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निवेश उपकरण

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लखनऊ, 26 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर इन्वेस्टमेंट के लिए अमेरिकी कंपनियों निवेश उपकरण में उत्सुकता बढ़ने लगी है। राज्य के 9 सेक्टर ऐसे हैं, जहां अमेरिकी कंपनियों की दिलचस्पी ज्यादा है। निवेश उपकरण इसमें आईटी से लेकर कृषि उद्योग तक अमेरिकी कंपनियों के टॉप चार्ट में हैं।

UP Investment उत्तर प्रदेश में नौ सेक्टरों में अमेरिकन कंपनियां बड़े पैमाने पर निवेश करेंगी

लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बड़े पैमाने पर इन्वेस्टमेंट (Investment) के लिए अमेरिकी कंपनियों (American Companies) में उत्सुकता बढ़ने लगी है। प्रदेश के कुल 9 सेक्टर ऐसे हैं, जहां अमेरिकी कंपनियों की दिलचस्पी ज्यादा है। इसमें आईटी से लेकर कृषि उद्योग तक अमेरिकी कंपनियों के टॉप चार्ट में हैं। जीआईएस-2023 की नोडल एजेंसी इन्वेस्ट यूपी के मुताबिक प्रदेश में भारी निवेश के लिए अमेरिकी कंपनियों पर विशेष फोकस है। सरकार बड़ी संख्या में अमेरिकी कंपनियों को यूपी जीआईएस-2023 के लिए निमंत्रण भेज चुकी है। इसके अलावा अमेरिका के विभिन्न व्यापारिक संगठनों से भी सरकार के अधिकारी लगातार संपर्क में हैं, जहां से काफी उत्साहवर्धक रिस्पॉन्स मिले हैं।

इन सेक्टर्स में अमेरिकी कंपनियों की है विशेष रुचि

अमेरिकी कंपनियों की ओर से जिन सेक्टर्स में विशेष रुचि दिखाई गई है उनमें आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, रक्षा और एयरोस्पेस, फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण, ऊर्जा, रिटेल और ऑटोमोबाइल। इसके निवेश उपकरण अलावा बड़ी संख्या में वेंचर कैपिटलिस्ट भी यूपी में निवेश को इच्छुक हैं। यूपी में सर्वाधिक 90 लाख से भी ज्यादा एमएसएमई क्लस्टर हैं, जहां निवेश के लिए अमेरिकन वेंचर कैपिटलिस्ट्स के साथ सरकार के स्तर से लगातार संपर्क साधा जा रहा है। सरकार को उम्मीद है कि प्रदेश के स्टार्टअप्स में अमेरिकी निवेशकों की हिस्सेदारी होने से यूपी में यूनिकॉर्न की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि होगी। साथ ही राज्य से मेधा के पलायन को रोकने में भी काफी मदद मिलेगी।

आईटी सेक्टर में जिन कंपनियों से हो रही बात

इसमें एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन, अल्फाबेट (गूगल), अमेजॉन, मेटा, वीज़ा, इंटेल, सिस्को, ऑरेकल और अडोबी शामिल हैं।

एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग में

इसमें आर्चर डेनियल्स मिडलैंड (एडीएम), सिजेन्टा, ब्यूरो वेरिटाज़, कोर्टेवा एग्रीसाइंस, न्यूट्रीन, इंडिगो और पॉयनियर शामिल हैं।

एयरो एंड डिफेंस सेक्टर में

इसमें बीएई सिस्टम, सफरॉन एसए, रायथॉन, नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मैन, जीई एविएशन, जनरल डायनेमिक्स कॉर्पोरेशन, लॉकहीड मार्टिन कॉर्पोरेशन, यूनाइटेड टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन (यूटीसी), एयरबस एसई और दि बोइंग कंपनी शामिल हैं।

फार्मा एंड मेडिकल सेक्टर में

इनमें जॉनसन एंड जॉनसन, फाइजर इंक, मर्क एंड कंपनी, ऐबवाई इंक, ब्रिस्टल मेयर्स स्क्वीब, एब्बोट लैबोरेटरीज़, ऐमगन, गिलीड साइंसेज़, एली लिली एंड कंपनी और बायोजेन शामिल हैं।

ऊर्जा सेक्टर में

इसमें एक्सन मोबिल कॉर्पोरेशन, शेवर्न कॉर्पोरेशन, नेक्स्ट्रा इनर्जी, जनरल इलेक्ट्रिक, कॉन्को फिलिप्स, डोमिनियन इनर्जी, ड्यूक इनर्जी कॉर्पोरेशन और दि सदर्न शामिल हैं।

वेंचर कैपिटल में

इनमें डीसीएम वेंचर, ग्रेलॉक पार्टनर, इनसाइट वेंचर पार्टनर और यूनियन स्क्वायर वेंचर शामिल हैं।

रिटेल सेक्टर में

वालमार्ट, अमेजॉन, कोस्टो होलसेल और दि होम डीपो शामिल हैं।

ऑटोमोबाइल्स सेक्टर में

जनरल मोटर्स, फोर्ड मोटर, बीएमडब्ल्यू, फॉक्सवैगन, टेस्ला, डीरे एंड कंपनी, पेसकार इंक और निसान मोटर्स प्रमुख रूप से शामिल हैं।

इन व्यापारिक संगठनों से सरकार की हो रही बात

यूएस स्माल बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एसबीए), नेशनल विमेन बिजनेस काउंसिल, स्कोर बिजनेस मेंटरिंग, वेटरन्स बिजनेस आउटरीच सेंटर (वीबीओसी), इसके अलावा यूएस चेंबर ऑफ कॉमर्स स्माल बिजनेस काउंसिल, यूएस एक्सपोर्ट असिस्टेंस सेंटर, यूनाइटेड स्टेट माइनॉरिटी चेंबर ऑफ कॉमर्स, आंत्रप्रेन्योर ऑर्गेनाइजेशन, नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडिपेंडेंट बिजनेस (एनएफआईबी), इंटरनेशनल फ्रेंचाइजीस एसोसिएशन (आईएफए), नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन, नेशनल रिटेल फेडरेशन, अमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन (एएमए), यूनाइटेड स्टेट निवेश उपकरण टेलिकॉम एसोसिएशन।

यूएस को साधने के लिए लगी है अफसरों की फौज

अमेरिकी कंपनियों के उत्तर प्रदेश में निवेश निवेश उपकरण के लिए सरकार ने अफसरों की लंबी चौड़ी टीम को काम पर लगा दिया है। इनमें सचिव स्तर से ऊपर के दो अफसर, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स और स्वास्थ्य विभाग के दो अधिकारी, योजना विभाग से एक अधिकारी, उद्योग विभाग से एक अधिकारी को लगाया गया है। इसके अलावा सीएम कार्यालय से एक अधिकारी और इन्वेस्ट यूपी के तीन अधिकारियों को अमेरिकी कंपनियों से डील फाइनल करने के काम में मिशन मोड में कार्य करने के लिए कहा गया है।

विचार: रणनीतिक निवेश मंच ने मिस्र के साथ यूएई की दीर्घकालिक साझेदारी को मजबूत किया

अबू धाबी, 16 नवंबर, 2019 (डब्ल्यूएएम) -- मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल सिसी की निवेश उपकरण निवेश उपकरण 13-14 नवंबर को यूएई यात्रा ने असंख्य संदेश दिए हैं। इस दौरान अबू धाबी के क्राउन प्रिंस और यूएई सशस्त्र बलों के उप सर्वोच्च कमांडर हिज हाइनेस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया था। यह यात्रा मिस्र के साथ जारी यूएई के दृढ़ संकल्प को रेखांकित करती है। यह यात्रा मजबूत विकास साझेदारी स्थापित करने के लिए दोनों देशों की संयुक्त इच्छाशक्ति का प्रतिबिंब है, जिस दौरान कई द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इनमें से सबसे उल्लेखनीय 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर का रणनीतिक निवेश मंच का शुभारंभ था, जो यूएई के लंबे समय के विश्वास को दर्शाता है कि मिस्र की सुरक्षा यूएई और सभी अरब देशों की स्थिरता का अभिन्न अंग है। इस साझेदारी का लक्ष्य विनिर्माण, पारंपरिक और नवीकरणीय ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, भोजन, रियल एस्टेट, पर्यटन, स्वास्थ्य देखभाल, रसद, वित्तीय सेवाओं और बुनियादी ढांचे सहित कई प्रमुख क्षेत्रों में संयुक्त रणनीतिक निवेश परियोजनाओं के साथ ही विशेषज्ञ धन और निवेश उपकरण स्थापित करना है। यह कदम यूएई की रणनीति से विकास और सामाजिक सेवाओं को प्राथमिकता देता है। साथ ही इसका लक्ष्य सतत विकास रणनीति 2030 और शताब्दी 2071 के उद्देश्यों को प्राप्त करना है। यह आतंकवाद और उग्रवाद की ताकतों द्वारा उत्पन्न खतरे के खिलाफ स्थिरता और समृद्धि के प्रमुख चालक के रूप में घरेलू अर्थव्यवस्था को रेखांकित करने के लिए राष्ट्रपति अल-सिसी के दृष्टिकोण के साथ एकजुट होने जा रहा है। वहीं, मिस्र के राष्ट्रपति ने बार-बार दोहराया है कि खाड़ी सुरक्षा मिस्र की स्थिरता का एक अभिन्न हिस्सा है। संस्थापक पिता स्वर्गीय शेख जायद बिन सुल्तान अल नाहयान के युग से यूएई यह अटूट विश्वास रखता रहा है कि मिस्र की स्थिरता अरब क्षेत्र की सुरक्षा के लिए मूलभूत है और इसलिए अमीरात ने आवास, स्वास्थ्य, सौर ऊर्जा, शिक्षा, आदि के क्षेत्र में मिस्र के विभिन्न गवर्नरों के विकास संबंधी परियोजनाओं के समर्थन के उदार प्रवाह को बनाए रखा है। इस यात्रा को आगे बढ़ाते हुए दोनों नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी किया जिसमें पुष्टि की गई कि अरब क्षेत्र को घेरने वाली चुनौतियों और जोखिमों का सामना करने के लिए एक संयुक्त अरब कार्रवाई की आवश्यकता है, जिसमें मिस्र वर्तमान असाधारण परिस्थितियों में अरब सुरक्षा की आधारशिला है। अनुवादः एस कुमार.

चीन के उच्च तकनीक विनिर्माण निवेश में लगातार बढ़ाेतरी जारी

चीनी राष्ट्रीय सांख्यि की ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष जनवरी से नवंबर तक चीन का विनिर्माण निवेश 13.7 प्रतिशत बढ़ा, जिसमें हाई-टेक निर्माण में निवेश 22.2 प्रतिशत बढ़ा और दो वर्षों में औसतन वृद्धि दर 17.4 प्रतिशत रही। विशेष रूप से, विमानन, अंतरिक्षयान और उपकरण निर्माण उद्योग में निवेश में पिछले वर्ष […]

December 18, 2021

चीनी राष्ट्रीय सांख्यि की ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष जनवरी से नवंबर तक चीन का विनिर्माण निवेश 13.7 प्रतिशत बढ़ा, जिसमें हाई-टेक निर्माण में निवेश 22.2 प्रतिशत बढ़ा और दो वर्षों में औसतन वृद्धि दर 17.4 प्रतिशत रही। विशेष रूप से, विमानन, अंतरिक्षयान और उपकरण निर्माण उद्योग में निवेश में पिछले वर्ष से 30% से अधिक की वृद्धि हुई।

कंप्यूटर और कार्यालय उपकरण निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक और संचार उपकरण निर्माण, चिकित्सा उपकरणों और उपकरण निर्माण उद्योगों में निवेश 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई। विश्लेषकों का मानना है कि निरंतर प्रयासों और निवेश के बाद चीन के औद्योगिक परिवर्तन और उन्नयन ने उल्लेखनीय परिणाम प्राप्त किए हैं, और आर्थिक संरचना को अनुकूलित किया गया है।

निवेश उपकरण

अमेरिकन कंपनियां यूपी में नौ सेक्टरों में करेंगी निवेश

लखनऊ, 26 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर इन्वेस्टमेंट के लिए अमेरिकी कंपनियों में उत्सुकता बढ़ने लगी है। राज्य के 9 सेक्टर ऐसे हैं, जहां अमेरिकी कंपनियों की दिलचस्पी ज्यादा है। इसमें आईटी से लेकर कृषि उद्योग तक अमेरिकी कंपनियों के टॉप चार्ट में हैं।

अमेरिकन कंपनियां यूपी में नौ सेक्टरों में करेंगी निवेश

लखनऊ, 26 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर इन्वेस्टमेंट के लिए अमेरिकी कंपनियों में उत्सुकता बढ़ने लगी है। राज्य के 9 सेक्टर ऐसे हैं, जहां अमेरिकी कंपनियों निवेश उपकरण की दिलचस्पी ज्यादा है। इसमें आईटी से लेकर कृषि उद्योग तक अमेरिकी कंपनियों के टॉप चार्ट में हैं।

जीआईएस-2023 की नोडल एजेंसी इन्वेस्ट यूपी के मुताबिक प्रदेश में भारी निवेश के लिए अमेरिकी कंपनियों पर विशेष फोकस है। सरकार बड़ी संख्या में अमेरिकी कंपनियों को यूपीजीआईएस 2023 के लिए निमंत्रण भेज चुकी है। इसके अलावा अमेरिका के विभिन्न व्यापारिक संगठनों से भी सरकार के अधिकारी लगातार संपर्क में हैं, जहां से काफी उत्साहवर्धक रिस्पॉन्स मिले हैं।

सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार अमेरिकी कंपनियों की ओर से जिन सेक्टर्स में विशेष रुचि दिखाई गयी है उनमें आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, रक्षा और एयरोस्पेस, फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण, ऊर्जा, रिटेल और ऑटोमोबाइल। इसके अलावा बड़ी संख्या में वेंचर कैपिटलिस्ट भी यूपी में निवेश उपकरण निवेश को इच्छुक हैं। यूपी में सर्वाधिक 90 लाख से भी ज्यादा एमएसएमई क्लस्टर हैं, जहां निवेश के लिए अमेरिकन वेंचर कैपिटलिस्ट्स के साथ सरकार के स्तर से लगातार संपर्क साधा जा रहा है। सरकार को उम्मीद है कि प्रदेश के स्टार्टअप्स में अमेरिकी निवेशकों की हिस्सेदारी होने से यूपी में यूनिकॉर्न की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि होगी। साथ ही राज्य से मेधा के पलायन को रोकने में भी काफी मदद मिलेगी।

इनमें एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट कॉपोर्रेशन, अल्फाबेट (गूगल), अमेजॉन, मेटा, वीजा, इंटेल, सिस्को, ऑरेकल और अडोबी शामिल हैं। इसमें आर्चर डेनियल्स मिडलैंड (एडीएम), सिजेन्टा, ब्यूरो वेरिटाज, कोटेर्वा एग्रीसाइंस, न्यूट्रीन, इंडिगो और पॉयनियर, बीएई सिस्टम, सफरॉन एसए, रायथॉन, नॉथ्रेप ग्रुम्मैन, जीई एविएशन, जनरल डायनेमिक्स कॉपोर्रेशन, लॉकहीड मार्टिन कॉपोर्रेशन, यूनाइटेड टेक्नोलॉजी कॉपोर्रेशन (यूटीसी), एयरबस एसई, द बोइंग कंपनी,ं जॉनसन एंड जॉनसन, फाइजर इंक, मर्क एंड कंपनी, ऐबवाई इंक, ब्रिस्टल मेयर्स स्क्वीब, एब्बोट लैबोरेटरीज, ऐमगन, गिलीड साइंसेज, एली लिली एंड कंपनी, एक्सन मोबिल कॉपोर्रेशन, शेवर्न कॉपोर्रेशन, नेक्स्ट्रा इनर्जी, जनरल इलेक्ट्रिक, कॉन्को फिलिप्स, डोमिनियन इनर्जी, ड्यूक इनर्जी कॉपोर्रेशन, द सदर्न, डीसीएम वेंचर, ग्रेलॉक पार्टनर, इनसाइट वेंचर पार्टनर और यूनियन स्क्वायर वेंचर, वालमार्ट, निवेश उपकरण निवेश उपकरण अमेजॉन, कोस्टो होलसेल और द होम डीपो, जनरल मोटर्स, फोर्ड मोटर, बीएमडब्ल्यू, फॉक्सवैगन, टेस्ला, डीरे एंड कंपनी, पेसकार इंक और निसान मोटर्स प्रमुख रूप से शामिल हैं।

इसके अलावाा यूएस स्माल बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एसबीए), नेशनल विमेन बिजनेस काउंसिल, स्कोर बिजनेस मेंटरिंग, वेटरन्स बिजनेस आउटरीच सेंटर (वीबीओसी), इसके अलावा यूएस चेंबर ऑफ कॉमर्स स्माल बिजनेस काउंसिल, यूएस एक्सपोर्ट असिस्टेंस सेंटर, यूनाइटेड स्टेट माइनॉरिटी चेंबर ऑफ कॉमर्स, आं˜प्रेन्योर ऑर्गनाइजेशन, नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडिपेंडेंट बिजनेस (एनएफआईबी), इंटरनेशनल फ्रेंचाइजीस एसोसिएशन (आईएफए), नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन, नेशनल रिटेल फेडरेशन, अमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन (एएमए), यूनाइटेड स्टेट टेलिकॉम एसोसिएशन भी दिलचस्पी दिखा रही हैं।

अमेरिकी कंपनियों के उत्तरप्रदेश में निवेश के लिए सरकार ने अफसरों की लंबी चौड़ी टीम को काम पर लगा दिया है। इनमें सचिव स्तर से ऊपर के दो अफसर, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स और स्वास्थ्य विभाग के दो अधिकारी, योजना विभाग से एक अधिकारी, उद्योग विभाग से एक अधिकारी को लगाया गया है। इसके अलावा सीएम कार्यालय से एक अधिकारी व इन्वेस्ट यूपी के तीन अधिकारियों को अमेरिकी कंपनियों से डील फाइनल करने के काम में मिशन मोड में कार्य करने के लिए कहा गया है।

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