क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई?

और क्रिप्टोकारोबार में लगे लोग अब उन्हीं को सामने करके सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बाकायदा अख़बारों में विज्ञापन देकर कहा है कि देश के करोड़ों लोगों की लगभग छह लाख करोड़ रुपए की रक़म क्रिप्टोकरेंसी में लगी हुई है। उनका कहना है कि इसीलिए ज़रूरी है कि सरकार इस कारोबार के लिए पारदर्शी नियम क़ानून बनाए।
क्रिप्टोकरेंसी बनाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी, जानें क्या है इनमें अंतर और क्या है नफा-नुकसान
भारत में क्रिप्टो मालिकों की संख्या 10.07 करोड़ है जो दुनिया भर में सबसे अधिक है.
Cryptocurrency News Today: भारत में इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी को लेकर खूब घमासान मचा हुआ है. दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई? क्रिप्टो का कारोबार होने के बाद इस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. सरकार इसे असुरक्षित मानते हुए इसके नियमन को लेकर संसद में बिल लाने की तैयारी कर रही है. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बढ़ते चलन को देखते हुए सरकार खुद अपनी डिजिटल करेंसी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लाने की कवायद में जुटी हुई है.
क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई?
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दुनिया भर के नियामक क्रिप्टोकरेंसी cryptocurrencie की विभिन्न परिभाषाएँ लेकर आए हैं। लेकिन प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में भी, इस बात पर कोई सहमति नहीं है कि विकेंद्रीकृत आभासी मुद्राओं का इलाज कैसे किया जाए, जो वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम पैदा करते हैं और सीमा पार लेनदेन को प्रभावित करते हैं।
नीति सलाहकारों और कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकांश देश आभासी मुद्राओं पर नीति बनाने में असमर्थ हैं। क्रिप्टो की बढ़ती लोकप्रियता ने सांसदों का ध्यान आकर्षित किया है क्योंकि यह मौद्रिक नीति, पूंजी प्रवाह और अवैध गतिविधि क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई? पर राज्य की निगरानी को कमजोर कर सकता है अगर अनियंत्रित छोड़ दिया जाए।
क्रिप्टोकरेंसी की वास्तविक क़ीमत शून्य तो क़ानून क्यों आ रहा है?
क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून आने के बाद रिज़र्व बैंक एक डिजिटल करेंसी भी जारी करने जा रहा है। लेकिन सवाल है कि जिसकी कोई वास्तविक क़ीमत नहीं है उसको मान्यता कैसे मिलेगी?
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हरि अनंत हरि कथा अनंता। और एकदम यही हाल पैसे का भी है। कहा भी है पैसा भगवान तो नहीं पर भगवान की कसम, भगवान से कम भी नहीं है। पैसे के अनेक रूप भी देखे गए हैं और देखे जा रहे हैं। अनाज और मसालों के लेनदेन से शुरू हुआ व्यापार फिर सोने, चांदी, तांबे, पीतल और अल्युमिनियम के सिक्कों से होता हुआ स्टील के सिक्कों और कागज के नोटों तक पहुँच चुका है।
कुछ देशों में प्लास्टिक के नोट भी चल रहे हैं लेकिन उन्हें भी कागजी मुद्रा ही माना जाता है। कागजी मुद्रा यानी वो मुद्रा जिसकी क़ीमत उसपर लिखे हुए एक वादे में निहित है। कागज का नोट दरअसल प्रोनोट या प्रॉमिसरी नोट का ही छोटा रूप है। प्रोनोट को भारतीय परंपरा में हुंडी भी कहा जाता था। जिसपर लिखा होता था कि यह रुक्का क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई? या पत्र लेकर आनेवाले को बदले में इतनी रक़म चुकाई जाएगी। भारत के नोटों पर भी भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर की तरफ़ से ऐसा ही वादा क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई? लिखा होता है।
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कुछ देशों में प्लास्टिक के नोट भी चल रहे हैं लेकिन उन्हें भी कागजी मुद्रा ही माना जाता है। कागजी मुद्रा यानी वो मुद्रा जिसकी क़ीमत उसपर लिखे हुए एक वादे में निहित है। कागज का नोट दरअसल प्रोनोट या प्रॉमिसरी नोट का ही छोटा रूप है। प्रोनोट को भारतीय परंपरा में हुंडी भी कहा जाता था। जिसपर लिखा होता था कि यह रुक्का या पत्र लेकर आनेवाले को बदले में इतनी रक़म चुकाई जाएगी। भारत के नोटों पर भी भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर की तरफ़ से ऐसा ही वादा लिखा होता है।
Cryptocurrency: जानें क्या है क्रिप्टोकरेंसी, कैसे करती है काम
नई दिल्ली। दुनियाभर के लोगों में क्रिप्टकरेंसी को लेकर खासा क्रेज देखा जा रहा है। लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी को अमीर बनाने का आसान रास्ता समझ लिया है। क्रिप्टो मार्केट में लोगों को अच्छा खासा फायदा भी हुआ है। यही कारण कि आज हजारों लोग इस क्षेत्र में निवेश कर रहे हैं। हालांकि कई क्रिप्टो करेंसी में निवेशकों को उतना अच्छा रिटर्न नहीं मिल पाता है। लेकिन बाजार में करेंसी ऐसी भी मौजूद है जहां निवेशकों को अच्छा खासा फायदा मिल जाता है।
क्रिप्टोकरेंसी का मतलब है कि लैटिन भाषा का शब्द है जो cryptography से लिया गया है और इसका मतलब होता है, छुपा हुआ। जबकि Currency भी लैटिन के currentia से आया है, जो कि रुपये-पैसे के लिए इस्तेमाल किया जाता है। तो क्रिप्टोकरेंसी का मतलब हुआ छुपा हुआ पैसा या फिर गुप्त पैसा। आमतौर पर कहा जाता है कि क्रिप्टोकरेंसी एक तरह का डिजिटल पैसा है, जिसे आप छू तो नहीं सकते, लेकिन रख जरूर सकते हैं। यानी यह मुद्रा का एक डिजिटल रूप है, जो पूरी तरह से ऑनलाइन होता है।