शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है?

रिकॉर्ड दिन के 2 दिन पहले को Ex Dividend Date कहते हैं। जो शेयरहोल्डर इस दिन के बाद शेयर खरीद लेते है उसको डिविडेंड नहीं मिलता हैं। इसका मतलब आपको Dividend चाहिए तो Ex Dividend Date से पहले ही आपको शेअर खरीदना चाहिए।
Dividend क्या होता है | Dividend Meaning in Hindi
स्टॉक मार्केट की दुनिया में कुछ ऐसी कंपनियां मौजूद हैं जो निवेशकों को टाईम-टाइम पर शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है? अपने मुनाफे में से कुछ हिस्सा देती हैं. लाभ के रूप में मिलने वाला शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है? यही हिस्सा डिविडेंड कहलाता है. ऐसी कंपनियों के शेयरों को Dividend yield स्टॉक कहा जाता है. हालांकि ये डिविडेंड देना या ना देना किसी भी कंपनी का खुद का फैसला होता है. ये नियम अनिवार्य नहीं है. पीएसयू (PSU =Public Sector Undertaking) सेक्टर की कंपनियां अधिकतर अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड देती हैं।
शेयर में निवेश करके मुनाफा कमाने के दो तरीके होते हैं। आपको तब लाभ होगा जब शेयरों में तेजी आएगी. और दूसरा बात यह है कि कंपनी को जो भी लाभ हो रहा है, कंपनी उसी लाभ को कुछ हिस्सा में आपको देगी. शेयरों में हमेशा उतार-चढ़ाव आता रहता है. जब बाजार गिरता है तो निवेशक अपने शेयर बेचने लगते हैं, इससे शेयरों के दाम घट जाते हैं. ऐसे वक्त में अगर आपने किसी डिविडेंड स्टॉक में निवेश कर रखा है तो आप ऐसे नुकसान के बीच में भी संभले रह सकते हैं.डिविडेंड को भी बाजार के लिए अच्छा माना जाता है. डिविडेंड मिलने से बाजार का सेंटीमेंट पॉजिटिव बना रहता है. अगर आप ऐसी किसी कंपनी में निवेश करते हैं जो ज्यादा डिविडेंड शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है? देती है तो, आप अपने शेयर बेचे बिना भी अच्छी खासी इनकम कर सकते हैं।
डिविडेंड कब मिलता है ?
कंपनियों पर Depend करता है कि वह डिविडेंड कब आपको देती हैं, कितना देती हैं और कितनी बार देती हैं. कुछ कंपनियां साल में एक बार तो कुछ तो दो-तीन बार भी डिविडेंड देती हैं. डिविडेंड प्रति शेयर के आधार पर दिया जाता है. वित्त वर्ष के अंत में कंपनी अपने मुनाफे में से टैक्स और दूसरे खर्चों का पैसा अलग करने के बाद जो शुद्ध मुनाफा बनता है, उसमें से प्रॉफिट को अपने शेयरहोल्डर्स को शेअर क्वांटिटी अनुसार बॉट देती है।
कंपनी शेयर होल्डर को कभी भी डिविडेंड दे सकती हैं. कंपनी अगर अच्छी मुनाफा Quarter कमाई कर रहा है। तो हो सकता है की कंपनी मुनाफा का कुछ हिस्सा शेयरहोल्डर के साथ Interim Dividend के रूप में घोषणा करे। आम तौर पर तिमाही रिजल्ट के बाद ही डिविडेंड घोषित होता हैं। इसे देने के लिए Annual General Meeting कोई भी जरुरत नहीं पड़ती।
Final Dividend :
फाइनल डिविडेंड जैसा की आपको नाम से ही पता लग जाता है शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है? की अंतिम बार मिलने वाला डिविडेंड। Final Dividend किसी भी शेयर होल्डर को तब मिलता है। जब Financial year खत्म होने के बाद AGM (Annual General Meeting) में ये घोषित किया जाता है सारे इक्विटी शेयरहोल्डर को डिविडेंड मिलने वाला हैं। मतलब जब कंपनी को उस साल में कितना प्रॉफिट हुआ ये पता चल जाता है तब कंपनी Final Dividend की घोषणा करता हैं। इस डिविडेंड को कंपनी साल में एक बार ही दे सकती हैं।
Dividend = Current share price × dividend yield × number of shares
जब हम शेयर मार्केट में निवेश करते हैं तो शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है? दो तरीका से पैसे कमाए जा सकता हैं ।
- स्टॉक का प्राइस बढ़ने से
- डिविडेंड के रूप में
1) स्टॉक का प्राइस बढ़ने से प्रॉफिट :
जब हम शेअर मार्केट में निवेश करते है और जब स्टॉक का प्राइस तेजी से बढ़ता है तो हमे प्रॉफिट होता है।
2) डिविडेंड के रूप में :
जब आप स्टॉक मार्केट में एक स्टॉक पर बड़ा अमाउंट निवेश करते हैं तो यही उम्मीद रखते हैं कि आपको अच्छा खासा लाभ हो। और यदि मुनाफा दो रास्तों से आए तो फिर बात ही क्या है. इसे कहते हैं डबल बेनिफिट प्राप्त करना । शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है? स्टॉक मार्केट में ऐसे कई स्टॉक मौजूद हैं जिनसे आप ऐसा फायदा उठा सकते हैं. कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो अपने निवेशकों को अलग-अलग समय पर अपने मुनाफे से कमाया हुआ जो कुछ रुपए देती है वह कंपनी हमे डिविडेंड (Dividend) देती हैं. इनके स्टॉक में निवेश कर निवेशक अच्छा खासा लाभ कमा सकते हैं। डिविडेंड क्या होता है, इसके बारे मे विस्तार से जानते हैं।
पर्सनल फाइनेंस: शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो जानिए कंपनियों के डिविडेंड से कितनी कमाई कर सकते हैं आप
कभी-कभी ऐसा भी होता है कि कुछ शेयर गिरावट के बावजूद आपको फायदा देते हैं। हालांकि इस तरह के शेयरों में सरकारी कंपनियों का जलवा रहता है। उनके शेयरों पर दबाव तो होता है, पर वह आपको डिविडेंड देकर आपको फायदा देती रहती हैं। कुछ कंपनियां साल में 2-3 बार डिविडेंड देती हैं, कुछ एक बार देती हैं। पर यह डिविडेंड तब और ज्यादा अच्छा लगता है अगर इस दौरान शेयरों की कीमत थोड़ी भी बढ़ जाती है।
ज्यादा डिविडेंड वाले शेयरों का अच्छा प्रदर्शन
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऊंचे डिविडेंड यील्ड वाले शेयरों ने गिरती हुई रियल ब्याज दरों के माहौल में बेहतर प्रदर्शन किया है। पिछले एक साल से ब्याज दरें कम हुई हैं और महंगाई दर बढ़ी है। इससे रियल इंट्रेस्ट रेट निगेटिव माहौल में पहुंच गया है।
Multibagger Stock: इस स्टॉक ने अपने निवेशकों को 2 साल में दिया 400% का रिटर्न! अब किया डिविडेंड का किया ऐलान, जानें डिटेल्स
By: ABP Live | Updated at : 22 Nov 2022 04:16 PM (IST)
Multibagger Stocks: शेयर मार्केट (Share Market) में पैसे लगाना बहुत जोखिम भरा होता है, लेकिन कुछ ऐसे स्टॉक्स हैं जिसमें पैसे निवेश करके आपको तगड़ा रिटर्न मिल सकता है. इस तरह के स्टॉक्स को मल्टीबैगर स्टॉक्स (Multibagger Stocks) कहते हैं. आज हम आपको ऐसे स्मॉल कैप स्टॉक (Small Cap Stocks) के बारे में जानकारी देने वाले हैं जिसमें निवेश करके इन्वेस्टर्स को तगड़ा रिटर्न मिला है. यह स्टॉक है पनामा पेट्रोकेम (Panama Petrochem Shares). इस शेयर ने अपने निवेशकों को बीते 2 सालों में तगड़ा रिटर्न दिया है. पिछले 2 साल में इस शेयर ने निवेशकों को 400 फीसदी तक का रिटर्न दिया है. इसके साथ ही अब इस शेयर ने डिविडेंड का भी ऐलान कर दिया है. यह डिविडेंड का रिकॉर्ड डेट 24 नवंबर 2022 को तय शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है? की गई है.
क्या ज्यादा डिविडेंड वाले शेयरों में निवेश करना चाहिए?
1. डिविडेंड शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है? यील्ड क्या है?
डिविडेंड यील्ड को कैलकुलेट करने के लिए वित्त वर्ष में घोषित डिविडेंड को कंपनी के मौजूदा शेयर भाव से भाग देते हैं. इसका कंपनी के शेयर मूल्य से उलटा संबंध होता है. इसका मतलब यह हुआ शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है? कि शेयर भाव घटने पर डिविडेंड यील्ड बढ़ जाती है. अगर दूसरी सभी बातें एक जैसी रहें तो डिविडेंड यील्ड जितनी ज्यादा होगी, निवेशकों के लिए वह शेयर भी उतना ही आकर्षक होगा.
2. अधिक डिविडेंड यील्ड वाले शेयरों को शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है? खरीदने का क्या फायदा है?
डिविडेंड के नियमित भुगतान से निवेशकों के लिए खरीद का मूल्य घटता है. मान लेते हैं कि किसी निवेशक ने 2013 में 100 रुपये के भाव से शेयर खरीदे. बीते पांच साल के दौरान उसे हर साल 5 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड मिला. इसके चलते हर साल निवेशक के लिए प्रत्येक शेयर का खरीद मूल्य 5 रुपये रुपये घट गया. यही कारण है कि क्यों कुछ निवेशक नफा और नुकसान निकालने के लिए शेयर के कुल रिटर्न को देखते हैं. कुल रिटर्न में किसी अवधि के दौरान शेयर की कीमतों में आई तेजी और उसी समय में प्राप्त किया गया डिविडेंड शामिल होता है.
म्यूचुअल फंड की ग्रोथ और डिविडेंड स्कीम में कौन बेहतर ?
ग्रोथ का विकल्प वैसे निवेशकों के लिए सही है, जो लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं. इसकी वजह यह है कि रिटर्न पर कैपिटल गेंस नहीं देना पड़ता. दूसरा, लंबी अवधि में रिटर्न बढ़ जाता है. क्योंकि सिक्योरिटी खासकर शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव होता रहता है. लंबी अवधि में रिटर्न पर इस उतार-चढ़ाव का असर कम देखने को मिलता है. ग्रोथ के विकल्प में निवेशक को कंपाउंडिंग का भी फायदा मिलता है. इसलिए यह विकल्प उन निवेशकों के लिए सही है, जिन्हें अपने निवेश पर नियमित आय नहीं चाहिए.
चूंकि इस स्कीम में डिविडेंड का भुगतान नहीं किया जाता, जिससे स्कीम का एनएवी डिविडेंड ऑप्शन के मुकाबले काफी ज्यादा होता है. आर्क प्राइमरी एडवाइजर्स के डायरेक्टर हेमंत बेनिवाल कहते हैं कि जो निवेशक पैसे पर ज्यादा रिटर्न चाहते हैं उन्हें ग्रोथ ऑप्शन का चुनाव करना चाहिए.