सर्वोत्तम उदाहरण और सुझाव

इक्विटी शेयर के नुकसान

इक्विटी शेयर के नुकसान
TOTAL NO of SHARE X SHARE PRICE = SHARE CAPITAL

Bikaji Foods के IPO में पैसा लगाने वालों की भर रही है जेब, लगातार दूसरे दिन 10% अपर सर्किट, रिकॉर्ड हाई पर शेयर

शेयर बाजार के फायदे और नुकसान

इन दिनों शेयर मार्केट के बारे में हर कोई चर्चा कर रहा है, हो सकता है आप भी अपना पैसा स्टॉक मार्केट में लगाने के बारे में सोच रहे हों। आज हम शेयर बाजार के फायदे और नुकसान के इक्विटी शेयर के नुकसान बारे बात करने वाले हैं। शेयर बाजार एक ऐसी जगह है जहाँ से आप अच्छा-ख़ासा पैसा कमा सकते हैं लेकिन इसके विपरीत भी हो सकता है यानी आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

ताजा उदाहरण देखें तो हाल ही में आये कोरोना महामारी की वजह से स्टॉक मार्केट बुरी तरह से गिर गया था सभी निवेशकों के पोर्टफोलियो में 80-90% तक का नुकसान दिखाई दे रहा था इस स्थिति में जिन लोगों ने घबराहट में अपने स्टॉक्स बेच दिए उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है।

लेकिन यह महामारी शेयर बाजार के जानकारों के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आया था। बड़े निवेशकों को ऐसे मौके का इंतजार होता है और इस मौके पर अच्छी कंपनियों के स्टॉक्स को बहुत कम भाव में खरीद पाते हैं। कोरोनाकाल के बाद मार्केट बड़ी तेजी से ऊपर जाता हुआ दिखा और अपने उच्चतम स्तर को भी तोड़कर आगे बढ़ चुका है। इस प्रकार इक्विटी शेयर के नुकसान से स्टॉक मार्केट के अपने फायदे भी है और नुकसान भी आइये शेयर बाजार के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से जानते हैं।

शेयर बाजार के फायदे

कम समय में अच्छा मुनाफा कमाने की संभावना: शेयर बाजार निवेश का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें कम समय के निवेश में भी अधिक लाभ कमाए जा सकते हैं। यदि हम बैंक एफडी, बचत खाते आदि की बात करें तो ये सभी लम्बे अवधि के निवेश में एक निर्धारित रिटर्न दे पाते हैं लेकिन स्टॉक मार्केट में कम अवधि में अच्छा मुनाफा मिल सकता है यह पूरी तरह से निवेश किये गये कम्पनी के कामकाज और मार्केट के माहौल पर निर्भर करती है।

अधिक रिटर्न मिलने की संभावना: चूंकि अधिकांश सूचीबद्ध शेयर इक्विटी शेयर हैं, उनका मूल्य सीधे कंपनी के मूल्य से संबंधित है, इस प्रकार जब कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन कर रही है तो कंपनी के शेयरों के मूल्य में पर्याप्त वृद्धि होती है जो अच्छा रिटर्न प्रदान करती है।

कंपनी में हिस्सेदारी मिलती है: जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के हिस्सेदार बन जाते हैं। चाहे आपके पास कितने भी शेयर क्यों न हो आप कंपनी के ग्रोथ में भागीदार होते हैं और बदले में आपको वोटिंग अधिकार, लाभांश, बोनस आदि प्राप्त हो सकते हैं।

शेयर बाजार के नुकसान

अस्थिर निवेश: शेयर बाजार अत्यंत अस्थिर (volatile) है इसमें लगातार उतार-चढाव होते रहते हैं। शेयर का भाव कभी भी बढ़ सकता है या घट सकता है। शेयरों के मूल्य को प्रभावित करने वाले कोई एक नही बल्कि कई सारे कारक हैं जैसे: बजट, सरकारी नीतियां, क्षेत्रीय घटनाएँ, महामारी या आपदाएं, कंपनी के लाभ-हानि, कंपनी के प्रबंधन में परिवर्तन आदि।

जानकारी का आभाव: स्टॉक मार्केट में ज्यादातर निवेशक किसी ब्रोकर या अन्य व्यक्ति की राय से अपना पैसा निवेश कर देते हैं जो की सही नही है। निवेश करने से पहले निवेशक को स्वयं शेयर बाजार का ज्ञान लेना जरुरी है। हालांकि सेबी और स्टॉक एक्सचेंजों के द्वारा कंपनियों को निवेशकों के लाभ के लिए सम्बंधित जानकारी का खुलासा करने का निर्देश होता है। लेकिन इसके बावजूद अधिकांश निवेशक अपने लाभ के लिए इस जानकारी का विश्लेषण और उपयोग करने में असमर्थ हैं। निवेशकों को इसके लिए प्रशिक्षण और अभ्यास की बहुत ज्यादा आवश्यकता है।

पिछले दहशरा से शेयर बाजार में 6 फीसदी तक की गिरावट, जानें कहां और कैसे हुआ नुकसान

पिछले दहशरा से शेयर बाजार में 6 फीसदी तक की गिरावट, जानें कहां और कैसे हुआ नुकसान

डीएनए हिंदीः बढ़ती महंगाई के बीच दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों की ओर से ब्याज दरों में इजाफा किया गया है, जिससे भारत भी नहीं बचा है. जिसकी वजह से दुनिया की इकोनॉमिक ग्रोथ (Economic Growth) में कमी आने की संभावना भी जताई जा रही है. हालांकि, भारतीय शेयर बाजार (Indian Share Market) को किसी भी बड़ी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है और विश्लेषकों को उम्मीद है कि यह बेहतर प्रदर्शन करना जारी रखेगा. भारत के बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी (Sensex And Nifty) पिछले साल के दशहरा से अब तक करीब 6 प्रतिशत से ज्यादा नीचे हैं. 2011 के बाद यह पहला मौका है जब दोनों इक्विटी सूचकांकों ने इतना नुकसान दर्ज किया है. इस साल दशहरा आज यानी 5 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. इसी अवधि में विदेशी निवेशकों ने स्थानीय इक्विटी में करीब 27.78 अरब डॉलर की बिक्री की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 3.17 लाख करोड़ रुपये के शेयर खरीदे.

16 नवंबर को हुई थी लिस्टिंग

Bikaji Foods की बाजार में लिस्टिंग 16 नवंबर को हुई थी. यह 300 रुपये इश्‍यू प्राइस की तुलना में 323 रुपये यानी 7 फीसदी प्रीमियम पर लिस्ट हुआ. 303 रुपये तक कमजोर होने के बाद अब शेयर 379 रुपये के भाव पर है. आईपीओ के लिए कंपनी ने 285-300 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया था.

इस आईपीओ को निवेशकों से अच्‍छा रिस्‍पांस मिला था. यह आईपीओ 26 गुना से ज्यादा सब्सक्राइब हुआ इक्विटी शेयर के नुकसान था. क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स की कैटेगरी 81 गुना भरा था, जबकि नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स और रिटेल इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स के कोटे को 7 गुना और 4.69 गुना सब्सक्राइब किया गया था.

कंपनी के बारे में

Bikaji Foods की प्रेजेंस 23 राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हैं. वहीं नॉर्थ अमेरिका, यूरोप, मिडिल ईस्‍ट, अफ्रीका और एशिया पैसिफिक में 21 देशों में इसके प्रोडक्‍ट का निर्यात होता है. कंपनी के रेवेन्‍यू में FY22 में सालाना आधार पर 23 फीसदी ग्रोथ रही और यह 1,611 करोड़ रहा. जबकि मुनाफा इस दौरान 90.3 करोड़ से घटकर 76.03 करोड़ रहा. जून 2022 में समाप्‍त तिमाही के दौरान कंपनी का मुनाफा 26.5 फीसदी बढ़कर 15.7 करोड़ रहा, जबकि रेवेन्‍यू 26.5 फीसदी बढ़कर 419 करोड़ रहा.

Get Business News in Hindi, latest India News in Hindi, and other breaking news on share market, investment scheme and much more on Financial Express Hindi. Like us on Facebook, Follow us on Twitter for latest financial news and share market updates.

सिर्फ 13 फीसदी भारतीय निवेशकों को पसंद है शेयर बाजार, जानिए दुनिया का हाल

Only 13 percent Indian investors like the stock market, know the world

नई दिल्ली। कोरोना काल में दुनियाभर के शेयर बाजारों ने जबरदस्त गिरावट देखी हैं। मार्च और अप्रैल के महीने में तो हालत काफी खराब थी। कुछेक कंपनियों को छोड़ दिया जाए तो सभी को काफी नुकसान झेलना पड़ा। जिसकी निवेशकों को भी काफी नुकसान हुआ। अमेजन, एप्पल, टेस्ला, रिलायंस जैसी बड़ी कंपनियों को फायदा भी हुआ। रिलायंस तो कोरोना काल में ही अपने सबसे अच्छे दौर से गुजर रही है। जिसका फायदा निवेशकों को भी मिला है। क्या प जानते हैं आखिर भारत में कितने इंवेस्टर हैं, जोकि शेयर बाजार में अपना रुपया लगाते हैं? आखिर पूरी दुनिया के मुकाबले भारतीय निवेशकों का शेयर बाजार पर कितना विश्वास है? भारतीय निवेशक किस सेगमेंट में निवेश करना पसंद करते हैं? आइए आपको भी बताते हैं।

शेयर का क्या अर्थ है ?

What is Share Hindi :- Share का अर्थ एक हिस्सा होता है | जब आप किसी कंपनी निवेश करते हैं, तो आप उस कंपनी के आंशिक हिस्सेदार बन जाते हैं |Share किसी कंपनी में आंशिक भागीदारी प्राप्त करने का एक तरीका हैं | जब आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते हो, तब आप उस कंपनी के शेयर होल्डर या ‘इक्विटी होल्डर’ इक्विटी शेयर के नुकसान बन जाते हो | शेयर को इक्विटी और स्क्रिप्ट भी कहा जाता है |

जैसे – एक ABC कंपनी की कुल पूंजी 1 करोड़ है, और कंपनी अपनी 1 करोड़ की पूंजी को, 1 लाख अलग-अलग, बराबर मूल्य के हिस्से में बाँट देती है, अब बांटा गया हर एक हिस्सा, कंपनी की पूंजी का एक सबसे छोटा भाग है जिसकी कीमत अब 100 रूपये है, पूंजी के इसी छोटे भाग को ही SHARE कहा जाता है,

इस तरह ABC कंपनी की पूंजी SHARE में बाँट दिए जाने पर अब कंपनी की पूंजी SHARE CAPITAL कहलाएगी, जो इस प्रकार से होगी –

शेयर मार्किट क्या है ? What is Share market in Hindi?

Share Market इक्विटी शेयर के नुकसान kya hai? Share market या stock market एक ऐसा मार्किट जंहा कंपनी के शेयर की Selling aur Purchasing की जाती है यानि जिस मार्किट के अन्दर कंपनीज के शेयर को खरीदा और बेचा जाता है उसे Share market या stock market कहते है शेयर मार्किट के अंदर बहुत सी कंपनी अपने शेयर Issue करती है और बहुत से इंवेस्टवेर उन्हें खरीदते है और फिर उन्हें बेचते है और इस प्रक्रिया को Stock इक्विटी शेयर के नुकसान Market ट्रेडिंग कहते है share market in hindi basic knowledge

और यह एक बहुत से लोग बहुत सारा पैसा कमाते है और बहुत से लोग बहुत सारा पैसा डूबा भी देते हैकंपनी के शेयर की कीमत कभी घटती ही तो कभी बढती रहती है इसलिए Share market in hindi बहुत जोखिम वाली मार्किट है क्योकि यदि कोई किसी कंपनी के के शेयर खरीदता है तो उस इन्वेस्टर की उस कंपनी के लाभ और हानि के अन्दर हिसेदारी हो जाती है तो कंपनी अच्छी परफॉरमेंस के साथ काम कर रही है तो शेयर का रेट कम नही होगा और इन्वेस्टर को लाभ होगा और कंपनी की परफॉरमेंस अच्छी नही है तो इन्वेस्टर के शेयर रेट कम हो जायेगा और उसके पैसे डूब जायेंगे | share market ke fayde

शेयर बाजार के फायदे – Share Market Benefits hindi

उच्च लिक्विडिटी (High Liquidity) :- इंडियन शेयर मार्किट में, दो एक्सचेंज, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) हैं ज्यादातर कंपनियां या तो इन इन दोनों एक्सचेंजों पर या इनमें से किसी एक में अपने शेयरों का बिज़नेस करती हैं। यह निवेशकों को उच्च लिक्विडिटी प्रदान करता है क्योंकि औसत दैनिक मात्रा अधिक होती है। इसलिए, यदि कोई इन्वेस्टर स्टॉक एक्सचेंजों पर किसी भी शेयर को खरीदना या बेचना चाहता है, तो लिक्विडिटी इसे आसान बनाती है।

कम समय अवधि में उच्च रिटर्न (High returns) :- Bonds और Fixed Deposits जैसे अन्य इन्वेस्टमेंट ऑप्शन से तुलना की जाये तो शेयर मार्किट निवेशकों को तुलनात्मक रूप से कम समय अवधि में अधिक रिटर्नदेता है लेकिन शेयर मार्किट रूल को फॉलो करना पड़ेगा जैसे : ट्रेडिंग की योजना बनाना, स्टॉप–लॉस और ले–प्रॉफिट ट्रिगर्स का उपयोग करना, अनुसंधान और उचित परिश्रम करना, और धैर्यवान होने से स्टॉक निवेश में निहित risk को काफी कम किया जा सकता है और शेयर बाजार निवेश पर रिटर्न को बढाया जा सकता है |

Share Market Benefits hindi

लाभ और हानि की कोई सीमा नहीं :- शेयर मार्किट के अन्दर प्रॉफिट और loss की कोई लिमिट नही है इसके अन्दर इन्वेस्टर के उपर निर्भर करता है की कितने अच्छे से ट्रेडिंग कर सकता है और अच्छे पैसे कमा सकता है |

No Time और Space Limit :- शेयर मार्किट एक सप्ताह के अन्दर 5 दिन और हर दिन 6 घंटे चलता है ओ आप अपनी मर्जी के हिसाब से ट्रेडिंग कर सकते है और इसके लिए ज्यादा स्पेस की जरुरत नही पड़ती है और इक्विटी शेयर के नुकसान जंहा अच्छा इन्टरनेट मिले वंहा से ट्रेडिंग कर सकते है |

Regulatory Environment and Framework :- इंडियन स्टॉक मार्किट को स्टॉक एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) द्वारा कण्ट्रोल किया जाता है SEBI के पास स्टॉक एक्सचेंजों को विनियमित करने, इसके विकास और इन्वेस्टर के अधिकारों की रक्षा करने की जिम्मेदारी है। इसका मतलब यह है कि जब इन्वेस्टर शेयर बाजार में वित्तीय प्रोडक्ट में निवेश करते हैं तो उसके साथ कोई धोखाधड़ी नही हो सकती है

रेटिंग: 4.53
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 386
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *