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बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है

बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है

बिटकॉइन में निवेश करने के लिए आपको किसी बिटकॉइन एक्सचेंज पर रजिस्टर करना होगा। फिर आप डॉलर या रूपये से बिटकॉइन खरीद / बेच सकते है और अपना पैसे बैंक में भी ट्रांस्फर कर सकते है। भारत में प्रचलित प्रमुख बिटकॉइन एक्सचेंज निम्न हैः Unocoin, Zebpay, Coinsecure, Coinmama, LocalBitcoin आदि।

what is bitcoin crypto currency

History of bitcoin साल 2012 के जून में Brain Armstrong (Airbnb engineer) की Coinbase कंपनी अमेरिका के कैलिफोर्निया में Stock-exchange में रजिस्टर्ड किया इस कंपनी का काम था cryptocurrency को dollar में बदलना यानि bitcoin को खरीदने और बेचने की सेवा देना आगे चल के Fred Ehrsam (Goldman Sachs trader) कंपनी के सह-संस्थापक बने|

कारोबार के पहले ही दिन कंपनी का share 100 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर दिया और बहुत तेजी से बढ़ रहे थे अप्रैल 2021 में bitcoin में अचानक 60 हजार डॉलर चला गया यहीं से bitcoin मार्केट में तेजी से फैलने लगा|

what is bitcoin crypto currency? यह एक invisible currency (अदृश्य मुद्रा) होता है जिसे हाथ से छुआ नहीं जा सकता है बस उसका एक आकार दे दिया गया है जो डिजिटल रूप से काम करता है चाहे पैसे का लेनदेन करना हो या कोई सामान खरीदना हो इससे हर काम किया जा सकता है (जो पैसे से होता है)|

What is crypto mining how does it work आप bitcoin के वेबसाइट पर जाकर अपने bank account से भुगतान करते है- चाहे netbanking, debit या credit कार्ड के माध्यम से या अन्य माध्यम से आपने 1 bitcoin ख़रीदा लिया बदले में आपको एक नंबर मिल गया अब यह नंबर आपका 1 bitcoin है अब आप दुनिया के किसी भी देश में जाकर यह नंबर देकर उतने पैसे का कोई भी सामान खरीद सकतें है या पैसे ले सकते है|

इसको किसी भी मुद्रा में बदलने की आवश्कता नहीं होती है उदहारण के लिए 100 dollar का bitcoin ख़रीदा हैं तो 100 dollar आप कहीं पर भी खर्च कर सकते हैं बिना टैक्स दिये और किसी भी प्रकार का इनकम टैक्स विभाग को जानकारी दिये कोई भी सामान खरीद सकते हैं मतलब यह खरीदारी पूरी तरह गुप्त रहेगा यह आपके और खरीदार के बीच का मामला होगा अब अगर जाँच एजेंसी इसकी जाँच करती है की यह 100 डॉलर किस मकसद से ख़रीदा गया है तो वहाँ पर वह transaction शून्य बताने लगेगा यानि account zero हो जायेगा और जाँच अधिकारी को कोई जानकारी नहीं मिलेगा|

इसको दुसरे ढंग से समझते हैं अगर यह 100 डॉलर एक जगह से दुसरे जगह जा रहा है और बीच में कोई जाँच अधिकारी (मसलन- इनकम टैक्स विभाग, पुलिस या कोई भी) इसका जानकारी लेने का प्रयास करता भी है तो यह account अपने आप शून्य हो जाता है इसे blockchain technology कहते है यह पूरी तरह से end-to-end encrypted होता है इसे बीच में अगर किसी ने सेंधमारी की तो यह अपने आप zero हो जाता है यही इसकी सबसे बड़ी खूबी है|

इस तरह bitcoin से किया हुआ transaction पूरी तरह सुरक्षित और भरोसेमंद है what is bitcoin crypto currency? जिसको हमने आसान भाषा में समझा|

How to Mine Bitcoin in India for Free – बिटकॉइन में निवेश कैसे करें हिन्दी में

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अपने पैसे को निवेश करने से सम्बन्धित बहुत से तरीकों के बारे में आपने सुना होगा। शेयर बाजार , म्युचुअल फण्ड , सोना , चांदी अथवा जमीन जैसे बहुत से निवेश योग्य आर्टिकल के बारे में आपको जानकारी होगी। लेकिन आज के समय में विश्व स्तर पर निवेश के लिए सबसे प्रचलित शब्द है बिटकॉइन। भारत सहित कई देशों के लोग इसमें दिल खोलकर निवेश कर रहे है , साथ ही कुछ देशों में इसे पैसे की तरह इस्तेमाल किया जाने लगा है। आज हम आपको बताऐंगे बिटकॉइन क्या होते है ? कैसे खरीदे या बेचे जाते है अर्थात बिटकॉइन में निवेश कैसे करें ? इसके अलावा इस लेख में आप बिटकॉइन के इतिहास एवं भविष्य के बारे में भी जानकारी प्राप्त करेगें।

बिटकॉइन के बारे में आधारभूत जानकारीः


दोस्तों , बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा यानि Cryptocurrency है , जिसे आम मुद्रा जैसे रूपया या डॉलर अथवा यूरो की तरह छू नहीं सकते , बल्कि इसे ऑनलाइन Peer to Peer कर सकते है। नवीनतम कम्प्यूटर तकनीक द्वारा , 24 घंटे बिजली की उपस्थिति में , स्थिर एवं तय तापमान पर बिटकॉइन की माइनिंग की जाती है , जिनमें Mathematical Algorithm का इस्तेमाल किया जाता है। माइनिंग से नए बिटकॉइन जनरेट किये जाते हैं। बिटकॉइन की अधिकता भी ना हो और लगातार इसकी मांग तथा कीमत में वृद्धि होती रहे इसलिए यह पहले से तय किया जा चुका है कि कब , कितने बिटकॉइन माइन किये जाऐंगे। सन् 2009 से 2140 तक कुल 21 मिलियन बिटकॉइन जनरेट होंगे। प्रत्येक 4 वर्षाें में बिटकॉइन का प्रोडक्शन / माइनिंग आधी हो जाती है।


बिटकॉइन पर किसी क्रेन्द्रीय बैंक , सरकार का नियंत्रण नहीं होता ना ही कोई विशेष टैक्स लगता है , जिससे बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है इसके प्रचलन में निरन्तर वृद्धि हो रही है।

बिटकॉइन का इतिहास


बिटकॉइन का आविष्कार सन् 2009 में सातोशी नाकामोतो नाम के व्यक्ति ने किया था , हालांकि आज तक सातोशी नाकामोतो के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। इसी के नाम पर बिटकॉइन की Smallest Value को एक सातोशी कहते है , एक बिटकॉइन में 100,000,000 सातोशी होते हैं।

बिटकॉइन की कीमत में इसके प्रारम्भिक समय से ही वृद्धि देखने को मिलती रही है। सन् 2009 में जहां 27 डॉलर में 5000 बिटकॉइन खरीदे जा सकते थे। वहीं 2010 में बिटकॉइन ने कभी भी 1 डॉलर प्रतिबिटकॉइन का आंकड़ा भी नहीं छुआ , 2010 में बिटकॉइन की अधिकतम कीमत 0.39 डॉलर ही थी। वहीं 17 दिसम्बर 2017 को इसकी कीमत / वैल्यू 19193.72 डॉलर प्रति बिटकॉइन देखी गयी।

बिटकॉइन में निवेश कैसे करेंः


हम ये तो जान गये है कि बिटकॉइन में निवेश करना बहुत फायदेमंद है किन्तु इतना प्रचलित होते हुए भी बहुत लोगों को बिटकॉइन में निवेश करने के बारे में सामान्य जानकारी नहीं है तथा लोग ऑनलाइन पैसे इनवेस्ट करने में डरते है। अभी तो हमारा देश पूरी तरह से ऑनलाइन शोपिंग करना में आत्मविश्वास पैदा कर रहा था कि यह ऑनलाइन निवेश का फण्डा सामने आ गया।

Cryptocurrency श्रृंखला के ये लेख आपको इसके बारे में विस्तार से बताएँगे


हैकिंग , फिशिंग और अन्य साइबर क्राइम के बारे में समाचार सुनकर जरूर ही हम ऑनलाइन निवेश करने में घबराऐंगे लेकिन बिटकॉइन में निवेश करना इतना असुरक्षित भी नहीं होता। इसके ट्रान्जेक्शन को बहुत हद तक सुरक्षित रखने की कोशिश की गयी है। किसी भी जगह अपना पैसा निवेश करने से पहले हमें उसके बारे में पूरी जानकारी लेना बहुत जरूरी है खासकर के बिटकॉइन जैसी चीज जिसका कोई भौतिक अस्तित्व ही नहीं है।


बिटकॉइन में निवेश करने के लिए आपको किसी बिटकॉइन एक्सचेंज पर रजिस्टर करना होगा। फिर आप डॉलर या रूपये से बिटकॉइन खरीद / बेच सकते है और अपना पैसे बैंक में भी ट्रांस्फर कर सकते है। भारत में प्रचलित प्रमुख बिटकॉइन एक्सचेंज निम्न हैः Unocoin, Zebpay, Coinsecure, Coinmama, LocalBitcoin आदि।

बिटकॉइन एक ऐसी डिजिटल करेंसी है जिसने पैसे के पूरे सिस्टम को ही बदल कर रख दिया है , यह एक कोड है जिसे आसानी से इंटरनेट के माध्यम से हस्तांतरित किया जा सकता है। हस्तांतरण में आसानी और सुरक्षा की वजह से ये डिजिटल करेंसी मार्केट में तेजी से प्रचलित हो गयी और इसके साथ अन्य बहुत सी डिजिटल करेंसी जैसे इथरेरियम /Ethereum, रिपल , लाइटकाॅइन , कारडानो , डैष आदि मार्केट में आ गयी है। अब तक लगभग 50 से अधिक देशों में बिटकॉइन को सरकारी मान्यता मिल गयी है , और कुछ देशों में बिटकॉइन के एटीएम भी है जिसमें बिटकॉइन को उस देश की करेंसी में अथवा प्रचलित करेंसी को बिटकॉइन में परिवर्तित किया जा सकता है।

RSS से जुड़ा स्वदेशी जागरण मंच क्रिप्टोकरेंसी पर चाहता है बैन, कहा—इसका इस्तेमाल आतंकी करते हैं

स्वदेशी जागरण मंच ने आरबीआई से अपनी डिजिटल मुद्रा लॉन्च करने को कहा है. संगठन की तरफ से पारित एक संकल्प में कहा गया है कि वर्चुअल करेंसी वित्तीय बाजार को नुकसान पहुंचाती है, और करों की चोरी को बढ़ावा देती है.

क्रिप्टोकरेंसी की प्रतीकात्मक तस्वीर | विकीमीडिया कॉमन्स

नई दिल्ली: आरएसएस से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. एसजेएम ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से कहा है कि निजी डिजिटल करेंसी का ‘अवैध इस्तेमाल’ रोकने के लिए उसे जल्द से जल्द अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करनी चाहिए.

क्रिप्टोकरेंसी एक लंबे समय से आरबीआई के रडार पर रही है. इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए की जा रही मांग पर केंद्र सरकार ने भी गंभीरता से विचार किया है और उसने एक बिल—क्रिप्टोकरेंसी एंड रेग्युलेशन ऑफ ऑफिशिएल डिजिटल करेंसी बिल-2021—का मसौदा तैयार कर लिया है जिसे अभी संसद में पेश किया जाना बाकी है.

ग्वालियर में इस सप्ताहांत हुई एसजेएम की दो दिवसीय ‘राष्ट्रीय सभा’ में पारित एक प्रस्ताव में कहा गया है कि क्रिप्टोकरेंसी की कोई बुनियादी संपत्ति नहीं होती है, उन्हें जारी करने वालों की कोई पहचान नहीं होती, ये सब तमाम तरह की अटकलों पर निर्भर करता है जिससे वित्तीय बाजार को गहरी क्षति पहुंच सकती है, और अगर ठीक से पड़ताल की जाए तो इसके पीछे मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग हो सकती है.

एसजेएम ने यह तर्क भी दिया कि क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति देने का नतीजा पूंजी बाजार में अकाउंट कन्वर्टिबिलिटी (बिना किसी बाधा के निवेश संबंधी लेन-देन की स्वतंत्रता, खासकर दूसरे देशों में) के तौर पर सामने आ सकता है.

हालांकि, आरएसएस से संबद्ध इस संगठन का कहना है कि बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को क्रिप्टोकरेंसी से नहीं जोड़ा जाना चाहिए और आर्थिक या सामाजिक गतिविधियों से जुड़े सभी क्षेत्रों में इसके उपयोग को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए.

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लाखों लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में किया निवेश

आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा कसने के पक्ष में रहा है. मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर आरबीआई की तरफ से लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि आरबीआई की तरफ से बैंकों को वर्चुअल करेंसी में लेन-देन न करने का निर्देश जारी नहीं किया जा सकता है.

इसके आधार पर क्रिप्टो एक्सचेंजों ने बड़े पैमाने पर डिजिटल करेंसी में ट्रेडिंग शुरू कर दी थी. हालांकि, इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है, लेकिन ऐसा अनुमान है कि भारत में करीब 2 करोड़ लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है में पैसा लगाया है.

एसजेएम ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग, यहां तक कि ग्रामीण भी वर्चुअल करेंसी की ओर आकृष्ट होते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वे अपना पैसा इसमें लगाकर जल्दी लाभ कमा सकते हैं.

एसजेएम के संकल्प में कहा गया है, ‘यह धारणा गलत है कि क्रिप्टोकरेंसी एक मुद्रा है. मुद्रा वह होती है जिसे केंद्रीय बैंक जारी करती है और जिस पर सरकार की गारंटी होती है. क्रिप्टोकरेंसी निजी तौर पर जारी किए गए वर्चुअल सिक्कों की तरह हैं जिन्हें कोई वैधता हासिल नहीं है.’

इसमें कहा गया है, ‘क्रिप्टो का इस्तेमाल अपराधियों, आतंकवादियों, तस्करों और हवाला में शामिल लोगों द्वारा किया जा रहा है. हाल ही में, जब साइबर अपराधियों ने दुनियाभर में एक कंप्यूटर वायरस के माध्यम से कंपनियों का डाटा उड़ा लिया और बिटकॉइन में फिरौती की मांग की तब दुनिया को बिटकॉइन के आपराधिक इस्तेमाल की गंभीरता का अंदाजा लगा.’

प्रस्ताव में कहा गया है, ‘इतनी मूल्यवान वर्चुअल संपत्ति की जानकारी केवल उसके धारकों को होती है. अधिकारियों को इसके बारे में तभी पता चलता है जब किसी बैंक के माध्यम से लेन-देन किया जाता है. हालांकि, जब इसके लेन-देन की घोषणा की जाती है तब इस पर टैक्स लगाया जा सकता है, लेकिन तभी जब इसे विदेशों में बेचा गया हो, देश में नहीं.’ इसमें यह भी कहा गया है, ‘वास्तव में क्रिप्टो एक वैधानिक संपत्ति नहीं है (करेंसी को कानूनी मुद्रा कहा जाता है).’

प्रस्ताव में कहा गया है, ‘इसे किसी कंपनी या किसी व्यक्ति की बैलेंसशीट में नहीं दिखाया जा सकता. यानी क्रिप्टोकरेंसी इनकम टैक्स, जीएसटी और कई तरह के टैक्स की चोरी का जरिया बनती जा रही है.

एसजेएम के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने दिप्रिंट को बताया, ‘बिटकॉइन और अन्य प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में लगातार उतार-चढ़ाव और उनकी बढ़ती मांग के कारण देश की मुद्रा का एक बड़ा हिस्सा इसमें लगाया जा रहा है. यह डार्क वेब की तरह है. यह पैसा कहां जा रहा है, किसकी जेब में जा रहा है…कोई नहीं जानता.’

एसजेएम के प्रस्ताव में कहा गया है कि डिजिटल करेंसी के खिलाफ एक बड़ा तर्क यह है कि इसकी माइनिंग में व्यापक मात्रा में बिजली की खपत होती है, जिससे बिजली की कमी की संभावना बढ़ जाती है. प्रस्ताव में कहा गया है, ‘चीन ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के पीछे मुख्य तौर पर यही तर्क दिया है.’

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

विराग गुप्ता का कॉलम: सख्त कानून से क्रिप्टो करेंसी को लॉक किया जाए, क्रिप्टो पर कानून व्यवस्था लागू करने में हो रहे विलंब से बढ़े अनेक संकट

विराग गुप्ता, सुप्रीम कोर्ट के वकील - Dainik Bhaskar

तीस साल पहले अमेरिका में एमआईटी के कंप्यूटर वैज्ञानिक डेविड क्लार्क की चेतावनी अब क्रिप्टो करेंसी के संकट से सच साबित होने लगी है। टेक्नोलॉजी के दमखम और लालच की पिटारी से लैस क्रिप्टो की सुनामी के आगे भारत समेत दुनिया की सभी सरकारों का सिस्टम फेल सा दिख रहा है।

यूपीए शासन काल में रिजर्व बैंक ने क्रिप्टो के आसन्न संकट पर बैंकों, एनबीएफसी और पेमेंट सेवा कंपनियों को चेताया था, लेकिन अभी तक कानून नहीं बन पाया। लॉकडाउन की वजह से काम धंधा बंद होने से जब अर्थव्यवस्था निढाल हो गई, तब अधाधुंध रिटर्न के चक्कर में क्रिप्टो की गिरफ्त में करोड़ों लोग फंस गए और उनकी आड़ में इसके नियमन की मांग होने लगी।

बैंक से ब्याज, व्यापार, किराया और शेयर मार्केट आदि में मेहनत की कमाई पर लोगों को 4 से 15 फीसदी सालाना की आमदनी हो पाती है। लेकिन बिटकॉइन की कीमत में पिछले 11 साल में एक लाख गुना से ज्यादा का इजाफा हुआ है। कुछेक क्रिप्टो करेंसी में पिछले एक साल में ही 10 हजार गुना तक का रिटर्न मिला है।

भारत में रुपए का नियमन और नियंत्रण, अमेरिकी डॉलर जैसी मान्यता प्राप्त करेंसियों की तरह केन्द्रीय बैंकों के माध्यम से होता है। लीमन ब्रदर्स कांड के बाद सन 2008 में क्रिप्टो की आभासी करेंसी का उदय हुआ। इसमें मुनाफा कई अंकों में होने के बावजूद, अधिकृत जानकारी का स्तर लगभग शून्य है।

एलसाल्वाडोर और क्यूबा जैसे दो छोटे देशों की मान्यता के बावजूद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिप्टो के लिए कोई नियम, अथॉरिटी और सर्वर नहीं हैं। तकनीक, निवेश और स्वतंत्रता के लिहाज से क्रिप्टो की राइड रोमांचक है, लेकिन गैरकानूनी होने की वजह से इसके बड़े जोखिम हैं। मई 2021 में क्रिप्टो का मार्केट क्रैश होने से निवेशकों को 73 लाख करोड़ का चूना लगा। क्रिप्टो की कानूनी मान्यता नहीं होने से इसका इस्तेमाल डार्क नेट के माध्यम से होता है। इन खतरों के मद्देनजर ही चीन, रूस और तुर्की ने क्रिप्टो को पूरी बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है तरह से बैन कर दिया।

क्रिप्टो के खतरनाक पहलुओं की एक बानगी कर्नाटक बिटकॉइन स्कैम से सामने आती है। 26 साल के हैकर श्रीकृष्ण रमेश ने बड़े पैमाने पर बिटकॉइन की चोरी करने के बाद सरकार को भी करोड़ों का चूना लगा दिया। ऐसे घोटालेबाजों की निगरानी करने वाली अमेरिकी सरकार की दी गई जानकारी के मुताबिक रमेश ने पुलिस, अफसरों और मंत्रियों को रिश्वत में बिटकॉइन दिया था। रमेश के तार साइबर अपराध, ड्रग्स, हवाला, मटका, सट्‌टेबाजी, काले धन और भ्रष्टाचार से जुड़े हैं।

पोर्नोग्राफी रैकेट से जुड़े शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा के खिलाफ दो हजार करोड़ से बड़े बिटकॉइन घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की जा रही है। आतंकवादियों के लिए तो क्रिप्टो एक वरदान सरीखा है। पिछले महीने संघ प्रमुख मोहन भागवत ने क्रिप्टो और ओटीटी पर चिंता जाहिर की थी। संविधान में अभिव्यक्ति की आज़ादी का हक है, इसलिए ओटीटी के नियमन में अनेक अड़चनें हो सकती हैं। लेकिन अनाधिकृत और गैरकानूनी क्रिप्टो को तो किसी भी कानून से संरक्षण नहीं मिल सकता।

कृषि कानूनों को सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से लागू किया था तो फिर क्रिप्टो जैसे मामलों पर विधायी विलम्ब क्यों होता है? फेसबुक के व्हिसलब्लोअर के खुलासे के अनुसार 2019 के आम चुनावों के पहले सोशल मीडिया कंपनियों ने एक संगठन के माध्यम से चुनाव आयोग को नियमों को धता बताकर स्वयंभू स्व-नियमन लागू करवा दिया था।

उसी तर्ज पर अब वही संगठन क्रिप्टो करेंसी के सेल्फ रेगुलेशन की अगुवाई कर रहा है। भारत में लॉबिइंग गैर कानूनी है। इसलिए क्रिप्टोकरंसी और विदेशी कंपनियों की सांठगांठ के फैलाव की गहन जांच हो तो डार्क-नेट के कारोबारियों का असली चेहरा उजागर होगा।

एलन मस्क जैसे पैरोकार, क्रिप्टो के तकनीकी और डिजिटल संपत्ति के आधुनिक पहलू पर जोर देते हैं। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के अनुसार आमजन और अर्थव्यवस्था के लिए क्रिप्टो बेहद खतरनाक है। देश-विदेश में बिटकॉइन समेत सैकड़ों तरह की क्रिप्टो करेंसी चलन में हैं।

इनमें से सारी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के आधार पर काम करती है। इस तकनीक का मेडिकल साइंस, सरकारी सब्सिडी, शैक्षणिक सर्टिफिकेट और अंतरराष्ट्रीय पेमेंट समेत कई जगहों पर वैधानिक इस्तेमाल हो सकता है। लेकिन तकनीक की आड़ में गैरकानूनी क्रिप्टो को क्यों और कैसे संरक्षण दिया जा सकता है? अगर संपत्ति के लिहाज से देखें तो भी क्रिप्टो के पक्ष में दिए जा रहे तर्क खोखले हैं।

प्रॉपर्टी, जेवर, पेंटिंग, मशीन, शेयर, बांड और सरकारी करेंसी जैसी लाखों चीजों को संपत्ति माना जाता है। निवेश के मामलों में वारेन बफेट को मसीहा माना जाता है। उन्होंने किसी भी पैमाने पर क्रिप्टो को संपत्ति मानने से इनकार करते हुए इसे मरीचिका करार दिया। सिंगापुर के नियामक के अनुसार क्रिप्टो करेंसी का मूल्य अर्थव्यवस्था के बुनियादी तत्वों से नहीं जुड़ा, इसलिए यह खतरनाक है।

क्रिप्टो ना तो संपत्ति है और ना ही इसे कानून की मान्यता है। तो फिर क्रिप्टो के खरबों के कारोबार को इनकम टैक्स विभाग का अनुमोदन क्यों मिलना चाहिए? क्रिप्टो के कई कारोबारी तो यूनिकॉर्न का लाभ ले रहे हैं। गैरकानूनी झुग्गी वालों को भी प्रॉपर्टी बेचने के लिए कानून की मान्यता लेनी पड़ती है। लेकिन क्रिप्टो के कारोबारियों ने खुद ही नियामक और कानून बनकर, देश की सार्वभौमिकता को चुनौती दे डाली। अगर इस परंपरा को प्रश्रय मिला तो आगे चलकर हवाला, मटका, सट्‌टा, पोंजी स्कीम और खनिज माफिया के कारोबारी भी स्व-नियमन की व्यवस्था से अवैध आमदनी पर टैक्स देकर देश की प्रगति में योगदान का बड़ा दावा करेंगे।

संसद के शीत सत्र में क्रिप्टो पर बिल पेश होगा, लेकिन कानून बनाने और लागू करने में सरकार की स्थिति अजीब-सी हो गई है। भौतिक सम्पति नहीं होने पर भी निजी क्रिप्टो करेंसी को यदि संपत्ति के तौर पर वैधता प्रदान की गई तो फिर देश की सार्वभौमिकता के साथ अर्थव्यवस्था की स्थिरता पर खतरे बढ़ जाएंगे। दूसरी तरफ यदि निजी क्रिप्टो बैन हुई तो करोड़ों निवेशकों का पैसा डूब सकता है।

काले धन के खात्मे के लिए नोटबंदी लागू कर दी गई थी। आम जनता की जान बचाने के लिए लॉकडाउन लगा दिया गया। तो अब देश की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए निजी क्रिप्टो करेंसी के कारोबार और इस्तेमाल के खिलाफ सरकार को ठोस कानून बनाकर उसे अविलम्ब लागू करना चाहिए। कुछ महीने पहले भारत में ई-रुपी डिजिटल करेंसी की लॉन्चिंग हुई थी। अब चीन की तर्ज पर भारत में भी सरकारी डिजिटल करेंसी को कानूनी वैधता प्रदान करके ब्लाकचेन टेक्नोलॉजी का देशहित में व्यापक इस्तेमाल होना चाहिए।

2021 में 73 लाख करोड़ रु. का चूना
लीमन ब्रदर्स कांड के बाद सन 2008 में क्रिप्टो की आभासी करेंसी का उदय हुआ। इसमें मुनाफा कई अंकों में होने के बावजूद, अधिकृत जानकारी का स्तर लगभग शून्य है। अल-साल्वाडोर और क्यूबा जैसे दो छोटे देशों की मान्यता के बावजूद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिप्टो के लिए कोई नियम, अथॉरिटी और सर्वर नहीं हैं। तकनीक, निवेश और स्वतंत्रता के लिहाज से क्रिप्टो की राइड रोमांचक है, लेकिन गैरकानूनी होने की वजह से इसके बड़े जोखिम हैं। मई 2021 में क्रिप्टो का मार्केट क्रैश होने से वैश्विक स्तर पर निवेशकों को 73 लाख करोड़ रु. का चूना लगा।
(ये लेखक के अपने विचार हैं।)

Bitcoin: यहां बनने जा रही दुनिया की पहली बिटकॉइन सिटी, ज्वालामुखी से होगा पावर स्पलाई, टैक्स से लोगों को राहत

El Salvador

नई दिल्ली। दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के बारे में सभी जानते हैं। अब भारत में भी लाखों लोग इस क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं। हालांकि करेंसी की उथल-पुथल होती कीमतों की वजह से निवेशकों की परेशानी काफी बढ़ रही है। लेकिन अभी तक इस क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले लाखों-करोंड़ों लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। दरअसल दक्षिण अमेरिकी देश अल सल्वाडोर में दुनिया में पहली ‘बिटकॉइन सिटी’ बनाए जाने की योजना बनाई जा रही है।

Bitcoin

दुनिया का पहला बिटकॉइन सिटी

अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने दुनिया में पहले बिटकॉइन सिटी बनाने और बसाने का ऐलान किया है। इतना ही नहीं उन्होंने बिटकॉइन सिटी को लॉन्च भी कर दिया है। बता दें कि इस शहर को बेहद खास अंदाज में डिजाइन भी किया जा रहा है। जिसमे बिटकॉइन समर्थित बॉन्ड से ही निवेश किया जा सकेगा। राष्ट्रपति नायब बुकेले ने कहा कि, मध्य अमेरिकी देश में निवेश को बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है बढ़ावा देने के लिए क्रिप्टो करेंसी का उपयोग करने के लिए अपनी शर्ते दोगुना कर दी हैं।

Bitcoin

बिटकॉइन सिटी की घोषणा

दरअसल एक हफ्ते से चल रहे रंगारंग कार्यक्रम के आखिरी दिन बिटकॉइन सिटी बनाए जाने का ऐलान किया गया है। इस दौरान राष्ट्रपति बुकेले ने कहा कि, बिटकॉइन सिटी को ज्वालामुखी से निकलने वाली ऊर्जा से बिजली दी जाएगी और इस शहर में रहने वाले लोगों पर एक रुपये भी इनकम टैक्स नहीं लगाया जाएगा। इसके साथ ही घोषणा करते हुए कहा गया है कि शहर में रहने वाले लोगों को सिर्फ वैट करना होगा, यानि सामान खरीदने पर जो टैक्स लगता है, सिर्फ वही टैक्स देना होगा।

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