसा है? इस प्रश्न का वास्तव में कोई सटीक उत्तर नहीं है क्योंकि यह व्यक्तिगत प्राथमिकताओं और वित्तीय उद्देश्यों पर निर्भर करता है। आइए इन दो लोकप्रिय निवेश विकल्पों के गुण और दोषों पर एक नजर डालें: स्टॉक बनाम रियल एस्टेट में निवेश।

स्टॉक्स में निवेश

स्टॉक्स में निवेश करने से आपको कंपनी में हिस्सेदारी मिलती है। स्टॉक निवेश जोखिम लेने वाले निवेशकों का हमेशा से पसंदीदा रहा है जो शेयर बाजार से बड़ा और बेहतर रिटर्न हासिल करना चाहते हैं। हम सभी जानते हैं कि शेयर बाजार जोखिम के अधीन हैं। लेकिन, क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं? जैसा कि कहा जाता है, "जितना अधिक जोखिम, उतना अधिक रिटर्न" तो शेयर बाजार से भी ऐसी ही उम्मीद की जा सकती है।

शेयरों पर लाभांश अर्जित करना और उन्हें सही समय पर बेचकर लाभ जोड़ना, आय का अच्छा स्रोत प्रदान करता है।

रियल एस्टेट में निवेश

रियल एस्टेट या अचल संपत्ति, एक टैंजिबल एसेट ने दशकों से निवेशकों के लिए लगातार धन अर्जित किया है। वाणिज्यिक हो या आवासीय, रियल एस्टेट में निवेश अधिक धन रखने वाले लोगों का पसंदीदा विकल्प रहा है।

एक निवेशक के रूप में, भारत के विभिन्न शहरों और स्थानों में रियल एस्टेट से रिटर्न काफी भिन्न हो सकता है। घर के अलावा जहां आप रहते हैं, यदि आप कोई अतिरिक्त संपत्ति किराए पर देने की योजना बना रहे हैं, तो यह आपको समय के साथ पूंजी वृद्धि के साथ नियमित किराये की आय प्रदान कर सकता है।

स्टॉक्स बनाम रियल एस्टेट में निवेशः तुलना

लॉन्ग टर्म निवेश- स्टॉक के साथ-साथ रियल एस्टेट दोनों में निवेश को लॉन्ग टर्म निवेश साधन क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं? माना जाता है। विशेषज्ञ आमतौर पर इन दोनों परिदृश्यों में काफी लंबी अवधि के लिए निवेशित रहने की सलाह देते हैं।

आपको रियल एस्टेट की तुलना में अपेक्षाकृत कम अवधि में शेयरों से कमाई करने का मौका मिल सकता है। लेकिन, बाजार में तेजी आने तक, आपको अपनी वास्तविक क्षमता अर्जित करने के लिए अपनी संपत्ति को अधिक वर्षों तक रखना पड़ सकता है।

तेज और सुविधाजनक- यहां कोई भी अनुमान लगा सकता है कि शेयरों में निवेश करना इतना तेज़ और सुविधाजनक है, और इसमें लर्निंग कर्व भी छोटा है। आपको बस एक प्रतिष्ठित स्टॉक ब्रोकर के साथ जुड़ना है, डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलना है, इसे अपने बैंक खाते से लिंक करना है और आप शुरुआत कर सकते हैं।

रियल एस्टेट निवेश एक लंबी प्रक्रिया है जिसमें अंतिम सौदा करने से पहले बहुत सारी कागजी कार्रवाई और गहन विश्लेषण शामिल है।

स्टॉक्स बनाम रियल एस्टेट में तरलता- रियल एस्टेट में निवेश की तुलना में स्टॉक या इक्विटी में निवेश उच्च तरलता प्रदान करता है। आपके पास बाजार समय में अपने स्टॉक निवेशों से ऑनलाइन बाहर निकलने का विकल्प है। आपको अपनी वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपने सभी इक्विटी निवेशों को नहीं, बल्कि कुछ को खत्म करने का विकल्प भी रहता है।

लेकिन, जब आप अपना पैसा रियल एस्टेट में निवेश करते हैं, तो आप इसे जल्दी से नहीं निकाल सकते। संपत्ति को तुरंत बेचना संभव नहीं होगा। आपको बाजार के मजबूत होने का इंतजार करना होगा और वांछित लाभ प्राप्त करने के लिए उपयुक्त खरीदार की तलाश करनी होगी।

बाजार में उतार-चढ़ाव- स्टॉक के साथ-साथ रियल एस्टेट में निवेश से बाजार में उतार-चढ़ाव का खतरा रहता है। स्टॉक लंबे समय में उच्च धन उत्पन्न करने के लिए सिद्ध हुए हैं। यह मानव स्वभाव है कि चरम स्थितियों में अति प्रतिक्रिया करता है जिससे आवेगपूर्ण स्टॉक खरीदने / बेचने के फैसले होते हैं। इस वजह से बाजार के जोखिमों को वहन करते हुए मजबूत निवेश पोर्टफोलियो बनाने के लिए पर्याप्त अनुशासित होना आवश्यक है।

रियल एस्टेट को भी बाजार के उतार-चढ़ाव से दूर नहीं रखा जाता है। आप भारी मात्रा में मुनाफा हासिल कर सकते हैं, यहां बड़ा नुकसान उठा सकते हैं या यदि बाजार धीमा है तो अपना पैसा फंसा सकते हैं।

निवेश का विविधीकरण- शेयरों में निवेश करने से आपको कम मात्रा में भी अपने निवेश में विविधता लाने का मौका मिलता है। आप विभिन्न कंपनियों और इक्विटी साधनों के शेयरों में निवेश कर सकते हैं।

जबकि रियल एस्टेट निवेश में, विविधीकरण की कोई गुंजाइश नहीं है और इसके लिए पर्याप्त मात्रा में धन की आवश्यकता होती है, वह भी एकमुश्त।

स्टॉक बनाम रियल एस्टेट में निवेश: एक अंतिम फैसला
स्टॉक और रियल एस्टेट में निवेश के अपने फायदे और नुकसान हैं। दोनों में से किसी एक के साथ पैसा बनाने के लिए, इसके लिए योजनाबद्ध और व्यवस्थित रणनीति की आवश्यकता होती है। शेयरों और रियल एस्टेट, दोनों ही निवेश में आप अपने-अपने तरीके से यूनिक साबित हो सकते हैं।

हालांकि, जब हम सक्रिय रूप से ओवरऑल लाभ और आय सृजन क्षमता की तुलना करते हैं, तो शेयरों में निवेश निश्चित तौर पर बेहतर है।

इसमें कोई संदेह नहीं है कि हाल तक रियल एस्टेट भारी पैसा कमाने का एक आकर्षक संस्करण हुआ करता था। लेकिन, इसकी चमक और आकर्षण बाजार में भारी गिरावट के कारण खोता जा रहा है।

मनोवैज्ञानिक रूप से लोग अपने हितों के आधार पर स्टॉक या रियल एस्टेट की ओर आकर्षित होते हैं। लेकिन, व्यावहारिक रूप से आपको अपने लॉन्ग टर्म वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए रणनीति बनाने की आवश्यकता है। इसके अलावा, संपत्ति के मालिक होने से व्यक्तिगत संतुष्टि मिलती है। लेकिन, अगर आपके पास पहले से ही एक है, तो आप निश्चित रूप से शेयरों में निवेश करके अपने पैसे को और बढ़ाने की उम्मीद कर सकते हैं।

(इस लेख के लेखक, TradeSmart के सीईओ विकास सिंघानिया हैं)
(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

रेटिंग: 4.69
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 509
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *