मूल्य सीमा

सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंसियल टेलेकम्युनिकशन्स(SWIFT) ने स्माल एंड मीडियम-साइज्ड इंटरप्राइजेज(SME) के लिए ‘SWIFT Go’ नाम से एक नया समाधान लॉन्च किया है, यह सीधे उनके बैंक खातों से दुनिया में कहीं भी कम मूल्य वाले सीमा पार से निर्बाध भुगतान को मूल्य सीमा सक्षम बनाता है।
संविधान दिवस” का आयोजन कर प्रहरियों को शपथ दिलाई गई: संविधान दिवस पर सीमा सुरक्षा बल के प्रहरियों ने ली शपथ
सीमा सुरक्षा बल मुख्यालय, दिल्ली के दिशा-निर्देशों के तहत पूरे देश में सीमा सुरक्षा बल के सभी इकाई में ”संविधान दिवस” का आयोजन कर मूल्य सीमा समस्त सीमा प्रहरियों को शपथ दिलाई गई । इसी कड़ी में पी एस बैंस, महानिरीक्षक, प्रशिक्षण केन्द्र एवं विद्यालय सीमा सुरक्षा बल मेरू कैम्प हजारीबाग द्वारा भी 8वें संविधान दिवस के अवसर पर सामरिक भवन में समारोह आयोजित कर 26 नवंबर को प्रातः 1100 बजे सभी कार्मिको को शपथ दिलवाई। इस अवसर पर मेरू कैंप के सभी अधिकारी, प्रशिक्षु अधिकारी, अधिनस्थ अधिकरी एवं अन्य कार्मिक उपस्थित रहे।.
सर्वप्रथम पीएस बैंस, महानिरीक्षक ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना पढ़कर सभी कार्मिक को सुनाई एवं सभी कार्मिको को शपथ दिलाई । कहा कि संविधान के स्त्रोत “हम भारत के लोग” यानि भारत की जनता वो शक्ति है जो संविधान को शक्ति प्रदान करती है। साथ ही भारतीय संविधान की प्रस्तावना में संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक एवं गणराज्य ये पांच शब्द हमारे संविधान के स्वरूप को दर्शाते हैं। न्याय स्वतंत्रता, समता, व्यक्ति की गरिमा एवं राष्ट्र की एकता और अखंडता इसके उद्देश्य को दर्शाते हैं। संविधान दिवस मनाना हमे हमारी मौलिक जडो से जोडता है साथ ही हमे देश को नियंत्रित करने वाले संविधान के मूल्य का एहसास कराता है।
मूल्य सीमा
- अनिवार्य वस्तुएं (संशोधन) अध्यादेश, 2020 को 5 जून, 2020 को जारी किया गया। यह अध्यादेश अनिवार्य वस्तुएं एक्ट, 1955 में संशोधन करता है। मूल्य सीमा एक्ट केंद्र सरकार को कुछ वस्तुओं के उत्पादन, सप्लाई, वितरण, व्यापार और वाणिज्य को नियंत्रित करने का अधिकार देता है। अध्यादेश कृषि क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने और किसानों की आय में वृद्धि करने का प्रयास करता है। इसका लक्ष्य रेगुलेटरी प्रणाली को उदार बनाना और उपभोक्ताओं के हितों का रक्षा करना है।
- खाद्य पदार्थों का रेगुलेशन: एक्ट केंद्र सरकार को कुछ वस्तुओं (जैसे खाद्य पदार्थ, उर्वरक और पेट्रोलियम उत्पाद) को अनिवार्य वस्तुओं के रूप में निर्दिष्ट करने का अधिकार देता है। केंद्र सरकार ऐसी अनिवार्य वस्तुओं के उत्पादन, सप्लाई, वितरण, व्यापार और वाणिज्य को रेगुलेट या प्रतिबंधित कर सकती है। अध्यादेश में यह प्रावधान किया गया है कि केंद्र सरकार केवल असामान्य परिस्थितियों में कुछ खाद्य पदार्थों, जैसे अनाज, दालों, आलू, प्याज, खाद्य तिलहन और तेलों की सप्लाई को रेगुलेट कर सकती है। इन परिस्थितियों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) युद्ध, (ii) अकाल, (iii) असामान्य मूल्य वृद्धि, और (iv) गंभीर प्रकृति की प्राकृतिक आपदा।
- स्टॉक लिमिट लागू करना: एक्ट के अंतर्गत केंद्र सरकार यह रेगुलेट कर सकती है कि कोई व्यक्ति किसी अनिवार्य वस्तु का कितना स्टॉक रख सकता है। अध्यादेश में यह अपेक्षा की गई है कि विशिष्ट वस्तुओं की स्टॉक की सीमा मूल्य वृद्धि पर आधारित होनी चाहिए। स्टॉक की सीमा निम्नलिखित स्थितियों में लागू की जा सकती है: (i) अगर बागवानी उत्पाद के रीटेल मूल्य में 100% की वृद्धि होती है, और (ii) नष्ट न होने वाले कृषि खाद्य पदार्थों के रीटेल मूल्य में 50% की वृद्धि होती है। वृद्धि की गणना, पिछले 12 महीने के मूल्य, या पिछले पांच महीने के औसत रीटेल मूल्य (इनमें से जो भी कम होगा) के आधार पर की जाएगी।
- अध्यादेश में प्रावधान है कि कृषि उत्पाद के प्रोसेसर या वैल्यू चेन के हिस्सेदार व्यक्ति पर स्टॉक की सीमा लागू नहीं होगी, अगर उस व्यक्ति का स्टॉक निम्नलिखित से कम है: (i) प्रोसेसिंग की इंस्टॉल्ड क्षमता की सीमा, या (ii) निर्यातक की स्थिति में निर्यात की मांग। वैल्यू चेन के हिस्सेदार का अर्थ है, ऐसा व्यक्ति जो उत्पादन में संलग्न है या कृषि उत्पाद की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, स्टोरेज, परिवहन या वितरण के किसी चरण में उसका मूल्य संवर्धन करता है।
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली की एप्लिकेबिलिटी: अध्यादेश के खाद्य पदार्थों के रेगुलेशन और स्टॉक लिमिट को लागू करने से संबंधित प्रावधान सार्वजनिक वितरण प्रणाली और मूल्य सीमा लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली से संबंधित सरकारी आदेश पर लागू नहीं होंगे। इन प्रणालियों के अंतर्गत सरकार पात्र व्यक्तियों को रियायती कीमतों पर खाद्यान्न मूल्य सीमा वितरित करती है।
केंद्र ने कच्चे जूट की जमाखोरी को रोकने के लिए मूल्य सीमा मूल्य सीमा तय की
कोलकाता, दो अक्टूबर केंद्र ने कच्चे जूट की जमाखोरी को रोकने के लिए पश्चिम बंगाल में इसकी दो किस्मों की अधिकतम कीमत 6,500 रुपये प्रति क्विंटल तय की है, क्योंकि इस जिंस को बाजार में 7,200 रुपये या उससे अधिक कीमत में बेचा जा रहा है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि यह मूल्य सीमा जून, 2022 तक प्रभावी रहेगी।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘कच्चे जूट की कीमत 7,200 रुपये प्रति क्विंटल तक मूल्य सीमा पहुंचने के बाद इस क्षेत्र के नियामक जूट आयुक्त ने जमाखोरी को हतोत्साहित करने के लिए कच्चे जूट (टीडीएन3 और डब्ल्यूएन3 किस्मों) की अधिकतम कीमत 6,500 रुपये प्रति क्विंटल तय कर दी है।’’
LPG GAS Price: आम जनता के लिए बड़ी खुशखबरी, इतने रुपए सस्ती होगी गैस, जानिए मूल्य सीमा नए रेट
LPG GAS Price: आम जनता के लिए बड़ी खुशखबरी, इतने रुपए सस्ती होगी गैस, जानिए नए रेट आम जनता को जल्द ही महंगी मूल्य सीमा गैस से राहत मिल सकती है। केंद्र सरकार जल्द ही गैस सस्ती करने के लिए खास योजना तैयार कर रही है। इससे रसोई गैस समेत सीएनजी की कीमतों में कमी आएगी। इस समय रसोई गैस की कीमतों (LPG Price) में इजाफा देखने को मिल रहा है. पिछले महीने वाणिज्यिक गैस की कीमतें भी बढ़ीं। आइए आपको बताते हैं क्या है सरकार का प्लान।
LPG GAS Price
गैस की कीमत की सीमा तय की जा सकती है
समिति गैस की कीमतों की समीक्षा के लिए एक प्रस्ताव तैयार कर रही है, जिसके तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के पुराने क्षेत्रों से आने वाली प्राकृतिक गैस के लिए मूल्य सीमा निर्धारित करने का निर्णय लिया जा सकता है। इसके लिए सिफारिश की मूल्य सीमा जा सकती है। सरकार के इस फैसले से सीएनजी और पीएनजी दोनों की कीमतों में कमी आएगी।
जल्द ही सरकार को रिपोर्ट सौंपी जाएगी
समाचार एजेंसी के मुताबिक, योजना आयोग के पूर्व सदस्य किरीट एस पारेख की अध्यक्षता वाली समिति अपने विचार-विमर्श पर काम कर रही है और इसे अंतिम रूप दे रही है। उम्मीद है कि यह कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी।
अधिकारियों से जानकारी
अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक कमेटी 2 अलग-अलग तरह की प्राइसिंग सिस्टम को बढ़ावा दे सकती है. इसके साथ ही ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड के पुराने फील्ड से आने वाली गैस की कीमतों के लिए प्राइस कैप तय करने मूल्य सीमा की बात चल रही है।
मूल्य सीमा
SWIFT ने कम मूल्य के सीमा-पार भुगतान के लिए ‘SWIFT Go’ सेवा शुरू की
सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक मूल्य सीमा फाइनेंसियल टेलेकम्युनिकशन्स(SWIFT) ने स्माल एंड मीडियम-साइज्ड इंटरप्राइजेज(SME) के लिए ‘SWIFT Go’ नाम से एक नया समाधान लॉन्च किया है, यह सीधे उनके बैंक खातों से दुनिया में कहीं भी कम मूल्य वाले सीमा पार से निर्बाध भुगतान को सक्षम बनाता है।
SWIFT Go की विशेषताएं:
i.यह व्यवसायों और उपभोक्ताओं को पारदर्शिता और सुरक्षा के साथ तत्काल और बिना किसी बाधा के सीमा पार लेनदेन करने में सक्षम बनाएगा।