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क्रिप्टोकरेंसी क्या है

क्रिप्टोकरेंसी क्या है
Jeffrey Gundlach का कहना है कि वो मार्केट के बियरिश ट्रेंड में क्रिप्टो पर्चेज नहीं करेंगे क्योंकि अभी फेडरेल रिजर्व की ओर से कुछ ऐसे कदम उठाए जा सकते हैं जो कि मार्केट पर बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं.

Cryptocurrency क्या है?

Cryptocurrency Rate Today: क्रिप्टोकरेंसी बाजार में सुस्ती, बिटकॉइन 20 हजार डॉलर के नीचे-इथेरियम भी टूटी

By: ABP Live | Updated at : 16 Sep 2022 11:40 AM (IST)

Edited By: Meenakshi

क्रिप्टोकरेंसी (फाइल फोटो)

Cryptocurrency Rate Today 16 September: ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी बाजार में बड़ी गिरावट देखी जा रही है और इसका मार्केट कैप फिर से 1 खरब डॉलर के नीचे फिसल गया है. ऐसा मुख्य रूप से दुनिया की पहली और दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी के रेट में गिरावट के कारण हुआ है. बिटकॉइन और इथेरियम दोनों क्रिप्टोकरेंसी ही अहम स्तरों से नीचे फिसल गई हैं. पिछले 24 घंटों में ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप 961.02 अरब डॉलर पर आ गया है और पिछले 24 घंटों में इसका वॉल्यूम 84.82 अरब डॉलर रहा है.

बिटकॉइन का हाल
दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे पॉपुलर वर्चुअल करेंसी बिटकॉइन के दाम में 2.3 फीसदी की गिरावट आई है और ये 19,728.8 डॉलर पर आ गई है. इसका मार्केट कैप 377.9 अरब डॉलर पर आ गया है. वहीं इसका ट्रेड वॉल्यूम 36 अरब डॉलर का रहा. बिटकॉइन एक बार फिर 20,000 डॉलर के नीचे फिसल गई है. इस टोकन ने हालांकि पिछले एक हफ्ते में 2 फीसदी की उछाल दर्ज की है.

Shiba Inu की कीमत में गिरावट, ETH क्रिप्टोकरेंसी क्या है व्हेल्स ने खरीदे 1.6 लाख करोड़ SHIB

भारतीय एक्सचेंज कॉइनस्विच कुबेर पर शिबा इनु की कीमत ₹ 0.000977 पर ट्रेड कर रही है जो कि पिछले 24 घंटों में 3.75% की गिरावट है.

पिछले कुछ वर्षों में Nicholas ने बिटकॉइन को लेकर प्रतिकूल रवैया रखा है. उन्होंने मार्च में कहा था कि अगर बिटकॉइन एक लाख डॉलर पर भी पहुंचता है तो भी यह एक नाकामी होगी

Crypto एक्सचेंज ने 68 डॉलर रिफंड के बजाए कस्टमर को दिए 72 लाख डॉलर

इस मामले में कस्टमर ने एक्सचेंज को गलत रिफंड की सूचना देने के क्रिप्टोकरेंसी क्या है बजाय एक ज्वाइंट एकाउंट में रकम ट्रांसफर कर दी थी और अपनी बहन के लिए एक लग्जरी अपार्टमेंट खरीदने पर लगभग नौ लाख डॉलर खर्च किए थे

पिछले महीने उन्होंने क्रिप्टो को सट्टेबाजी का आखिरी गढ़ बताया था. उनका कहना था कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व इस सेगमेंट की कुर्बानी दे सकता है

ईरान में ट्रेडर्स इम्पोर्ट के लिए कर सकेंगे क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल

ईरान के कारोबारी व्हीकल्स और अन्य गुड्स के इम्पोर्ट के लिए डॉलर या यूरो में भुगतान के बजाय क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल कर सकेंगे। अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण ग्लोबल बैंकिंग सिस्टम से ईरान बाहर है

ग्‍लोबल एक्सचेंजों पर बिटकॉइन की कीमत 20,406 डॉलर (लगभग 16.3 लाख रुपये) है.

बिटकॉइन समेत क्रिप्टो मार्केट में आज दिखा लाल रंग

शिबा इनु खबर लिखे जाने के समय पर

Gemini एक्सचेंज में व्हेल ने ट्रांसफर किए 4 हजार BTC

भेजे गए बिटकॉइन्स की कीमत 8.6 करोड़ डॉलर बताई गई है

अफगानिस्तान में पश्चिमी देशों से सहायता प्राप्त करने में क्रिप्टोकरेंसीज से काफी मदद मिली थी। विदेश में मौजूद कुछ संगठनों ने सहायता उपलब्ध कराने के लिए क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल क्रिप्टोकरेंसी क्या है किया था

.000013 (लगभग 0.001066 रुपये) पर ट्रेड कर रहा था

ट्विटर यूजर्स ने माइक की पोस्ट पर चुटकी भी ली और सवाल खड़े किए कि इतनी बड़ी होल्डिंग को कोई कैसे भूल सकता है

Cryptocurrency और Digital Rupee में क्‍या है फर्क, अगर शुरु हो गया इसका इस्‍तेमाल तो आपको क्‍या होगा फायदा?

अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में डिजिटल रुपी का इस्‍तेमाल आम लोग भी करेंगे. ऐसे में ये समझना बहुत जरूरी है कि आखिर डिजिटल रुपी और क्रिप्‍टोकरेंसी में क्‍या फर्क है और इससे आम लोगों को क्‍या फायदा होगा?

क्रिप्‍टोकरेंसी को टक्‍कर देने के लिए भारत में पहली बार करेंसी को डिजिटल रूप में लाया गया है. एक नवंबर को डिजिटल रुपी (Digital Rupee) यानी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को पायलट प्रोजेक्‍ट के तौर पर शुरू कर दिया गया है. फिलहाल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India- RBI) कुछ समय तक इसमें आने वाली चुनौतियों को परखेगा और पूरी तरह से आश्‍वस्‍त होने के बाद इसके इस्‍तेमाल को शुरू किया जाएगा.

क्रिप्‍टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर

क्रिप्‍टोकरेंसी: ये एक विकेंद्रित (Decentralized) डिजिटल संपत्ति है. इसके जरिए क्रिप्टोकरेंसी क्या है डिजिटल तरीके से लेनदेन किया जा सकता है. ब्‍लॉकचेन तकनीक के जरिए क्रिप्‍टोकरेंसी अलग-अलग जगहों पर स्‍टोर रहती है. ब्लॉकचेन ऐसी तकनीक है जिससे Digital Currency बनाने के साथ ही किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है. ये एक तरह का डिजिटल लेजर है. लेकिन चिंता वाली बात ये है कि क्रिप्‍टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए कोई बैंक या अन्‍य संस्‍था नहीं है और न ही इसे कोई सरकार मॉनिटर नहीं करती है. ये पूरी तरह से निजी करेंसी है. इसके अलावा क्रिप्‍टोकरेंसी के रेट में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहती है.


डिजिटल रुपी: डिजिटल रुपी से भी लेनदेन को क्रिप्‍टोकरेंसी की तरह ही डिजिटल माध्‍यम से ही किया जाएगा, लेकिन सबसे बड़ा फर्क है कि ये पूरी तरह से रेगुलेटेड है. इसे सरकार की मंजूरी प्राप्‍त है और यह पूरी तरह से क्रिप्टोकरेंसी क्या है सरकार समर्थित वैध मुद्रा है. इसमें नियामक के रूप में आरबीआई और लेन-देन की मदद के लिए दूसरे बैंक मौजूद रहेंगे. किसी भी तरह की दिक्‍कत आने पर वित्‍तीय संस्‍थान दखल दे सकते हैं. लेकिन क्रिप्‍टोकरेंसी में ये संभव नहीं है. यूपीआई और पेमेंट वॉलेट के जरिए किए जाने वाले डिजिटल भुगतान से ये पूरी तरह से अलग है. वहीं डिजिटल रुपी में उतार-चढ़ाव जैसा कुछ नहीं होगा. इसका वही प्रभाव होगा जो नकद मुद्रा का होता है. इसके अलावा डिजिटल रुपी को नकदी में बदला जा सकेगा.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है और कैसे काम करती है (What is Cryptocurrency and How it Works ?)

आसान भाषा में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल कैश (Digital Money) प्रणाली है क्रिप्टोकरेंसी का मुख्य कार्य होता हैं एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में पैसे ट्रांसफर करना, और यह कार्य किया जाता हैं, ब्लॉकचैन के माध्यम से.

ब्लॉकचैन डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी ( DLT ) का उपयोग करती हैं ताकि सिस्टम से तीसरे पक्ष को हटाया जा सकें. इसका मतलब यह है कि जिस तरह से जब हम किसी के साथ लेनदेन करते हैं तो बीच में कुछ न कुछ तृतीय पक्ष होती हैं जो इस लेनदेन को पूरा करने में सहायक होती हैं लेकिन इसमें ऐसा नहीं होता हैं. क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन में जिस टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता हैं, यह टेक्नोलॉजी को ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी कहा जाता है. दरअसल ब्लॉकचैन हर लेनदेन का एक डेटाबेस हैं इसमें जो लेनदेन किये जाते हैं उसकी जानकारी ब्लॉक के रूप में होती हैं और फिर ये ब्लॉक्स एक – एक करके डेटाबेस के साथ जुड़कर एक लंबी श्रंखला बना देते हैं. यही ब्लॉकचैन होती हैं.

क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत कब हुई थी?

क्रिप्टो करेंसी का अविष्कार साल 2008 में बिटकॉइन के रूप में हुआ जिसे सतोशी नाकामोतो नाम के अज्ञात व्यक्ति या समूह ने बनाया था। हालाँकि इसकी शुरुवात साल 2009 में हुआ क्योकि लगभग एक साल तक यह ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर की तरह डेवलपमेंट स्टेज पर था।

पूरी दुनिया में सबसे पहले किसी क्रिप्टोकरेंसी का एक्सचेंज साल 2009 में बिटकॉइन के ट्रांसेक्शन के साथ हुआ, जिसे सातोशी नाकामोतो ने ही किया था।उन्होंने पुरे क्रिप्टो करेंसी के नेटवर्क (ब्लॉकचैन) की शुरुवात की। जिसे फाइनेंसियल मार्किट में सबसे बड़े अविष्कार के रूप में देखा जाता है।

बिटकॉइन के शुरुवात के साथ ही डिजिटल मुद्रा के क्षेत्र में एक नए युग का आरम्भ हुआ। जिसके बाद से ही लंबे या बड़े वर्ग, आपूर्ति और नई गणनाओं के साथ भविष्य की अर्थव्यवस्था के अनुकूल परिस्थितियों को ध्यान में रखकर डिजिटल मुद्रा बनाई जा रही है। जो की भविष्य में धन के रूप में भी इस्तेमाल हो सकता है।

क्रिप्टोकरेंसी के फायदे | Benifits of Cryptocurrency

अगर आप क्रिप्टो में निवेश की सोच रहे है तो इसके फायदों के बारे में जरूर जान लें। सबसे पहले तो यह एक विकेन्द्रीकृत (Decentralized) डिजिटल मनी है। इसलिए इस पर किसी भी संस्था, संगठन या सरकार का कोई भी हस्तक्षेप नहीं रहता यानी आपके निवेश पर आपका पूरा नियंत्रण रहेगा।

इसमें अपने एसेट्स के साथ कुछ भी करने के लिए आपको किसी से भी अनुमति की जरुरत नहीं होती, इसमें पूरा हक़ आपका होता है। चूँकि यह क्रिप्टोग्राफ़ी और ब्लॉकचैन पर आधारित है इसलिए सुरक्षा के मामले में बेहद सुरक्षित है।

दूसरा यह निवेश के नजरिये से काफी फायदेमंद साबित हो सकता है क्योकि यह तेजी से क्रिप्टोकरेंसी क्या है घटता बढ़ता है। और ऐसे कॉइन जिनकी सप्लाई सिमित है, समय समय में कॉइन बर्न किये जाते है और मजबूत आधार है ऐसे एसेट्स आपको मुद्रास्फीति (inflation) या महँगाई दर से बचा सकती है।

क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान | Disadvantages of Cryptocurrencies

ढेरो खुबिया होने के बावजूद इसमें बहुत सी खामिया भी है। इसे इस्तेमाल करना यानी इसके वॉलेट का प्रयोग, ट्रांसेक्शन करना, अपने क्रिप्टो को क्रिप्टोकरेंसी क्या है सुरक्षित करना आदि सीखने में थोड़ा समय लगता है यानि वर्तमान में यह पूरी तरह से यूजर फ्रेंडली नहीं है। पर जिस तेजी से लोग इसमें जुड़ते जा रहे है इसमें बहुत तेजी से सुधर हो रहा है।

और इसमें आपके क्रिप्टो के साथ कुछ भी होने पर केवल आप ही जिम्मेदार होंगे क्योकि आपके एसेट्स पर आपका पूरा नियंत्रण रहता है इसलिए आपको इसकी सुरक्षा भी खुद ही करनी होगी। थोड़ी सी भी चूक होने पर आप अपना पूरा क्रिप्टो (एसेट्स) हमेशा के लिए खो सकते है। और इन सबकी शिकायत के लिए ग्राहक सहायता जैसी कोई भी सुविधा नहीं होती। यानी थोड़ी सी चूक नुकसान दायक हो सकता है। इसलिए क्रिप्टो और विकेन्द्रीकृत में सिक्योर रहने के लिए आपको सुरक्षा प्रोटोकॉल का ध्यान से पालन करें।

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