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बदला समय,बदला निवेशक!
कैसे-कैसे बदला निवेश का तरीका?
गिरावट में भी बढ़ी खरीदारी
अनिश्चित समय की पूरी तैयारी
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डेली न्यूज़

हाल ही में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India-SEBI) ने विदेशी निवेश से जुड़े संरक्षक बैंकों को चीन से आने वाले विदेशी निवेश की निगरानी में वृद्धि करने को कहा है। सेबी ने भारतीय कंपनियों में चीनी नागरिकों या संस्थाओं के निवेश को रोकने के लिये ये निर्देश जारी किये हैं।

  • सेबी ने संरक्षक बैंकों से चीन और हाॅन्गकाॅन्ग के साथ 11 अन्य एशियाई देशों से भारतीय कंपनियों में किये गए ‘विदेशी पोर्टफोलियो निवेश’ (Foreign Portfolio Investment- FPI) का विवरण मांगा है।
    • निवेश के क्षेत्र में संरक्षक बैंक या कस्टोडियन बैंक (Custodian Bank) से आशय उन वित्तीय संस्थाओं से है, जो चोरी या धोखाधड़ी जैसे नुकसानों को कम करने के लिये ग्राहक की प्रतिभूतियों को सुरक्षित रखने का कार्य करती हैं।
    • कस्टोडियन बैंक प्रतिभूतियों और अन्य संपत्तियों को इलेक्ट्रॉनिक या भौतिक रूप में सुरक्षित रखता है।
    • स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, स्टेट स्ट्रीट बैंक एंड ट्रस्ट और स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, आदि भारतीय कस्टोडियन बैंक के कुछ उदाहरण हैं।

    विदेशी पोर्टफोलियो निवेश

    • FPI किसी व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा किसी दूसरे देश की कंपनी में किया गया वह निवेश है, जिसके तहत वह संबंधित कंपनी के शेयर या बाॅण्ड खरीदता है अथवा उसे ऋण उपलब्ध कराता है।
    • FPI के तहत निवेशक शेयर के लाभांश या ऋण पर मिलने वाले ब्याज के रूप में लाभ प्राप्त करते हैं।
    • FPI में निवेशक ‘प्रत्यक्ष विदेशी निवेश’ के विपरीत कंपनी के प्रबंधन (उत्पादन, विपणन आदि) में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं होता है।
    • भारत में विदेशी निवेशकों को FPI के तहत किसी कंपनी में 10% तक के निवेश की अनुमति दी गई है।
    • COVID-19 की महामारी तथा इसके प्रसार के नियंत्रण हेतु लागू लॉकडाउन के कारण देश में व्यावसायिक गतिविधियों में कमी आई है जिससे कई कंपनियों के शेयर की कीमतों में काफी गिरावट हुई है।
    • ध्यातव्य है कि हाल ही में भारत सरकार ने COVID-19 के कारण उत्पन्न हुए आर्थिक दबाव के बीच भारतीय कंपनियों के ‘ अवसरवादी अधिग्रहण (Opportunistic Takeovers/Acquisitions) को रोकने के लिये भारत की थल सीमा से जुड़े देशों से FDI हेतु सरकार की अनुमति को अनिवार्य कर दिया था।
    • सेबी द्वारा FPI के तहत विदेशी निवेश की जाँच करने का उद्देश्य सरकार द्वारा भारतीय कंपनियों के ‘अवसरवादी अधिग्रहण’ को रोकने की पहल को मज़बूत करना है।
    • वर्तमान में पोर्टफोलियो निवेश के संदर्भ में किसी विशेष प्रतिबंध के अभाव में चीनी संस्थाएँ भारतीय कंपनियों में 10% तक शेयर खरीद सकती है।
    • पिछले कुछ वर्षों में भारतीय कंपनियों में चीन से होने वाले निवेश में भारी वृद्धि हुई है, वर्तमान में चीन के 16 विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारत में पंजीकृत हैं और इनका शीर्ष भारतीय स्टॉक में निवेश लगभग 1.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है।
    • गौरतलब है कि FDI का विनियमन वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) द्वारा और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश का विनियमन सेबी द्वारा किया जाता है।

    वैश्विक परिदृश्य:

    • वर्तमान में वैश्विक स्तर पर COVID-19 की महामारी के कारण भारत की ही तरह विश्व के कई अन्य देशों में भी उद्योगों और व्यावसायिक संस्थानों को आर्थिक दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
    • पिछले दो महीनों में जर्मनी, ऑस्ट्रिया और स्पेन जैसे देशों ने खराब आर्थिक स्थिति के बीच विदेशी निवेशकों द्वारा स्थानीय कंपनियों के द्वेषपूर्ण या अवसरवादी अधिग्रहण को रोकने के लिये विदेशी निवेश की नीतियों में सख्ती की है।
    • वर्तमान आर्थिक चुनौतियों के बीच स्थानीय कंपनियों के हितों की रक्षा के लिये यूरोपीय संघ ने विशेष दिशा-निर्देश निवेश न्यूज़ जारी किये हैं और इटली ने भी कमज़ोर/संवेदनशील क्षेत्रों में निवेश को सीमित किया है।
    • अमेरिका (USA) में पहले से ही एक ‘इंटर एजेंसी कमिटी’ (Inter-Agency Committee) विद्यमान है जो विदेशी अधिग्रहण के मामलों की समीक्षा करती है।

    बदलते समय में बदल गया निवेश का तरीका, एक्सपर्ट्स से जानें अनिश्चित समय की तैयारी करते हैं स्मार्ट निवेशक

    Invest in market: कोरोना महामारी के बाद निवेशकों के निवेश करने के तरीके में बहुत बदलाव आया है. आइए जानते हैं कि कैसे आप अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग को बढ़ा सकते हैं.

    Invest in market: कोरोना महामारी आने के बाद पिछले तीन साल में जैसे बाजार का माहौल, अर्थव्यस्था और हमारे आस-पास की पूरी दुनिया बदली है, उसने हम सबको बहुत कुछ सिखाया है. इतना कुछ हमने शायद पिछले एक दशक में नहीं सीखा था. कोरोना महामारी के बाद से बाजार में निवेश करने वाले इन्वेस्टर्स को बहुत कुछ सीखने को मिला है. Covid 19 के समय जिस तरह से बाकी सभी गतिविधियां थम सी गई थीं, निवेशकों ने बाजार में निवेश करने और टीके रहने के कई सारे नए गुर सीख लिए हैं. इसे ऐसे भी देख सकते हैं कि 2020 के मुकाबले 2022 में मार्केट में रिकॉर्ड इन्वेस्टमेंट हो रही है. लोग SIP की तरफ भी काफी आकर्षित हो रहे हैं. फुल सर्किल फाइनेंशियल प्लानर के फाउंडर कल्पेश आशर और क्रिडेन्स वेल्थ एडवायजर्स के सीईओ कीर्तन शाह से जानते हैं कि कैसे अब आगे आप अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग को बढ़ा सकते हैं.

    ग्लोबल बाजार में निवेश

    • अमेरिका में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर
    • महंगाई से बचने के लिए,ब्याज दरों में बढ़ोतरी जारी
    • रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध चिंता का कारण
    • अमेरिका, यूरोप, यूके में मंदी की आशंका

    घरेलू बाजार, मौके अपार

    • भारत तेजी से बढ़ती पांचवी अर्थव्यवस्था
    • भारत महंगाई को काबू में करने की बेहतर स्थिति में
    • भारतीय बाजारों पर FIIs का भरोसा लौटा
    • दुनिया की चीन पर घटती आत्मनिर्भरता

    विदेश निवेश-अभी सही?

    • विदेशी निवेश डायवर्सिफिकेशन के लिए सही
    • पोर्टफोलियो में 10-15% ही एक्सपोजर रखें
    • निवेशक जोखिम क्षमता अनुसार निवेश करें
    • लंबी अवधि के निवेश के लिए फायदेमंद
    • कम से कम 5 साल का नजरिया रखें

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    स्टेप-अप SIP

    • आय के साथ SIP रकम बढ़ाने का विकल्प
    • सालाना 10-20% स्टेप-अप SIP कर सकते हैं
    • म्यूचुअल फंड में स्टेप-अप SIP निवेश न्यूज़ निवेश न्यूज़ का विकल्प
    • नई SIP की जगह,मौजूदा SIP को स्टेप-अप विकल्प
    • घर,बच्चे की शिक्षा,रिटायरमेंट जैसे लक्ष्यों के लिए कारगर

    ₹20 हजार की SIP

    इन्वेस्टर्स को 20 हजार रुपये की SIP पर 20 साल की अवधि के 11 फीसदी की रिटर्न के साथ कुल 1.73 करोड़ का कॉर्पस मिलता है. जबकि स्टेप-अप @10% के साथ आपको 20 हजार रुपये की SIP पर 20 साल बाद 3.72 करोड़ रुपये निवेश न्यूज़ मिलते हैं.

    पटनायक ने कंपनियों को राज्य में निवेश के लिये आमंत्रित किया

    उन्होंने साथ ही राज्य में नयी परियोजनाएं शुरू करने वाले निवेशकों को सभी तरह की मदद देने का वादा भी किया।

    पटनायक ने 'मेक इन ओडिशा' सम्मेलन के तीसरे संस्करण को संबोधित करते हुए यह बात कही। राज्य के निवेशक शिखर सम्मेलन में आर्सेलर मित्तल के कार्यकारी निवेश न्यूज़ चेयरमैन एल एन मित्तल, वेदांता रिसोर्सेज के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, जेएसडब्ल्यू के प्रमुख सज्जन जिंदल, जेएसपीएल के चेयरमैन नवीन जिंदल और अडाणी समूह के करण गौतम अदानी ने भाग लिया।

    पटनायक ने कहा, ''ओडिशा निकट भविष्य में 1,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था होगा। हम पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया के प्रवेश द्वार के रूप में उभरेंगे। मैं आपको नये ओडिशा में आने और निवेश करने के लिए आमंत्रित करता हूं।''

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