कैसे खरीदें TRON 2023

9 नवंबर को ग्लोबली अनवील होगी Audi Q8 e-tron और Q8 e-tron Sportback
ऑटो डेस्क: Audi अपकमिंग Q8 e-tron और Q8 e-tron Sportback मॉडल को ग्लोबल लेवल पर अनवील करने वाली है। नया 2023 ऑडी क्यू8 ई-ट्रॉन और क्यू8 ई-ट्रॉन स्पोर्टबैक मौजूदा ई-ट्रॉन और ई-ट्रॉन स्पोर्टबैक को रिप्लेस करेगी। अपकमिंग Q8 ई-ट्रॉन मॉडल को लेकर अभी कोई डिटेल सामने नही आई है लेकिन इलेक्ट्रिक एसयूवी में आउटगोइंग ई-ट्रॉन की तुलना में बड़ा बैटरीपैक दिया जा सकता है।
Q8 ई-ट्रॉन और Q8 ई-ट्रॉन स्पोर्टबैक दोनों ब्रांड के एमएलबी ईवीओ आर्किटेक्चर प्लेटफार्म पर बेस्ड होगा। अनुमान है कि ऑडी भारत में अपकमिंग Q8 ई-ट्रॉन और Q8 ई-ट्रॉन स्पोर्टबैक को 2023 की दूसरी तिमाही में लॉन्च कर सकती है।
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Audi e-Tron Battery : इलेक्ट्रिक कार की पुरानी बैटरी से चलेगी भारत में ई-रिक्शा, अगले साल सड़कों पर भरेगी रफ़्तार
बैटरी के इस प्रयोग को पायलट प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में अगले साल की शुरुआत में शुरू किया जाएगा और कंपनी अगल साल ऐसे तीन प्रोटोटाइप लेकर आएगी जिनमें इस तरह ही बैटरी का इस्तेमाल किया जाएगा। कंपनी का कहना है, कि इनके जरिए विशेष रूप से महिलाएं अपने सामान को बाजारों तक पहुंचाने के लिए इलेक्ट्रिक रिक्शा का उपयोग कैसे खरीदें TRON 2023 करने में सक्षम होंगी।
लोग दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपना रहे हैं, जैसे-जैसे इलेक्ट्रिक वाहन गति पकड़ रहे हैं, इन सब के बीच कार के जीवन चक्र के अंत में ईवी बैटरी का निपटान जल्द ही एक पर्यावरणीय चिंता का विषय बन जाएगा। ध्यान दें, कि इलेक्ट्रिक वाहनों में ज्यादात्तर लिथियम-आयन बैटरी का इस्तेमाल होता है। जिनमें कई प्रकार की खतरनाक सामग्री होती है, और यहां तक कि इनमें विस्फोट होने से दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं। फिलहाल, एक कदम आग बाते हुए और बैटरी की समस्या से निपटने के लिए ऑडी ने जर्मन-भारतीय स्टार्ट-अप नुनाम के सहयोग से एक शुरुआत की है। जिसके जरिए इलेक्ट्रिक कार का जीवन कैसे खरीदें TRON 2023 चक्र खत्म होने पर उसकी बैटरी को किसी सरल और छोटी दूरी के वाहनों में इस्तेमाल की जा सकेगी।
Audi E-rickshaw Concept
सोलर पैनल के साथ होंगी चार्ज
Nunam कंपनी का बेस बर्लिन और बेंगलुरु में है, और ऑडी एनवायरनमेंटल फाउंडेशन द्वारा इसे फाइनेंस किया जाता है। फिलहाल, बैटरी के इस प्रयोग को पायलट प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में अगले साल की शुरुआत में शुरू किया जाएगा और कंपनी अगल साल ऐसे तीन प्रोटोटाइप लेकर आएगी जिनमें इस तरह ही बैटरी का इस्तेमाल किया जाएगा। बता दें, स्टार्टअप नुनम और ऑडी द्वारा तैयार किए जाने वाले ये प्रोटोटाइप ऑडी ई-ट्रॉन परीक्षण बेड़े में वाहनों से ली गई उपयोग की गई बैटरी से लैस होंगे। जिसके जरिए कंपनी यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि क्या ईवीएस में प्रयोग की जाने वाली हाई-वोल्टेज बैटरी मॉड्यूल की सेकेंड-लाइफ पावर स्टोरेज सिस्टम हो सकती है या नहीं।
इस विषय पर नुनाम के सह-संस्थापक प्रदीप चटर्जी कहते हैं, कि “कार बैटरी को कार के जीवन को चलाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। लेकिन एक वाहन के पास अपने शुरुआती उपयोग के बाद भी बहुत अधिक शक्ति रहती हैं, कम रेंज और बिजली की आवश्यकता वाले वाहनों के साथ-साथ कम वजन वाले वाहनों के लिए ये बैटरी बेहद आशाजनक हैं। इस प्राजेक्ट के जरिए हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि बैटरी अपनी सेकेंड लाइफ में कितनी शक्ति प्रदान कर सकती है।” नुनम ने अपने नेकारसुलम साइट पर ऑडी की टेस्टिंग टीम के सहयोग से प्रोटोटाइप तैयार किए हैं। बता दें, कि यह नुनम के अलावा ऑडी एजी और ऑडी एनवायरनमेंटल फाउंडेशन के बीच पहली संयुक्त परियोजना भी है। वहीं इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य भारत में विशेष रूप से महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है।
Audi E-rickshaw Concept
सेकेंड लाइफ के बाद भी काम करेंगी बैटरी
सेकेंड-लाइफ बैटरी द्वारा चलने वाले ई-रिक्शा 2023 की शुरुआत में एक पायलट प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में भारतीय सड़कों पर उतरने वाले हैं, कंपनी का कहना है, कि इनके जरिए विशेष रूप से महिलाएं अपने सामान को बाजारों तक पहुंचाने के लिए इलेक्ट्रिक रिक्शा का उपयोग करने में सक्षम होंगी। इतना ही नहीं नुनाम ई-रिक्शा के लिए सोलर पैनल चार्जिंग सिस्टम भी मुहैया कराएगी।जो दिन के दौरान पैनल ऑडी ई-ट्रॉन की बैटरी चार्ज करेंगे और बफर स्टोरेज यूनिट के रूप में कार्य करेगी।
बता दें, भारत में इलेक्ट्रिक रिक्शा आमतौर पर लेड-एसिड बैटरी से चलते हैं, जिनकी लाइफ काफी कम होती है। कंपनी का कहना है, कि एक बार बैटरियां अपने पहले और दूसरे जीवनचक्र को पार करने के बाद भी एलईडी लाइटिंग आदि को भी बिजली देने के लिए उपयोग की जा सकती हैं। यहां तक कि अगर आप ई-ट्रॉन बैटरी पैक कोशिकाओं का 50% बचा सकते हैं, तो इसे आसानी से लाइट वगैरह के लिए उपयोग किया जा सकता है क्योंकि ईवी दिन पर दिन बढ़ रहे हैं, और बैटरी निपटान आने वाले समय में पर्यावरण के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द होगा।
Audi E-rickshaw Concept
भारत में कारगार होगा ये उपाय
बैटरी की लाइफ से जुड़े पूरे डेटा को कंपनी ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म सर्कुलर बैटरी पर उपलब्ध कराएगी। बता दें, कि इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी का दोबारा से इस्तेमाल कोई नया नहीं है। क्योंकि निसान अपने लीफ ईवी से बैटरियों का उपयोग कुछ ऐसे वाहनों को बिजली देने के लिए कर रहा है, जो निसान के कारखानों में पुर्जे एक जगह से दूसरी जगह ले जाते हैं। वहीं भारत का ईवी सेगमेंट बढ़ रहा है, तो इस तरह की बैटरी का उपयोग घरेलू इनवर्टर को बिजली देने के लिए भी किया जा सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां अक्सर बिजली कटौती होती है। यह न केवल बैटरी के जीवन का विस्तार करता है, बल्कि संसाधनों का अधिक कुशल उपयोग भी करता है।
Audi E-rickshaw Concept
देश में लॉन्च हुई ये पावरफुल इलेक्ट्रिक एसयूवी, 484km की ड्राइविंग रेंज और महज 5.7 सेकेंड में पकड़ती है रफ़्तार
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में इंडियन ऑटो सेक्टर में आज एक और नए प्लेयर की एंट्री हुई है। जर्मनी की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी Audi ने आज यहां के बाजार में अपनी बहुप्रतीक्षित इलेक्ट्रिक एसयूवी.
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में इंडियन ऑटो सेक्टर में आज एक और नए प्लेयर की एंट्री हुई है। जर्मनी की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी Audi ने आज यहां के बाजार में अपनी बहुप्रतीक्षित इलेक्ट्रिक एसयूवी Audi e-tron को लॉन्च किया है। कंपनी ने इस एसयूवी की बुकिंग पहले ही शुरू कर दी थी, जिसे 5 लाख रुपये के टोकन अमाउंट के साथ बुक किया जा सकता है।
Audi e-tron दो बॉडी स्टाइल - स्टैंडर्ड ई-ट्रॉन एसयूवी और ई-ट्रॉन स्पोर्टबैक में उपलब्ध है। इसका स्टैंडर्ड मॉडल दो वेरिएंट में आता है - ई-ट्रॉन 50 और ई-ट्रॉन 55 कैसे खरीदें TRON 2023 - की कीमत क्रमशः 99.99 लाख रुपये और 1.16 करोड़ रुपये है। वहीं स्पोर्टबैक को एक ही वेरिएंट (स्पोर्टबैक 55) में पेश किया गया है जिसकी कीमत 1.18 करोड़ रुपये है।
ऑडी ई-ट्रॉन इलेक्ट्रिक एसयूवी में कंपनी ने मैट्रिक्स LED हेडलैंप, एडॉप्टिव एयर सस्पेंशन और 4-जोन क्लाइमेट कंट्रोल को बतौर स्टैंडर्ड दिया गया है। अन्य फीचर्स के तौर पर इस एसयूवी में पैनोरमिक सनरूफ, एम्बीएंट लाइटिंग, वायरलेस चार्जर, लैदर सीट्स, मेमोरी फ़ंक्शन के साथ इलेक्ट्रिकली एड्जेस्टेबल सीट्स, ऑडी के 'वर्चुअल कॉकपिट' डिजिटल डायल, 8 एयरबैग और आगे और पीछे पार्किंग सेंसर दिए गए हैं। इस एसयूवी में 20-इंच का अलॉय व्हील दिया गया है।
मिलते हैं शानदार कलर ऑप्शन:
ऑडी ई-ट्रॉन को 8 एक्सटीरियर कलर में पेश किया गया है। जिसें, फ्लोरेस्ट सिल्वर, कैटालुन्या रेड, गैलेक्सी ब्लू, ग्लेशियर व्हाइट, नवरा ब्लू, माइथोस ब्लैक, सियाम बेज और टाइफून ग्रे शामिल है। वहीं ई-ट्रॉन स्पोर्टबैक में स्टैंडर्ड मॉडल में दिए गए सभी रंगों के साथ अतिरिक्त प्लाज्मा ब्लू कलर का भी विकल्प दिया गया है। इसके केबिन में भी तीन अलग-अलग रंगों का विकल्प मिलता है, जिसमें मदर ऑफ पर्ल बेज, ब्लैक और ओकापी ब्राउन शामिल है।
मोटर, बैटरी और ड्राइविंग रेंज:
ये एसयूवी दो इलेक्ट्रिक मोटर के साथ आता है, इसके मोटर फ्रंट एक्सेल में दिया गया है और दूसरा रियर एक्सेल में शामिल किया गया है। e-tron 50 में कंपनी ने 71kW की क्षमता का बैटरी पैक दिया गया है जो कि 264 से 379 किलोमीटर तक का ड्राइविंग रेंज देती है। इसका इलेक्ट्रिक मोटर 313bhp की पावर और 540Nm का टॉर्क जेनरेट करता है। कंपनी का दावा है कि ये एसयूवी महज 6.8 सेकेंड में ही 0 से 100 किलोमीटर प्रतिघंटा कैसे खरीदें TRON 2023 की रफ्तार पकड़ने में सक्षम है।
वहीं e-tron 55 और Sportback 55 मॉडल में कंपनी ने 95kW की क्षमता का बैटरी पैक दिया गया है। इसका इलेक्ट्रिक मोटर 408bhp की पावर और 664Nm का टॉर्क जेनरेट करता है। ये एसयूवी 359 किलोमीटर से लेकर 484 किलोमीटर तक का ड्राइविंग रेंज देती है। कंपनी का दावा है कि ये महज 5.7 सेकेंड में ही 0 से 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पकड़ने में सक्षम है। इसके साथ 11kW का कॉम्पैक्ट चार्जर और 50kW का कैसे खरीदें TRON 2023 अतिरिक्त डीसी फास्ट चार्जर दिया गया है। ये एसयूवी 2 साल के स्टैंडर्ड वॉरंटी के साथ आती है।
IOST मूल्य ( IOST )
लाइव IOST की कीमत आज $0.008162 USD है, और 24 घंटे के ट्रेडिंग वॉल्यूम $4,071,299 USD हम रियल टाइम में हमारे IOST से USD के भाव को अपडेट करते हैं। पिछले 24 घंटों में IOST,0.10% ऊपर है। वर्तमान CoinMarketCap रैंकिंग #139, जिसका लाइव मार्केट कैप $151,717,094 USD है। 18,588,745,668 IOST सिक्कों की परिसंचारी आपूर्ति है और अधिकतम 90,000,000,000 IOST सिक्कों की आपूर्ति।
IOSTमें ट्रेडिंग के लिए शीर्ष एक्सचेंज वर्तमान में Binance, CoinW, OKX, Bitrue, और । आप अन्य को हमारे पर सूचीबद्ध पा सकते हैं।
IOST (IOST) क्या है?
IOST खुद को एक "अल्ट्रा-फास्ट," पूरी तरह से विकसित और विकेंद्रीकृत ब्लॉकचेन नेटवर्क और इकोसिस्टम के रूप में अपने स्वयं के नोड्स, वॉलेट और "अगली पीढ़ी" सर्वसम्मति प्रोटोकॉल "प्रूफ-ऑफ-बेलीवाबिलिटी" के रूप में वर्णित करता है।
IOST के संस्थापक कौन हैं?
इस प्रोजेक्ट को जनवरी 2018 में जिमी झोंग, टेरेंस वांग, जस्टिन ली, रे जिओ, सा वांग और केविन टैन द्वारा लॉन्च किया गया था।
झोंग ने अमेरिका और चीन में अन्य तकनीकी स्टार्टअप की स्थापना की है। अपने विश्वविद्यालय के दिनों के दौरान, उन्होंने अपनी पहली कंपनी $40 मिलियन में बेची - एक ऐसा बाज़ार जहाँ छात्र क्लास नोट्स का आदान-प्रदान कर सकते थे। उसके बाद, वह बीजिंग लौट आए और अन्य परियोजनाओं के बीच IOST की सह-स्थापना की।
वांग के पिछले अनुभव में उबर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम करना शामिल है। उन्होंने मिनेसोटा विश्वविद्यालय से कंप्यूटर विज्ञान में डिग्री और प्रिंसटन विश्वविद्यालय से कंप्यूटर विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की है।
ली ने पहले गोल्डमैन सैक्स में एक निवेश बैंकिंग सहयोगी और मोबाइक में एक डेटा वैज्ञानिक के रूप में काम किया था। उन्होंने एप्लाइड मैथमेटिक्स और कंप्यूटर साइंस में डिग्री के साथ स्नातक किया। इस बीच, टैन ईथरकैप में सह-संस्थापक थे, जबकि उन्होंने सिंघुआ विश्वविद्यालय से कंप्यूटर विज्ञान में डिग्री प्राप्त की।
जिओ ने डोरा की सह-स्थापना की - जिमी और सा के साथ - एक AI कंपनी जो इंटेलीजेंट कियोस्क पर केंद्रित थी। उन्होंने विश्वविद्यालय में कंप्यूटर साइंस और क्वांटिटेटिव इकोनॉमिक्स का अध्ययन किया।
क्या बनता है IOST को सबसे अलग?
IOST का ब्लॉकचेन इन्फ्रास्ट्रक्चर ओपन-सोर्स है और इसे सुरक्षित और स्केलेबल बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है - सभी इस उम्मीद में हैं कि यह भविष्य में ऑनलाइन सेवाओं के लिए रीढ़ की हड्डी के रूप में काम करेगा।
नेटवर्क पर लेनदेन सुरक्षित और कुशल हो यह सुनिश्चित करने के लिए टीम ने "प्रूफ-ऑफ़-बेलीवाबिलिटी" सर्वसम्मति एल्गोरिदम विकसित किया है।
सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक IOST का लक्ष्य केंद्रों को हल करना है कि कैसे बड़ी कंपनियां ग्राहक-सामना करने वाले वातावरण में ब्लॉकचेन को गले लगाने में सक्षम नहीं हो सकती हैं जब तक कि वे स्केलेबल न हों। इंटरनेट ऑफ सर्विसेज टोकन को इस समस्या से निपटने के एक तरीके के रूप में सामने रखा गया है।
IOST को समझने के लिए, इसे करने का सबसे अच्छा तरीका अपने निकटतम प्रतिस्पर्धियों से तुलना करना है: Ethereum डेवलपर्स के लिए सबसे लोकप्रिय स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट प्लेटफॉर्म है। इसकी तुलना EOS और TRON से भी की जा सकती है, जो उच्च उपयोग के साथ अत्यधिक स्केलेबल स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट प्लेटफॉर्म हैं।
IOST और इसके प्रतिस्पर्धियों के बीच सबसे बड़ा अंतर यह है कि यह दावा करता है कि यह Ethereum के 20, Tron के 2,000 और EOS के 4,000 की तुलना में प्रति सेकंड 100,000 लेनदेन की प्रक्रिया कर सकता है।
इन लेन-देन की गति तक पहुंचने के लिए, IOST टीम ने एक अनोखा ब्लॉकचेन आर्किटेक्चर बनाया है, जो एक वितरित रैंडमनेस प्रोटोकॉल, एफ्फिसिएंट डिस्ट्रिब्यूटेड शार्डिंग, ट्रांसएपोच, एटमिक्स, प्रूफ-ऑफ-बेलीवाबिलिटी और माइक्रो स्टेट ब्लॉक सहित कई नवाचारों का परिचय और संयोजन करता है।
संबन्धित पेज:
कितने IOST (कैसे खरीदें TRON 2023 IOST) कॉइन प्रचलन में हैं?
IOST की कुल टोकन आपूर्ति 21 बिलियन है। जनवरी 2018 में एक ICO आयोजित किया गया था, जिसमें 40% की बिक्री हुई थी, उस समय लगभग 31.3 मिलियन डॉलर का ETH जुटाया गया था।
शेष के लिए, 35% IOST फाउंडेशन द्वारा बनाए रखा गया है, 12.5% समुदाय के निर्माण के लिए आवंटित किया गया था, 10% IOST टीम में गया था और 2.5% निवेशकों और सलाहकारों को समर्पित था।
IOST नेटवर्क कैसे सुरक्षित है?
सैकड़ों आला ब्लॉकचेन के कैसे खरीदें TRON 2023 साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए, IOST अपने ब्लॉकचेन की मापनीयता और सुरक्षा में सुधार के लिए अपने प्रूफ-ऑफ-बेलीवाबिलिटी प्रोटोकॉल (PoB) और एफ्फिसिएंट डिस्ट्रिब्यूटेड शार्डिंग(EDS) पर बहुत अधिक निर्भर करता है।
IOST एंटरप्राइज़ उपयोग के लिए बनाया गया है, इसलिए यह Amazon, Google और Facebook जैसी बड़ी तकनीकी कंपनियों द्वारा उत्पादित भारी भार को संभालने में सक्षम होने का दावा करता है। प्रोजेक्ट की सफलता के लिए साझेदारी महत्वपूर्ण प्रतीत हो रही है।
आप IOST (IOST) कहां से खरीद सकते हैं?
IOST को Bittrex, CoinEx, Livecoin, Binance और Bitrue जैसे कई एक्सचेंजों में खरीदा जा सकता है।
Audi e Rickshaw: भारत में जल्द लॉन्च होंगे Audi e Tron की बैटरी वाले इलेक्ट्रिक रिक्शा, जानें कब और किसे होगा फायदा
Audi e rickshaw जल्द आएंगे भारत की सड़कों पर नजर, जानें क्या है डिजाइन और कब होंगे लॉन्च।
Audi E Rickshaw कब होगा भारत में लॉन्च, क्या है इसका डिजाइन और क्या है इसमें बैटरी पावर जानें यहां। (फोटो-NUNAM)
लग्जरी कार निर्माता कंपनी ऑडी की की इलेक्ट्रिक कार में इस्तेमाल होने वाली बैटरी अब जल्द ही आपको ई-रिक्शा में नजर आने वाली है। जर्मन-इंडियन स्टार्टअप नूनम भारत में तीन इलेक्ट्रिक रिक्शा को लॉन्च करने वाली है।
इन ई रिक्शा में ऑडी ई ट्रॉन कार की पुरानी बैटरियों का इस्तेमाल किया जाएगा। ये स्टार्ट-अप अपने इस प्रोजेक्ट के जरिए ये जानना चाहता है कि हाई वोल्टेज वाली इन बैटरियों को रियूज्ड करने पर क्या परिणाम सामने आते हैं।
साथ ही इस प्रोजेक्ट का मकसद इन पुरानी बैटरियों को सेकेंड लाइफ पावर स्टोरेज सिस्टम के रूप में इस्तेमाल करते हुए उसको डेवलप करना है ताकि संसाधनों का ज्यादा बेहतरी के साथ इस्तेमाल किया जा सके।
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जर्मनी के बर्लिन और भारत के बेंगलुरु कैसे खरीदें TRON 2023 स्थित ये स्टार्ट अप एक नॉन प्रॉफिटेबल स्टार्टअप है जिसकी फंडिंग ऑडी एनवायर्नमेंटल फाउंडेशन द्वारा की जाती है। यह प्रोजेक्ट ऑडी, नूनम और ऑडी एनवायरमेंटल फाउंडेशन का साझा प्रोजेक्ट है।
इस प्रोजेक्ट के तहत इस स्टार्टअप ने ऑडी की नेकारसुलम साइट पर अपनी टीम की मदद से ई रिक्शा के तीन प्रोटोटाइप को तैयार किया है जिसमें ऑडी ई ट्रॉन के टेस्ट फ्लीट में इस्तेमाल की गई बैटरियों को लगाया गया है।
इस प्रोजेक्ट के तहत ये इलेक्ट्रिक रिक्शा लोगों तक नॉन प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन यानी एनजीओ के जरिए पहुंचाए जाएंगे। जिसमें एनजीओ और लोगों के बीच में कोई बिचौलिया नहीं होगा। इस योजना में महिलाओं को प्रमुखता देते हुए इन इलेक्ट्रिक रिक्शा को महिलाओं को ही हैंडओवर किया जाएगा।
इस प्रोजेक्ट पर नूनम के सह संस्थापक प्रदीप चटर्जी का कहना है कि ऑडी ई ट्रॉन में इस्तेमाल की गई बैटरी अभी भी काफी पावरफुल हैं और अगर इन बैटरियों का इस्तेमाल सही तरीके से किया जाता है तो इसका प्रभाव बड़ा प्रभाव पड़ेगा। साथ ही ये इलेक्ट्रिक रिक्शा लोगों को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने में भी मदद करेगा।
इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे इस स्टार्टअप का कहना है कि ऑडी ई ट्रोन की यूज्ड बैटरी के साथ तैयार किए गए ई रिक्शा भारतीय सड़कों के लिए बेहतर साबित होंगे क्योंकि ये ई रिक्शा न तो ज्यादा तेज स्पीड वाले हैं और न ज्यादा लंबी दूरी तय करते हैं।
ये स्टार्टअप ऑडी ई ट्रॉन की बैटरी वाले इन ई रिक्शा को 2023 के शुरुआती महीने में एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत वितरण करने का काम शुरू करेगा।