बाजार के रुझान

UP Poll : 5 सट्टा-बाजार का रुझान
साथियों 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव खत्म हो गए है, अब सबकी नजरे चुनाव नतीजों पर टिकी हुई है, लगातार देश की बड़ी मीडिया कंपनी अपने सर्वे के पोल दिखा रही है, लेकिन आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे की उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस बार कौन सरकार बनाने जा रहा है, क्या योगी सरकार की वापसी होगी, या फिर अखिलेश यादव की, आज के इस पोस्ट में जानेंगे की देश के 5 बड़े सट्टा बाजार में किसके भाव सबसे ज्यादा है और किसपे सर्वाधिक दांव लगाया गया है।
सटोरियों के मुताबिक अकेले यूपी के नतीजों से पहले 300 करोड़ से ज्यादा का सट्टा लग चुका है।
इन सट्टा बाजार में हमने देश के सबसे बड़े सट्टा बाजार फलौदी के बाजार के रुझान अलावा मध्यप्रदेश, गुजरात, दिल्ली और मुंबई के सट्टा बाजार को शामिल किया है।
Share Market Outlook: इस हफ्ते बाजार में जारी रहेगी तेजी की रफ्तार या फिर लौटेगी बिकवाली, जानिए किन इवेंट्स पर रहेगी नजर?
Share Market Outlook for Next Week: शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की खरीदारी से एक बार फिर तेजी देखने को मिल रही है. इसके अलावा बाजार को मजबूत ग्लोबल संकेतों का भी सपोर्ट मिला है. नतीजतन, बाजार के प्रमुख इंडेक्स नवंबर में अब तक पॉजिटिव बंद हुआ हैं. बीते हफ्ते निफ्टी और सेंसेक्स सवा-सवा परसेंट की मजबूती के साथ बंद हुए. इस दौरान बैंकिंग और IT सेक्टर के शेयरों ने आउटपरफॉर्म किया. दोनों सेक्टोरल इंडेक्स 2-3 फीसदी की उछाल के साथ क्लोजिंग दी. लेकिन इस हफ्ते बाजार की नजह आने वाले घरेलू आंकड़ों पर रहेगी.
FIIs की खरीदारी से बाजार में मजबूती
बाजार के जानकारों के मानना है कि महंगाई के आंकड़े, ग्लोबल मार्केट बाजार के रुझान का परफॉर्मेंस और FIIs की एक्टिविटी पर बाजार की नजर होगी. हालांकि, शुक्रवार को विदेशी निवेशकों की खरीदारी और ग्लोबल मार्केट में लौटी खरीदारी से बाजार में तेज खरीदारी देखने को मिली थी. सेंसेक्स शुक्रवार को 1,181 अंक या 1.95 फीसदी बढ़कर 61,795.04 पर बंद हुआ. यह 18 अक्टूबर, 2021 के अपने पिछले उच्च स्तर 61,765.59 अंक को पार कर गया. FPIs ने नवंबर में अबतक नवंबर महीने में अब तक करीब 19,000 करोड़ रुपए का निवेश किया है.
घरेलू मैक्रो इकोनॉमिक डाटा पर होगी नजर
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट सीनियर टेक्निकल एनलिस्ट प्रवेश गौर के मुताबिक दुनिया के शेयर बाजारों में प्रदर्शन का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ेगा. निवेशकों की हमारे घरेलू महंगाई के आंकड़ों पर नजर रहेगी. वहीं, रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के रिसर्च वॉइस प्रेसिडेंट अजीत मिश्रा ने कहा कि निवेशकों की नजर महत्वपूर्ण मैक्रो इकोनॉमिक डाटा पर होगी, बाजार के रुझान बाजार के रुझान जिसमें रिटेल महंगाई दर, होलसेल महंगाई दर जैसे आंकड़े शामिल है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजारों और विदेशी निवेशकों के इनफ्लो के रुझान का प्रदर्शन भी बाजार की चाल को तय करेगा.
आने वाले नतीजों पर स्टॉक एक्शन संभव
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद बाजार के रुझान नायर के मुताबिक नवंबर में घरेलू मार्केट के लिए FIIs की खरीदारी का फी अहम है. यह आने वाले दिनों में US ट्रेजरी में जारी गिरावट से और सुधर सकती है. साथ ही हफ्ते में आने वाले कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजों पर भी नजर होगी. इससे बाजार में स्टॉक एक्शन देखने को मिल सकता है. इसमें M&M, हिंडाल्को, LIC, BHEL, BEL समेत अन्य बाजार के रुझान शामिल हैं.
चुनाव रुझान: कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से झूमा शेयर बाजार
मुंबई। विधानसभा चुनावों के शुरुआती रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बेहतर प्रदर्शन और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेज गिरावट के बीच स्थानीय शेयर बाजार में तेजडिय़ा गतिविधियों के जोर से बीएसई सेंसेक्स 1303.94 (2.39 प्रतिशत) बढ़कर 55951.82 पर चल रहा था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के मुख्य सूचकांक में 2.26 प्रतिशत का उछाल था। निफ्टी 50 कल के बंद के मुकाबले 369.50 अंक बढ़कर 16714.85 चल रहा था। पांच राज्यों की मतगणना में 403 सीटों वाले उत्तर प्रदेश में भाजपा बहुमत के साथ सत्ता में लौटती नजर आ रही है, मणिपुर में इस पार्टी की एकतरफा जीत के आसार है और पार्टी उत्तराखंड में भी अच्छा प्रदर्शन कर रही है। गोवा में कांग्रेस के साथ कांटे के मुकाबले के बीच भाजपा को शुरुआत में बढ़त मिली हुई है।
पंजाब की बागडोर पहली बार आम आदमी पार्टी के हाथ में जाने की पूरी संभावना है। यूक्रेन संकट के बीच उबाल पर चल रहा कच्चे तेल का बाजार आज तेजी से शांत होता दिखा। न्यूयार्क जिंस बाजार में ब्रेंट क्रूड कल के 131.27 डालर प्रति बैरल से टूट कर 114.36 डालर पर बोला जा रहा था।
Market Update: अमेरिकी शेयर बाजार में कोहराम, Dow Jones INDEX 1000 पॉइंट गिरा, सेंसेक्स भी 1154 अंक गिरा
Share Market Update। दुनियाभर के शेयर बाजारों में लगातार भारी गिरावट का सिलसिला जारी है। अमेरिकी शेयर बाजारों में 18 मई के कारोबारी दिन भारी गिरावट देखी गई है। बुधवार को इंट्रा डे में नैस्डेक (Nasdaq) बाजार के रुझान और S&P में 4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। वैश्विक बाजार में शेयर बाजारों में लगातार हो रही गिरावट का असर भारत में भी देखा जा रही है। आज बाजार खुलते ही बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में 1154 अंक की गिरावट देखी गई है।
मिली जानकारी है कि टारगेट कॉर्प्स का पहली तिमाही का मुनाफा घटकर आधा हो गया है। ईंधन के दाम बढ़ने और माल ढुलाई का खर्च बढ़ने के कारण मुनाफे पर गहरा आघात लगा है। कंपनी के शेयर 18 मई को 25.2 प्रतिशत गिर गए। अमेरिका में 19 अक्टूबर 1987 के ब्लैक मंडे के बाद शेयर बाजार में 18 मई को सबसे बड़ी गिरावट आई है। इसके अलावा रिटेल कंपनी वॉलमार्ट ने भी कमजोर नतीजे जारी किए थे।
बीते कुछ माह से दुनियाभर के शेयर मार्केट में गिरावट दर्ज की जा रही है। रूस-यूक्रेन युद्ध, सप्लाई चेन में बढ़ती दिक्कत और कोरोना संक्रमण के कारण अधिकांश देशों में महंगाई बेकाबू हो गई है। श्रीलंका जैसे छोटे देश तो कंगाली की कगार पर पहुंच गए हैं। दुनियाभर में माल सप्लाई करने वाला चीन एक बार फिर कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन की चपेट में है। इस सभी परिस्थितियों के कारण भी शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की जा रही है।
वैश्विक बाजारों में बेहद कमजोर रुझान के कारण गुरुवार को सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट आई है। गुरुवार को सेंसेक्स में 1,154.78 अंक की गिरावट दर्ज की गई है। इस दौरान 30 शेयरों वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 1,154.78 अंक की गिरावट के साथ 53,053.75 पर कारोबार कर रहा था। NSE निफ्टी भी 335.65 अंक गिरकर 15,904.65 पर आ गया। सेंसेक्स में टेक महिंद्रा, बजाज फिनसर्व, इंफोसिस, विप्रो, टाटा स्टील, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, बजाज फाइनेंस और भारतीय स्टेट बैंक शुरुआती कारोबार में गिरने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे।
भारतीय Share Market में पैसा उड़ेल रहे हैं विदेशी निवेशक, अब बाजार को गुलजार होने से कोई नहीं रोक सकता Foreign investors are pouring money into the Indian Share Market, now no one can stop the market
Photo:FILE विदेशी निवेशक
भारतीय Share Market में एकदम से विदेशी निवेशकों का रुझान बढ़ गया है। एक समय लगातार बिकवाली करने वाले विदेशी निवेशक अब जमकर पैसा लगा रहे हैं। एक्सचेंज से मिली जानकारी के मुताबिक, विदेश निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों में नवंबर महीने में अब तक करीब 19,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इससे पहले सितंबर में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से 7,624 करोड़ रुपये और अक्टूबर में आठ करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी। मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि यह भारतीय बाजार के लिए बहुत ही अच्छा संकेत है। वैश्विक स्थिरता और बदले हालात में विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में लौटे है। इससे उम्मीद की जा रही है कि भारतीय बाजार में जबरस्त तेजी लौटेगी जो निवेशकों को मोटा कमाई का मौका मुहैया कराएगी।
क्यों भारतीय बाजार में निवश करें FPI
जानकारों का कहना है कि अमेरिका में महंगाई से राहत और डॉलर की मजबूती कम होने से विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार की ओर रुख किया है। इसके चलते वह तेजी से यहां पैसा लगा रहे हैं। दुनियाभर में मंदी की आशंका के बीच भारत तेजी से विकास करने वाला देश बना हुआ है। यह भी कए कारण है जो विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार की ओर आकर्षित कर रहा है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि नवंबर में विदेशी निवेशकों के अनुकूल रुख रहने के पहले लगातार दो महीनों तक निकासी का दौर देखा गया था। उसके पहले अगस्त में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 51,200 करोड़ रुपये और जुलाई में करीब 5,000 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की थी। हालांकि उसके पहले अक्टूबर 2021 से लेकर जून 2022 के दौरान लगातार नौ महीनों तक विदेशी निवेशक शुद्ध बिकवाल बने हुए थे।
आने वाले दिनों में खरीदारी जारी रखेंगे
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार का मानना है कि एफपीआई आने वाले दिनों में भी खरीदारी का सिलसिला जारी रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़ों में नरमी का रुख रहने और डॉलर एवं बॉन्ड प्रतिफल घटने से विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों के प्रति दिलचस्पी दिखा सकते हैं। आंकड़े बताते हैं कि विदेशी निवेशकों ने एक नवंबर से लेकर 11 नवंबर के दौरान कुल 18,979 करोड़ रुपये का निवेश भारतीय इक्विटी बाजारों में किया है। वर्ष 2022 में अब तक विदेशी निवेशकों की भारतीय बाजार से निकासी 1.5 लाख करोड़ रुपये रही है।
रिटर्न पाने की चाहत में लौटे
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने विदेशी निवेशकों के मौजूदा रुख के लिए मुद्रास्फीति में नरमी, वैश्विक बॉन्ड प्रतिफल कम होने और डॉलर की मजबूती दर्शाने वाले डॉलर सूचकांक में गिरावट को जिम्मेदार बताया। मॉर्निंगस्टार इंडिया के सह निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, “हाल के दिनों में इक्विटी बाजारों के तेजी पकड़ने से विदेशी निवेशकों ने भी संभावित रिटर्न की उम्मीद में इसका हिस्सा बनना पसंद किया है।” हालांकि विदेशी निवेशकों ने नवंबर में अब तक भारतीय ऋण बाजार से 2,784 करोड़ रुपये की निकासी भी की है।