खाता क्या हैं?

ई-बीमा खाता (इ-आइए) क्या है?
इ-आइए का अर्थ इलेक्ट्रॉनिक बीमा खाता या ई-बीमा खाता है। यह एक रिपॉजिटरी है जहाँ आप अपनी सभी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों, जीवन बीमा पॉलिसियों और अन्य बीमा पॉलिसियों को एक ही स्थान पर प्रबंधित कर सकते हैं।
ई-इंश्योरेंस खाता क्या हैं? अकाउंट आपकी इंश्योरेंस पॉलिसियों पर नज़र रखने का एक सरल लेकिन प्रभावी तरीका प्रदान करता है। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने पॉलिसीधारकों को डिजिटल प्रारूप में नीतियों का उपयोग करने में मदद करने के लिए यह सुविधा पेश की, जिसे वे किसी भी समय और किसी भी स्थान से एक्सेस कर सकते हैं।
पॉलिसीधारक अपनी सभी बीमा पॉलिसियों को इस एकल खाते में स्टोर कर सकते हैं और जब भी उन्हें आवश्यकता हो, उन्हें एक्सेस कर सकते हैं। प्रत्येक ई-बीमा खाते में एक विशिष्ट खाता संख्या होगी, साथ ही इलेक्ट्रॉनिक नीतियों को ऑनलाइन एक्सेस करने के लिए एक विशिष्ट लॉगिन आईडी और पासवर्ड होगा।
आइए इस लेख पर एक नज़र डालें और ई-बीमा खाता कैसे प्राप्त करें, इस बारे में बात करें। हम इलेक्ट्रॉनिक बीमा खातों की विशेषताओं और लाभों पर भी गौर करेंगे।
आप ई-बीमा खाता कैसे खोलते हैं?
- सेंट्रल इंश्योरेंस रिपोजिटरी लिमिटेड
- एनएसडीएल डाटाबेस मैनेजमेंट लिमिटेड
- सीएएमएस रिपोजिटरी सर्विसेस लिमिटेड
- कार्वी इंश्योरेंस रिपोजिटरी लिमिटेड
ई-बीमा खोलने के लिए नीचे दिए गए आसान चरण दिए गए हैं:
चरण 1: अपनी पसंदीदा इंश्योरेंस रिपोजिटरी कंपनी चुनें।
चरण 2: ई-बीमा खाता खोलने का फॉर्म डाउनलोड करें और भरें।
चरण 3: स्व-सत्यापित केवाईसी डॉक्यूमेंट, खाता क्या हैं? यानी आइडेंटिटी प्रूफ की कॉपी, बर्थ प्रूफ की तारीख और एड्रेस प्रूफ अटैच करें।
चरण 4: व्यक्तिगत विवरण, बैंक विवरण और रद्द चेक और संपर्क विवरण प्रदान करें।
चरण 5: हाल ही में पासपोर्ट आकार की एक तस्वीर।
चरण 6: फॉर्म को अपनी इंश्योरेंस कंपनी को जमा करें।
नोट:बीमा कंपनी के माध्यम से खाता खोलने पर आपको केवाईसी डॉक्यूमेंट जमा करने की आवश्यकता नहीं होती है। बीमाकर्ता आपके केवाईसी विवरण को रिपॉजिटरी में भेजेगा।
ई-बीमा खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज
- एक रद्द किया गया बैंक खाता चेक, बैंक खाता संख्या और अन्य संबंधित बैंक विवरण।
- एक नवीनतम पासपोर्ट आकार का फोटोग्राफ
- एक स्व-सत्यापित पहचान प्रमाण प्रति, जैसे कि आपका पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट, आदि।
- आयु प्रमाण की प्रति (स्व-सत्यापित होनी चाहिए) जैसे मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट, जन्म प्रमाण खाता क्या हैं? पत्र आदि।
नोट:ई-बीमा खाता खोलने के लिए आपको कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। केवल अधिकृत व्यक्ति ही बीमा पॉलिसियों के पोर्टफोलियो को जानने के लिए ई-बीमा खाते तक पहुंच सकता है।
अधिकृत व्यक्ति कौन है?
एक अधिकृत प्रतिनिधि वह व्यक्ति होता है जो खाताधारक की मृत्यु या ऐसा करने में असमर्थता के मामले में ई-बीमा खाते तक पहुंच सकता है। इसलिए, पॉलिसीधारक के लिए अधिकृत व्यक्ति के संपर्क विवरण का उल्लेख करना अनिवार्य है।
इलेक्ट्रॉनिक इंश्योरेंस अकाउंट्स की विशेषताएं
- व्यक्ति केवल एक ई-बीमा खाता रख सकते हैं।
- आप एक ही खाते में कई बीमाकर्ताओं से भी सभी पॉलिसियों को एक्सेस कर सकते हैं।
- आपको भविष्य की सहायता और प्रश्नों के लिए एक अद्वितीय संख्या मिलेगी।
- अकाउंट एक्सेस करने के लिए आपको एक यूनिक लॉगिन आईडी और पासवर्ड भी मिलेगा।
नोट:अपने प्रस्ताव फॉर्म में अपने अद्वितीय ई-बीमा खाता संख्या का उल्लेख करें और बीमा प्रदाता से इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में पॉलिसी जारी करने का अनुरोध करें।
खाता क्या हैं?
करंट बैंक अकाउंट क्या होता है: आज के दौर में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसका की बैंक खाता नहीं खुला होगा। किसी भी तरह की योजनायें होती हैं, उन सभी में मिलने वाले लाभ ज्यादातर बैंक खाते के माध्यम से ही प्राप्त होती हैं। लेकिन ये बैंक खाता भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं। जैसे बचत खाता, चालू खाता, वेतन खाता, एनआरआई बैंक खाता, जैसे कई तरह के बैंक खाते होते हैं। लेकिन सामान्यतः लोग सेविंग अकाउंट खुलवाते हैं। लेकिन जब भी हम बैंक में खाता खुलवाने जाते हैं या फिर ऑनलाइन खाता खोलने के लिए फॉर्म भरते हैं, तो बैंक में भी हमको पूछा जाता है कि हमको कौन सा खाता खुलवाना है। जैसे करंट अकाउंट या फिर सेविंग अकाउंट। ऐसा क्या अंतर है इन दोनों बैंक खातों में जो कि खाता खुलवाने के समय भी हमसे सवाल किया जाता है कि हमको कौन सा खाता खुलवाना है। अक्सर कई लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है, ये चालू खाता क्या होता है। लेकिन बचत खाता के बारे में तो थोड़ा बहुत सभी लोग जानते ही होंगे क्योंकि इसका नाम ही बचत से शुरू होता है। तो दोस्तों आज हम जानेंगे कि करंट बैंक अकाउंट क्या होता है। (What is Current Bank Account) और हमको कौन सा बैंक खाता खुलवाना चाहिए।
Table of Contents
करंट बैंक अकाउंट क्या होता है?
करंट बैंक खाता ही चालू बैंक खाता कहलाता है। सामान्यतौर पर यह बैंक अकाउंट वो लोग खुलवाते हैं, जो की व्यापारी, जैसे ये अकाउंट कंपनियों, फर्मों, किसी सार्वजनिक उद्योग कम्पनियाँ होती हैं। क्योंकि उन लोगों को कभी भी किसी भी चीज का लेनदेन करना हो सकता है। नियमित रूप से पैसों के ट्रांजेक्शन के लिए यह करंट बैंक खाता लाभदायक होता है। इस प्रकार के करंट खातों में लेनदेन की कोई सीमा नहीं होती है। चालू खाते में आप जब और जितनी बार चाहें पैसों का लेनदेन कर सकते हैं। लेकिन यहाँ आपको किसी भी तरह का ब्याज नहीं प्राप्त होता है, जैसे बचत खाता खुलवाने पर आपको सालाना ब्याज प्राप्त होता है। लेकिन चालू खाते में आपको किसी तरह का ब्याज नहीं मिलता। कुल मिलकर करंट अकाउंट जो व्यापारी या फिर जो व्यक्ति नियमित रूप से बड़ी राशि का लेनदेन करते हैं उनके ही लिए होते हैं। साथ ही करंट बैंक अकाउंट में सर्विस चार्ज भी काटा जाता है।
करंट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं
- Primium Current Account
- Standard Current Account
- Foreign Currency Account
- Singale Column Cash Book
करंट बैंक खाता खुलवाने के लाभ और सुविधायें
- इस तरह के बैंक खाते केवल व्यवसायी, या बड़ी कम्पनियाँ ही खुलवाती हैं जो की नियमित रूप से बड़ी धनराशि का लेनदेन करते हैं।
- चालू बैंक खाते में आपके बचत खाते से अधिक लेनदेन की सीमा होती है। खाता क्या हैं?
- चालू बैंक खाते में किसी तरह की लिमिट नहीं होती है, आप कितने भी पैसे निकाल सकते हैं।
- करंट बैंक अकाउंट में ओवरड्रॉफ्ट की सुविधा प्रदान की जाती है।
- इस तरह के बैंक खातों में भी बचत खातों के जैसे ही Know Your Coustomer(KYC) गाइडलाइंस को फॉलो किया।
- करंट बैंक खाते में आपको NEFT/RTGS में भी शुल्क पर छूट प्राप्त होती है।
- यहाँ आप कई तरह की सुविधायें प्राप्त कर सकते हैं। जैसे की फंड्स ट्रांसफर करना, चेक रिसीव करना, कैश जैसी कई सारी सुविधायें।
- करंट बैंक खातों में लेनदेन पर कोई प्रतिबंध नहीं होता है।
- इस प्रकार के बैंक खातों में आप एक तय न्यूनतम राशि से कम पैसे नहीं रख सकते हैं। यदि आप निर्धारित राशि से कम पैसे अपने खाते में रखते हैं, तो आपको इसका चार्ज देना होगा।
- करंट बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए आप किसी भी बैलेंस पर खाता नहीं खुलवा सकते हैं, इस अकाउंट में बैंक का ओपनिंग बैलेंस होता है। आपको इस पर ही खाता खुलवाना होता है।
Disadvantage of Current Bank Account
- चालू बैंक खाते में चेक बुक का इस्तेमाल गलत तरीक़े से भी किया जा सकता है।
- इस तरह के खाते में आपके लिए एक न्यूनतम बैलेंस तय होता है। इससे कम राशि होने पर आपका खाता बंद हो सकता है। या फिर आपको इसके लिए अन्य शुल्क देना पड़ेगा।
- चालू खाते में आपसे सर्विस चार्ज भी लिया जाता है।
- और आप यहाँ चेक से एक बार में चेक लिमिट से ज्यादा पैसे नहीं निकल सकते हैं। अन्यथा आपको इसका चार्ज करना पड़ेगा।
- आपके खाते में जमा पैसे पर कोई भी ब्याज नहीं मिलता है।
हमें कौन सा अकाउंट खोलना चाहिए
हमे कौन सा अकाउंट खुलवाना चाहिए, ये इस बात पर निर्भर करता है कि हम क्या काम करते हैं। हमको हमारे पैसों की बचत करनी है, या फिर हमको अपने पैसों का किसी चीज में निवेश करना है। या हमको कोई चीजें खरीदनी और बेचनी हैं। या फिर आपको अपना पैसा बैंक में जमा करके लम्बे समय तक बचाना है। आप दिए गए कुछ तरह के खाते खोल सकते हैं, वो भी अपनी आवश्यकता अनुसार।
- बचत बैंक खाता – बचत खाता हम किसी भी बैंक(सरकारी या प्राइवेट बैंक) में बैंक की न्यूनतम ओपनिंग बैलेंस पर खुलवा सकते हैं। इस तरह के खाते में पैसे जमा करने पर आपको बचत राशि पर ब्याज भी प्रदान करवाया जाता है। यहाँ आप कभी भी पैसे जमा कर सकते हैं, और निकल भी सकते हैं। यहाँ पर अकाउंट से पैसे निकलने की एक सीमा तय होती है।
- करंट अकाउंट- इस प्रकार के या चालू खाते व्यवसायी लोगों और कम्पनियों और सरकारी उद्यमों द्वारा खुलवाए जाते हैं। इसमें आप कभी भी कितने भी पैसों का लेनदेन कर सकते हैं, यहाँ आपको किसी तरह का ब्याज नहीं प्राप्त होता। साथ ही आपका सर्विस चार्ज भी काटा जाता है।
फिक्स्ड डिपाजिट
इस तरह के बैंक खाते अक्सर वे लोग खुलवाते हैं, जो की अपने पैसों का निवेश कर किसी तरह का खतरा नहीं उठाना चाहते हैं। वो लोग अपने पैसों को एक लम्बे समयावधि के लिए जमा करवा देते हैं। लेकिन बचत करने के लिए आप बचत खता भी खोल सकते हैं, लेकिन बचत खाता पर आपको कम ब्याज प्राप्त होता है, जबकि इस प्रकार के मियादी बैंक खाते और सावधि जमा खाते में ब्याज दर अधिक होती है। अगर आप इस प्रकार के खाते में अपने पैसों को एक अवधि के लिए जमा करवाते हैं, और किसी वजह से बीच में ही आप पैसे निकाल लेते हैं तो आपको इसका जुर्माना देना पड़ेगा।
बुनियादी बचत खाता – इस तरह के बैंक खाते जीरो बैलेंस पर खुलवाए जा सकते हैं। इसको नो फ्रिल अकाउंट भी कहा जाता है। इस तरह के खातों में आप एक महीने में केवल 4 बार ही पैसे निकाल सकते हैं। चाहे आप एटीएम से निकालते हैं या फिर किसी भी तरह से। और इस खाते में आपको बैंक को किसी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ेगा।
Recuuring Deposit Account – आवर्ती खाते में आप नियमित रूप से सेविंग पर एक रिटर्न अर्जित प्राप्त करते हैं। आवर्ती खातों में आपको एक अवधि जैसे 1 साल य फिर 5 सालों तक हर महीने एक तय राशि बैंक खाते में जमा करवानी होती है। ऐसे में आपको अवधि पूरी होने के बाद आपकी जमा राशि पर ब्याज खाता क्या हैं? के साथ आपकी मूल राशि आपको प्रदान कर दी जाती है।
इस प्रकार से आप अपने कार्य और बचत, निवेश के बारे में सोच समझ कर किसी भी बैंक खाते को खुलवा सकते हैं, अपनी आवश्यकता के आधार पर ही हम कोई भी बैंक खाता खुलवाते हैं, जैसे कोई व्यापारी है या कोई कम्पनी होगी तो वह सेविंग बैंक खाता या आवर्ती जमा खाता नहीं खुलवायेगा। वही कोई व्यक्ति हर दिन मजदूरी कर के पैसे कमाता है, या कोई व्यक्ति नौकरी करता है तो वो अपना चालू खाता नहीं खुलवाएगा बल्कि वे अपना सेविंग अकाउंट खुलवायेंगे। इसी तरह सभी व्यक्ति अपने कार्य और धन को देखकर खाता खुलवाते हैं।
Banking Knowledge: सेविंग और करंट बैंक अकाउंट में क्या होता है अंतर? यहां समझिए आसान शब्दों में
हम में से अधिकतर लोगों का बैंक खाता है। बैंक में अकाउंट ओपन करते समय, जब हम आवेदन फॉर्म को भरते हैं। उस दौरान हमसे यह पूछा जाता है कि आप अपना सेविंग अकाउंट खुलवाना चाहते हैं या करंट अकाउंट। हम में से ज्यादातर लोग सेविंग अकाउंट ही खुलवाते हैं। इसके अलावा एटीएम से जब पैसों को निकालते हैं उस दौरान भी स्क्रीन पर सेविंग, करंट और क्रेडिट बैंक अकाउंट टाइप शो होता है। ऐसे में कई बार लोग कंफ्यूज हो जाते हैं और सवाल करते हैं कि आखिर सेविंग और करंट बैंक अकाउंट में क्या अंतर होता है? अगर आपको भी इन दोनों बैंक अकाउंट टाइप के बीच का अंतर नहीं पता, तो कंफ्यूज होने की जरूरत नहीं है। आज हम आपको बहुत ही आसान भाषा में इस बारे में बताएंगे कि सेविंग और करंट बैंक अकाउंट क्या होते हैं, और इन दोनों के बीच क्या अंतर है? आइए जानते हैं -
सेविंग अकाउंट
सेविंग अकाउंट को बचत खाता भी कहा जाता है। बचत खाता आम आदमी के लिए काफी लाभदायक होता है। इसमें वह अपने सेविंग के पैसों को थोड़ा-थोड़ा करके जमा कर सकता है। बचत खाते में जमा पैसों पर बैंक द्वारा ब्याज दर मिलती है।
करंट अकाउंट
करंट अकाउंट को चालू खाते के नाम से भी जाना जाता है। ये अकाउंट व्यापारियों के लिए होता है। इस अकाउंट में हमेशा लेन देन चलती रहती है। इसी वजह से इसको चालू खाता कहा जाता है।
सेविंग और करंट अकाउंट के बीच का अंतर
सेविंग अकाउंट को आम आदमी के लिए बनाया गया है। वहीं करंट अकाउंट व्यापारियों के लिए होता है। बचत खाते में आपको बैंक से ब्याज दर मिलती है। वहीं चालू खाते में किसी भी प्रकार की ब्याज दर नहीं मिलती है।
सेविंग अकाउंट में आप निश्चित मात्रा में ही ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। इसमें आपको ट्रांजेक्शन लिमिट मिलती है। वहीं चालू खाते में किसी भी प्रकार की ट्रांजैक्शन लिमिट नहीं होती है। आप जितनी चाहे उतनी ट्रांजैक्शन इसमें कर सकते हैं।
देय खाता क्या है? | Accounts payable meaning in Hindi |
देय खाते क्या होते हैं? (What are Accounts Payable)
देय खाते (Acs / Payables) सामान्य खाता बही के भीतर का एक खाता है जो अपने लेनदारों या आपूर्तिकर्ताओं को अल्पकालिक ऋण का भुगतान करने के लिए कंपनी के दायित्व का प्रतिनिधित्व करता है। "एपी" का एक और सामान्य उपयोग व्यवसाय विभाग या विभाजन को संदर्भित करता है जो आपूर्तिकर्ताओं और अन्य लेनदारों को कंपनी द्वारा बकाया भुगतान करने के लिए जिम्मेदार है।
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देय खाते क्या होते हैं? |
देय खातों को समझना (Understanding of accounts payble)
किसी कंपनी के कुल खाते में एक निश्चित समय पर देय (एपी) शेष राशि वर्तमान देनदारियों के तहत उसकी बैलेंस शीट पर दिखाई देगी। देय खाते ऐसे ऋण हैं जिन्हें डिफ़ॉल्ट से बचने के लिए निश्चित अवधि के भीतर भुगतान किया जाना चाहिए। कॉर्पोरेट स्तर पर, एपी आपूर्तिकर्ताओं के कारण अल्पकालिक ऋण भुगतान को संदर्भित करता है। देय अनिवार्य रूप से एक व्यवसाय से दूसरे व्यवसाय या इकाई के लिए एक अल्पकालिक IOU है। दूसरी पार्टी उसी राशि में प्राप्य खातों में वृद्धि के रूप में लेनदेन रिकॉर्ड करेगी।
देय खाते (एपी) एक कंपनी की बैलेंस शीट में एक महत्वपूर्ण आंकड़ा है। यदि एपी एक पूर्व अवधि में बढ़ता है, तो इसका मतलब है कि कंपनी नकद भुगतान करने के बजाय क्रेडिट पर अधिक सामान या सेवाएं खरीद रही है। यदि किसी कंपनी का AP कम हो जाता है, तो इसका मतलब है कि कंपनी अपने पहले की अवधि के कर्ज का भुगतान तेज दर से कर रही है, क्योंकि वह क्रेडिट पर नए आइटम खरीद रही है। किसी व्यवसाय के नकदी प्रवाह के प्रबंधन में देय देय प्रबंधन महत्वपूर्ण है।
नकदी प्रवाह विवरण तैयार करने के लिए अप्रत्यक्ष विधि का उपयोग करते समय, पूर्व की अवधि से एपी में शुद्ध वृद्धि या कमी शीर्ष अनुभाग में दिखाई देती है, ऑपरेटिंग गतिविधियों से नकदी प्रवाह। प्रबंधन कुछ हद तक कंपनी के नकदी प्रवाह में हेरफेर करने के लिए एपी का उपयोग कर सकता है। उदाहरण के लिए, यदि प्रबंधन एक निश्चित अवधि के खाता क्या हैं? लिए नकद भंडार में वृद्धि करना चाहता है, तो वे एपी में सभी बकाया खातों का भुगतान करने में लगने वाले समय को बढ़ा सकते हैं। हालांकि, बाद में भुगतान करने के लिए इस लचीलेपन को कंपनी के अपने विक्रेताओं के साथ चल रहे संबंधों के खिलाफ तौलना चाहिए। अपनी नियत तारीखों से बिलों का भुगतान करना हमेशा अच्छा व्यवसाय अभ्यास है।
देय लेखा (एपी) रिकॉर्डिंग (recording of accounts payables)
उचित डबल-एंट्री बहीखाता पद्धति की आवश्यकता है कि हमेशा सामान्य खाता बही में की गई सभी प्रविष्टियों के लिए एक ऑफसेट डेबिट और क्रेडिट होना चाहिए। देय खातों को रिकॉर्ड करने के लिए, अकाउंटेंट क्रेडिट बिल या चालान प्राप्त होने पर देय होता है। इस प्रविष्टि के लिए डेबिट ऑफ़सेट क्रेडिट या क्रेडिट पर खरीदी गई सेवा के लिए एक व्यय खाते के लिए विशिष्ट है। यदि खरीदे गए आइटम एक पूंजीगत संपत्ति थी, तो डेबिट एक परिसंपत्ति खाते में भी हो सकता है। जब बिल का भुगतान किया जाता है, तो अकाउंटेंट डेबिट देयता संतुलन को कम करने के लिए देय खातों का भुगतान करता है। ऑफसेटिंग क्रेडिट को कैश खाते में किया जाता है, जिससे कैश खाता क्या हैं? बैलेंस भी घट जाता है।
उदाहरण के लिए, कल्पना करें कि कार्यालय की आपूर्ति के लिए एक व्यवसाय को $ 500 का चालान मिलता है। जब एपी विभाग चालान प्राप्त करता है, तो यह देय खातों में $ 500 क्रेडिट और कार्यालय आपूर्ति व्यय के लिए $ 500 डेबिट रिकॉर्ड करता है। कार्यालय आपूर्ति व्यय के लिए $ 500 डेबिट इस बिंदु पर आय विवरण के माध्यम से बहती है, इसलिए कंपनी ने खरीद लेनदेन को रिकॉर्ड किया है, भले ही नकद भुगतान नहीं किया गया हो। यह प्रोद्भवन लेखांकन के अनुरूप है, जहाँ नकद हाथ बदलने के बजाय खर्च होने पर खर्च को मान्यता दी जाती है। कंपनी तब बिल का भुगतान करती है, और एकाउंटेंट नकद खाते में $ 500 क्रेडिट और देय खातों के लिए $ 500 के लिए एक डेबिट में प्रवेश करता है।
किसी भी समय विक्रेताओं के कारण कंपनी के कई खुले भुगतान हो सकते हैं। विक्रेताओं के कारण सभी बकाया भुगतान देय खातों में दर्ज किए जाते हैं। नतीजतन, अगर कोई देय खातों में शेष राशि को देखता है, तो वे देखेंगे कि कुल राशि का व्यवसाय उसके सभी विक्रेताओं और अल्पकालिक उधारदाताओं का बकाया है। यह कुल राशि बैलेंस शीट पर दिखाई देती है। उदाहरण के लिए, यदि ऊपर के व्यवसाय को भी $ 50 की राशि में लॉन की देखभाल सेवाओं के लिए एक चालान प्राप्त हुआ है, तो देय खातों में दोनों प्रविष्टियों की कुल राशि 550 डॉलर होगी जो कंपनी उन ऋणों का भुगतान करने से पहले करेगी।
लेखा देय बनाम व्यापार भुगतान
यद्यपि कुछ लोग "देय खातों" और "व्यापार देयताओं" का परस्पर विनिमय करते हैं, वाक्यांश समान लेकिन थोड़े भिन्न स्थितियों को संदर्भित करते हैं। व्यापार का भुगतान उस धन का गठन करता है, जिसे कंपनी अपने विक्रेताओं को इन्वेंट्री से संबंधित सामान, जैसे कि व्यावसायिक आपूर्ति या सामग्री जो कि इन्वेंट्री का हिस्सा है, के लिए देती है। देय खातों में कंपनी के सभी अल्पकालिक ऋण या दायित्व शामिल हैं।
उदाहरण के लिए, यदि कोई रेस्तरां किसी खाद्य या पेय कंपनी को पैसा देता है, तो वे वस्तुएं इन्वेंट्री का हिस्सा होती हैं, और इस तरह उसके व्यापार के भुगतान का हिस्सा होती हैं। इस बीच, अन्य कंपनियों के लिए दायित्वों, जैसे कि कंपनी जो रेस्तरां के कर्मचारियों की वर्दी को साफ करती है, देय खातों की श्रेणी में आती है। ये दोनों श्रेणियां देय व्यापक श्रेणी के अंतर्गत आती हैं, और कई कंपनियां दोनों देय खातों के तहत दोनों को जोड़ती हैं।
देय खाते बनाम प्राप्य खाते
प्राप्य खाते और देय खाते अनिवार्य रूप से विपरीत हैं। देय खाते वह धन है जो एक कंपनी अपने विक्रेताओं पर बकाया होती है, जबकि प्राप्य खाते वह धन होता है जो कंपनी पर बकाया होता है, आमतौर पर ग्राहकों द्वारा। जब एक कंपनी क्रेडिट पर दूसरे के साथ लेनदेन करती है, तो एक अपनी किताबों पर देय खातों में एक प्रविष्टि दर्ज करेगा, जबकि दूसरा प्राप्य खातों के लिए एक रिकॉर्ड दर्ज करता है।
देय खाता क्या है? | Accounts payable meaning in Hindi | Reviewed by Thakur Lal on मई 06, 2020 Rating: 5