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ईटीएफ की लागत क्या है

ईटीएफ की लागत क्या है

Gold ETFs vs Gold Mutual Funds: गोल्ड ईटीएफ या गोल्ड म्यूचुअल फंड कौन सा होगा बेहतर?

सोना आम तौर पर मुद्रास्फीति जैसी आर्थिक परस्थितियों से अप्रभावित रहता है. हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में सोने का निवेश अधिक चमका है. और अधिक निवेशकों ने गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड और म्यूचुअल फंड का विकल्प चुना है. आप ईटीएफ की लागत क्या है के लिए क्या बेहतर हो सकता है Gold ETFs या Gold Mutual Funds जानेंगें इस पोस्ट पर.

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गोल्ड ईटीएफ निवेश क्या है?

गोल्ड ईटीएफ एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड का एक रूप है जिसका उपयोग भौतिक सोने को बदलने के लिए किया जा सकता है. गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना लगभग एक म्यूचुअल फंड स्कीम की यूनिट खरीदने जैसा ही है. गोल्ड ईटीएफ की अन्तर्निहित संपत्ति भौतिक सोना है. गोल्ड ईटीएफ को सामान्य शेयरों की तरह कभी भी खरीदा जा सकता है लेकिन सेकेंडरी मार्केट से गोल्ड ईटीएफ खरीदने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना चाहिए.

विश्लेषकों का कहना है कि इक्विटी बाजारों में अत्यधिक अस्थिरता के साथ, निवेशकों को अपने निवेश पोर्टफोलियो के 15% तक सोने के लिए रखना चाहिए. पोर्टफोलियो ईटीएफ की लागत क्या है को Paper gold- Gold ETF or Sovereign Gold Bond (SGB) में निवेश करके बढ़ाना चाहिए, जबकि वित्तीय योजनाकार आमतौर पर सोने के लिए 5-10% आवंटन का सुझाव देते हैं, वर्तमान अनिश्चित स्थिति पीली धातु के लिए उच्च आवंटन की मांग करती है।

विशेषज्ञों के अनुसार, एक निवेशक के रूप में, yellow metal में निवेश बढ़ाने का सही तरीका गोल्ड ईटीएफ या एसजीबी खरीदना है, जिसका व्यय अनुपात कम है और वास्तविक सोने की कीमत को दर्शाता है. भौतिक सोना निवेश असुविधाजनक और जोखिम भरा है, जैसा कि कोई भी निवेशक जानता है.

दूसरी ओर, स्पष्ट सोने की कीमत के कारण ईटीएफ का भंडार पूरी तरह से पारदर्शी होता है. इसके अतिरिक्त, भौतिक सोने के निवेश के सापेक्ष, ईटीएफ की अपनी विशेष संरचना और निर्माण प्रक्रिया के कारण बहुत कम खर्च होता है. गोल्ड ईटीएफ 99.5 फीसदी शुद्धता वाले gold bullion में निवेश करते हैं, जो सोने को रखने के बराबर है. गोल्ड ईटीएफ उन लोगों के लिए बढ़िया हैं जो व्यक्तिगत उपयोग के बजाय निवेश विकल्प के रूप में सोने का उपयोग करना पसंद करते हैं.

गोल्ड म्यूचुअल फंड

गोल्ड फंड एक प्रकार के म्यूचुअल फंड (Mutual fund) हैं जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सोने के भंडार में निवेश करते हैं. यह निवेश आमतौर पर सोने के उत्पादन और वितरण सिंडीकेट, भौतिक सोने और खनन कंपनियों के शेयरों पर किया जाता है. वस्तु को उसके भौतिक रूप में खरीदे बिना किसी परिसंपत्ति में निवेश करने का यह एक सुविधाजनक तरीका है. गोल्ड म्यूचुअल फंड ओपन-एंडेड निवेश हैं, जो गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड द्वारा प्रदान की गई इकाइयों पर आधारित होते हैं.

चूंकि अंतर्निहित परिसंपत्ति भौतिक सोने के रूप में रखी जाती है, इसका मूल्य सीधे धातु की कीमत पर निर्भर करता है. गोल्ड फंड गोल्ड बुलियन में निवेश करते हैं और उन चीजों पर निर्भर करते हैं जो सीधे सोने की कीमतों से जुड़े होते हैं. गोल्ड म्यूचुअल फंड, किसी भी अन्य म्यूचुअल फंड की तरह, अपने अंतर्निहित निवेश के प्रदर्शन के आधार पर रिटर्न अर्जित करते हैं.

इस स्थिति में गोल्ड फंड की एनएवी बदल जाती है क्योंकि गोल्ड ईटीएफ की कीमत में उन्होंने बदलाव किया है। अगर आप गोल्ड फंड खरीदते हैं तो आप मौजूदा दर पर सोने में निवेश करेंगे, जब आप रिडीम करेंगे तो आप मौजूदा दर पर सोना बेचेंगे.

गोल्ड म्यूचुअल फंड और ईटीएफ के बीच अंतर

Gold ETFs vs Gold Mutual Funds

1. निवेश की न्यूनतम राशि

गोल्ड म्यूचुअल फंड में न्यूनतम 1,000 रुपये (मासिक एसआईपी के रूप में) निवेश शुरू की जा सकती है, जबकि गोल्ड ईटीएफ में आमतौर पर 1 ग्राम सोने के न्यूनतम निवेश की आवश्यकता होती है, जो वर्तमान दरों के आधार पर 4,500 रुपये के करीब है.

2. निवेश सुविधाएँ

गोल्ड ईटीएफ में एसआईपी सेवाएं नहीं है. जबकि गोल्ड म्यूचुअल फंड में SIP के माध्यम से Investment किया जा सकता है. डीमैट खाते के बिना ही म्यूचुअल फंड से गोल्ड म्यूचुअल फंड खरीदा जा सकता है. हालांकि, गोल्ड ईटीएफ ईटीएफ की लागत क्या है का एक्सचेंजों पर कारोबार होता है इसलिए इसे खरीदने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना चाहिए.

3. लेन-देन लागत

गोल्ड ईटीएफ की प्रबंधन लागत गोल्ड म्यूचुअल फंड की तुलना में कम है. इसके अतिरिक्त, गोल्ड ईटीएफ में ईटीएफ की लागत क्या है निवेश करने वाले गोल्ड एमएफ की गोल्ड ईटीएफ लागत भी होती है.

4. परिवर्तन (Transferability)

जब भी आवश्यक हो, निवेशक ईटीएफ को धातु में परिवर्तित कर सकता है जबकि गोल्ड एमएफ किसी अन्य इक्विटी की तरह डीमैट खाते में रहता है.

5. तरलता (Liquidity)

गोल्ड म्यूचुअल फंड में समय से पहले फंड निकालने पर एक्जिट लोड देय होता है परन्तु ईटीएफ में कोई एक्जिट लोड नहीं होता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि निवेश कंपनियां बाजार खुले बाजार में किसी भी समय इन इकाइयों को खरीद या बेच सकती हैं.

6. टैक्स दर (Taxation)

यदि आप म्यूचुअल फंड या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड द्वारा सोने में निवेश करते हैं, तो लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ कर की दर 20% और 4% उपकर होगी, अल्पकालिक निवेशक (36 महीने से कम की होल्डिंग अवधि वाले) अपने लाभ पर प्रत्यक्ष Taxation नहीं होंगे, इसके बजाय, उन कमाई को उनकी अन्य कमाई पर लागू किया जाता है, और संबंधित स्लैब के अनुसार कर लगाया जाता है.

SBI में FD-RD की बजाए SBI ETF में निवेश कीजिए, दुगना ब्याज (9%) मिलेगा / INVESTMENT FUNDS

भारत के ज्यादातर लोगों के लिए उनकी जमा पूंजी का सबसे सुरक्षित स्थान यदि कोई है तो उसका नाम है भारतीय स्टेट बैंक। भारत के सबसे ज्यादा मध्यमवर्गीय परिवारों के ईटीएफ की लागत क्या है ईटीएफ की लागत क्या है बैंक अकाउंट एसबीआई में है। ज्यादातर लोग सेविंग अकाउंट से ज्यादा पैसा कमाने के लिए एसबीआई में फिक्स डिपॉजिट या रेकरिंग डिपॉजिट स्कीम शुरू करते हैं लेकिन हम यहां आपको एसबीआई की एक ऐसी स्कीम के बारे में बताने जा रहे हैं जो अब तक 9% से ज्यादा का ब्याज दे दिया रही है।

इंडेक्स फंड का सबसे ईटीएफ की लागत क्या है बड़ा फायदा यह होता है कि इनका एक्सपेंस रेश्यो कम होता है। ये पैसिवली मैनेज होते हैं, इसलिए सक्रिय रूप से प्रबंधित किए जाने वाले फंडों के मुकाबले इंडेक्स फंड पर कम खर्च आता है। इनका टोटल एक्सपेंस रेश्यो बहुत कम आता है।

इंडेक्स फंड का फायदा यह है कि इससे निवेशकों को अपना पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई करने का मौका मिल जाता है। इंडेक्स फंडों में ट्रैकिंग एरर कम होता है। इससे इंडेक्स को इमेज करने की एक्यूरेसी बढ़ जाती है. इस तरह रिटर्न का ज्यादा सटीक अनुमान लगाया जा सकता है। इंडेक्स फंड ऐसे निवेशकों के लिए बेहतर है जो रिस्क कैलकुलेट कर चलना चाहते हैं, भले ही उन्हेें ठीक ठा​क रिटर्न मिले। यानी इंडेक्स फंड में पैसा डूबने का खतरा बहुत कम होता है।

(Disclaimer: हमने यहां सिर्फ इंडेक्स फंड के बारे में जानकारी दी है. यह निवेश की सलाह नहीं है. निवेश से पहले अपने स्तर पर सलाह जरूर लें.)

भारत 22 विनिमय वाणिज्य कोश (ETF) – Exchange Traded Funds

अपने विनिवेश कार्यक्रम के लिए भारत सरकार एंकर तथा गैर-एंकर निवेशकों के लिए भारत 22 विनिमय वाणिज्य कोश (ETF) के “Further Fund Offer 2” (FFO 2) प्रस्ताव को शीघ्र ही खोलने जा रही है.

Exchange Traded Fund (ETF) क्या है?

  • ETF का ईटीएफ की लागत क्या है पूरा नाम Exchange Traded Funds है. ये म्यूच्यूअल फण्ड हैं जो शेयरों की भाँति स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होते हैं और इनका क्रय-विक्रय होता है.
  • संस्थागत निवेशक इंडेक्सETFs तैयार करते हैं और इस इंडेक्स में शेयर डालते और निकालते रहते हैं.
  • साधारणतः ETF का कोश निष्क्रिय रहता है और कोश प्रबंधक अपने मन से शेयर का चुनाव नहीं करता है. इसके बदले ETF एक इंडेक्स का अनुसरण करता है और इसके प्रदर्शन को सही ढंग से दिखलाने का प्रयास करता रहता है.
  • ETF के अन्दर कोई व्यक्ति बाजार खुले रहने पर क्षण-प्रतिक्षण की स्थिति के आधार पर बाजार के दाम पर इकाइयाँ खरीद और बेच सकता है.

ETF के लाभ

  • इसमें लागत कम आती है क्योंकि इसमें बड़े-बड़े कोश प्रबंधकों की सेवा की आवश्यकता नहीं पड़ती है.
  • ईटीएफ की लागत क्या है
  • ETF में निवेश के पोर्टफोलियो में बहुत प्रकार के विकल्प रहते हैं इसलिए कोश प्रबंधक के द्वारा गलत शेयर ख़रीदे जाने का जोखिम नहीं रहता है.
  • इंडेक्स प्रदाता सावधानी से इंडेक्स में दिए गये शेयरों का चुनाव करते हैं और समय-समय पर इनका संतुलन बनाए रखते हैं.
  • ETF में लगाये गये निवेश एक्सचेंज के माध्यम से निवेश की राशि कभी भी नकद वापस ली जा सकती है.

Exchange Traded Funds

भारत 22 क्या है?

भारत 22 अनेक ब्लूचिप शेयरों वाला पोर्टफोलियो है जिसके अन्दर CPSE’s, PSB’s और SUUI के 22 शेयर होते हैं. ये शेयर जिन छह प्रक्षेत्रों से सम्बंधित होते हैं, वे हैं – आधारभूत माल, ऊर्जा, वित्त, FMCG, औद्योगिक वस्तुएँ और जन-उपयोग की वस्तुएँ. इन प्रक्षेत्रों से जिन सुप्रतिष्ठित (ब्लू चिप) कंपनियों का शेयर चुना जाता है उनके नाम प्रक्षेत्रवार इस प्रकार हैं –

  1. आधारभूत माल – नेशनल अल्मूनियम
  2. ऊर्जा – ONGC, IOC, BPCL और कोल इंडिया
  3. वित्त – स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा, इंडियन बैंक, PFC और REC.
  4. FMCG – ITC
  5. औद्योगिक वस्तुएँ – L&T, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजिनियर्स इंडिया, NBCC
  6. जन-उपयोग की वस्तुएँ – पॉवर ग्रिड, NTPC, GAIL NHPC, NCL, SJVNL

ETF के लिए ICICI प्रुडेंशियल को प्रबंधक बनाया गया है और इसके लिए इंडेक्स प्रोवाइडर एशिया इंडेक्स प्राइवेट लिमिटेड (JV BSE एवं S& P Global) होगा.

Tags : Exchange Traded Fund (ETF) क्या है? Bharat 22 के बारे में जानें. What are ETFs, benefits and significance in Hindi.

Nifty 50 ETF: नए निवेशकों के लिए बेहतर है 'निफ्टी 50 ईटीएफ!, जानें डिटेल

Nifty 50 ETF: नए निवेशकों के लिए बेहतर है 'निफ्टी 50 ईटीएफ!, जानें डिटेल

Nifty 50 ETF: इक्विटी Equity में अगर आप नए हैं और सीधे शेयरों Shares के साथ निवेश की शुरुआत करने का मन बना रहे हैं तो, सही शेयर में निवेश का निर्णय लेना आसान नहीं होता है। इससे पहले आपको कंपनी की वित्तीय स्थिति Financial Position, उसकी कारोबारी संभावनाओं Business Prospects, मूल्यांकन Valuation, ईटीएफ की लागत क्या है उद्योग की गतिशीलता, बाजार की स्थितियों आदि को समझने की जरूरत है। यहीं पर निफ्टी 50 ईटीएफ Nifty 50 ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) सामने आता है। ईटीएफ एक विशिष्ट इंडेक्स को ट्रैक करता है। इससे एक्सचेंजों पर स्टॉक की तरह कारोबार किया जाता है, लेकिन इसे म्यूचुअल फंड हाउस Mutual Fund Houses द्वारा ऑफर किया जाता है।

आप बाजार समय के दौरान एक्सचेंजों Exchanges से ईटीएफ की यूनिट्स खरीद और बेच सकते हैं। इस संबंध में निफ्टी 50 ईटीएफ पहली बार स्टॉक निवेशकों Stock Investors के लिए और सामान्य रूप से अपनी इक्विटी यात्रा शुरू करने वालों के लिए एक शुरुआती प्वॉइंट में से एक है। वहीं निफ्टी 50 इंडेक्स में बाजार पूंजीकरण में सबसे बड़ी भारतीय कंपनियां शामिल हैं। इसलिए, निफ्टी 50 ईटीएफ निवेशक के लिए शेयरों और सेक्टर्स में उम्दा विविधीकरण प्रदान करता है। निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश सस्ता पड़ता है। चूंकि ईटीएफ निफ्टी 50 इंडेक्स को निष्क्रिय रूप ईटीएफ की लागत क्या है से ट्रैक करता है और इंडेक्स घटकों में सीमित या कोई मंथन नहीं होता है, इसलिए लागत कम होती है।

खर्च का अनुपात या दूसरे शब्दों में, जो फंड चार्ज करते हैं, वह सिर्फ 2 से 5 आधार अंक (0.02-0.05%) है। इक्विटी और स्टॉक Equity and Stock में एक नौसिखिया निवेशक के रूप में आपको कुछ ईटीएफ की लागत क्या है कंपनियों के शेयरों की कीमतें काफी महंगी लग सकती हैं। निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश करके अधिक जोखिम उठाए बिना वर्षों तक बाजार की गतिशीलता को समझना शुरू कर सकते हैं। साथ ही बाजारों को चलाने वाले विभिन्न कारकों से खुद से परिचय कराते हैं।

जोखिम लेने की क्षमता Potential, लक्ष्य Target, समय सीमा और निवेश Time Frame and Investment करने योग्य सरप्लस के आधार पर छोटे और मिडकैप शेयरों या म्यूचुअल फंड का पता लगा सकते हैं।

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